CBSE Class 7 Hindi Chapter 10 Meera ke Pad (मीरा के पद) Question Answers (Important) from Malhar Book

Class 7 Hindi Meera ke Pad Question Answers and NCERT Solutions– Looking for Meera ke Pad answers for CBSE Class 7 Hindi Malhar Book Chapter 10? Look no further! Our comprehensive compilation of important question answers will help you brush up on your subject knowledge.

सीबीएसई कक्षा 7 हिंदी मल्हार के पाठ 10 मीरा के पद प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 7 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे मीरा के पद प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract-based questions, multiple choice questions, short answer and long answer questions.

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

Related: 

 

Meera ke Pad Chapter 10 NCERT Solutions

 

पाठ से

आइए, अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करें। आगे दी गई गतिविधियां इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा हैं? उसके सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

Meera ke Pad QNA Img 1

प्रश्न 1 – “बसो मेरे नैनन में नंदलाल” पद में मीरा किनसे विनती कर रही हैं ?

  • संतों से
  • भक्तों से
  • वैजंती से
  • श्रीकृष्ण से
  • उत्तर – श्रीकृष्ण से(★) 

प्रश्न 2 – “बसो मेरे नैनन में नंदलाल ” पद का मुख्य विषय क्या है?

  • प्रेम और भक्ति
  • प्रकृति की सुंदरता
  • युद्ध और शांति
  • ज्ञान और शिक्षा
  • उत्तर – प्रेम और भक्ति(★) 

Meera ke Pad QNA Img 2

प्रश्न 3 – “बरसे बदरिया सावन की ” पद में कौन-सी ऋतु का वर्णन किया गया है ?

  • सर्दी
  • गरमी
  • वर्षा
  • वसंत
  • उत्तर – वर्षा(★)

 

प्रश्न 4 – “बरसे बदरिया सावन की” पद को पढ़कर ऐसा लगता है, जैसे मीरा-

  • प्रसन्न हैं।
  • दुखी हैं।
  • उदास हैं।
  • चिंतित हैं।
  • उत्तर – प्रसन्न हैं।(★) 

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग- अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर – पहले प्रश्न के उचित विकल्प के रूप में मैंने चौथे विकल्प को चुना है क्योंकि मेरे अनुसार यही सही विकल्प है क्योंकि मीरा श्रीकृष्ण से अपने नैनों में बसने का निवेदन कर रही हैं।
दूसरे प्रश्न के लिए मैंने पहले विकल्प को चुना है। क्योंकि मीराबाई ने श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति प्रकट की है, जो पाठ में आए प्रथम पद में भी झलकती है।
तीसरे प्रश्न का उचित विकल्प मैंने वर्षा के रूप में चुना है। क्योंकि सावन के मौसम में अत्यधिक वर्षा होती है।
मैने चौथे प्रश्न का पहला विकल्प इसलिए चुना है। क्योंकि पाठ में दिए दूसरे पद में वर्षा ऋतु के आने पर मीराबाई के मन में श्रीकृष्ण के आने का आभास होने के कारण वे प्रसन्न हो जाती है। 

 

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

शब्द अर्थ/संदर्भ
1. नंदलाल 1. पर्वत को धारण करने वाले, श्रीकृष्ण
2. वैजंती माल 2. श्रावण का महीना, आषाढ़ के बाद का और भाद्रपद के पहले का महीना
3. सावन 3. वैजयंती पौधे के बीजों से बनने वाली माला
4. गिरधर 4. नंद के पुत्र, श्रीकृष्ण

उत्तर –

शब्द अर्थ/संदर्भ
1. नंदलाल 4. नंद के पुत्र, श्रीकृष्ण 
2. वैजंती माल 3. वैजयंती पौधे के बीजों से बनने वाली माला
3. सावन 2. श्रावण का महीना, आषाढ़ के बाद का और भाद्रपद के पहले का महीना
4. गिरधर 1. पर्वत को धारण करने वाले, श्रीकृष्ण

 

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए |

(क) “नन्हीं नन्हीं बूँदन मेहा बरसे, शीतल पवन सोहावन की।।”
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति द्वारा वर्षा की छोटी-छोटी बूंदों और शीतल हवा के माध्यम से मीराबाई की मनोस्थिति व्यक्त की गई है। जिस प्रकार वर्षा की छोटी-छोटी बूंदों और शीतल हवा से धरती पुलकित हो उठती है, उसी प्रकार मीराबाई का मन भी प्रभु श्रीकृष्ण से मिलने की आशा में पुलकित हो उठता है।

(ख) “मीरा के प्रभु संतन सुखदाई, भक्त वछल गोपाल।।”
उत्तर – उपरोक्त पंक्ति में मीराबाई अपने आराध्य श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान कर रही हैं। मीरा कहती हैं कि जो संतों को सुख देने वाले और भक्तों के प्रति स्नेह रखने वाले हैं, ऐसे गोपाल (गौओं के रक्षक) अर्थात श्री कृष्ण ही उनके आराध्य हैं।

