CBSE Class 7 Hindi Chapter 7 Varsha Bahar (वर्षा-बहार) Question Answers (Important) from Malhar Book
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पाठ से
आइए, अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करें। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
(1) इस कविता में वर्षा ऋतु का कौन-सा भाव मुख्य रूप से उभर कर आता है?
- दुख और निराशा
- आनंद और प्रसन्नता
- भय और चिंता
- क्रोध और विरोध
उत्तर- आनंद और प्रसन्नता (*) 
(2) “नभ में छटा अनूठी” और “घनघोर छा रही है” पंक्तियों का उपयोग वर्षा ऋतु के किस दृश्य को व्यक्त करने के लिए किया गया है?
- बादलों के घिरने का दृश्य
- बिजली के गिरने का दृश्य
- ठंडी हवा के बहने का दृश्य
- आमोद छा जाने का दृश्य
उत्तर- बादलों के घिरने का दृश्य (*)
(3) कविता में वर्षा को ‘अनोखी बहार’ कहा गया है क्योंकि-
- कवि वर्षा को विशेष ऋतु मानता है।
- वर्षा में सभी जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं।
- वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है।
- वर्षा एक अद्भुत अनोखी प्राकृतिक घटना है।
उत्तर- वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है। (*)
(4) “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
- प्रकृति में सभी जीव-जंतु एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
- वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है।
- बादलों की सुंदरता से ही पृथ्वी की शोभा बढ़ती है।
- हमें वर्षा ऋतु से जगत की भलाई की प्रेरणा लेनी चाहिए।
उत्तर- वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है। (*)
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?
उत्तर- मैंने ये उत्तर इसलिए चुने क्योंकि कविता में वर्षा ऋतु का चित्रण बहुत ही आनंदमय और उत्सवपूर्ण ढंग से किया गया है। इसमें दुख, भय या विरोध जैसी कोई भावना नहीं है, बल्कि वर्षा को एक ऐसी ऋतु के रूप में दर्शाया गया है जो सभी को प्रसन्नता देती है — चाहे वह मोर हों, मेंढक हों, पपीहे हों या किसान।
“नभ में छटा अनूठी” जैसी पंक्ति से बादलों के घिरने की सुंदरता साफ झलकती है।
कविता वर्षा को ‘अनोखी बहार’ कहती है क्योंकि वह हर जीव को ताजगी और आनंद प्रदान करती है — इसीलिए मैंने ‘वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है’ उत्तर चुना।
अंत में “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर” पंक्ति यह दर्शाती है कि वर्षा पृथ्वी की सुंदरता और जीवन का मुख्य आधार है — इसलिए वर्षा को जीवनदायिनी माना गया है।
इन बातों के आधार पर मुझे विश्वास है कि ये उत्तर सबसे उपयुक्त हैं।
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनको क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-
(क) “फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते
करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे।”
उत्तर– कवि कहते हैं कि इस वर्षा ऋतु में चारों ओर पपीहे घूमते हुए अपनी गर्मी की थकान को मिटाते दिख रहे हैं। वर्षा के मौसम में वन के सभी मोर आनंदपूर्वक नृत्य कर रहे हैं।
(ख) “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर
गाते हैं गीत कैसे लेते किसान मनहर ।”
उत्तर- कवि कहते हैं कि आकाश में बादल ऐसे प्रतीत हो रहे हैं मानो सुंदर पंक्तियों में हंस उड़ रहे हों और किसान खेतों में खुशी से मधुर गीत गा रहे हैं।

मिलकर करें मिलान
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे स्तंभ 1 में दी गई हैं, उनके भावार्थ स्तंभ 2 में दिए गए हैं। स्तंभ 1 की पंक्तियों का स्तंभ 2 की उपयुक्त पंक्तियों से मिलान कीजिए-
| स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
| 1. पानी बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं। | 1. वर्षा ऋतु में तालाबों के जीव-जंतु अति प्रसन्न हैं। |
| 2. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब | 2. वर्षा हो रही है और झरने बह रहे हैं। |
| 3. तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते | 3. वर्षा आने पर लाखों पपीहे गर्मी से राहत पाते हैं। |
| 4. फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते | 4. हंसों की कतारें प्रकृति की सुंदरता और अनुशासन दर्शाती हैं। |
| 5. खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है | 5. वर्षा में खिले हुए फूल जैसे गुलाब प्रकृति में सुगंध और ताजगी फैला रहे हैं। |
| 6. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर | 6. ठंडी हवाओं के कारण पेड़ों की सभी शाखाएँ हिल रही हैं। |
उत्तर-
| स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
| 1. पानी बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं। | 2. वर्षा हो रही है और झरने बह रहे हैं। |
| 2. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब | 6. ठंडी हवाओं के कारण पेड़ों की सभी शाखाएँ हिल रही हैं। |
| 3. तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते | 1. वर्षा ऋतु में तालाबों के जीव-जंतु अति प्रसन्न हैं। |
| 4. फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते | 3. वर्षा आने पर लाखों पपीहे गर्मी से राहत पाते हैं। |
| 5. खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है | 5. वर्षा में खिले हुए फूल जैसे गुलाब प्रकृति में सुगंध और ताजगी फैला रहे हैं। |
| 6. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर | 4. हंसों की कतारें प्रकृति की सुंदरता और अनुशासन दर्शाती हैं। |
सोच-विचार के लिए
कविता को एक बार पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-
(क) कविता में कौन-कौन गीत गा रहे हैं और क्यों?
उत्तर- कविता में दो प्रमुख समूह गीत गा रहे हैं-
1. मालिनें (बागों में काम करने वाली स्त्रियाँ)- वे बाग-बगीचों में सुंदर गीत गा रही हैं क्योंकि वर्षा ऋतु ने वातावरण को शीतल, सुंदर और आनंददायक बना दिया है। यह मौसम उन्हें प्रसन्नता से भर देता है, इसलिए वे खुशी से गीत गा रही हैं।
2. किसान- किसान खेतों में मन को हरने वाले गीत गा रहे हैं क्योंकि वर्षा उनके लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। बारिश होने से उनकी खेती की संभावना बढ़ जाती है और अच्छी फसल की आशा जागती है। यही कारण है कि वे हर्ष से गीत गा रहे हैं।
(ख) “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं”
“तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते”
दी गई दोनों पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए। इनमें वर्षा के दो अलग-अलग दृश्य दर्शाए गए हैं। इन दोनों में क्या कोई अंतर है? क्या कोई संबंध है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर-
इन दोनों पंक्तियों में वर्षा ऋतु के अलग-अलग पहलुओं को बताया गया है-
1. पहली पंक्ति में वर्षा होने के पहले के संकेत या प्राकृतिक घटनाएँ दिखाई गई हैं — जैसे आकाश में बिजली का चमकना और बादलों का गरजना। यह दृश्य वर्षा शुरू होने से ठीक पहले का है।
2. दूसरी पंक्ति में वर्षा के बाद का प्रभाव बताया गया है, जब तालाबों में जल भर चुका है और जलचर जीव (मछलियाँ, मेंढक आदि) खुशी से भर जाते हैं। यह शांति और संतोष का दृश्य है।
(ग) कविता में मुख्य रूप से कौन-सी बात कही गई है? उसे पहचानिए, समझिए और अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर– कविता में मुख्य रूप से वर्षा ऋतु की सुंदरता, प्रभाव और महत्व को दर्शाया गया है। कवि ने यह दिखाया है कि वर्षा ऋतु केवल एक मौसम नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और सभी जीव-जंतुओं के लिए आनंद और जीवन का स्रोत है।
वर्षा के आगमन से आकाश में काले बादल छा जाते हैं, बिजली चमकती है, और बादल गरजते हैं। ठंडी हवा चलने लगती है, पेड़-पौधे लहराते हैं, मोर नृत्य करते हैं, मेंढक गाते हैं, और गुलाब अपनी सुगंध फैलाते हैं। खेतों में किसान प्रसन्न होकर गीत गाते हैं और तालाबों में जलचर जीव खुशी से झूम उठते हैं।
(घ) “खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है” इस पंक्ति को पढ़कर एक खिलते हुए गुलाब का सुंदर चित्र मस्तिष्क में बन जाता है। इस पंक्ति का उद्देश्य केवल गुलाब की सुंदरता को बताना है या इसका कोई अन्य अर्थ भी हो सकता है?
