CBSE Class 8 Hindi Chapter 6 Ek Tokri Bhar Mitti (एक टोकरी भर मिट्टी) Question Answers (Important) from Malhar Book
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Ek Tokri Bhar Mitti Chapter 6 NCERT Solutions
पाठ से
आइए, अब हम इस पाठ पर विस्तार से चर्चा करें। नीचे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।
मेरी समझ से
पाठ से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।
(क) “आपसे एक टोकरी भर मिट्टी नहीं उठाई जाती और इस झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है। उसका भार आप जन्म-भर कैसे उठा सकेंगे?”
उत्तर – इस पंक्ति का अर्थ है कि वृद्धा ने ज़मींदार को वह ‘एक टोकरी मिट्टी’ प्रतीकात्मक रूप में दिखलाई कि जब वह एक टोकरी मिट्टी का भार भी नहीं उठा सका, तो झोंपड़ी छीनने के अन्याय का नैतिक बोझ वह जीवनभर कैसे सहन करेगा? यह पंक्ति ज़मींदार को उसकी गलती का अहसास कराती है और उसे अपनी गलती पर पश्चाताप होता है। जिसके फलस्वरूप वह झोंपड़ी उस वृद्धा को वापिस कर देता है।
(ख) “ज़मींदार साहब पहले तो बहुत नाराज हुए, पर जब वह बार-बार हाथ जोड़ने लगी और पैरों पर गिरने लगी तो उनके भी मन में कुछ दया आ गई। किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने को आगे बढ़े। ज्यों ही टोकरी को हाथ लगाकर ऊपर उठाने लगे त्यों ही देखा कि यह काम उनकी शक्ति के बाहर है।”
उत्तर – इस पंक्ति का अर्थ है कि ज़मींदार पहले तो वृद्धा की विनती से नाराज़ हुए, लेकिन बाद में उसकी नम्रता और दुख ने उनके मन में दया जगा दी। वे स्वयं ही उसकी टोकरी उठाने लगे , परन्तु जब उन्होंने टोकरी उठाने की कोशिश की और असफल हुए, तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। यह पंक्ति उनके व्यवहार में बदलाव को दर्शाती है।
सोच-विचार के लिए
पाठ को पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए।
(क) आपके विचार से कहानी का सबसे प्रभावशाली पात्र कौन है और क्यों?
उत्तर – मेरे विचार से कहानी का सबसे प्रभावशाली पात्र वृद्धा है। उसकी नम्रता, बुद्धिमानी, पोती के प्रति प्रेम और अपने घर के प्रति उसके लगाव ने ज़मींदार के मन को बदल दिया। उसने एक साधारण मिट्टी से भरी टोकरी के माध्यम से ज़मींदार को उसके अन्याय का अहसास कराया, जो बहुत प्रभावशाली था।
(ख) वृद्धा की पोती ने खाना क्यों छोड़ दिया था?
उत्तर – वृद्धा की पोती ने खाना इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि वह अपनी झोंपड़ी से बहुत प्यार करती थी और उसे खोने का दुख सहन नहीं कर पा रही थी। यह भी संभव है कि उसे दूसरों के घर में रहना पसंद नहीं आ रहा होगा। वह केवल अपने घर में ही खाना खाना चाहती थी।
(ग) ज़मींदार ने झोंपड़ी पर कब्जा कैसे किया?
उत्तर – ज़मींदार ने वकीलों को रिश्वत देकर और कानूनी दावपेंच का उपयोग करके अदालत द्वारा झोंपड़ी पर कब्जा किया।
(घ) “महाराज क्षमा करें तो एक विनती है। ज़मींदार साहब के सिर हिलाने पर उसने कहा…”। यहाँ ज़मींदार द्वारा सिर हिलाने की इस क्रिया का क्या अर्थ है?
उत्तर – ज़मींदार के सिर हिलाने का अर्थ है कि उन्होंने वृद्धा की विनती सुनने की सहमति दी। यह दर्शाता है कि वृद्धा के नम्र स्वभाव के कारण वे उसकी बात सुनने को तैयार थे।
(ङ) “किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने आगे बढ़े।” यहाँ ज़मींदार के व्यवहार में परिवर्तन का आरंभ दिखाई देता है। पहले ज़मींदार का व्यवहार कैसा था? इस घटना के बाद उसके व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर – पहले ज़मींदार का व्यवहार अहंकारी और क्रूर था। वह वृद्धा की भावनाओं की परवाह किए बिना झोंपड़ी पर कब्जा करना चाहता था। इस घटना के बाद, वृद्धा की विनम्रता और दुख ने उसके मन में दया जगा दी, और वह स्वयं टोकरी उठाने को तैयार हुआ, जो उसके व्यवहार में बदलाव की शुरुआत थी।
(च) “उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।” ज़मींदार ने ऐसा क्यों किया?