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-

(क) पहले पद में श्रीकृष्ण के बारे में क्या-क्या बताया गया है?Meera ke Pad QNA Img 3
उत्तर – पहले पद में मीराबाई श्रीकृष्ण के मनमोहक रूप का वर्णन कर रही हैं। मीरा श्रीकृष्ण से निवेदन करती हैं कि श्री कृष्ण उनकी आँखों में बस जाए। मीरा ने श्रीकृष्ण के आकर्षक सौंदर्य का वर्णन नहीं किया हैं। जिसमें श्री कृष्ण की साँवली सूरत और बड़ी-बड़ी आँखों वाली आकृति, होठों पर अमृत रस बरसाने वाली बाँसुरी, उनके उनके हृदय पर वैजंती माला, कमर पर छोटी-छोटी घंटियों वाली करधनी, उनके पैरों में बंधी पायल का अद्भुत वर्णन किया हैं। मीरा श्रीकृष्ण को संतों को सुख देने वाले और भक्तों के प्रति स्नेह रखने वाले हैं व् अपने आराध्य मानती हैं।

(ख) दूसरे पद में सावन के बारे में क्या-क्या बताया गया है?
उत्तर – दूसरे पद में अत्यंत मनमोहक, आनंददायक और भावनात्मक रूप से सावन को चित्रित किया गया है। मीराबाई ने वर्णन किया है कि उन्हें किस तरह सावन में श्रीकृष्ण के अगमन का संकेत मिलता है। मीराबाई कहती हैं कि सावन की सुंदर -सुहावनी घटाएँ मीरा के मन को उमंग से भर देता है, और उसी वर्षा की ध्वनि में मीरा को उनके प्रभु श्रीकृष्ण के आगमन का आभास होता है। छोटी-छोटी बूंदें जब बादलों से बरसती हैं, तो ठंडी-ठंडी शीतल हवा से मन आनंदित हो उठता है। मीरा इस सावन के मौसम में अपने प्रिय गिरधर गोपाल को याद करती हुई, आनंद और भक्ति में मग्न होकर प्रभु के मंगल गीत गाने लगती हैं।

कविता की रचना

“मीरा के प्रभु संतन सुखदाई”
“मीरा के प्रभु गिरधरनागर”

इन दोनों पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। इन पंक्तियों में मीरा ने अपने नाम का उल्लेख किया है। मीरा के समय के अनेक कवि अपनी रचना के अंत में अपने नाम को सम्मिलित कर दिया करते थे। आज भी कुछ कवि अपना नाम कविता में जोड़ देते हैं।

आप ध्यान देंगे तो इस कविता में आपको ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी। (जैसे—- कविता में छोटी-छोटी पंक्तियाँ हैं। श्रीकृष्ण के लिए अलग-अलग नामों का प्रयोग किया गया है आदि।)

(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पाठ की विशेषताओं की सूची बनाइए।
उत्तर – पद में लघु पंक्तियों का प्रयोग हुआ है जिसके कारण लय और संगीतात्मकता है।
पद में देशज और लोकभाषा के शब्दों का प्रयोग किया गया है।
पदों की पंक्तियाँ का समापन तुकांत शब्दों से हुआ हैं।
अलंकारों का प्रयोग किया गया है।

अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) मान लीजिए कि बादलों ने मीरा को श्रीकृष्ण के आने का संदेश सुनाया है। आपको क्या लगता है कि उन्होंने क्या कहा होगा? कैसे कहा होगा?
उत्तर – बादलों ने अपनी गड़गड़ाहट की ध्वनि के साथ मीरा को श्रीकृष्ण के आने का संदेश इस प्रकार दिया होगा। उन्होंने कहा होगा कि – मीरा, हम तुम्हें तुम्हारे आराध्य प्रभु श्री कृष्ण के आने का सन्देश देने आए हैं। वे बस थोड़ी देर में आ जाएँगे। हमारे द्वारा बरसाई गई बूँदें तुम्हारे मन- मंदिर में उमंग की किरण बनकर तुम्हें पुलकित करने आई हैं। मीरा, तुम अपने आराध्य के स्वागत के लिए अपने द्वार सजा लो क्योंकि तुम्हारे प्रभु अब अधिक दूर नहीं हैं।

(ख) यदि आपको मीरा से बातचीत करने का अवसर मिल जाए तो आप उनसे क्या-क्या कहेंगे और क्या-क्या पूछेंगे?
उत्तर – यदि मुझे मीरा से बातचीत करने का अवसर मिला तो मैं मीरा से कहूँगी कि आपके पदों को गाकर या सुनकर हम सभी का मन वर्तमान युग में भी श्री कृष्ण के प्रति मंत्रमुग्ध हो उठता है। आपकी भक्ति हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। आपने भक्ति को निर्भयता दी, कृष्ण – प्रेम को गहराई प्रदान की तथा आत्मा को ईश्वर से जोड़ने का प्रयास किया।
मैं उनसे निम्नलिखित प्रश्न पूछँगी –
आपके लिए भक्ति का क्या अर्थ है ?
आप कविताएँ या पद सोचकर लिखती थीं ?
श्रीकृष्ण के प्रति उनका भाव कैसे प्रकट हुआ?
क्या उनको कभी श्रीकृष्ण के प्रत्यक्ष दर्शन हुए?
क्या हमने जो कथाएँ सुनी हैं वे सब सच हैं?
क्या उनको लगता है कि आज का व्यक्ति भी उनकी तरह प्रभु-भक्ति में लीन हो सकता है?