उत्तर– इस पंक्ति का उद्देश्य केवल गुलाब की सुंदरता का वर्णन करना ही नहीं है, बल्कि इससे कहीं अधिक गहरा और भावपूर्ण अर्थ भी छिपा है।
पहला अर्थ-
यह पंक्ति गुलाब के खिलने और उसकी सुगंध के फैलने का दृश्य प्रस्तुत करती है। यह दृश्य वर्षा ऋतु के सौंदर्य और ताजगी को दर्शाता है, जब हर पौधा हरा-भरा और फूल खिले हुए दिखाई देते हैं।
दूसरा अर्थ-
गुलाब यहाँ प्रकृति की नवजीवन शक्ति और वर्षा के बाद आने वाले सुखद बदलाव का प्रतीक भी हो सकता है।
(ङ) कविता में से उन पंक्तियों को चुनकर लिखिए जिनमें सकारात्मक गतिविधियों का उल्लेख किया गया है, जैसे— ‘गीत गाना’, ‘नृत्य करना’ और ‘सुगंध फैलाना। इन गतिविधियों के आधार पर बताइए कि इस कविता का शीर्षक ‘वर्षा बहार’ क्यों रखा गया है?
उत्तर-
कविता की वे पंक्तियाँ जिनमें सकारात्मक गतिविधियों का उल्लेख है-
- “बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब”
- “करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे”
- “मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे”
- “खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है”
- “गाते हैं गीत कैसे लेते किसान मनहर”
कविता में वर्षा ऋतु को एक उल्लासपूर्ण, सुंदर और आनंददायक समय के रूप में चित्रित किया गया है। वर्षा के आगमन से मन प्रसन्न हो जाते हैं, जीव-जंतु सक्रिय और आनंदित हो उठते हैं, वातावरण गीत, नृत्य और सुगंध से भर जाता है। इसलिए इस कविता का शीर्षक ‘वर्षा बहार’ है।
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर” कविता में कहा गया है कि वर्षा पर सारे संसार की शोभा निर्भर है। वर्षा के अभाव में मानव जीवन और पशु-पक्षियों पर क्या क्या प्रभाव पड़ सकता है?
उत्तर– पंक्ति: “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर” इस बात को स्पष्ट करती है कि वर्षा प्रकृति और जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
यदि वर्षा न हो या उसका अभाव हो जाए, तो मानव जीवन और पशु-पक्षियों पर गहरे और बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं।
मानव जीवन पर प्रभाव-
1. खाद्य संकट- खेती में पानी की आवश्यकता होती है। वर्षा न होने से फसलें सूख जाती हैं, जिससे अनाज, सब्ज़ियाँ और फल कम हो जाते हैं और खाद्य संकट पैदा होता है।
2. जल संकट– वर्षा से ही नदियाँ, झीलें, तालाब और जलाशय भरते हैं। वर्षा न होने से पीने के पानी की भारी कमी हो जाती है।
3. स्वास्थ्य समस्याएँ- पानी की कमी से स्वच्छता पर असर पड़ता है, जिससे बीमारियाँ फैल सकती हैं।
4. अर्थव्यवस्था पर असर– कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था वाले क्षेत्रों में वर्षा की कमी से किसानों की आय घटती है और पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है।
5. गर्मी और सूखा- लगातार वर्षा न होने पर गर्मी और सूखा बढ़ता है, जिससे जीवन कठिन हो जाता है।
पशु-पक्षियों पर प्रभाव-
1. पीने के पानी की कमी– तालाब, नदियाँ और झीलें सूख जाती हैं, जिससे जानवरों को पीने का पानी नहीं मिल पाता।
2. भोजन की कमी– घास और पेड़-पौधे न उगने से शाकाहारी जानवरों के लिए भोजन नहीं मिल पाता है।
3. प्रवास- पक्षी पानी और भोजन की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर चले जाते हैं।
(ख) “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं” – बिजली चमकना और बादल का गरजना प्राकृतिक घटनाएँ हैं। इन घटनाओं का लोगों के जीवन पर क्या-क्या प्रभाव हो सकता है?
(संकेत— आप सकारात्मक और नकारात्मक यानी अच्छे और बुरे, दोनों प्रकार के प्रभावों के बारे में सोच सकते हैं।)
उत्तर– पंक्ति: “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं” — यह वर्षा ऋतु में होने वाली सामान्य प्राकृतिक घटनाएँ हैं, जिनके लोगों के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हो सकते हैं।
सकारात्मक प्रभाव-
1. वर्षा का संकेत– बिजली चमकना और बादल गरजना वर्षा के आने का संकेत देते हैं, जिससे किसान खेती की तैयारी कर सकते हैं।
2. खुशहाल अनुभव- बच्चों और कुछ लोगों को यह दृश्य बहुत खुशहाल और सुंदर लगता है, जो प्रकृति से जुड़ाव को बढ़ाता है।
3. प्राकृतिक चक्र का हिस्सा- ये घटनाएँ वर्षा चक्र का हिस्सा हैं, जिससे पेड़-पौधों को पानी मिलता है और पर्यावरण संतुलित रहता है।
नकारात्मक प्रभाव-
1. भय और चिंता– तेज़ बिजली की चमक और गर्जना से बच्चों, बुज़ुर्गों या जानवरों को डर लग सकता है।
2. जानमाल की हानि– कभी-कभी बिजली गिरने से लोगों, पशुओं या घरों को नुकसान भी हो सकता है।
3. अचानक वर्षा से कठिनाई– गरजते बादल कभी-कभी अचानक तेज बारिश लाते हैं, जिससे दैनिक कामों में बाधा आती है, यातायात रुकता है या बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
(ग) “करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे”- इस पंक्ति को ध्यान में रखते हुए वर्षा आने पर पक्षियों और जीवों की खुशी का वर्णन कीजिए। वे अपनी प्रसन्नता कैसे व्यक्त करते होंगे?
