जमींदार, दादी और पोती का चरित्र-चित्रण| Character Sketch of Landlord, Grandmother and Granddaughter from CBSE Class 8 Hindi Malhar Book Chapter 6 एक टोकरी भर मिट्टी

 

 

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जमींदार का चरित्र-चित्रण – Character Sketch of Landlord

‘एक टोकरी भर मिट्टी’ के आधार पर हम कह सकते हैं कि जमींदार का स्वभाव क्रूर, घमंडी, लालची व् निर्दयी था। परन्तु बूढ़ी महिला के वचनों ने उसे पूरी तरह बदल  दिया था। कहानी में हमें जमींदार के निम्नलिखित व्यक्तित्व का पता चलता है – 

  • लालची – ज़मींदार के महल के पास ही एक गरीब और बूढ़ी महिला की झोंपड़ी थी, जिसका इस दुनिया में कोई नहीं था। ज़मींदार साहब की इच्छा हुई कि वे अपने महल के आंगन को उस बूढ़ी महिला की झोंपड़ी तक आगे बढ़ाए। उन्होंने उस बूढ़ी महिला को कई तरह से समझया कि वह बूढ़ी महिला अपनी झोंपड़ी उस जगह से हटा ले। अपना बड़ा सा महल होने के बावजूद भी जमींदार दूसरों की जगह पर भी हक ज़माना चाहता था। 
  • चालाक – श्रीमान् ने वृद्धा को झोंपड़ी से हटवाने के जितने भी प्रयास किए सभी बेकार हो गए, सभी प्रयास बेकार होने पर श्रीमान अपनी चालाकियों भरी ज़मींदारी चाल चलने लगे। छोटी-छोटी बातों पर तर्क करने वाले वकीलों की रिश्वत दे कर उसने अदालत से बूढ़ी महिला की उस झोंपड़ी पर अपना हक़ साबित कर दिया और बूढ़ी महिला को वहाँ से निकाल दिया।
  • निर्दयी – एक दिन श्रीमान् उस बूढ़ी महिला की झोंपड़ी के आस-पास घूम रहा था और लोगों को काम बता रहा था अर्थात वह अपने आंगन को बड़ा करने के उपाय काम करने वाले लोगों को बता रहा था। उसी समय वह बूढ़ी महिला भी अपने हाथ में एक टोकरी लेकर वहाँ पहुँच गई। जब श्रीमान् ने उसे देखा तो अपने नौकरों से उसे वहाँ से हटा देने को कह दिया। वह बड़ा निर्दयी हो गया था जो उसे उस वृद्धा की परेशानियाँ नहीं दिख रही थी। 
  • दयावान – जब बूढ़ी महिला ने जमींदार से विनती की कि घर छूटने के कारण उसकी पोती ने खाना-पीना छोड़ दिया है। वह अपनी झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी मिट्टी का चूल्हा बनाकर उसमें रोटी पकाएगी। ऐसा करने पर उस बूढ़ी महिला को विश्वास है कि उसकी पोती रोटी खाने लगेगी। उस बूढ़ी महिला की बातें सुन कर श्रीमान् ने उसे टोकरी भर मिट्टी ले जाने की अनुमति दे दी।
  • गलती का एहसास – श्रीमान को उस मिट्टी से भरी टोकरी को उठाना अपनी ताकत से ज्यादा कठिन लग रहा था। जब उन्होंने देखा की टोकरी उठाना उनके लिए कठिन हो रहा है, तो फिर उन्होंने अपनी सब ताकत लगाकर टोकरी को उठाना चाहा, परन्तु वह टोकरी जिस स्थान पर रखी थी, वहाँ से एक हाथ भी ऊँची नहीं हुई। जब वृद्धा ने कारण समझाया कि यह तो एक टोकरी भर मिट्टी है, झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी हुई है। अर्थात जमींदार कैसे उस वृद्धा और उसकी पोती को घर से बेघर करने का अन्याय का बोझ कैसे उठाएगा। तो जमींदार को अपनी गलती का एहसास हो गया। 
  • विनम्र – ज़मींदार साहब अपने धन-दौलत पर घमंड करते हुए अहंकारी हो गए थे और अपना कर्तव्य भूल गए थे। परन्तु उस बूढ़ी महिला के सभी वचन सुनते ही मानों उनका वास्तविकता से परिचय हो गया था। अपने द्वारा किए गए घृणित कार्य पर पछतावा करते हुए उन्होंने उस बूढ़ी महिला से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी उसे वापस भी दे दी। यह जमींदार के विनम्र स्वभाव को दर्शाता है। 

 

 

जमींदार के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the Character of Landlord)

Q1. बुढ़िया की किस बात ने लालची जमींदार को बदल दिया ?
Q2. जिमींदार के चरित्र के बारे में लिखिए। 

 

