Class 10 Hindi Kritika Bhag-2 Chapter wise Word Meaning

 

Class 10 NCERT Hindi (Course A) Kritika Bhag-2 Chapter Wise difficult word meanings

 
 
Here, the difficult words and their meanings of all the Chapters of CBSE Class 10 Hindi (Course A) Kritika Bhag-2 Book have been compiled for the convenience of the students. This is an exhaustive list of the difficult words and meanings of all the Chapters from the NCERT Class 10 Hindi Kritika Bhag-2 Book. The difficult words’ meanings have been explained in an easy language so that every student can understand them easily.

 

CBSE Class 10 Hindi Kritika Bhag 2 (Course A) Book Word meaning (शब्दार्थ)

 

 
 

Chapter 1 – Mata ka Aanchal (माता का आँचल)

  1. संग – साथ , मिलन , मिलने की क्रिया
  2. मृदंग – एक तरह का वाद्य यंत्र
  3. बुड्ढों – वृद्ध , बुजुर्ग का संग , अधिक उम्र का
  4. तंग – जिसमें उचित व आवश्यक विस्तार का अभाव हो
  5. तड़के – सुबह के समय , सवेरे – सवेरे , भोर मे
  6. निबट – समाधान , समायोजन , निर्णय
  7. बैठक – सभा , बैठने का कमरा , चौपाल , उठने और बैठने की कसरत
  8. भभूत – वह भस्म जिसको शिव भक्त शरीर पर लगाते हैं , यज्ञ कुंड या धूनी की भस्म
  9. दिक – जिसे कष्ट पहुँचा हो , परेशान , हैरान , पीड़ित , तंग आया हुआ , अस्वस्थ , बीमार
  10. झुँझलाकर – क्रुद्ध या व्यथित होकर कोई बात कहना , खीजना , चिड़चिड़ाना , चिढ़ना , बिगड़ना
  11. लिलार – ललाट , माथा , मस्तक ,भाल
  12. त्रिपुंड – एक प्रकार का तिलक जिसमें ललाट पर तीन आड़ी या अर्धचंद्राकार रेखाएँ बनाई जाती है
  13. जटाएँ – सिर के बहुत लंबे , उलझे , आपस में चिपके या गुथे हुए बाल
  14. रमाने – लगाना
  15. निहारा – देखा
  16. लजाकर – शर्माकर
  17. रामनामा बही – सिली हुई मोटी कॉपी जो हिसाब लिखने के काम आती है
  18. पोथी – बड़ी पुस्तक , कागज़ों की गड्डी
  19. विराजमान – बैठा हुआ , आसीन , विराजित
  20. शिथिल – जो अच्छी तरह बँधा , कसा या जकड़ा हुआ न हो , ढीला , कमज़ोर , निर्बल , थका हुआ , सुस्त , धीमा , जिसमें तेज़ी या फुरती न हो , असावधान
  21. पछाड़ – कुश्ती का एक दाँव , किसी शोक के कारण बेसुध होकर ज़मीन पर गिर पड़ना , मूर्छित होना
  22. उतान – पीठ के बल लेटना
  23. बायाँ – उल्टा
  24. दाहिना – सीधा
  25. बनावटी – जिसमें तथ्य एवं वास्तविकता न हो , ऊपरी , बाहरी , दिखाऊ , नकली , कृत्रिम
  26. चौके – पत्थर का चौकोर टुकड़ा , चौकोर ज़मीन , चौकोर कटा हुआ कोई ठोस या भारी टुकड़ा , वह स्थान जहाँ भोजन तैयार किया जाता है
  27. सानकर – मिलाना , लपेटना , गूँधना