उत्तर- पंक्ति: “करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे” वर्षा ऋतु में पक्षियों और जीवों की प्रसन्नता का सुंदर चित्र प्रस्तुत करती है।
- वर्षा का मौसम सभी जीव-जंतुओं के लिए आनंद और ताजगी का संदेश लेकर आता है। जैसे ही वर्षा की बूंदें धरती पर गिरती हैं, चारों ओर हरियाली छा जाती है और जीव-जंतु खुशी से झूम उठते हैं।
- मोर पंख फैलाकर वर्षा की बूँदों में थिरकते हैं। उनका नाचना इस मौसम का सबसे सुंदर दृश्य होता है।
- पपीहा बार-बार ‘पीहु पीहु’ पुकारकर जैसे वर्षा का स्वागत करता है।
- मेंढक अपनी टर्र-टर्र की आवाज़ में समूह में गाकर वातावरण को संगीतमय बना देते हैं।
- गौरैयों और अन्य पक्षी वर्षा रुकते ही पेड़ों पर आकर चहचहाने लगते हैं, मानो धन्यवाद दे रहे हों।
- गाय, भैंस, बकरियाँ आदि खुली हवा में घूमते हुए आराम महसूस करते हैं, वहीं कुत्ते और बिल्ली जैसे जानवर भी पानी में खेलने लगते हैं।
आपकी रचनाएँ
(क) कविता में वर्णन है कि मोर नृत्य कर रहे हैं और मेंढक सुगीत गा रहे हैं। इस दृश्य को अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।
उत्तर– वर्षा ऋतु के आने पर प्रकृति जैसे उत्सव मनाने लगती है। आसमान में काले बादल छाए हैं, बूंदें धरती पर गिर रही हैं और चारों ओर में ठंडी-ठंडी हवा बह रही है। इसी समय जंगल में रंग-बिरंगे मोर अपने पंख फैलाकर नाच रहे हैं। उनके पंखों की चमक और थिरकन मानो वर्षा का स्वागत कर रही हो। वे इधर-उधर घूमते, उछलते-कूदते हैं, जैसे किसी मधुर संगीत की ताल पर झूम रहे हों।
पास ही कहीं हरी-भरी झाड़ियों के बीच मेंढक समूह में इकठ्ठा होकर अपनी टर्र-टर्र की आवाज़ में गा रहे हैं। उनका यह संगीत वर्षा का आनंद और भी बढ़ा देता है। यह दृश्य न केवल देखने में सुंदर है, बल्कि सुनने में भी आनंददायक है। चारों ओर हरियाली है, धरती ताज़गी से भर गई है और यह दृश्य बताता है कि वर्षा केवल पानी नहीं लाती, वह जीवन में खुशियाँ भी बरसाती है।
(ख) वर्षा से जुड़ी किसी प्राचीन कथा या लोककथा को इस कविता से जोड़कर एक कहानी तैयार कीजिए।
उत्तर-
कहानी- ‘वरुण देव का आशीर्वाद’
बहुत समय पहले की बात है। एक छोटा-सा गाँव था नीलग्राम, जो पहाड़ों की गोद में बसा था। गाँव के लोग खेती-किसानी पर निर्भर थे और वर्षा उनके लिए जीवन का आधार थी। पर कई वर्षों से गाँव में बारिश समय पर नहीं हो रही थी। खेत सूख रहे थे, तालाबों में पानी नहीं था और पशु-पक्षी भी उदास रहने लगे थे।
गाँव के बुज़ुर्गों ने बताया कि यह संकट वरुण देव की नाराज़गी के कारण आया है। वरुण देव वर्षा के देवता माने जाते हैं। तब गाँव के सारे लोग एक दिन एकत्र होकर तालाब के किनारे पहुँचे, जहाँ एक प्राचीन वरुण मंदिर था। वहाँ उन्होंने हवन किया, प्रार्थना की, और गाँव के बच्चों ने गीत गाए — “हे वरुण देव! हमें पानी दीजिए, धरती को जीवन दीजिए।”
कुछ ही दिनों बाद, आसमान में घने बादल छा गए। बिजली चमकने लगी, और तेज़ वर्षा होने लगी। खेतों की मिट्टी फिर से जीवित हो उठी। तालाब लबालब भर गए। पक्षी खुशी से चहचहाने लगे, मोर पंख फैलाकर नृत्य करने लगे और मेंढक तालाब किनारे टर्र-टर्र करते दिखाई दिए।
गाँव के लोग इस चमत्कारी वर्षा को वरुण देव का आशीर्वाद मानकर हर साल वर्षा के पहले दिन “वर्षा बहार” उत्सव मनाने लगे। इस दिन बच्चे गीत गाते, किसान नृत्य करते, महिलाएँ पकवान बनाती और सभी मिलकर वर्षा का स्वागत करते।
इस प्रकार कविता ‘वर्षा बहार’ में वर्णित दृश्य—मोरों का नृत्य, मेंढकों का गान, जीवों की प्रसन्नता—इस लोककथा की स्मृति को सजीव बना देते हैं। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि वर्षा केवल पानी नहीं, जीवन की नयी उमंग और आशा का संदेश है।
(ग) इस कविता से प्रेरणा लेकर एक चित्र बनाइए। उसमें आपने क्या-क्या बनाया है और क्यों?
उत्तर- इस चित्र में मैंने वर्षा ऋतु के कुछ सुंदर और रोचक दृश्य बनाए हैं, जैसे—
बादलों से बरसती बारिश- क्योंकि यह कविता का मुख्य विषय है और वर्षा सबके जीवन में खुशी लाती है।
नाचता हुआ मोर- कविता में मोरों के नृत्य का वर्णन है, जो वर्षा के आगमन पर खुशी प्रकट करते हैं।
मेंढक टर्र-टर्र करते हुए- मेंढक वर्षा में अपनी आवाज़ से वातावरण को जीवंत बना देते हैं।
खिला हुआ फूल- फूलों से ख़ुश्बू आती है, जो वातावरण को महकाता है।
तालाब में जलचर- जल में खुश मछलियाँ, जो वर्षा से आनंदित हैं।
किसान खेतों में गीत गाते हुए- क्योंकि वर्षा उनके लिए आशा और फसल की शुरुआत लाती है।

शब्द से जुड़े शब्द
अपने समूह में चर्चा करके ‘वर्षा’ से जुड़े शब्द नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए-

उत्तर-

कविता की रचना
“वर्षा-बहार सब के मन को लुभा रही है”
इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ‘वर्षा’ एक ऋतु का नाम है। ‘बहार’ ‘वसंत’ का दूसरा नाम है। यहाँ ‘वर्षा’ और ‘बहार’ को एक साथ दिया गया है जिससे वर्षा ऋतु की सुंदरता को स्पष्ट किया जा सके।
इस कविता में ऐसी ही अन्य विशेषताएँ छिपी हैं, जैसे- कविता की कुछ पंक्तियाँ सरल वाक्य के रूप में ही हैं तो कुछ में वाक्य संरचना सरल नहीं है।
अपने समूह के साथ मिलकर इस कविता की अन्य विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर- कविता के इन वाक्यों को पढ़ते ही मन में वर्षा ऋतु के जीवंत चित्र उभरते हैं —
“करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे
मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे।”
– वन के सभी मोर आनंदपूर्वक नृत्य कर रहे हैं। मेंढक अपनी टर्र-टर्र की आवाज में मनमोहक गीत गा रहे हैं।
“चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर”
– आकाश में बादल ऐसे प्रतीत हो रहे हैं मानो सुंदर पंक्तियों में हंस उड़ रहे हों।
कविता का सौंदर्य
(क) नीचे कविता की कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें कुछ
शब्द हटा दिए गए हैं और साथ में मिलते-जुलते
अर्थ वाले शब्द भी दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक शब्द
से वह पंक्ति पूरी करके देखिए। जो शब्द उस पंक्ति में जँच रहे हैं उन पर घेरा बनाइए।
________बहार सब के मन को लुभा रही है (बारिश, बरसात, बरखा, वृष्टि)
__________में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है (आकाश, गगन, अंबर, व्योम)
बिजली चमक रही है,_________गरज रहे हैं (मेघ, जलधर, घन, जलद )
_______बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं (जल, नीर, सलिल, तोय)
उत्तर-
बरखा– बहार सब के मन को लुभा रही है (बारिश, बरसात, बरखा, वृष्टि)
आकाश में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है (आकाश, गगन, अंबर, व्योम)
बिजली चमक रही है,घन गरज रहे हैं (मेघ, जलधर, घन, जलद)
जल बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं (जल, नीर, सलिल, तोय)
(ख) अपने समूह में विमर्श करके पता लगाइए कि कौन-से शब्द रिक्त स्थानों में सबसे अधिक साथियों को जँच रहे हैं और क्यों?