उत्तर – ज़मींदार ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वृद्धा की बातों और टोकरी के प्रतीकात्मक भार ने उसे अपने अन्याय का अहसास करा दिया था। वह अपने किए पर पछताया और अपनी गलती सुधारने के लिए उसने वृद्धा को उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।
अनुमान और कल्पना से
(क) यदि वृद्धा की पोती ज़मींदार से स्वयं बात करती तो वह क्या कहती?
उत्तर – पोती कहती, “महाराज, हमारी झोंपड़ी हमसे मत छीनिए। यह हमारा घर है, जहाँ मेरे माता-पिता की यादें हैं। हमें हमारा घर वापस दे दीजिए। कृपया हमें बेघर न करें।”
(ख) यदि आप ज़मींदार की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर – यदि मैं ज़मींदार की जगह होती, तो मैं वृद्धा और उसकी पोती की भावनाओं का सम्मान करती और उनसे उनकी झोंपड़ी नहीं छीनती। यदि उनकी झोंपड़ी को तुड़वाना आवश्यक होता तो मैं उनसे आज्ञा लेती और उनकी सहमति के बिना झोंपड़ी न तुड़वाती। मैं उनके लिए रहने की दूसरी जगह की व्यवस्था करती।
(ग) ज़मींदार को टोकरी उठाने में सफलता क्यों नहीं मिली होगी?
उत्तर – ज़मींदार को टोकरी उठाने में सफलता इसलिए नहीं मिली होगी क्योंकि वृद्धा ने टोकरी को प्रतीकात्मक रूप से भारी बनाया था, जो उसके अन्याय का नैतिक बोझ को दर्शाता था। यह सब उसे उसकी गलती का एहसास करवाने के लिए था।
(घ) “झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है…”। यहाँ केवल मिट्टी की बात की जा रही है या कुछ और बात भी छिपी है?
(संकेत – मिट्टी किस बात का प्रतीक हो सकती है? मिट्टी के बहाने वृद्धा क्या कहना चाहती है?)
उत्तर – यहाँ मिट्टी केवल मिट्टी नहीं, बल्कि वृद्धा और उसकी पोती के घर, यादों, और भावनाओं का प्रतीक है। वृद्धा कहना चाहती थी कि झोंपड़ी छीनने का नैतिक बोझ बहुत भारी है, जिसे ज़मींदार जीवनभर नहीं उठा सकता।
(ङ) यह कहानी आज से लगभग सवा सौ साल पहले लिखी गई थी। इस कहानी के आधार पर बताइए कि भारत में स्त्रियों को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता होगा?
उत्तर – कहानी के आधार पर, उस समय भारत में स्त्रियों को निम्नलिखित चुनौतियाँ झेलनी पड़ती होगी, जैसे –
पुरुष-प्रधान समाज में स्त्रियों की कमज़ोर स्थिति थी, जिसके कारण उन्हें सामाजिक असमानता का सामना करना पड़ता था।
स्त्रियों का उनके पति की संपत्ति और घर पर कोई अधिकार नहीं होता था, जिस कारण पति के न रहने पर उन्हें कई समस्यायों का सामना करना पड़ता था।
उस समय विधवाओं और अनाथों को समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता था।
स्त्रियाँ आर्थिक रूप से पुरुषों पर ही निर्भर होती थी।
स्त्रियों को कानूनी दावपेंच नहीं आते थे।
‘कि’ और ‘की’ का उपयोग
इन वाक्यों में रेखांकित शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दीजिए-
(1) ज़मींदार को झोंपड़ी हटाने की आवश्यकता क्यों लगी?
- झोंपड़ी जर्जर हो चुकी थी
- झोंपड़ी रास्ते में बाधा थी
- वह अहाते का विस्तार करना चाहता था(✮)
- वृद्धा से उसका कोई पुराना झगड़ा था
उत्तर – वह अहाते का विस्तार करना चाहता था(✮)
(2) वृद्धा ने मिट्टी ले जाने की अनुमति कैसे माँगी?
- क्रोध और झगड़ा करके
- अदालत से अनुमति लेकर
- विनती और नम्रता से(✮)
- चुपचाप उठाकर ले गई
उत्तर – विनती और नम्रता से(✮)
(3) वृद्धा की पोती का व्यवहार किस भाव को दर्शाता है?
- दया
- लगाव(✮)
- गुस्सा
- डर
उत्तर – लगाव(✮)
(4) कहानी का अंत कैसा है?
- दुखद
- सुखद (✮)
- प्रेरणादायक(✮)
- सकारात्मक(✮)
उत्तर – सुखद (✮), प्रेरणादायक(✮), सकारात्मक(✮)
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने ?