  28. अफर – भर पेट से अधिक खा लेना
  29. हठ – किसी बात के लिए अड़ना , ज़िद , किसी बात पर अड़े रहने की प्रवृत्ति
  30. कौर – रोटी का एक टुकड़ा , ग्रास , निवाला
  31. ठौर – स्थान , अवसर
  32. मरदुए – नर , पुरुष
  33. महतारी – माता
  34. काठ – वृक्ष का कोई स्थूल अंग जो कटकर सूख गया हो , लकड़ी , काष्ठ , जलाने की लकड़ी , ईंधन , लकड़ी की बेड़ी , कलंदरा
  35. चुल्लू कड़वा तेल – सरसों का तेल
  36. बोथकर – सराबोर कर लेना
  37. उबटकर – बुरा , विकट
  38. गूँथती – बनाना
  39. बाट – रास्ता
  40. जोहनेवाला – देखने वाला
  41. हमजोलियों – जो प्रायः साथ रहते हों, साथी, सखा
  42. तमाशे – कर्तब
  43. सरकंडे – एक पौधा जिसके तने में गाँठें होती हैं
  44. चँदोआ – छोटा शामियाना
  45. ठीकरों – मिट्टी के टूटे-फूटे बरतन का टुकड़ा
  46. बटखरे – तौलने के लिए कुछ निश्चित मान या तौल का पत्थर आदि का टुकड़ा ; बाट
  47. जस्ते – एक नरम धातु जो मटमैले रंग की होती है
  48. किवाड़ – दरवाजे
  49. मुँहड़े – ऊपरी हिस्सा
  50. कड़ाही – लोहे, पीतल आदि धातु का छोटे आकार का कड़ाहा
  51. आचमनी – आचमन करने का एक छोटा चम्मच
  52. ज्योनार – भोज, दावत
  53. पंगत – पाँत, पंक्ति, कता
  54. पाँत – पंक्ति
  55. जीमने – भोजन करना
  56. कनस्तर – टीन का बना हुआ चौकोर आकार का एक पात्र जिसमें घी, तेल, आटा आदि रखा जाता है, पीपा
  57. तंबूरा – सितार की तरह का तीन तारों वाला एक बाजा जो स्वर में संगति देने के लिए बजाया जाता है, तानपूरा
  58. अमोले – आम का उगता हुआ पौधा
  59. कुल्हिए – छोटा पुरवा, छोटा कुल्हड़
  60. कलसा – पानी रखने का बड़ा घड़ा, जो मिट्टी या धातु का बना होता है
  61. खटोली – छोटी चारपाई या खाट
  62. ओहार – परदे के लिए डाला हुआ कपड़ा
  63. उघारकर – ढकने या रोकने वाली वस्तु हटाना
  64. घिरनी – चरखी, गराड़ी, चक्कर, फेरा, लट्टू नामक खिलौना
  65. चुक्कड़ – कुल्हड़, पुरवा, मिट्टी का पकाया गया छोटा बरतन जिसमें चाय, पानी आदि पिया जाता है
  66. ठेंगा – अँगूठा
  67. जुआठा – गाय, बैल, भैंस आदि के मुँह पर बाँधी जाने वाली जाली
  68. कसोरे – मिट्टी से बना छिछला कटोरा
  69. रहरी – अरहर
  70. मेहरी – पत्नी, जोरू
  71. खसूट-खब्बीस – क्रूर-गंदा
  72. बरखा – बारिश
  73. अँठई – छोटे छोटे कीड़े जो प्राय: कुत्तों के बदन में चिपटे रहते है
  74. चिरौरी – दीनतापूर्वक की जाने वाली प्रार्थना, विनती
  75. मकई – मक्की
  76. ओसारे – मकानों में निर्मित बरामदा जो आँगन में या घर के बाहर खुलता हो, दालान
  77. अमनिया – शुद्ध,साफ

 

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Chapter 2 – Saana Saana Hath Jodi (साना-साना हाथ जोड़ी)

 