उत्तर-
1. बरखा, आकाश, घन, जल – ये शब्द सबसे अधिक साथियों को जँचे क्योंकि:
2. ये शब्द सरल और प्रचलित हैं।
3. ये शब्द कविता की शैली से मेल खाते हैं।
विशेषण
“बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब”
इस पंक्ति में ‘सुंदर’ शब्द ‘गीत’ की विशेषता बता रहा है अर्थात यह ‘विशेषण’ है। ‘गीत’ एक संज्ञा शब्द है जिसकी विशेषता बताई जा रही है, अर्थात यह ‘विशेष्य’ शब्द है।
(क) नीचे दी गई पंक्तियों में विशेषण और विशेष्य शब्दों की पहचान करके लिखिए-
| पंक्ति | विशेषण | विशेष्य |
| 1. नभ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही। | अनूठी | छटा |
| 2. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर | ||
| 3. मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे | ||
| 4. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब |
उत्तर-
| पंक्ति | विशेषण | विशेष्य |
| 1. नभ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही। | अनूठी | छटा |
| 2. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर | सुंदर | कतार |
| 3. मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे | प्यारे | सुगीत |
| 4. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब | ठंडी | हवा |
(ख) नीचे दिए गए विशेष्यों के लिए अपने मन से विशेषण सोचकर लिखिए-
| 1. वर्षा | ||
| 2. पानी | ||
| 3. बादल | ||
| 4. डालियाँ | ||
| 5. गुलाब |
उत्तर-
| 1. वर्षा | रिमझिम | मंद |
| 2. पानी | बहता | ठंडा |
| 3. बादल | घने | काले |
| 4. डालियाँ | लहराती | झूमती |
| 5. गुलाब | लाल | सुगंधित |
ऋतु और शब्द
“फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते “
‘ताप’ शब्द ग्रीष्म ऋतु से जुड़ा शब्द है। भारत में मुख्य रूप से छह ऋतुएँ क्रम से आती-जाती हैं। लोग इन ऋतुओं में कुछ विशेष शब्दों का उपयोग करते हैं। नीचे दिए गए शब्दों को पढ़कर कौन-सी ऋतु का स्मरण होता है? इन शब्दों को तालिका में उपयुक्त स्थान पर लिखिए-
| धूप | लू | बयार | हिमपात | वृष्टि | पाला |
| ताप | जाड़ा | झड़ी | ठिठुरन | धुंध | कोहरा |
| आँधी | उमस | हरियाली | बहार | तपन | जेठ |
| सावन | रिमझिम | शीतलता | ओस | ठंडक | बादल फटना |
| कड़ाके की ठंड |
उत्तर-
| वसंत ऋतु (सामान्यत: मार्च–अप्रैल) |
हरियाली, बहार, बयार |
| ग्रीष्म ऋतु (सामान्यत: मई–जून) |
तपन, जेठ, ताप, धूप, लू, आँधी |
| वर्षा ऋतु (सामान्यत: जुलाई–अगस्त) |
सावन, रिमझिम, बादल फटना, वृष्टि, झड़ी, ठंडक |
| शरद ऋतु (सामान्यत: सितंबर–अक्टूबर) |
उमस |
| हेमंत ऋतु (सामान्यत: नवंबर–दिसंबर) |
शीतलता, धुंध |
| शिशिर ऋतु (सामान्यत: जनवरी–फरवरी) |
ओस, ठिठुरन, हिमपात, जाड़ा, कड़ाके की ठंड, कोहरा, पाला |
आपकी बात
पाठ से आगे
(क) वर्षा के समय आपके क्षेत्र में क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर- वर्षा के समय हमारे क्षेत्र में मौसम ठंडा और सुहावना हो जाता है। चारों ओर हरियाली फैल जाती है। सूखे तालाब और नाले भर जाते हैं। खेतों में किसान हल लेकर पहुँच जाते हैं। पेड़-पौधे ताजे हो जाते हैं और वातावरण में मिट्टी की सोंधी खुशबू फैल जाती है। कई जगह जलभराव भी हो जाता है।
(ख) बारिश के चलते स्कूल आने-जाने के समय के अनुभव बताइए। किसी रोचक घटना को भी साझा कीजिए।
उत्तर- बारिश के दिनों में स्कूल जाते समय छाता लेकर जाना पड़ता है, लेकिन कई बार तेज़ हवा के कारण छाता उलट जाता है और हम भीग जाते हैं। एक बार मैं स्कूल जा रहा था, अचानक फिसल कर कीचड़ में गिर गया। सब दोस्त हँसने लगे लेकिन एक दोस्त ने मदद की। वह पल मुझे आज भी याद है।
(ग) वर्षा ऋतु में आपको क्या-क्या करना अच्छा लगता है और क्या-क्या नहीं कर पाते हैं?
उत्तर– वर्षा ऋतु में गरमागरम पकौड़े खाना, खिड़की से बाहर बारिश देखना और कागज़ की नाव चलाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। लेकिन बारिश की वजह से हम बाहर खेलने नहीं जा पाते और स्कूल भी कभी-कभी छूट जाता है। कीचड़ और गंदगी भी बहुत परेशान करती है।
(घ) बारिश के मौसम में आपके आस-पड़ोस के पशु-पक्षी अपनी सुरक्षा कैसे करते हैं? उन्हें कौन-कौन सी समस्याएँ होती हैं?
उत्तर- बारिश के मौसम में पशु-पक्षी पेड़ों की डालियों या घरों की छतों के नीचे शरण लेते हैं। कई बार पक्षियों के घोंसले बह जाते हैं या गीले हो जाते हैं। कुत्ते-बिल्ली जैसे जानवर भी सूखी जगह खोजते हैं। कई पशुओं को खाना ढूँढने में कठिनाई होती है और ठंड लग जाती है।
(ङ) अपने के ‘समूह साथ मिलकर वर्षा ऋतु पर आधारित एक कविता की रचना कीजिए। उसमें अपने घर और आस-पड़ोस से जुड़ी हुई बातें सम्मिलित कीजिए।
उत्तर–
बरखा आई प्यारी-प्यारी,
लेकर आई बूँदों की सवारी।
नाव चलाई बच्चों ने,
हँस-हँस खेले सपनों में।
काले बादल गरज रहे हैं,
पेड़-पौधे हँस रहे हैं।
माँ ने पकौड़े गरम बनाए,
दादी ने किस्से नए सुनाए।
मोर नाचा, मेंढक गाया,
बरखा मौसम खूब भाया!
साक्षात्कार
“गाते हैं गीत कैसे लेते किसान मनहर | ”
मान लीजिए कि आप अपने विद्यालय की पत्रिका के पत्रकार हैं। आप एक किसान का साक्षात्कार कर रहे हैं जो वर्षा के आने पर अपने खेतों में गीत गा रहा है।
(क) अपने समूह के साथ मिलकर उस किसान के साक्षात्कार के लिए कुछ प्रश्न लिखिए।
(संकेत – आपका क्या नाम है? आप क्या काम करते हैं? आप काम करते समय गीत क्यों गाते हैं? आदि)
उत्तर- साक्षात्कार के लिए प्रश्न
1. नमस्ते किसान चाचा! कृपया अपना नाम बताइए।
2. आप कितने समय से खेती कर रहे हैं?
3. वर्षा ऋतु का आपके खेतों और फसल पर क्या प्रभाव पड़ता है?