उत्तर – मैंने ये उत्तर इसलिए चुने क्योंकि कहानी में बताया गया है कि ज़मींदार अपने महल का अहाता झोंपड़ी तक बढ़ाना चाहता था, इसलिए झोंपड़ी हटाना चाहता था। वृद्धा ने बड़ी ही नम्रता से मिट्टी माँगी, जो उसके विनम्र स्वभाव को दर्शाता है। पोती का खाना छोड़ना घर से उसके लगाव को दर्शाता है। कहानी का अंत सुखद और प्रेरणादायक है क्योंकि ज़मींदार को अपनी गलती का अनुभव हुआ और उसने अपनी गलती सुधारी और बूढ़ी महिला को झोंपड़ी वापस कर दी।
मिलकर करें मिलान
(क) पाठ में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। प्रत्येक वाक्य के सामने दो-दो निष्कर्ष दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सर्वाधिक उपयुक्त निष्कर्षों से मिलाइए।
| क्रम | वाक्य | निष्कर्ष |
| 1. | अब यही उसकी पोती इस वृद्धाकाल में एकमात्र आधार थी। | वृद्धावस्था में वृद्धा का सहारा उसकी पोती ही थी। वृद्धावस्था में पोती का सहारा वृद्धा थी। |
| 2. | बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से उस झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया। | ज़मींदार ने वकीलों से सलाह लेकर झोंपड़ी पर न्यायपूर्वक कब्जा किया। ज़मींदार ने वकीलों को पैसे देकर कानूनी दावपेंच से झोंपड़ी पर कब्जा किया। |
| 3. | आपसे एक टोकरी भर मिट्टी नहीं उठाई जाती और इस झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है। | वृद्धा ने ज़मींदार को कमजोर साबित करने के लिए टोकरी उठाने को कहा। वृद्धा ने टोकरी को प्रतीक बनाकर कर ज़मींदार को उसके अन्याय का अनुभव कराया। |
| 4. | ज़मींदार साहब धन-मद से गर्वित हो अपना कर्तव्य भूल गए थे। | धन और अहंकार ने ज़मींदार को मानवीयता और करुणा से दूर कर दिया था। संपत्ति के घमंड को भूलकर ज़मींदार अपने कर्तव्यों को पूरा कर रहे थे। |
| 5. | कृतकर्म का पश्चाताप कर उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी। | वृद्धा ने अपने व्यवहार पर पछताकर ज़मींदार से क्षमा माँगी। अपने द्वारा किए अन्याय पर पछताकर ज़मींदार ने क्षमा माँगी। |
| 6. | उसका भार आप जन्म-भर कैसे उठा सकेंगे? | वृद्धा ने प्रतीकात्मक रूप से कहा कि अन्याय का नैतिक भार उठाना आसान नहीं है। वृद्धा ने ज़मींदार की उम्र और शक्ति पर व्यंग्य करते हुए यह बात कही। |
| 7. | कृपा करके इस टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए जिससे कि मैं उसे अपने सिर पर धर लूँ। | वृद्धा ने चतुराई से ज़मींदार को शर्मिंदा करने की योजना बनाई। वृद्धा ने टोकरी उठाने में सहायता के लिए ज़मींदार से विनम्र निवेदन किया। |
| 8. | उसे पुरानी बातों का स्मरण हुआ और उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी। | झोंपड़ी में प्रवेश करते ही वृद्धा पुराने दिनों के कारण भावुक हो गई। झोंपड़ी में जाकर वृद्धा डर गई कि ज़मींदार उसे फिर से बाहर निकाल देगा और रोने लगी। |
उत्तर –
| क्रम | वाक्य | निष्कर्ष |
| 1. | अब यही उसकी पोती इस वृद्धाकाल में एकमात्र आधार थी। | वृद्धावस्था में वृद्धा का सहारा उसकी पोती ही थी। |
| 2. | बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से उस झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया। | ज़मींदार ने वकीलों को पैसे देकर कानूनी दावपेंच से झोंपड़ी पर कब्जा किया। |
| 3. | आपसे एक टोकरी भर मिट्टी नहीं उठाई जाती और इस झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है। | वृद्धा ने टोकरी को प्रतीक बनाकर कर ज़मींदार को उसके अन्याय का अनुभव कराया। |
| 4. | ज़मींदार साहब धन-मद से गर्वित हो अपना कर्तव्य भूल गए थे। | धन और अहंकार ने ज़मींदार को मानवीयता और करुणा से दूर कर दिया था। |
| 5. | कृतकर्म का पश्चाताप कर उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी। | अपने द्वारा किए अन्याय पर पछताकर ज़मींदार ने क्षमा माँगी। |
| 6. | उसका भार आप जन्म-भर कैसे उठा सकेंगे? | वृद्धा ने प्रतीकात्मक रूप से कहा कि अन्याय का नैतिक भार उठाना आसान नहीं है। |
| 7. | कृपा करके इस टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए जिससे कि मैं उसे अपने सिर पर धर लूँ। | वृद्धा ने चतुराई से ज़मींदार को शर्मिंदा करने की योजना बनाई। |
| 8. | उसे पुरानी बातों का स्मरण हुआ और उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी। | झोंपड़ी में प्रवेश करते ही वृद्धा पुराने दिनों के कारण भावुक हो गई। |
(ख) अपने मित्रों के उत्तर से अपने उत्तर मिलाइए और चर्चा कीजिए कि आपने कौन-से निष्कर्षों का चुनाव किया है और क्यों?
