दादा मूलराज और छोटी बहु बेला का चरित्र चित्रण  | Character Sketch of Dada Mulraj and Choti Bahu Bella from PSEB Class 10 Hindi Book Chapter 18 Sukhi Dali

 

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दादा मूलराज का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Dada Mulraj)

  • परिवार के मुखिया- दादा मूलराज इस नाटक के मुख्य पात्र और परिवार के मुखिया हैं। वह एक बड़े संयुक्त परिवार के वरिष्ठ सदस्य हैं, जिनकी बात पूरे घर में मानी जाती है। परिवार के सभी लोग उनका आदर करते हैं और उन्हें मार्गदर्शक मानते हैं।
  • अनुभवी और समझदार व्यक्ति- दादा मूलराज अनुभव और विवेक से भरपूर व्यक्ति हैं। उन्होंने जीवन में बहुत कुछ देखा है, इसलिए वह हर स्थिति को शांतिपूर्वक समझते हैं। वह जानते हैं कि परिवार में मतभेद होना स्वाभाविक है, परंतु प्रेम और धैर्य से हर समस्या सुलझाई जा सकती है।
  • एकता के प्रतीक- वह परिवार की एकता और प्रेम को सबसे ऊपर रखते हैं। उनका मानना है कि- “हम सब एक पेड़ की डालियाँ हैं, और इससे पहले कि कोई डाली टूटकर अलग हो, मैं ही इस घर से अलग हो जाऊँगा।” इस कथन से स्पष्ट है कि दादा मूलराज संयुक्त परिवार की एकता के प्रतीक हैं।
  • स्नेही और दयालु स्वभाव- दादा मूलराज का स्वभाव स्नेहपूर्ण और दयालु है। वह परिवार के सभी सदस्यों से प्रेम करते हैं, चाहे वह बड़ी बहू हो या छोटी। जब वह  देखते हैं कि छोटी बहू बेला दुखी है, तो वह उसे समझाते हैं और उसका मनोबल बढ़ाते हैं।
  • आधुनिकता के प्रति सहनशील- दादा मूलराज पुराने संस्कारों से जुड़े हैं, फिर भी वह नई पीढ़ी की सोच को समझने की कोशिश करते हैं। वह बेला की आधुनिक सोच को गलत नहीं ठहराते, बल्कि परिवार से जोड़ने का मार्ग अपनाते हैं।
  • शांतिप्रिय और संयमी- उनका व्यवहार हमेशा शांत और संयमित रहता है। परिवार में जब भी कोई विवाद होता है, वह क्रोध या कटु वाणी का प्रयोग नहीं करते, बल्कि स्नेह और तर्क से बात करते हैं।
  • नाटक का नैतिक केंद्र- पूरे नाटक में दादा मूलराज वह पात्र हैं जो परिवार की नैतिक शक्ति और संतुलन बनाए रखते हैं। उनकी बातों से नाटक का मुख्य संदेश निकलता है- “परिवार की जड़ें प्रेम और समझ से सींची जाती हैं, न कि दिखावे के आदर से।
  • निष्कर्ष- दादा मूलराज एक आदर्श पिता और दादा हैं। जिन्होंने परिवार की एकता, प्रेम और परंपरा को अपने जीवन का आधार बनाया है। वह ‘सूखी डाली’ के केन्द्रीय विचार एकता, प्रेम और सह-अस्तित्व के सजीव प्रतीक हैं। 

 

दादा मूलराज के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the Character of Dada Mulraj)

Q1. दादा मूलराज के चरित्र की मुख्य बातें बताइये।
Q2. मूलराज एक आदर्श पिता और दादा कैसे बने ?

 

छोटी बहु बेला का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Choti Bahu Bella)

  • सुंदर और शिक्षित स्त्री- छोटी बहू बेला सुंदर, आकर्षक और शिक्षित युवती है। वह पढ़ी-लिखी है और आधुनिक विचारों वाली स्त्री के रूप में दिखाई देती है। उसे किताबें पढ़ना अच्छा लगता है। 
  • संवेदनशील स्वभाव वाली- बेला का स्वभाव बहुत कोमल और संवेदनशील है। वह घर के माहौल और लोगों के व्यवहार को गहराई से महसूस करती है। छोटी-छोटी बातों से भी उसका मन प्रभावित हो जाता है।
  • परिवार के प्रति प्रेम रखने वाली- वह अपने परिवार से प्रेम करती है और घर के प्रति जिम्मेदारी का भाव रखती है। वह चाहती है कि परिवार में प्रेम और एकता बनी रहे। वह चाहती है कि परिवार के सदस्य उसपे व्यंग्य न करे बल्कि उससे प्रेम से बोलें। 
  • भावनाओं में उलझी हुई स्त्री- बेला के मन में कई बार विरोधाभास दिखाई देते हैं। एक ओर वह आधुनिक विचारों की है, दूसरी ओर परंपराओं और परिवार के संस्कारों से जुड़ी हुई है। यही द्वंद्व उसके भीतर बेचैनी पैदा करता है। वह खुद नहीं समझ पाती कि उसे क्या चाहिए। वह इस घर में बदलाव लाना चाहती है जिससे अन्य बहुओं को बुरा लगता है। 
  • आत्ममंथन करने वाली- बेला का चरित्र आत्ममंथन से भरा हुआ है। वह अपने जीवन, विचारों और स्थितियों पर सोचती रहती है। पुस्तक पढ़ते-पढ़ते उसका चिंतन में खो जाना इसी का प्रतीक है।
  • मानसिक रूप से अकेली- हालाँकि वह परिवार का हिस्सा है, परंतु मानसिक रूप से अकेली महसूस करती है। उसकी संवेदनशीलता और विचारशीलता उसे दूसरों से अलग कर देती है। 
  • निष्कर्ष- बेला एक शिक्षित, संवेदनशील, भावनात्मक और आत्मसम्मान रखने वाली आधुनिक स्त्री है, जो परिवार और अपने अस्तित्व के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करती है। 

 

छोटी बहु बेला के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the Character of Choti Bahu Bella)

Q1. पाठ में किन घटनाओं से पता चलता है की बेला मानसिक रूप से अकेली है ?
Q2. बेला के स्वाभाव के बारे में लिखिए।