4. आपने खेत में काम करते समय गीत गाना कब शुरू किया?
5. आप किस तरह के गीत गाते हैं?
6. गीत गाते समय आपको कैसा महसूस होता है?
7. क्या आपके साथ और भी किसान गीत गाते हैं?
8. क्या वर्षा में काम करना मुश्किल होता है?
9. आपको वर्षा ऋतु में कौन-सी बातें सबसे अच्छी लगती हैं?
10. आप बच्चों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
(ख) अपने समूह के साथ मिलकर इस साक्षात्कार को अभिनय द्वारा प्रस्तुत कीजिए। आपके समूह का कोई सदस्य किसान की भूमिका निभा सकता है। अन्य सदस्य पत्रकारों की भूमिका निभा सकते हैं।
उत्तर- संवाद
(पत्रकारों की टीम और किसान के बीच संवाद – मंच प्रस्तुति के लिए तैयार)
पत्रकार 1: नमस्ते किसान चाचा! हम आपके खेत में आए हैं। सबसे पहले, कृपया अपना नाम बताइए।
किसान: नमस्ते बेटा! मेरा नाम रामलाल है। मैं पिछले 30 साल से खेती कर रहा हूँ।
पत्रकार 2: आप बारिश में काम करते समय इतने खुश क्यों दिखते हैं? क्या वजह है?
किसान: अरे बेटा, बारिश तो हमारे लिए खुशियाँ लेकर आती है। जब खेतों में पानी गिरता है, तो लगता है जैसे धरती माँ को जीवन मिल गया हो।
पत्रकार 3: आप खेत में काम करते समय गीत गा रहे थे। आप ऐसा क्यों करते हैं?
किसान: गीत हमारे मन को खुश रखते हैं। खेत में काम करते समय अकेलापन और थकान कम महसूस होती है। गीत गाने से जोश भी बना रहता है।
पत्रकार 1: आप किस तरह के गीत गाते हैं?
किसान: हम लोग अधिकतर लोकगीत गाते हैं, जैसे – “पानी बरसे खेत लहराए, मन किसान का हर्षाए!”
पत्रकार 2: आप बच्चों को कोई संदेश देना चाहेंगे?
किसान: हाँ बेटा, मेहनत करने से कभी डरना नहीं चाहिए। और प्रकृति से प्यार करना सीखो। वर्षा हो या धूप – हर मौसम अपना सौंदर्य लेकर आता है।
सभी पत्रकार एक साथ: धन्यवाद चाचा जी! आपने हमारे सवालों के बहुत अच्छे उत्तर दिए।
वर्षा के दृश्य
(क) वर्षा के उन दृश्यों की सूची बनाइए जिनका उल्लेख इस कविता में नहीं किया है। जैसे आकाश में इंद्रधनुष ।
उत्तर– इस कविता में कई सुंदर वर्षा-दृश्यों का वर्णन किया गया है, परंतु कुछ दृश्य ऐसे हैं जिनका उल्लेख नहीं किया गया, जैसे-
1. छाते और रेनकोट पहने लोग
2. बच्चों का पानी में खेलना
3. नालियों का बहना या जलभराव
4. पानी में नाव या कागज की नाव बहाना
5. किसानों का खेत जोतना या धान की बुआई करना
(ख) वर्षा के समय आकाश में बिजली पहले दिखाई देती है या बिजली कड़कने की ध्वनि पहले सुनाई देती है। या दोनों साथ-साथ दिखाई-सुनाई देती है? क्यों? पता कीजिए |
उत्तर-
वर्षा के समय बिजली पहले दिखाई देती है, फिर उसकी कड़कने की आवाज बाद में सुनाई देती है।
कारण- प्रकाश (बिजली) की गति ध्वनि (आवाज) की गति से अधिक होती है।
- प्रकाश की गति = 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड
- ध्वनि की गति = लगभग 343 मीटर प्रति सेकंड
इसलिए जब आकाश में बिजली चमकती है, तो हम उसे तुरंत देख लेते हैं, लेकिन आवाज थोड़ी देर बाद सुनाई देती है।
(ग) आपने वर्षा से पहले और वर्षा के बाद किसी पेड़ या पौधे को ध्यान से अवश्य देखा होगा। आपको कौन-कौन से अंतर दिखाई दिए?
उत्तर-
वर्षा से पहले पेड़ या पौधे का दृश्य-
1. पत्तियाँ धूल से भरी होती हैं।
2. पेड़ थोड़े मुरझाए या धूप से थके लगते हैं।
3. वातावरण गर्म और सूखा रहता है।
वर्षा के बाद पेड़ या पौधे का दृश्य-
1. पत्तियाँ साफ और चमकती हुई दिखाई देती हैं।
2. पेड़ अधिक हरे-भरे और ताजगी से भरपूर लगते हैं।
3. आसपास की मिट्टी नम हो जाती है।
4. पेड़ के पास पक्षी और छोटे जीव सक्रिय हो जाते हैं।
(घ) “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर”
कविता में हंसों के कतार में अर्थात पंक्तिबद्ध रूप से चलने का वर्णन किया गया है। आपने किन-किन को और कब-कब पंक्तिबद्ध चलते हुए देखा है? (संकेत – चींटी, गाड़ियाँ, बच्चे आदि)
उत्तर– मैंने निम्नलिखित को पंक्तिबद्ध चलते हुए देखा है-
बतखें या हंस – तालाब या खेत की ओर जाते समय
सेना के जवान – परेड या मार्च पास्ट में
बस स्टॉप पर लोग – टिकट खरीदने या चढ़ने के लिए कतार में लगते हैं।
वर्षा में ध्वनियाँ
(क) कविता में वर्षा के अनेक दृश्य दिए गए हैं। इन दृश्यों में कौन-कौन सी ध्वनियाँ सुनाई दे रही होंगी? अपनी कल्पना से उन ध्वनियों को कक्षा में सुनाइए।
उत्तर– कविता में वर्णित वर्षा-दृश्यों से हम कई तरह की ध्वनियाँ कल्पना कर सकते हैं-
1. बादलों की गरजने की आवाज – “घड़रर … घड़रर…”
2. बिजली की चमक के साथ कड़क की ध्वनि – “चमाक्! धड़ाम!”
3. बारिश की बूंदों की धरती पर गिरने की टप-टप आवाज – “टप-टप-टप…”
4. मेंढकों की टर्र-टर्र – “टर्र-टर्र… टर्र-टर्र…”
5. मोरों के नाचते समय आवाज – “केंयों-केंयों-केंयों…”
6. झरनों और तालाबों में बहते पानी की आवाज – “कल-कल-कल…”
7. बच्चों की हँसी और उछल-कूद की चहचहाहट – “हा हा हा…”
8. पेड़ों की पत्तियों के हिलने की सरसराहट – “स्स्स्स… स्स्स्स…”
(ख) “मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे “
कविता में मेंढकों की टर्र-टर्र को भी प्यारा गीत कहा गया है। आपके विचार से बेसुरी ध्वनियाँ भी कब-कब अच्छी लगने लगती हैं?