उत्तर – मैंने ये निष्कर्ष इसलिए चुने क्योंकि इन सभी के माध्यम से कहानी के भाव और संदेश को सही ढंग से दर्शाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, वृद्धा की पोती ही उसका एकमात्र सहारा थी, और ज़मींदार ने अनुचित तरीके से उनकी झोंपड़ी पर कब्जा कर लिया था। वृद्धा को पता था कि वह किसी भी तरह जमींदार से लड़ नहीं सकती इसलिए वृद्धा ने टोकरी के माध्यम से ज़मींदार को उसके अन्याय का अहसास कराया, जो सफल भी रहा और जमींदार ने उसे उसकी झोंपड़ी वापिस कर दी। यही कहानी का मुख्य संदेश भी है।
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।
(क) “आपसे एक टोकरी भर मिट्टी नहीं उठाई जाती और इस झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है। उसका भार आप जन्म-भर कैसे उठा सकेंगे?”
उत्तर – इस पंक्ति का अर्थ है कि वृद्धा ने ज़मींदार को वह ‘एक टोकरी मिट्टी’ प्रतीकात्मक रूप में दिखलाई कि जब वह एक टोकरी मिट्टी का भार भी नहीं उठा सका, तो झोंपड़ी छीनने के अन्याय का नैतिक बोझ वह जीवनभर कैसे सहन करेगा? यह पंक्ति ज़मींदार को उसकी गलती का अहसास कराती है और उसे अपनी गलती पर पश्चाताप होता है। जिसके फलस्वरूप वह झोंपड़ी उस वृद्धा को वापिस कर देता है।
(ख) “ज़मींदार साहब पहले तो बहुत नाराज हुए, पर जब वह बार-बार हाथ जोड़ने लगी और पैरों पर गिरने लगी तो उनके भी मन में कुछ दया आ गई। किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने को आगे बढ़े। ज्यों ही टोकरी को हाथ लगाकर ऊपर उठाने लगे त्यों ही देखा कि यह काम उनकी शक्ति के बाहर है।”
उत्तर – इस पंक्ति का अर्थ है कि ज़मींदार पहले तो वृद्धा की विनती से नाराज़ हुए, लेकिन बाद में उसकी नम्रता और दुख ने उनके मन में दया जगा दी। वे स्वयं ही उसकी टोकरी उठाने लगे , परन्तु जब उन्होंने टोकरी उठाने की कोशिश की और असफल हुए, तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। यह पंक्ति उनके व्यवहार में बदलाव को दर्शाती है।
सोच-विचार के लिए
पाठ को पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए।
(क) आपके विचार से कहानी का सबसे प्रभावशाली पात्र कौन है और क्यों?
उत्तर – मेरे विचार से कहानी का सबसे प्रभावशाली पात्र वृद्धा है। उसकी नम्रता, बुद्धिमानी, पोती के प्रति प्रेम और अपने घर के प्रति उसके लगाव ने ज़मींदार के मन को बदल दिया। उसने एक साधारण मिट्टी से भरी टोकरी के माध्यम से ज़मींदार को उसके अन्याय का अहसास कराया, जो बहुत प्रभावशाली था।
(ख) वृद्धा की पोती ने खाना क्यों छोड़ दिया था?
उत्तर – वृद्धा की पोती ने खाना इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि वह अपनी झोंपड़ी से बहुत प्यार करती थी और उसे खोने का दुख सहन नहीं कर पा रही थी। यह भी संभव है कि उसे दूसरों के घर में रहना पसंद नहीं आ रहा होगा। वह केवल अपने घर में ही खाना खाना चाहती थी।
(ग) ज़मींदार ने झोंपड़ी पर कब्जा कैसे किया?
उत्तर – ज़मींदार ने वकीलों को रिश्वत देकर और कानूनी दावपेंच का उपयोग करके अदालत द्वारा झोंपड़ी पर कब्जा किया।
(घ) “महाराज क्षमा करें तो एक विनती है। ज़मींदार साहब के सिर हिलाने पर उसने कहा…”। यहाँ ज़मींदार द्वारा सिर हिलाने की इस क्रिया का क्या अर्थ है?
उत्तर – ज़मींदार के सिर हिलाने का अर्थ है कि उन्होंने वृद्धा की विनती सुनने की सहमति दी। यह दर्शाता है कि वृद्धा के नम्र स्वभाव के कारण वे उसकी बात सुनने को तैयार थे।
(ङ) “किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने आगे बढ़े।” यहाँ ज़मींदार के व्यवहार में परिवर्तन का आरंभ दिखाई देता है। पहले ज़मींदार का व्यवहार कैसा था? इस घटना के बाद उसके व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर – पहले ज़मींदार का व्यवहार अहंकारी और क्रूर था। वह वृद्धा की भावनाओं की परवाह किए बिना झोंपड़ी पर कब्जा करना चाहता था। इस घटना के बाद, वृद्धा की विनम्रता और दुख ने उसके मन में दया जगा दी, और वह स्वयं टोकरी उठाने को तैयार हुआ, जो उसके व्यवहार में बदलाव की शुरुआत थी।
(च) “उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।” ज़मींदार ने ऐसा क्यों किया?