शब्दों के रूप

अगले पृष्ठ पर शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।

(क) “मोहनि मूरति साँवरि सूरति, नैना बने विशाल।”
इस पंक्ति में ‘साँवरि’ शब्द आया है। इसके स्थान पर अधिकतर ‘साँवली’ शब्द का प्रयोग किया जाता है। इस पद में ऐसे कुछ और शब्द हैं, जिन्हें आप कुछ अलग रूप में लिखते और बोलते होंगे। नीचे ऐसे ही कुछ अन्य शब्द दिए गए हैं। इन्हें आप जिस रूप में बोलते -लिखते हैं, उस तरह से लिखिए।
नैनन ________________
सोभित ________________
भक्त वछल ______________
बदरिया _______________
मेरो मनवा _______________
आवन __________________
दिश __________________
मेहा ___________________
उत्तर –
नैनन – नेत्र, नयन, आँख
मेरा मनवा – मेरा मन
सोभित – शोभित
आवन – आना
भक्त वछल – भक्त वत्सल, भक्तों से प्रेम करने वाले
दिश – दिशा
बदरिया – बादल
मेहा – मेघ

शब्द से जुड़े शब्द
नीचे दिए गए स्थानों में श्रीकृष्ण से जुड़े शब्द पाठ में से चुनकर लिखिए-

Meera ke Pad QNA Img 4

उत्तर –

Meera ke Pad QNA Img 5
पंक्ति से पंक्ति
नीचे स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलती-जुलती पंक्तियों को रेखा खींचकर मिलाइए-

स्तंभ 1 स्तंभ 2
1. अधर सुधा रस मुरली राजति, उर वैजंती माल 1. चारों दिशाओं से बादल उमड़-घुमड़ कर बरस रहे हैं, बिजली चमक रही है, वर्षा की झड़ी लग गई है।
2. क्षुद्र घंटिका कटितट सोभित, नूपुर शब्द रसाल 2. होंठों पर सुरीली धुनों से भरी हुई बाँसुरी और सीने पर वैजयंती माला सजी हुई है।
3. मीरा के प्रभु संतन सुखदाई, भक्त वछल गोपाल 3. सावन के महीने में मेरे मन में बहुत-सी उमंगें उठ रही हैं, क्योंकि मैंने श्रीकृष्ण के आने की चर्चा सुनी है।
4. सावन में उमग्यो मेरो मनवा, भनक सुनी हरि आवन की 4. हे मीरा के प्रभु! तुम संतों को सुख देने वाले हो और अपने भक्तों से स्नेह करने वाले हो ।
5. उमड़ घुमड़ चहुँ दिश से आया, दामिन दमकै झर लावन की 5. कमर पर छोटी-छोटी घंटियाँ सजी हुई हैं और पैरों में बँधे हुए नूपुर मीठी आवाज में बोल रहे हैं।

उत्तर –

स्तंभ 1 स्तंभ 2
1. अधर सुधा रस मुरली राजति, उर वैजंती माल 2. होंठों पर सुरीली धुनों से भरी हुई बाँसुरी और सीने पर वैजयंती माला सजी हुई है।
2. क्षुद्र घंटिका कटितट सोभित, नूपुर शब्द रसाल 5. कमर पर छोटी-छोटी घंटियाँ सजी हुई हैं और पैरों में बँधे हुए नूपुर मीठी आवाज में बोल रहे हैं।
3. मीरा के प्रभु संतन सुखदाई, भक्त वछल गोपाल 4. हे मीरा के प्रभु! तुम संतों को सुख देने वाले हो और अपने भक्तों से स्नेह करने वाले हो ।
4. सावन में उमग्यो मेरो मनवा, भनक सुनी हरि आवन की 3. सावन के महीने में मेरे मन में बहुत-सी उमंगें उठ रही हैं, क्योंकि मैंने श्रीकृष्ण के आने की चर्चा सुनी है।
5. उमड़ घुमड़ चहुँ दिश से आया, दामिन दमकै झर लावन की 1. चारों दिशाओं से बादल उमड़-घुमड़ कर बरस रहे हैं, बिजली चमक रही है, वर्षा की झड़ी लग गई है

 

कविता का सौंदर्य

बरसे बदरिया सावन की । ”
इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। क्या आपको कोई विशेष बात दिखाई दी ?
इस पंक्ति में ‘बरसे’ और ‘बदरिया’ दोनों शब्द साथ-साथ आए हैं और दोनों ‘ब’ वर्ण से शुरू हो रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो इस पंक्ति में ‘ब’ वर्ण की आवृत्ति हो रही है। इस कारण यह पंक्ति और भी अधिक सुंदर बन गई है। पाठ में से इस प्रकार के अन्य उदाहरण ढूँढकर लिखिए।

उत्तर – पाठ में आए ऐसे अन्य उदाहरण-
मोहनि मूरति साँवरि सूरति
मीरा के प्रभु संतन सुखदाई
सावन में उमग्यो मेरो मनवा
दामिन दम कै झर लावन की
नन्हीं नन्हीं बूँदन मेहा बरसे