उत्तर- कभी-कभी बेसुरी ध्वनियाँ भी मन को अच्छी लगने लगती हैं, जैसे-
1. प्रकृति की गोद में – जब वर्षा होती है और चारों ओर हरियाली होती है, तब मेंढकों की टर्र-टर्र भी सुंदर गीत लगती है क्योंकि वह प्राकृतिक आनंद का हिस्सा बन जाती है।
2. भावना से जुड़ी ध्वनियाँ – जब कोई बच्चा या प्रियजन बेसुरा होकर भी गाता है, तो वह प्रेम या अपनापन का अहसास कराता है।
3. त्योहार या मेलों में – ढोल-नगाड़ों की तेज और बेसुरी आवाजें भी माहौल को उत्सवमय बना देती हैं।
4. ग्रामीण जीवन के अनुभवों में – खेतों में काम करते हुए किसान गाते हैं, भले ही सुर में न हों, लेकिन उनकी मेहनत और खुशी की झलक देखने को को मिलती है।
सृजन
“बागों में खूब सुख से, आमोद छा रहा है”
‘आमोद’ या ‘मोद’ दोनों शब्दों का अर्थ होता है- आनंद, हर्ष, खुशी, प्रसन्नता । कविता में वर्षा ऋतु में ‘आमोद’ के दृश्यों का वर्णन किया गया है। कविता के इन दृश्यों को हम नीचे दिए गए उदाहरण की तरह अनुच्छेद में भी लिख सकते हैं-
“हवा की ठंडक थी, बारिश की रिमझिम बूँदें गिर रही थीं, मोर नृत्य कर रहे थे और मेंढक खुश होकर गाना गा रहे थे। ये सभी मिलकर वर्षा ऋतु को एक उत्सव जैसा बना रहे थे। बागों में गुलाब की खुशबू और आम के पेड़ों पर नए फल देखकर पक्षी और लोग, सभी प्रसन्न हो गए थे। किसान अपने खेतों में काम करते हुए इस प्राकृतिक आनंद के भागीदार बन रहे थे। ”
अब नीचे दिए गए ‘आमोद’ से जुड़े विभिन्न दृश्यों का एक-एक अनुच्छेद में वर्णन कीजिए-
- बारिश के बाद उपवन में सैर
- परिवार के किसी प्रिय सदस्य या मित्र से वर्षों बाद मिलना
- सर्दियों का पहला हिमपात
- मित्रों संग खेलना
- किसी प्रिय पुस्तक को पढ़ना
- किसी कार्य को पूरा करना या सफल प्रदर्शन करना
- समुद्र के किनारे शांत सवेरा या शाम
- कोई उत्सव
1. बारिश के बाद उपवन में सैर
बारिश थमने के बाद मैं उपवन में सैर पर गया। हर ओर हरियाली थी, पत्तों पर पानी की बूँदें मोती-सी चमक रही थीं। मिट्टी की सोंधी-सोंधी खुशबू मन को भा रही थी। तितलियाँ फूलों पर मँडरा रही थीं और पक्षी मधुर गीत गा रहे थे। पूरे वातावरण में एक शांत, ताजगी भरा आनंद था, जिसे मैं अपने भीतर महसूस कर रहा था।
2. परिवार के किसी प्रिय सदस्य या मित्र से वर्षों बाद मिलना
जब मैंने अपने बचपन के मित्र को वर्षों बाद देखा, मेरी आँखें खुशी से भर आईं। हम बिना कुछ कहे एक-दूसरे से लिपट गए। पुरानी यादें ताज़ा हो गईं और बातें करते-करते समय कब बीत गया, पता ही नहीं चला। यह मिलन मेरे लिए एक अनमोल सुखद क्षण था, जिसे मैं कभी नहीं भूलूँगा।
3. सर्दियों का पहला हिमपात
सर्दियों की पहली सुबह जब मैं उठा तो चारों ओर बर्फ की चादर बिछी हुई थी। पेड़, घर, रास्ते—सब कुछ सफेद हो गया था। मैं खिड़की से बाहर देखता रहा और यह नज़ारा मेरे भीतर असीम आनंद भर गया। बाहर जाकर हाथों से बर्फ छूना और उससे खेलना एक सपना सच होने जैसा लगा।
4. मित्रों संग खेलना
शाम को स्कूल से लौटने के बाद जैसे ही मैं अपने दोस्तों के साथ मैदान में खेलने गया, सारी थकान दूर हो गई। हमारी हँसी, दौड़, गिरना-उठना—सब कुछ मिलाकर ऐसा आनंद आया कि मन खुशी से भर गया। साथ खेलने से दोस्ती और भी गहरी हो गई और एक यादगार पल बन गया।
5. किसी प्रिय पुस्तक को पढ़ना
एक दिन जब बारिश हो रही थी, मैं अपनी प्रिय पुस्तक लेकर खिड़की के पास बैठ गया। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती गई, मैं उसमें डूबता गया। पात्रों की भावनाएँ मेरे मन को छूने लगीं और ऐसा लगा मानो मैं भी उस दुनिया का हिस्सा बन गया हूँ। पुस्तक पढ़ना उस दिन मेरे लिए सुख का स्रोत बन गया।
6. किसी कार्य को पूरा करना या सफल प्रदर्शन करना
परीक्षा की कठिन तैयारी के बाद जब मेरा परिणाम आया और मैंने सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए, तो मन में गर्व और हर्ष की लहर दौड़ गई। मेरे माता-पिता की आँखों में खुशी देखकर मेरी मेहनत सफल हो गई। यह सफलता मेरे जीवन का आनंदमय क्षण था, जिसने मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
7. समुद्र के किनारे शांत सवेरा या शाम
समुद्र के किनारे बैठकर सूरज को उगते हुए देखना, लहरों की हल्की आवाज़ सुनना और ठंडी हवा का स्पर्श—इन सबने मन को शांति और सुकून से भर दिया। दूर-दूर तक फैला नीला जल, पक्षियों की चहचहाहट और खुला आकाश देखकर लगा मानो प्रकृति ने एक सुंदर गीत मेरे लिए रच दिया हो।
8. कोई उत्सव
दिवाली की रात चारों ओर दीपों की रौशनी, मिठाइयों की खुशबू और परिवार के साथ मिलकर की गई पूजा ने घर को सुखद वातावरण से भर दिया। बच्चों की हँसी, रंग-बिरंगे कपड़े और पटाखों की चमक ने इस उत्सव को यादगार बना दिया। यह उत्सव मेरे लिए आनंद से भरा हुआ था।
वर्षा से जुड़े गीत
“बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब”
“गाते हैं गीत कैसे लेते किसान मनहर।”
हमारे देश में वर्षा के आने पर अनेक गीत और लोकगीत गाए जाते हैं। अपने समूह के साथ मिलकर वर्षा से जुड़े गीत व लोकगीत ढूँढ़िए और लिखिए। इस कार्य के लिए आप अपने परिजनों, शिक्षकों, इंटरनेट और पुस्तकालय की भी सहायता ले सकते हैं।
सभी समूहों द्वारा एकत्रित गीतों को संकलित करके वर्षा-गीतों की एक पुस्तिका भी तैयार कीजिए।
उत्तर-
घनन-घनन घिर घिर आये बदरा
घन घनघोर कारे छाये बदरा
धमक-धमक गूँजे बदरा के डंके
चमक-चमक देखो बिजुरिया चमके
मन धड़काये बदरवा, मन धड़काये बदरवा
मन-मन धड़काये बदरवा
काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ
बिजुरी की तलवार नहीं, बूँदों के बान चलाओ
मेघा छाये, बरखा लाये
घिर-घिर आये, घिर के आये
कहे ये मन मचल-मचल, न यूँ चल सम्भल-सम्भल
गये दिन बदल, तू घर से निकल
बरसने वाल है अब अमृत जल
दुविधा के दिन बीत गये, भईया मल्हार सुनाओ
घनन-घनन घिर-घिर…
रस अगर बरसेगा, कौन फिर तरसेगा
कोयलिया गायेगी बैठेगी मुण्डेरों पर
जो पंछी गायेंगे, नये दिन आयेंगे
उजाले मुस्कुरा देंगे अंधेरों पर
प्रेम की बरखा में भीगे-भीगे तनमन
धरती पे देखेंगे पानी का दरपन
जईओ तुम जहाँ-जहाँ, देखियो वहाँ-वहाँ
यही इक समाँ कि धरती यहाँ
है पहने सात रंगों की चूनरिया
घनन-घनन घिर-घिर…
पेड़ों पर झूले डालो और ऊँची पेंद बढ़ाओ
काले मेघा, काले मेघा…
आई है रुत मतवाली, बिछाने हरियाली
ये अपने संग में लाई है सावन को
ये बिजुरी की पायल, ये बादल का आँचल
सजाने लाई है धरती की दुल्हन को
डाली-डाली पहनेगी फूलों के कंगन
सुख अब बरसेगा आँगन-आँगन
खिलेगी अब कली-कली, हँसेगी अब गली-गली
हवा जो चली, तो रुत लगी भली
जला दे जो तन-मन वो धूप ढली
काले मेघा, काले मेघा…
आज की पहेली
आपने वर्षा से जुड़ी एक कविता पढ़ी है। अब भारत की विभिन्न ऋतुओं से जुड़ी कुछ पहेलियाँ पढ़िए और इन्हें बूझिए—
हवा में ठंडक बढ़ती जाए,
धूप सुहानी सबको भाए।
नई फसल खेतों में लाए,
बूझो कौन-सा मौसम आए?