उत्तर – ज़मींदार ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वृद्धा की बातों और टोकरी के प्रतीकात्मक भार ने उसे अपने अन्याय का अहसास करा दिया था। वह अपने किए पर पछताया और अपनी गलती सुधारने के लिए उसने वृद्धा को उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।
अनुमान और कल्पना से
(क) यदि वृद्धा की पोती ज़मींदार से स्वयं बात करती तो वह क्या कहती?
उत्तर – पोती कहती, “महाराज, हमारी झोंपड़ी हमसे मत छीनिए। यह हमारा घर है, जहाँ मेरे माता-पिता की यादें हैं। हमें हमारा घर वापस दे दीजिए। कृपया हमें बेघर न करें।”
(ख) यदि आप ज़मींदार की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर – यदि मैं ज़मींदार की जगह होती, तो मैं वृद्धा और उसकी पोती की भावनाओं का सम्मान करती और उनसे उनकी झोंपड़ी नहीं छीनती। यदि उनकी झोंपड़ी को तुड़वाना आवश्यक होता तो मैं उनसे आज्ञा लेती और उनकी सहमति के बिना झोंपड़ी न तुड़वाती। मैं उनके लिए रहने की दूसरी जगह की व्यवस्था करती।
(ग) ज़मींदार को टोकरी उठाने में सफलता क्यों नहीं मिली होगी?
उत्तर – ज़मींदार को टोकरी उठाने में सफलता इसलिए नहीं मिली होगी क्योंकि वृद्धा ने टोकरी को प्रतीकात्मक रूप से भारी बनाया था, जो उसके अन्याय का नैतिक बोझ को दर्शाता था। यह सब उसे उसकी गलती का एहसास करवाने के लिए था।
(घ) “झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है…”। यहाँ केवल मिट्टी की बात की जा रही है या कुछ और बात भी छिपी है?
(संकेत – मिट्टी किस बात का प्रतीक हो सकती है? मिट्टी के बहाने वृद्धा क्या कहना चाहती है?)
उत्तर – यहाँ मिट्टी केवल मिट्टी नहीं, बल्कि वृद्धा और उसकी पोती के घर, यादों, और भावनाओं का प्रतीक है। वृद्धा कहना चाहती थी कि झोंपड़ी छीनने का नैतिक बोझ बहुत भारी है, जिसे ज़मींदार जीवनभर नहीं उठा सकता।
(ङ) यह कहानी आज से लगभग सवा सौ साल पहले लिखी गई थी। इस कहानी के आधार पर बताइए कि भारत में स्त्रियों को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता होगा?
उत्तर – कहानी के आधार पर, उस समय भारत में स्त्रियों को निम्नलिखित चुनौतियाँ झेलनी पड़ती होगी, जैसे –
- पुरुष-प्रधान समाज में स्त्रियों की कमज़ोर स्थिति थी, जिसके कारण उन्हें सामाजिक असमानता का सामना करना पड़ता था।
- स्त्रियों का उनके पति की संपत्ति और घर पर कोई अधिकार नहीं होता था, जिस कारण पति के न रहने पर उन्हें कई समस्यायों का सामना करना पड़ता था।
- उस समय विधवाओं और अनाथों को समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता था।
- स्त्रियाँ आर्थिक रूप से पुरुषों पर ही निर्भर होती थी।
- स्त्रियों को कानूनी दावपेंच नहीं आते थे।
‘कि’ और ‘की’ का उपयोग
इन वाक्यों में रेखांकित शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दीजिए-
| इससे भरोसा है कि वह रोटी खाने लगेगी। | यहाँ “कि” एक संयोजक के रूप में प्रयोग हुआ है। संयोजक का अर्थ होता है मिलाने वाला। संयोजक शब्दों या वाक्यों को जोड़ने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। यह हमें बताता है— क्या कहा गया, क्या सोचा गया, क्या देखा गया आदि। |
| ज़मींदार के महल के पास एक गरीब, अनाथ वृद्धा की झोंपड़ी थी। | यहाँ “की” एक संबंधसूचक कारक शब्द है। इसका प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम का किसी अन्य शब्द के साथ संबंध बताने के लिए किया जाता है। अन्य संबंधकारक शब्द हैं—का और के। |
अब नीचे दिए गए वाक्यों में इन दोनों शब्दों का उपयुक्त प्रयोग कीजिए—
1. वृद्धा ने कहा ———————————————- वह झोंपड़ी को लेने नहीं आई है।
2. वह अपनी पोती ———————————————- चिंता में दुखी हो गई थी।
3. वृद्धा ने प्रार्थना ———————————————- टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए।
4. पोती हमेशा कहती थी ———————————————- वह अपने घर में ही खाना खाएगी।
5. झोंपड़ी ———————————————- मिट्टी से वृद्धा चूल्हा बनाना चाहती थी।