रूप बदलकर
पाठ के किसी एक पद को एक अनुच्छेद के रूप में लिखिए। उदाहरण के लिए ‘सावन के बादल बरस रहे हैं..’ या ‘सावन की बदरिया बरसती है…’ आदि।

उत्तर – सावन के बादल गरजकर बरसते हैं। सावन का मौसम मन को लुभाने वाला होता है।सावन की ऋतु मन को अत्यंत प्रसन्न करने वाली होती है। सावन में वर्षा ऋतु का दृश्य मीरा के मन को उमंग से भर देता है, और उसी वर्षा की ध्वनि में मीरा को उनके प्रभु श्रीकृष्ण के आगमन का आभास होता है। कहने का आशय यह है कि बादलों की गरज और बूँदों की रिमझिम में मीरा को श्रीकृष्ण के आने की आहट सुनाई देती है। सावन चारों दिशाओं से गरजता बरसता हुआ आता है, साथ ही बिजली की चमक (दामिन) और बूँदों की झड़ी को भी साथ लता है। जो मीरा के मन में प्रभु की उपस्थिति का संकेत देती हैं। छोटी-छोटी बूंदें जब बादलों से बरसती हैं, तो ठंडी-ठंडी शीतल हवा से मन आनंदित हो उठता है। मीरा इस सावन के मौसम में अपने प्रिय गिरधर गोपाल को याद करती हुई, आनंद और भक्ति में मग्न होकर प्रभु के मंगल गीत गाने लगती हैं।

मुहावरे
“बसो मेरे नैनन में नंदलाला ”Meera ke Pad QNA Img 6
नैनों या आँखों में बस जाना एक मुहावरा है, जब हमें कोई व्यक्ति या वस्तु इतनी अधिक प्रिय लगने लगती है कि उसका ध्यान हर समय मन में बना रहने लगता है तब हम इस मुहावरे का प्रयोग करते हैं, जैसे- उसकी छवि मेरी आँखों में बस गई है। ऐसा ही एक अन्य मुहावरा है— आँखों में घर करना।
नीचे आँखों से जुड़े कुछ और मुहावरे दिए गए हैं। अपने परिजनों, साथियों, शिक्षकों, पुस्तकालय और इंटरनेट की सहायता से इनके अर्थ समझिए और इनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

1. आँखों का तारा
2. आँखों पर पर्दा पड़ना
3. आँखों के आगे अँधेरा छाना
4. आँख दिखाना
5. आँख का काँटा
6. आँखें फेरना
7. आँख भर आना
8. आँखें चुराना
9. आँखों से उतारना
10. आँखों में खटकना

उत्तर –
आँखों का तारा – बहुत प्यारा
वाक्य – बच्चे अपने माता-पिता की आँखों का तारा होते है।

आँखों पर पर्दा पड़ना – सच्चाई या वास्तविकता न दिखना
वाक्य – चतुर लोग झूठे वादों करके लोगों की आँखों पर पर्दा डाल लेते हैं।

आँखों के आगे अँधेरा छाना – विपत्ति या दुख के समय घोर निराशा
वाक्य – पिता की मृत्यु पर राहुल की आँखों के आगे अँधेरा छा गया।

आँख दिखाना – क्रोध करना
वाक्य – किसी को उधार देने पर पर वापिस माँगा जाए तो वह आँख दिखा देता है।

आँख का काँटा – बहुत खटकरना या अप्रिय लगना
वाक्य – बुरे कर्मों के कारण अमित सभी की आँख का काँटा बना हुआ है।

आँखें फेरना – पहले जैसा व्यवहार न करना या उपेक्षा करना
वाक्य – कठिन समय में किसी से मदद माँगने जाओं, तो सभी आँख फेर लेते हैं।

आँख भर आना – आँखों में आँसू आंना
वाक्य – अपनी प्रिय शिक्षिका के रिटायर होने पर हमारी आँख भर आईं।

आँखें चुराना – नज़रे बचाना, कतराना
वाक्य – झूठ बोले के बाद सीता अपनी माँ से आँखें चुराती हुई बाहर चली गई।

आँखों से उतरना – किसी का पहले जैसा मान-सम्मान न रह जाना
वाक्य – हमारे मोहल्ले के नेता जी सभी के आदर्श थे, परन्तु झूठे वादे करने के कारण वे सबकी आँखों से उतर गए।

आँखों में खटकना – किसी का अप्रिय लगना
वाक्य – जब से मीरा ने अपने परिवार की झूठी धौंस दिखानी शुरू की है वह सबकी आँखों में खटक रही है।