उत्तर- हेमंत ऋतु
जाने कैसा मौसम आया,
सूरज ने सबको झुलसाया।
आम पकें तो रस ढलके,
समय कौन-सा ये झलके?
उत्तर– ग्रीष्म ऋतु
बर्फ गिरे, सर्दी बढ़ जाए,
ऊनी कपड़े सबको भाए ।
धुंध की चादर लाए रात,
बूझो किस ऋतु की बात?
उत्तर- शिशिर ऋतु
फूल खिले, हर पक्षी गाए,
चारों ओर हरियाली छाए ।
बागों में खुशबू छा जाए
बूझो ऋतु ये क्या कहलाए?
उत्तर- वसंत ऋतु
पानी बरसे, बादल गरजे,
धरती का हर कोना हरसे ।
नदियाँ नाले भरे हर ओर,
बूझो किसका है ये जोर?
उत्तर- वर्षा ऋतु
पत्ता- पत्ता गिरता जाए,
सूनी डाली बहुत सताए ।
पेड़ करें खुद को तैयार,
कौन-सी ऋतु का है ये सार?
उत्तर- पतझड़
Class 7 Hindi Varsha Bahar– Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)
निम्नलिखित पद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिये-
1
वर्षा-बहार सब के मन को लुभा रही है।
नभ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है।
बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं।
पानी बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं।
1.कविता में क्या सबके मन को लुभा रहा है?
(क) गर्मी की धूप
(ख) ठंडी हवा
(ग) वर्षा-बहार
(घ) सूरज की किरणें
उत्तर – (ग) वर्षा-बहार
2. ‘नभ’ शब्द का मतलब क्या है?
(क) बादल
(ख) धरती
(ग) झरना
(घ) आकाश
उत्तर – (घ) आकाश
3. ‘घनघोर’ शब्द से तात्पर्य है-
(क) तेज हवा
(ख) हल्के बादल
(ग) घने और गहरे बादल
(घ) बिजली
उत्तर – (ग) घने और गहरे बादल
4. कविता में वर्षा ऋतु का दृश्य कैसा बताया गया है?
उत्तर: कविता में वर्षा ऋतु का दृश्य बहुत सुंदर और मन को भाने वाला बताया गया है। आकाश में काले बादल छाए हैं, बिजली चमक रही है और झरने बह रहे हैं।
5. बिजली और बादलों की आवाज़ से वातावरण कैसा हो गया है?
उत्तर: बिजली की चमक और बादलों की गरज से वातावरण रोमांचक और सुंदर हो गया है।
2
चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब
बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब
तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते
फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते।
1. ठंडी हवा चलने से क्या हो रहा है?
(क) धूल उड़ रही है
(ख) डालियाँ हिल रही हैं
(ग) बारिश रुक रही है
(घ) सूरज तेज चमक रहा है
उत्तर – (ख) डालियाँ हिल रही हैं
2. ‘ग्रीष्म’ का अर्थ है-
(क) पतझड़
(ख) बसंत
(ग) सर्दी
(घ) गर्मी
उत्तर – (घ) गर्मी
3. पपीहे क्यों खुश हैं?
(क) उन्हें खाना मिल गया
(ख) वे उड़ना सीख गए
(ग) उन्हें वर्षा पसंद है
(घ) वे नया घोंसला बना रहे हैं
उत्तर – (ग) उन्हें वर्षा पसंद है
4. वर्षा के मौसम में मालिनें क्या कर रही हैं?
उत्तर- वर्षा के मौसम में मालिनें बागों में सुंदर गीत गा रही हैं और बहुत प्रसन्न दिखाई देती हैं।
5. तालाबों में रहने वाले जलचर जीव कैसे महसूस कर रहे हैं?
उत्तर– तालाबों में रहने वाले जलचर जीव वर्षा से बहुत प्रसन्न हैं और आनंद से भर गए हैं।
3
करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे
मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे।
खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है,
में खूब सुख से, आमोद छा रहा है।
1.वन में कौन नृत्य कर रहे हैं?
(क) मालिनें
(ख) मोर
(ग) मेंढक
(घ) पपीहे
उत्तर – (ख) मोर
2. “खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है” – यहाँ ‘सौरभ’ का क्या अर्थ है?
(क) पत्ता
(ख) पानी
(ग) खुशबू
(घ) हवा
उत्तर – (ग) खुशबू
3. मेंढक किस तरह लोगों को लुभा रहे हैं?
(क) गीत गाकर
(ख) नाच कर
(ग) उड़कर
(घ) चुप रहकर
उत्तर – (क) गीत गाकर
4. वर्षा ऋतु में गुलाब का फूल क्या कर रहा है?
उत्तर- वर्षा ऋतु में गुलाब खिल रहा है और अपनी खुशबू फैला रहा है।
5. ‘आमोद छा रहा है’ का क्या मतलब है?
उत्तर- इसका मतलब है – चारों ओर सुख, आनंद और खुशी का माहौल फैला हुआ है।
4
चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर
गाते हैं गीत कैसे लेते किसान मनहर ।
इस भाँति है अनोखी, वर्षा बहार भू पर
सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर।
1. किसान खेतों में क्या कर रहे हैं?
(क) सो रहे हैं
(ख) दौड़ रहे हैं
(ग) गीत गा रहे हैं
(घ) भोजन कर रहे हैं
उत्तर – (ग) गीत गा रहे हैं
2. ‘हंस’ किसका रूपक है इस कविता में?
(क) पक्षी
(ख) बादल
(ग) फूल
(घ) नदी
उत्तर – (ख) बादल
3. “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर।” — ‘इसके ऊपर’ से क्या तात्पर्य है?
(क) सूरज
(ख) खेत
(ग) पेड़
(घ) वर्षा
उत्तर – (घ) वर्षा
4. कविता में बादलों की तुलना किससे की गई है और क्यों?
उत्तर– कविता में बादलों की तुलना हंसों से की गई है, क्योंकि वे आकाश में सुंदर पंक्ति में उड़ते हुए प्रतीत होते हैं।
5. वर्षा ऋतु को ‘अनोखी बहार’ क्यों कहा गया है?