6. उसे विश्वास था ———————————————- मिट्टी का चूल्हा देखकर पोती खाना खाने लगेगी।
7. वृद्धा ————————- आँखों से आँसुओं ————————- धारा बहने लगी।
8. उसने यह सोचा ——————————————— झोंपड़ी से मिट्टी ले जाकर चूल्हा बनाऊँगी।
9. वृद्धा के मन ——————————————— पीड़ा उसकी बातों में झलक रही थी।
10. ज़मींदार इतने लज्जित हुए ——————————————— टोकरी उठाने की बात मान ली।
11. उस झोंपड़ी ————————- हर दीवार वृद्धा ————————- यादों से भरी थी।
उत्तर –
1. वृद्धा ने कहा कि वह झोंपड़ी को लेने नहीं आई है।
2. वह अपनी पोती की चिंता में दुखी हो गई थी।
3. वृद्धा ने प्रार्थना की टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए।
4. पोती हमेशा कहती थी कि वह अपने घर में ही खाना खाएगी।
5. झोंपड़ी की मिट्टी से वृद्धा चूल्हा बनाना चाहती थी।
6. उसे विश्वास था कि मिट्टी का चूल्हा देखकर पोती खाना खाने लगेगी।
7. वृद्धा की आँखों से आँसुओं की धारा बहने लगी।
8. उसने यह सोचा कि झोंपड़ी से मिट्टी ले जाकर चूल्हा बनाऊँगी।
9. वृद्धा के मन की पीड़ा उसकी बातों में झलक रही थी।
10. ज़मींदार इतने लज्जित हुए कि टोकरी उठाने की बात मान ली।
11. उस झोंपड़ी की हर दीवार वृद्धा की यादों से भरी थी।
मुहावरे
“बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया।”
(क) इस वाक्य में मुहावरों की पहचान करके उन्हें रेखांकित कीजिए।
(ख) ‘बाल’ शब्द से जुड़े निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए।
- बाल बाँका न होना— कुछ भी कष्ट या हानि न पहुँचना । पूर्ण रूप से सुरक्षित रहना।
- बाल बराबर— बहुत सूक्ष्म। बहुत महीन या पतला।
- बाल बराबर फर्क होना— ज़रा-सा भी भेद होना। सूक्ष्मतम अन्तर होना।
- बाल-बाल बचना— कोई विपत्ति आने या हानि पहुँचने में बहुत थोड़ी कमी रह जाना।
उत्तर –
(क) इस वाक्य में मुहावरों की पहचान करके उन्हें रेखांकित कीजिए।
वाक्य – “बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया।”
उत्तर – मुहावरे – बाल की खाल निकालने और थैली गरम कर।
(ख) ‘बाल’ शब्द से जुड़े निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए।
उत्तर –
बाल बाँका न होना – उसके साथ अत्यधिक खतरनाक हादसा हुआ, परन्तु उसका बाल भी बाँका न हुआ।
बाल बराबर – मेरे चाचा के घर जुड़वाँ बच्चे पैदा हुए, उनकी सूरत में बाल बराबर अंतर दिखाई देता था।
बाल बराबर फर्क होना – राम ने दो चित्र बनाए। दोनों चित्रों में बाल बराबर फर्क था, जो ध्यान से देखने पर समझ आता था।
बाल-बाल बचना – वह बिना देखे सड़क पार कर रहा था, तेज़ गाड़ी से वह बाल-बाल बच गया।
काल
नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
- इस झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी का चूल्हा बनाकर रोटी पकाऊँगी।
- इस झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी का चूल्हा बनाकर रोटी पकाई।
- इस झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी का चूल्हा बनाकर रोटी पका रही हूँ।
यहाँ रेखांकित शब्दों से पता चल रहा है कि कार्य होने का समय या काल क्या है। क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कोई कार्य कब हुआ, हो रहा है या होने वाला है, उसे काल कहते हैं।
काल तीन भेद होते हैं-
1. भूतकाल — यह बताता है कि कार्य पहले ही हो चुका है।
2. वर्तमान काल — यह बताता है कि कार्य अभी हो रहा है या सामान्य रूप से होता रहता है।
3. भविष्य काल — यह बताता है कि कार्य आने वाले समय या भविष्य में होगा।
नीचे दिए गए वाक्यों को वर्तमान और भविष्य काल में बदलिए—
(क) वह गिड़गिड़ाकर बोली।
(ख) श्रीमान् ने आज्ञा दे दी।
(ग) उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी।
(घ) ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई।
(ङ) उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।
उत्तर –
(क) वह गिड़गिड़ाकर बोली।
वर्तमान काल – वह गिड़गिड़ाकर बोल रही है।
भविष्य काल – वह गिड़गिड़ाकर बोलेगी।
(ख) श्रीमान् ने आज्ञा दे दी।