पाठ से आगे

आपकी बात
(क) “बरसे बदरिया सावन की “
1. इस पद में सावन का सुंदर चित्रण किया गया है। जब आपके गाँव या नगर में सावन आता है तो मौसम में क्या परिवर्तन आते हैं? वर्णन कीजिए।
2. सावन की ऋतु में किस-किस प्रकार की ध्वनियाँ सुनाई देती हैं? इन ध्वनियों को सुनकर आपके मन में कौन-कौन सी भावनाएँ उठती हैं? आप कैसा अनुभव करते हैं? अपने अनुभवों के आधार पर बताइए। (उदाहरण के लिए — बिजली के कड़कने या बूँदों के टपकने की ध्वनियाँ।)
3. वर्षा ऋतु में आपको कौन-कौन सी गतिविधियाँ करने या खेल खेलने में आनंद आता है?
4. सावन के महीने में हमारे देश में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। आपके घर, परिसर या गाँव में सावन में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं? किसी एक के विषय में अपने अनुभव बताइए।

उत्तर –
1. जब हमारे गाँव में सावन आता है तो मौसम में निम्नलिखित परिवर्तन आते हैं –
ठंडी-ठंडी हवा बहती है और गरमी से सभी को राहत का अनुभव होता हैं।
बारिश की छोटी-मोती बूँदों के ज़मीन पूरी तरह गीली हो जाती है।
चारों ओर हरियाली छा जाती है।
पेड़-पौधों को मानो नया जीवन मिल जाता है।
नदियों में पानी बहुत ऊपर तक भर जाता हैं।

2. सावन की ऋतु में निम्नलिखित ध्वनियाँ सुनाई पड़ती हैं –
जैसे – बिजली का कड़कना, बूँदों का टपकना, बादलों की गड़गड़ाहट, पत्तों की सरसराहट, मेंढकों की टर्र-टर्र, झींगुरों की झुन-झुन, पक्षियों का चहचहाना आदि। इन ध्वनियों को सुनकर हमारा मन प्रसन्न हो जाता है। कभी-कभी अत्यधिक वर्षा मन में भय उत्पन्न भी करती है।

3.वर्षा ऋतु में मुझे निम्नलिखित गतिविधियाँ करने या खेल खेलने में आनंद आता है-
बारिश में नहाना
बारिश के पानी में कागज़ की नावें तैराना
खिड़की के पास बैठकर संगीत सुनना
चाय पकौड़ों का आनंद लेना आदि ।

4. सावन के महीने में मेरे घर, परिसर या गाँव में कई त्योहार मनाए जाते हैं; जैसे – हरियाली तीज, रक्षाबंधन, नाग पंचमी, कृष्ण जन्माष्टमी आदि। कृष्ण जन्माष्टमी त्योहार मुझे सबसे प्रिय है। इस दिन श्री कृष्ण के प्रिय भोजन बनते हैं और हाँ सभी मिलकर श्री कृष्ण मंदिर भी जाते हैं।

 

विशेषताएँ

मोहनि मूरति साँवरि सूरति, नैना बने विशाला “Meera ke Pad QNA Img 7

(क) इस पंक्ति में कवयित्री ने श्रीकृष्ण की मोहनी मूरत, साँवरी सूरत और विशाल नैनों की बात की है। आपको श्रीकृष्ण की कौन-कौन सी बातों ने सबसे अधिक आकर्षित किया ?
उत्तर – मुझे श्रीकृष्ण की जिन बातों ने सबसे अधिक आकर्षित किया, वे हैं – उनके होंठों पर सुशोभित अमृत रस बरसाने वाली मुरली, हृदय पर सजी वैजयंती फूलो की माला, उनके पैरों की पायल की ध्वनि तथा संतों को सुख देने एवं अपने भक्तों को स्नेह प्रदान करने वाले उनका विशाल हृदय।

(ख) किसी व्यक्ति या वस्तु का कौन-सा गुण आपको सबसे अधिक आकर्षित करता है? क्यों? अपनी जीवन से जुड़े किसी व्यक्ति या वस्तु के उदाहरण से बताइए।
उत्तर – किसी व्यक्ति की सच्चाई, अपनापन, संवेदनशीलता जैसे गुण सबसे अधिक आकर्षित करने वाले होते हैं। मेरे जीवन में मेरे पिता जी व् माता जी ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे मैं कदम-कदम पर प्रभावित होती हूँ।

(ग) हम सबकी कुछ विशेषताएँ बाह्य तो कुछ आंतरिक होती हैं। बाह्य विशेषताएँ तो हमें दिखाई दे जाती हैं, लेकिन आंतरिक विशेषताएँ व्यक्ति के व्यवहार से पता चलती हैं। आप अपनी दोनों प्रकार की विशेषताओं के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर – मेरे अनुसार मेरे आंतरिक व् बाह्य स्वभाव की निम्नलिखित विशेषताएं हैं –
आंतरिक स्वभाव – जिज्ञासु, ईमानदार, संवेदनशील, मेहनती आदि।
बाह्य स्वभाव – मृदुभाषी, हँसमुख होना, उत्साह बनाए रखने वाला आदि ।

मधुर ध्वनियाँ
“अधर सुधा रस मुरली राजति, उर वैजंती माल॥
क्षुद्र घंटिका कटितट सोभित, नूपुर शब्द रसाल॥”
इन पंक्तियों में तीन ऐसी वस्तुओं के नाम आए हैं, जिनसे मधुर ध्वनियाँ उत्पन्न होती हैं। उन वस्तुओं के नाम पहचानिए और उनके नीचे रेखा खींचिए ।
उत्तर –
“अधर सुधा रस मुरली राजति, उर वैजंती माल॥
क्षुद्र घंटिका कटितट सोभित, नूपुर शब्द रसाल॥”