उत्तर– वर्षा ऋतु को ‘अनोखी बहार’ इसलिए कहा गया है क्योंकि यह धरती पर सुंदरता और जीवन भर देती है। यह संपूर्ण संसार की शोभा को बढ़ाती है।
Class 7 Hindi Malhar Lesson 7 Varsha Bahar Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1.’वर्षा-बहार’ का अर्थ क्या है?
(क) गर्मी का मौसम
(ख) वर्षा ऋतु की सुंदरता
(ग) पतझड़ का समय
(घ) ठंडी हवाएँ
उत्तर- (ख) वर्षा ऋतु की सुंदरता
2. “नभ में छटा अनूठी” पंक्ति में किसका वर्णन है?
(क) बादलों का
(ख) सूरज का
(ग) इंद्रधनुष का
(घ) झील का
उत्तर – (क) बादलों का
3. ‘लुभा रही है’ का अर्थ क्या है?
(क) डर पैदा कर रही है
(ख) आकर्षित कर रही है
(ग) गुस्सा दिला रही है
(घ) भ्रम पैदा कर रही है
उत्तर- (ख) आकर्षित कर रही है
4. ‘बिजली चमक रही है’ — इस वाक्य में क्रिया है-
(क) बिजली
(ख) चमक
(ग) रही
(घ) चमक रही है
उत्तर- (घ) चमक रही है
5. ‘ग्रीष्म ताप’ का तात्पर्य है-
(क) ठंडी हवा
(ख) वर्षा की बूँदें
(ग) गर्मी की तपन
(घ) बर्फबारी
उत्तर- (ग) गर्मी की तपन
6. ‘अनोखी’ शब्द का पर्यायवाची है-
(क) साधारण
(ख) अद्वितीय
(ग) भिन्न
(घ) विशेषण
उत्तर- (ख) अद्वितीय
7. “झरने भी ये बहे हैं” – यह किसके कारण हुआ है?
(क) पपीहे के कारण
(ख) बादलों की गरज से
(ग) वर्षा के कारण
(घ) नाचते मोरों से
उत्तर – (ग) वर्षा के कारण
8. तालाबों में कौन से जीव प्रसन्न हो रहे हैं?
(क) पशु
(ख) जलचर
(ग) पक्षी
(घ) कीड़े
उत्तर – (ख) जलचर
9. “मालिनें गीत गा रही हैं” – यह दृश्य किस ऋतु से जुड़ा है?
(क) ग्रीष्म
(ख) शिशिर
(ग) वर्षा
(घ) हेमंत
उत्तर – (ग) वर्षा
10. “कतार बाँधे हंस चल रहे हैं” – यहाँ हंस किसका प्रतीक है?
(क) नदियों का
(ख) बादलों का
(ग) फूलों का
(घ) खेतों का
उत्तर – (ख) बादलों का
11. कविता में किस फूल का वर्णन है?
(क) कमल
(ख) सूरजमुखी
(ग) गुलाब
(घ) गेंदा
उत्तर – (ग) गुलाब
12. कविता का मुख्य विषय क्या है?
(क) गर्मी की परेशानी
(ख) वर्षा ऋतु की सुंदरता
(ग) खेतों की हालत
(घ) पशु-पक्षी
उत्तर – (ख) वर्षा ऋतु की सुंदरता
13. कवि के अनुसार किसकी ‘छटा अनूठी’ है?
(क) बिजली
(ख) झील
(ग) आकाश
(घ) फूल
उत्तर – (ग) आकाश
14. ‘गरज रहे हैं’ का तात्पर्य है –
(क) हँस रहे हैं
(ख) बोल रहे हैं
(ग) गा रहे हैं
(घ) तेज आवाज के साथ गूंज रहे हैं
उत्तर – (घ) तेज आवाज के साथ गूंज रहे हैं
15. कविता में कौन-सा पशु नहीं है?
(क) मोर
(ख) मेंढक
(ग) गाय
(घ) पपीहा
उत्तर – (ग) गाय
16. ‘सुगीत प्यारे’ किसके लिए कहा गया है?
(क) मोर के गीत
(ख) मेंढक की आवाज
(ग) मालिनों के गीत
(घ) हवा की सीटी
उत्तर – (ख) मेंढक की आवाज
17. ‘गाते हैं गीत कैसे’ — वाक्य का प्रकार है-
(क) प्रश्नवाचक
(ख) विधानवाचक
(ग) विस्मयादिबोधक
(घ) आज्ञावाचक
उत्तर- (क) प्रश्नवाचक
18. ‘किसान’ किस भावना से गीत गा रहे हैं?
(क) गुस्से से
(ख) दुख से
(ग) प्रसन्नता से
(घ) डर से
उत्तर- (ग) प्रसन्नता से
19. ‘तालों में जीव जलचर’ — ‘जलचर’ का तात्पर्य है-
(क) पानी में रहने वाले जीव
(ख) जंगल के जीव
(ग) आकाश के पक्षी
(घ) भूमिगत प्राणी
उत्तर- (क) पानी में रहने वाले जीव
20. ‘मनहर’ शब्द का अर्थ क्या है?
(क) मन को दुख देने वाला
(ख) मन को आकर्षित करने वाला
(ग) मन को डराने वाला
(घ) मन को शांत करने वाला
उत्तर- (ख) मन को आकर्षित करने वाला
Varsha Bahar Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)
1. कवि ने बादलों की कतार की तुलना हंसों से क्यों की है?
उत्तर- क्योंकि बादल एक सीधी लाइन में उड़ते हुए सुंदर हंसों जैसे लग रहे हैं।
2. ‘मालिनें गीत गा रही हैं’ — इस दृश्य से कौन-सी भावना प्रकट होती है?
उत्तर– इससे खुशी और आनंद की भावना प्रकट होती है।
3. वर्षा ऋतु की ‘अनूठी छटा’ से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर– कवि कहना चाहते हैं कि वर्षा ऋतु में जो सुंदरता दिखाई देती है, वह बहुत ही अलग और खास होती है।
4. तालाबों में रहने वाले जलचर क्यों प्रसन्न हैं?
उत्तर- क्योंकि वर्षा से तालाबों में बहुत सारा पानी भर गया है, जिससे वे आराम से रह सकते हैं।
5. पपीहे क्यों उड़ते-फिरते दिखाई देते हैं?
उत्तर– क्योंकि वे वर्षा ऋतु में बहुत खुश होते हैं और अपनी आवाज़ में कूकते हैं।
6. इस कविता में वर्षा ऋतु के कौन-कौन से दृश्य विशेष रूप से चित्रित किए गए हैं?
उत्तर– बिजली चमकना, बादल गरजना, मोर नाचना, मेंढक गाना, पपीहे उड़ना, फूल खिलना।
7. कविता के अनुसार, वर्षा ऋतु में प्रकृति किस प्रकार उल्लास से भर जाती है?
उत्तर- प्रकृति में ठंडी हवा, हरे-भरे पेड़, नाचते मोर दिखाई देते हैं, जिससे सब बहुत खुश होते हैं।
8. वर्षा ऋतु में किसान सबसे अधिक क्यों खुश होते हैं?
उत्तर– क्योंकि बारिश से उनके खेतों में फसल अच्छी होती है और अनाज उगाने में सहायक है।
9. कविता पढ़कर आपको वर्षा ऋतु की कौन-सी बात सबसे अच्छी लगी? क्यों?
उत्तर– मोरों का नाचना सबसे अच्छा लगा क्योंकि वो बहुत रंग-बिरंगे और सुंदर लगते हैं।
10. ‘वर्षा-बहार’ कविता किसके द्वारा रचित है?
उत्तर– ‘वर्षा-बहार’ कविता मुकुटधर पांडेय द्वारा रचित है।