  1. तराई – पहाड़ के आस-पास का समतल मैदानी भू-भाग
  2. गुच्छे – समूह
  3. मेहनतकश – मेहनत करने वाला, कष्ट उठाने वाला
  4. रहस्यम यी – रहस्य पूर्ण, रहस्य से भरा
  5. सम्मोहन – मोहने या मुग्ध करने की क्रिया, वशीकरण
  6. कदर – मान, सम्मान, आदर, प्रतिष्ठा
  7. स्थगित – ठहराया या रोका हुआ
  8. अर्थहीन – निरर्थक, व्यर्थ
  9. चेतना – ज्ञान, बुद्धि, याद, स्मृति
  10. अतींद्रियता – इन्द्रियों से परे
  11. उजास – प्रकाश, उजाला
  12. साना-साना हाथ जोड़ि, गर्दहु प्रार्थना। हाम्रो जीवन तिम्रो कौसेली – छोटे-छोटे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही हूँ कि मेरा सारा जीवन अच्छाइयों को समर्पित हो
  13. कंचनजंघा – हिमालय की तीसरी सबसे बड़ी चोटी
  14. कपाट – दरवाज़े
  15. रकम-रकम – तरह-तरह
  16. बहरहाल – प्रत्येक दशा में, हर हालत में
  17. गहनतम – सबसे गहरा, सबसे घना
  18. जायजा – निरीक्षण, परख
  19. कतार – पंक्ति
  20. पताका – झंडा, ध्वजा, फरहरा
  21. श्वेत – सफेद
  22. हिचकोले – हिलना-डुलना
  23. लुभावनी – मन को भाने वाली
  24. स्मारक – मकबरा, समाधि, स्तूप, निशानी, स्मृतिचिह्न
  25. रफ़्ता-रफ़्ता – धीरे-धीरे
  26. परिदृश्य – चारों ओर दिखने वाला दृश्य
  27. ओझल – दृष्टि की सीमा से बाहर, छिपा हुआ, गायब
  28. विराट – विशाल
  29. वैभव – संपदा, समृद्धि, धन-दौलत, ऐश्वर्य
  30. काम्य – जिसकी कामना की जाए, जो कामना के योग्य हो, जो इच्छा के अनुकूल हो, कमनीय, सुंदर
  31. परिवर्तित – बदलने वाला
  32. वीरान – जिसमें बस्ती न हो, निर्जन, सुनसान, एकांत
  33. सँकरे – पतला और तंग, जिसकी चौड़ाई कम हो
  34. करिश्मे – चमत्कार
  35. शिद्दत – तीव्रता, प्रबलता, अधिकता
  36. भीमकाय – अत्यधिक विशाल
  37. सघन –  घना, गझिन, ठोस
  38. असीम –  अपार, अमित, बेहद
  39. सैलानी – सैर करने वाला, घुमक्कड़
  40. मुंडकी – सिर
  41. कौंध – चमक, आकाशीय विद्युत की चमक
  42. मशगूल – व्यस्थ
  43. आदिम – सर्वप्रथम, आदि में उत्पन्न, पहला
  44. अभिशप्त – शापित, अभियुक्त
  45. सरहदों – सीमा
  46. तामसिकताएँ – तमोगुण से युक्त, कुटिल
  47. वासनाएँ – बुरी इच्छाएँ
  48. सयानी – समझदार, चतुर
  49. जन्नत – स्वर्ग
  50. मद्धिम-मद्धिम – धीरे-धीरे
  51. चैरवेति-चैरवेति – चलते रहो-चलते रहो
  52. वज़ूद – अस्तित्व
  53. सयानी – समझदार, चतुर
  54. उद्घाटन – आवरण या परदा हटाना, खोलना, प्रकट करना
  55. जन्नत  – स्वर्ग
  56. चैरवेति-चैरवेति – चलते रहो-चलते रहो
  57. वज़ूद – अस्तित्व
  58. संपूर्णता – संपूर्ण होने की अवस्था, गुण या भाव, पूर्णता, समग्रता, अंत, समाप्ति
  59. अतींद्रिय – जिसका अनुभव इंद्रियों द्वारा न हो, अगोचर, अलौकिक
  60. तंद्रिल – तंद्रावाला, उनींदा
  61. डोको – बड़ी टोकरी
  62. अकस्मात – अचानक
  63. संजीदा – गंभीर
  64. दुसाध्य – जिसका उपाय या प्रतिकार करना बहुत कठिन हो, कठिनाई से वश में होने वाला
  65. ठाठे – हाथ पर पड़ने वाली गाठे या निशान
  66. यातना – मृत्यु के समय होने वाला कष्ट
  67. वंचना – ठगी, धोखा, जाल, फ़रेब, छल
  68. पड़ाव – डेरा, शिविर, अस्थायी ठहरने का स्थान
  69. गगनचुंबी – आसमान को छूने वाला
  70. मद्धिम-मद्धिम – धीमी, हलकी
  71. अक्षम्य – जो क्षमा के योग्य न हो, अक्षंतव्य, अनुचित, अन्यायपूर्ण
  72. हलाहल – विष, ज़हर
  73. संक्रमण – मिलन, संयोग
  74. सुरम्य – अत्यंत मनोरम, रमणीय, बेहद सुंदर
  75. सुर्खियों – चर्चा में आना
  76. गुडुप – निगल लिया
  77. उम्मीद – आशा, अपेक्षा
  78. आवेश – जोश, तैश, आक्रोश, उद्दीप्त मनोवेग
  79. उत्तेजना – रोष, क्रोध, प्रेरणा
  80. सन्नाटा – मौन, चुप्पी
  81. प्रतिवाद – विरोध, खंडन
  82. महीन-महीन – बारीक-बारीक
  83. टूरिस्ट स्पॉट – भ्रमण-स्थल
  84. नायाब – बेहतरीन
  85. संग्रह – इकठ्ठा
  86. तरावट  – शीतलता, ठंडक
  87. अभिभूत – मुग्ध, भावविभोर, विह्वल
  88. रजवाड़ा – देशी रियासत, राजाओं के रहने का स्थान