Meera ke Pad QNA Img 8

आगे मधुर ध्वनियाँ उत्पन्न करने वाले कुछ वाद्ययंत्रों के विषय में पहेलियाँ दी गई हैं। इन्हें पहचानकर सही चित्रों के साथ रेखा खींचकर मिलाइए-

Meera ke Pad QNA Img 9

Meera ke Pad QNA Img 10

उत्तर –

Meera ke Pad QNA Img 11

आज की पहेली
पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इनकी अंतिम ध्वनि से मिलती-जुलती ध्वनि वाले शब्द वर्ग में से खोजिए और लिखिए

घु
सू गो
पा
सो भि ति

 

शब्द समान ध्वनि वाले शब्द
1. मूरति सूरति
2. सावन
3. उमड़
4. नागर
5. नंदलाल

उत्तर – 

शब्द समान ध्वनि वाले शब्द
1. मूरति सूरति
2. सावन आवन 
3. उमड़ घुमड़
4. नागर नगर 
5. नंदलाल गोपाल 

 

Class 7 Hindi Meera ke Pad – Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)

 

पाठ पर आधारित पठित पद्यांश (मीरा के पद) –

(1)
बसो मेरे नैनन में नंदलाल ।
मोहन मूरति साँवरि सूरति, नैना बने विशाल ॥
अधर सुधा रस मुरली राजति, उर वैजंती माल ॥
क्षुद्र घंटिका कटितट सोभित, नूपुर शब्द रसाल ॥
मीरा के प्रभु संतन सुखदाई, भक्त वछल गोपाल ॥

प्रश्न 1 – पद्यांश में नंदलाल किसे कहा गया है?
(क) नन्द बाबा को
(ख) नन्द के वस्त्र को
(ग) श्रीकृष्ण को
(घ) नन्द के भाई को
उत्तर – (ग) श्रीकृष्ण को

प्रश्न 2 – ‘मोहन मूरति साँवरि सूरति’ किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(क) श्री कृष्ण के लिए
(ख) श्री कृष्ण की मूर्ति के लिए
(ग) श्री कृष्ण के वस्त्रों के लिए
(घ) श्री कृष्ण के रंग के लिए
उत्तर – (क) श्री कृष्ण के लिए

प्रश्न 3 – ‘संतन सुखदाई’ का क्या अर्थ है?
(क) संतान का सुख देने वाले
(ख) संतों को सुख देने वाले
(ग) संतान को सुख देने वाला
(घ) संतों को दुःख देने वाला
उत्तर – (ख) संतों को सुख देने वाले

प्रश्न 4 – ‘भक्त वछल’ का क्या अर्थ है?
(क) भक्तों के साथ छल करने वाले
(ख) भक्तों को लालच देने वाले
(ग) भक्तों से प्रेम करने वाले
(घ) भक्तों से प्रेम छीनने वाले
उत्तर – (ग) भक्तों से प्रेम करने वाले

प्रश्न 5 – पद्यांश में किसका वर्णन किया गया है?
(क) श्रीकृष्ण के मनमोहक रूप का
(ख) श्रीकृष्ण के निच्छल होने का
(ग) श्रीकृष्ण के दुर्लभ आकार का
(घ) श्रीकृष्ण की बाल लीला का
उत्तर – (क) श्रीकृष्ण के मनमोहक रूप का

(2)
बरसे बदरिया सावन की, सावन की मन भावन की।
सावन में उमग्यो मेरो मनवा, भनक सुनी हरि आवन की ॥
उमड़ घुमड़ चहुँ दिश से आया, दामिन दम कै झर लावन की।
नन्हीं नन्हीं बूँदन मेहा बरसे, शीतल पवन सोहावन की ॥
मीरा के प्रभु गिरधरनागर, आनंद मंगल गावन की ॥

प्रश्न 1 – प्रस्तुत पद्यांश में किसका वर्णन किया गया है?
(क) श्री कृष्ण का
(ख) मीरा की भक्ति का
(ग) सावन के सौंदर्य का
(घ) बादल की गड़गड़ाहट का
उत्तर – (ग) सावन के सौंदर्य का

प्रश्न 2 – उमड़ घुमड़ का क्या अर्थ है?
(क) बादलों की गरजने और मँडराने की गूँज
(ख) सावन की गरजने और मँडराने की गूँज
(ग) बिजली की गरजने और मँडराने की गूँज
(घ) वर्षा की गरजने और मँडराने की गूँज
उत्तर – (क) बादलों की गरजने और मँडराने की गूँज

प्रश्न 3 – सावन में वर्षा की ध्वनि से मीरा को किसका आभास होता है?
(क) सावन के आगमन का
(ख) उनके सुखों के आगमन का
(ग) उनके प्रभु श्रीकृष्ण के आगमन का
(घ) उनके प्रभु श्रीनारायण के आगमन का
उत्तर – (ग) उनके प्रभु श्रीकृष्ण के आगमन का