वर्तमान काल – श्रीमान् आज्ञा दे रहे हैं।
भविष्य काल – श्रीमान् आज्ञा देंगे।
(ग) उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी।
वर्तमान काल – उसकी आँखों से आँसू की धारा बह रही है।
भविष्य काल – उसकी आँखों से आँसू की धारा बहेगी।
(घ) ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई।
वर्तमान काल – ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हो रही है।
भविष्य काल – ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा होगी।
(ङ) उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।
वर्तमान काल – वे वृद्धा से क्षमा माँग रहे हैं और उसकी झोंपड़ी वापस दे रहे हैं।
भविष्य काल – वे वृद्धा से क्षमा माँगेंगे और उसकी झोंपड़ी वापस देंगे।
वचन की पहचान
“उनके मन में कुछ दया आ गई।”
“उनकी आँखें खुल गईं।”
ऊपर दिए गए रेखांकित शब्दों में क्या अंतर है और क्यों? आपस में चर्चा करके पता लगाइए।
आपने ध्यान दिया होगा कि शब्द में एक अनुस्वार-भर के अंतर से उसके अर्थ में अंतर आ जाता है।
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में उपयुक्त शब्द भरिए—
(क) वृद्धा झोंपड़ी के भीतर ——————————————— । (गई / गई)
(ख) वृद्धा गिड़गिड़ाकर ——————————————— । (बोली/ बोलीं)
(ग) पोती ने खाना-पीना छोड़ दिया ———————————————। (है/हैं)
(घ) उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी ——————————————— । (थी / थीं)
(ङ) उसने अपनी टोकरी मिट्टी से भर ली और बाहर ले ——————————————— । (आई/आई)
(च) झोंपड़ी में बसी पुरानी यादें वृद्धा को रुला ——————————————— । ( गई / गईं)
(छ) पाठक देख सकते हैं कि कैसे एक छोटी-सी टोकरी ने बड़े बदलाव ला दिए —————————————- । (है/हैं)
उत्तर –
(क) वृद्धा झोंपड़ी के भीतर गई । (गई / गई)
(ख) वृद्धा गिड़गिड़ाकर बोली। (बोली/ बोलीं)
(ग) पोती ने खाना-पीना छोड़ दिया है। (है/हैं)
(घ) उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी थी। (थी / थीं)
(ङ) उसने अपनी टोकरी मिट्टी से भर ली और बाहर ले आई। (आई/आई)
(च) झोंपड़ी में बसी पुरानी यादें वृद्धा को रुला गई । ( गई / गईं)
(छ) पाठक देख सकते हैं कि कैसे एक छोटी-सी टोकरी ने बड़े बदलाव ला दिए हैं । (है/हैं)
कहानी की रचना
“यह सुनकर वृद्धा ने कहा, “महाराज, नाराज न हों तो…”
इस पंक्ति में लेखक ने जानबूझकर वृद्धा की कही हुई बात को अधूरा छोड़ दिया है। बात को अधूरा छोड़ने के लिए ….’ का उपयोग किया गया है। इस प्रकार के वाक्यों और प्रयोगों से कहानी का प्रभाव और बढ़ जाता है। अनेक बार कहानी में नाटकीयता लाने के लिए भी इस प्रकार के प्रयोग किए जाते हैं।
(क) आपको इस कहानी में ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी। उन्हें अपने समूह के साथ मिलकर ढूँढ़िए और उनकी सूची बनाइए।
(ख) इस कहानी की कुछ विशेषताओं को नीचे दिया गया है। इनके उदाहरण कहानी से चुनकर लिखिए-
| कहानी की विशेषताएँ | कहानी से उदाहरण |
| 1. प्रश्नोत्तरी शैली — कहानी में ऐसे प्रश्न हैं जो पाठक को सोचने पर विवश कर देते हैं। | |
| 2. वर्णनात्मकता — लेखक ने जगहों और भावनाओं का ऐसा चित्र खींचा है कि पाठक दृश्य को देख सकता है। | |
| 3. भावात्मकता— कहानी में करुणा, पछतावा और प्रेम जैसे गहरे भाव दिखते हैं। | |
| 4. संवादात्मकता— पात्रों के संवादों से कहानी आगे बढ़ती है और प्रभावी बनती है। | |
| 5. नाटकीयता— कुछ दृश्य इतने प्रभावशाली हैं कि वे नाटक जैसे लगते हैं। | |
| 6. चरित्र चित्रण— पात्रों के गुण, स्वभाव और मन की स्थिति स्पष्ट रूप से दिखती है। |
उत्तर –
| कहानी की विशेषताएँ | कहानी से उदाहरण |
| 1. प्रश्नोत्तरी शैली — कहानी में ऐसे प्रश्न हैं जो पाठक को सोचने पर विवश कर देते हैं। | “आपसे तो एक टोकरी भर मिट्टी उठाई नहीं जाती और इस झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है। उसका भार आप जन्म-भर कैसे उठाएंगे?” – यह प्रश्न पाठक को सोचने पर मजबूर करता है कि अन्याय का बोझ कितना भारी हो सकता है। |