दादी का चरित्र-चित्रण – Character Sketch of Grandmother

‘एक टोकरी भर मिट्टी’ के आधार पर हम कह सकते हैं कि वृद्धा यानी दादी ममता से भरी हुई, दुखी, चालाक व् समझदार महिला थी। कहानी में हमें बूढ़ी महिला के बारे में निम्नलिखित बातें पता चलती है – 

  • दुखियारी – बूढ़ी महिला के झोंपड़ी में रहते हुए उसके प्रिय पति, एक मात्र पुत्र और उसकी बहू की मृत्यु हो गई थी। उसकी पोती उसके बुढ़ापे की एकमात्र सहारा थी। जब भी उसे अपनों की याद आ जाती थी, तो दुख के कारण वह फूट-फूट कर रोने लगती थी और जब से उस बूढ़ी महिला को पता चला कि उसका बसेरा अर्थात रहने की जगह को उसके पड़ोसी श्रीमान हटवाना चाहते हैं, तब से वह अत्यधिक दुखी और परेशान रहने लगी थी। उस झोंपड़ी में उस बूढ़ी महिला का मन कुछ इस तरह लग गया था कि वह उस जगह को बिना मरे नहीं छोड़ना चाहती थी। 
  • चालाक – एक दिन जमींदार उस बूढ़ी महिला की झोंपड़ी के आस-पास घूम रहा था और लोगों को काम बता रहा था। उसी समय वह बूढ़ी महिला भी अपने हाथ में एक टोकरी लेकर वहाँ पहुँच गई। वह बूढ़ी महिला उससे विनती करते हुए कहने लगी कि महाराज, अब तो उसकी वह छोटी से झोंपड़ी श्रीमान् की ही हो गई है। वह बूढ़ी महिला उस झोंपड़ी  को वापिस लेने नहीं आई है। वह केवल एक टोकरी मिटटी लेने आई है। वह वृद्धा टोकरी को प्रतीक बनाकर कर ज़मींदार को उसके अन्याय का अनुभव कराना चाहती थी।
  • ममता से पूर्ण – जब से वृद्धा और उसकी पोती को झोंपड़ी से निकाला गया था। तब से उसकी पोती ने खाना-पीना छोड़ दिया था। उस बूढ़ी महिला ने उसे बहुत समझाया, पर वह उसकी एक भी बात नहीं मान रही थी। वह हर समय बस यही कहती रहती थी कि जब उसकी दादी उसे घर अर्थात उसकी झोंपड़ी में वापिस ले चलेगी, तभी वह वहीं रोटी खाएगी। उसकी ऐसी जिद्द देखकर बूढ़ी महिला ने सोचा कि वह अपनी झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी मिट्टी का चूल्हा बनाकर उसमें रोटी पकाएगी। ऐसा करने पर उस बूढ़ी महिला को विश्वास है कि उसकी पोती रोटी खाने लगेगी। 
  • भावुक – जब बूढ़ी महिला श्रीमान की अनुमति पा कर झोंपड़ी के अंदर गई। तो अंदर जाते ही उसे वहाँ पर बिताई पुरानी बातें याद आ गई और उन यादों के कारण उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी। अर्थात वह उस झोंपड़ी में बिताए अपने पुराने दिनों को याद करके दुखी हो गई और रोने लगी। अपने अंदर के दुख को उसने किसी तरह सँभाल लिया और अपनी टोकरी को मिट्टी से भर लिया।
  • समझदार – वृद्धा ने अपनी समझदारी का परिचय देते हुए टोकरी के सहारे जमींदार को उसकी गलती का एहसास करवाया और अपनी झोंपड़ी उससे वापिस हासिल कर ली।  

 

दादी के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the character of Grandmother)

Q1. दादी ने झोंपड़ी वापिस कैसे ली ?
Q2. दादी को झोंपड़ी से लगाव क्यों था ?

 

पोती का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Granddaughter)

‘एक टोकरी भर मिट्टी’ के आधार पर हम कह सकते हैं कि कहानी में पोती का व्यवहार उसकी उम्र के बच्चों के ही सामान हठी व् मासूमियत से भरा है। सभी बच्चों की तरह उसे भी अपना घर प्रिय था। जब से उसे और उसकी दादी को झोंपड़ी से निकाला गया है। तब से उसने खाना-पीना छोड़ दिया है। वह हर समय बस यही कहती रहती है कि जब उसकी दादी उसे घर अर्थात उसकी झोंपड़ी में वापिस ले चलेगी, तभी वह वहीं रोटी खाएगी। परन्तु जब जमींदार ने अपनी गलती का एहसास करके उन्हें उनकी झोंपड़ी वापिस कर दी तो वह सब कुछ भूल गई और उसी तरह खुश हो गई थी जिस तरह उसकी हमउम्र बच्चे खुश होते। कहानी में उसके व्यक्तित्व में मासूमियत झलकती है। 

 

पोती के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the character of Granddaughter)

Q1. पोती ने क्या ज़िद्द की ?
Q2. दादी ने पोती की ज़िद्द के कारण क्या किया?