प्रश्न 4 – सावन कहाँ से गरजता बरसता हुआ आता है?
(क) आसमान से
(ख) चारों दिशाओं से
(ग) ऋतुओं के मध्य से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) चारों दिशाओं से

प्रश्न 5 – मीरा इस सावन के मौसम में क्या करती है?
(क) आनंद और भक्ति में मग्न होकर प्रभु के मंगल गीत गाने लगती हैं
(ख) अपने प्रिय गिरधर गोपाल को याद करती हुई
(ग) केवल (क)
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों

 

Class 7 Hindi Malhar Lesson 10 Meera ke Pad Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)

प्रश्न 1 – पाठ में प्रस्तुत पद किसके द्वारा लिखे गए हैं?
(क) कबीर के
(ख) मीरा के
(ग) सूरदास के
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) मीरा के

प्रश्न 2 – ‘मीरा के पद’ पाठ में कितने पद हैं ?
(क) केवल एक
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) दो
उत्तर – (घ) दो

प्रश्न 3 – ‘बसो मेरे नैनन में नंदलाल’ आँखों में किसको बसने का निवेदन किया जा रहा है?
(क) नन्द बाबा को
(ख) मीरा को
(ग) श्रीकृष्ण को
(घ) अपने प्रिय को
उत्तर – (ग) श्रीकृष्ण को

प्रश्न 4 – पद में नंदलाल किसे कहा गया है?
(क) नन्द बाबा को
(ख) नन्द के वस्त्र को
(ग) श्रीकृष्ण को
(घ) नन्द के भाई को
उत्तर – (ग) श्रीकृष्ण को

प्रश्न 5 – ‘मोहन मूरति साँवरि सूरति’ किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(क) श्री कृष्ण के लिए
(ख) श्री कृष्ण की मूर्ति के लिए
(ग) श्री कृष्ण के वस्त्रों के लिए
(घ) श्री कृष्ण के रंग के लिए
उत्तर – (क) श्री कृष्ण के लिए

प्रश्न 6 – श्री कृष्ण के होठों पर क्या सुशोभित रहती है?
(क) अमृत रस बरसाने वाली मुस्कान
(ख) अमृत रस बरसाने वाली बाँसुरी
(ग) अमृत रस बरसाने वाली वाणी
(घ) अमृत रस बरसाने वाली रासलीला
उत्तर – (ख) अमृत रस बरसाने वाली बाँसुरी

प्रश्न 7 – रसाल का क्या अर्थ है?
(क) रस से पूर्ण
(ख) ईर्ष्या
(ग) रस से लाल
(घ) मधुर
उत्तर – (घ) मधुर

प्रश्न 8 – ‘संतन सुखदाई’ का क्या अर्थ है?
(क) संतान का सुख देने वाले
(ख) संतों को सुख देने वाले
(ग) संतान को सुख देने वाला
(घ) संतों को दुःख देने वाला
उत्तर – (ख) संतों को सुख देने वाले

प्रश्न 9 – ‘भक्त वछल’ का क्या अर्थ है?
(क) भक्तों के साथ छल करने वाले
(ख) भक्तों को लालच देने वाले
(ग) भक्तों से प्रेम करने वाले
(घ) भक्तों से प्रेम छीनने वाले
उत्तर – (ग) भक्तों से प्रेम करने वाले

प्रश्न 10 – प्रथम पद में किसका वर्णन किया गया है?
(क) श्रीकृष्ण के मनमोहक रूप का
(ख) श्रीकृष्ण के निच्छल होने का
(ग) श्रीकृष्ण के दुर्लभ आकार का
(घ) श्रीकृष्ण की बाल लीला का
उत्तर – (क) श्रीकृष्ण के मनमोहक रूप का

प्रश्न 11 – दूसरे पद में किसका वर्णन किया गया है?
(क) श्री कृष्ण का
(ख) मीरा की भक्ति का
(ग) सावन के सौंदर्य का
(घ) बादल की गड़गड़ाहट का
उत्तर – (ग) सावन के सौंदर्य का

प्रश्न 12 – दामिन दम का क्या अर्थ है?
(क) बादलों की गरजने और मँडराने की गूँज
(ख) सावन की गरजने और मँडराने की गूँज
(ग) बिजली की चमक और उसकी आवाज़
(घ) वर्षा की गरजने और मँडराने की गूँज
उत्तर – (ग) बिजली की चमक और उसकी आवाज़

प्रश्न 13 – उमग्यो का क्या अर्थ है?
(क) किसी चीज से ऊब जाना
(ख) उमंग से भरा हुआ
(ग) ऊब कर चले जाना
(घ) उदंड
उत्तर – (ख) उमंग से भरा हुआ

प्रश्न 14 – ‘ झर लावन की’ का क्या आशय है?
(क) झरझर की ध्वनि
(ख) झरने की तरह ध्वनि
(ग) झरने की तरह गिरती वर्षा की ध्वनि
(घ) झरने की तरह गिरती बूंदें
उत्तर – (ग) झरने की तरह गिरती वर्षा की ध्वनि