 

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Chapter 3 – Main Kyon Likhta Hun (मैं क्यों लिखता हूँ)

 

  1. आंतरिक – भीतरी, अंदरूनी, हार्दिक
  2. आभ्यंतर – भीतर का, अंदरूनी
  3. विवशता – लाचारी, पराधीनता
  4. तटस्थ – जो किसी का पक्ष न लेता हो, निरपेक्ष, निष्पक्ष
  5. कृतिकार – रचना करने वाला व्यक्ति, रचनाकार, लेखक
  6. कृति – किसी लेखक आदि के द्वारा किया गया रचनात्मक कार्य, किसी रचनाकार की समस्त कृतियाँ, कारयित्री प्रतिभा, कारनामा
  7. ख्याति – प्रसिद्धि, लोकप्रियता, प्रशंसा, यश, कीर्ति
  8. संपादक – पुस्तक या सामयिक पत्र आदि को संशोधित कर प्रकाशन के योग्य बनाने वाला व्यक्ति
  9. आग्रह – अनुरोध, निवेदन
  10. प्रकाशक – वह जो पुस्तकें, समाचारपत्र आदि का प्रकाशन करता हो
  11. तकाजा – माँग, तगादा, दावा
  12. उन्मेष – प्रकाश,दीप्ति
  13. निमित्ति -कारण
  14. बखानना – बड़ाई, प्रशंसा, तारीफ़, गुणगान
  15. कदाचित् – शायद
  16. नियमित – नियमों से बँधा हुआ, नियमबद्ध, निश्चित
  17. परवर्ती – बाद के काल का, घटना क्रम के अनुसार बाद का
  18. विवरण – विस्तृत वर्णन, लेखा-जोखा
  19. अपव्यय –  फ़िजूलख़र्ची, व्यर्थ का ख़र्चा
  20. व्यथा – मानसिक या शारीरिक क्लेश, पीड़ा, वेदना
  21. आहत – चोट खाया हुआ, घायल, ज़ख़्मी
  22. अनुभूति – अहसास, संवेदना, अनुभव
  23. संवेदना – अनुभूति, अनुभव
  24. आत्मसात् – अपने अधिकार में लिया गया
  25. ज्वलंत – चमकता हुआ, प्रकाशित, जलता हुआ
  26. तत्काल – तुरंत, उसी वक्त
  27. रुद्ध – बंद हो गई, फस गई
  28. ट्रेजडी – दुखांत, दुखद घटना जिसमें किसी की मृत्यु तक हो जाए, विपत्ति
  29. भोक्ता – भोगने वाला, उपभोक्ता, भक्षक
  30. आकुलता – अकुलाहट, बेचैनी, विह्वलता, घबराहट
  31. प्रसूत – उत्पन्न

 

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