प्रश्न 15 – मीरा किस तरह प्रभु के मंगल गीत गाने लगती हैं?
(क) श्री कृष्ण की याद में मग्न होकर
(ख) सावन की ऋतू में मग्न होकर
(ग) वर्षा और बादलों की आवाजों में मग्न होकर
(घ) आनंद और भक्ति में मग्न होकर
उत्तर – (घ) आनंद और भक्ति में मग्न होकर

प्रश्न 16 – सावन की ऋतु कैसी होती है?
(क) मन को अत्यंत प्रसन्न करने वाली
(ख) अतयधिक वर्षा वाली
(ग) मन को विचलित करने वाली
(घ) मन को दुखी करने वाली
उत्तर – (क) मन को अत्यंत प्रसन्न करने वाली

प्रश्न 17 – सावन के मौसम में मीरा किसको याद करती है ?
(क) वर्षा की रिमझिम बूंदों को
(ख) अपने प्रिय गिरधर गोपाल को
(ग) अपने प्रिय को
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) अपने प्रिय गिरधर गोपाल को

प्रश्न 18 – सावन में वर्षा की ध्वनि से मीरा को किसका आभास होता है?
(क) सावन के आगमन का
(ख) उनके सुखों के आगमन का
(ग) उनके प्रभु श्रीकृष्ण के आगमन का
(घ) उनके प्रभु श्रीनारायण के आगमन का
उत्तर – (ग) उनके प्रभु श्रीकृष्ण के आगमन का

प्रश्न 19 – सावन कहाँ से गरजता बरसता हुआ आता है?
(क) आसमान से
(ख) चारों दिशाओं से
(ग) ऋतुओं के मध्य से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) चारों दिशाओं से

प्रश्न 20 – मीरा इस सावन के मौसम में क्या करती है?
(क) आनंद और भक्ति में मग्न होकर प्रभु के मंगल गीत गाने लगती हैं
(ख) अपने प्रिय गिरधर गोपाल को याद करती हुई
(ग) केवल (क)
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों

 

Meera ke Pad Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)

 

प्रश्न 1 – पहले पद में मीरा ने क्या वर्णन किया है और क्या निवेदन किया है?
उत्तर – पहले पद में मीराबाई श्रीकृष्ण के मनमोहक रूप का वर्णन कर रही हैं। मीरा श्रीकृष्ण से निवेदन करती हैं कि श्री कृष्ण उनकी आँखों में बस जाए।

प्रश्न 2 – मीरा ने श्री कृष्ण के सौंदर्य का वर्णन किस प्रकार किया है ?
उत्तर – मीरा अपने आराध्य श्रीकृष्ण के आकर्षक सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहती हैं कि श्री कृष्ण की साँवली सूरत और बड़ी-बड़ी आँखों वाली आकृति मन को मोहित करने वाली है। उनके होठों पर अमृत रस बरसाने वाली बाँसुरी सुशोभित रहती है। उनके हृदय पर वैजंती माला और कमर पर छोटी-छोटी घंटियों वाली करधनी शोभा बढ़ती हैं। उनके पैरों में बंधी पायल अत्यंत मधुर ध्वनि उतपन्न करती हैं।

प्रश्न 3 – मीरा कैसे श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानती है?
उत्तर – जो संतों को सुख देने वाले और भक्तों के प्रति स्नेह रखने वाले हैं, ऐसे गोपाल (गौओं के रक्षक) अर्थात श्री कृष्ण को मीरा अपना आराध्य मानती है।

प्रश्न 4 – दूसरे पद में मीरा ने किसका वर्णन किया है और वह मीरा को क्या संकेत करता है?
उत्तर – दूसरे पद में मीराबाई ने वर्णन किया है कि उन्हें किस तरह सावन में श्रीकृष्ण के अगमन का संकेत मिलता है।

प्रश्न 5 – मुइराबाई ने सावन का वर्णन किस तरह किया है?
उत्तर – मीराबाई ने सावन का अद्धभुत वर्णन किया है। सावन में सुंदर-सुहावनी घटाएँ बरसने लगती हैं। सावन की ऋतु मन को अत्यंत प्रसन्न करने वाली होती है। सावन में वर्षा ऋतु का दृश्य मीरा के मन को उमंग से भर देता है, और उसी वर्षा की ध्वनि में मीरा को उनके प्रभु श्रीकृष्ण के आगमन का आभास होता है।

प्रश्न 6 – सावन में मीरा को प्रभु श्री कृष्ण के आने का आभास किस तरह होता है ?
उत्तर – बादलों की गरज और बूँदों की रिमझिम में मीरा को श्रीकृष्ण के आने की आहट सुनाई देती है। सावन चारों दिशाओं से गरजता बरसता हुआ आता है, साथ ही बिजली की चमक (दामिन) और बूँदों की झड़ी को भी साथ लता है। जो मीरा के मन में प्रभु की उपस्थिति का संकेत देती हैं। छोटी-छोटी बूंदें जब बादलों से बरसती हैं, तो ठंडी-ठंडी शीतल हवा से मन आनंदित हो उठता है। मीरा इस सावन के मौसम में अपने प्रिय गिरधर गोपाल को याद करती हुई, आनंद और भक्ति में मग्न होकर प्रभु के मंगल गीत गाने लगती हैं।