| 2. वर्णनात्मकता — लेखक ने जगहों और भावनाओं का ऐसा चित्र खींचा है कि पाठक दृश्य को देख सकता है। | “उस झोंपड़ी में उसका ऐसा कुछ मन लग गया था कि बिना मरे वहाँ से वह निकलना ही नहीं चाहती थी।” – इस पंक्ति में झोंपड़ी के प्रति वृद्धा के जुड़ाव का मार्मिक वर्णन है। |
| 3. भावात्मकता— कहानी में करुणा, पछतावा और प्रेम जैसे गहरे भाव दिखते हैं। | “जब उसे अपनी पूर्वस्थिति की याद आ जाती तो मारे दुख के फूट-फूट कर रोने लगती थी।” – यहाँ करुणा और दुःख की गहराई स्पष्ट झलकती है। |
| 4. संवादात्मकता— पात्रों के संवादों से कहानी आगे बढ़ती है और प्रभावी बनती है। | “महाराज क्षमा करें तो एक विनती है।” – वृद्धा और ज़मींदार के संवादों से ही कहानी आगे बढ़ती है और प्रभावी बनती है। |
| 5. नाटकीयता— कुछ दृश्य इतने प्रभावशाली हैं कि वे नाटक जैसे लगते हैं। | “ज्यों ही टोकरी को हाथ लगाकर ऊपर उठाने लगे, त्यों ही देखा कि यह काम उनकी शक्ति के बाहर है।” – यह दृश्य अत्यंत नाटकीय और प्रतीकात्मक है। |
| 6. चरित्र चित्रण— पात्रों के गुण, स्वभाव और मन की स्थिति स्पष्ट रूप से दिखती है। | “ज़मींदार साहब धन-मद से गर्वित हो अपना कर्तव्य भूल गए थे, पर वृद्धा के वचन सुनते ही उनकी आँखें खुल गईं।” – ज़मींदार के व्यवहार में आए बदलाव से उनके चरित्र का गहरा चित्रण हुआ है। |
शब्दकोश का उपयोग
आप जानते ही हैं कि हम शब्दकोश का प्रयोग करके शब्दों के विषय में अनेक प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। नीचे कुछ शब्दों के अनेक अर्थ शब्दकोश से चुनकर दिए गए हैं। इन शब्दों के जो अर्थ इस कहानी के अनुसार सबसे उपयुक्त हैं, उन पर घेरा बनाइए –
| वाक्य | रेखांकित शब्द का अर्थ |
| 1. श्रीमान् के सब प्रयत्न निष्फल हुए | धनी, शोभायुक्त, शोभावान्, संपत्तिशाली, संपन्न, पुरुषों के नाम के पूर्व आदर सूचनार्थ लगाया जाने वाला शब्द। |
| 2. पतोहू भी एक पाँच बरस की कन्या को छोड़कर चल बसी थी। | अविवाहित लड़की, एक राशि का नाम, लड़की, बड़ी इलायची। |
| 3. ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई। | राजा या रईस आदि के रहने का बहुत बड़ा और बढ़िया मकान, प्रासाद, अंतःपुर, पत्नी, उतरने की जगह। |
| 4. वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी। | काल, बहुत अधिक समय, सौभाग्य का समय, संसार, जगत, राज्यकाल, अवधि, युग, कार्यकाल, विलंब, देर, अतिकाल। |
| 5. यही उसकी पोती इस वृद्धाकाल में एकमात्र आधार थी। | सहारा, आलंबन, पात्र (नाटक), नींव, बाँध, नहर, संबंध, बरतन, परिस्थितियाँ, अधिष्ठान, आश्रय देनेवाला, पालन करनेवाला। |
उत्तर –
| वाक्य | रेखांकित शब्द का अर्थ |
| 1. श्रीमान् के सब प्रयत्न निष्फल हुए | पुरुषों के नाम के पूर्व आदर सूचनार्थ लगाया जाने वाला शब्द। |
| 2. पतोहू भी एक पाँच बरस की कन्या को छोड़कर चल बसी थी। | लड़की |
| 3. ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई। | राजा या रईस आदि के रहने का बहुत बड़ा और बढ़िया मकान |
| 4. वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी। | काल, बहुत अधिक समय, अवधि, युग |
| 5. यही उसकी पोती इस वृद्धाकाल में एकमात्र आधार थी। | सहारा, आश्रय देनेवाला, पालन करनेवाला। |
भावों की पहचान
“कृतकर्म का पश्चाताप कर उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी…”
कहानी की इस पंक्ति से कौन-कौन से भाव प्रकट हो रहे हैं? सही पहचाना, इस पंक्ति से पश्चाताप और क्षमा के भाव प्रकट हो रहे हैं। अब नीचे दी गई पंक्तियों में प्रकट हो रहे भावों से उनका मिलान कीजिए—
पंक्तियाँ
| क्रम | पंक्तियाँ | भाववाचक संज्ञा |
| 1. | वह लज्जित होकर कहने लगे— ‘नहीं, यह टोकरी हमसे न उठाई जाएगी।” | ममता / स्नेह |
| 2. | वृद्धा के उपर्युक्त वचन सुनते ही उनकी आँखें खुल गईं। | दुख / पीड़ा |
| 3. | उनके मन में कुछ दया आ गई। | विनम्रता / विनय |
| 4. | इससे भरोसा है कि वह रोटी खाने लगेगी। | अहंकार / घमंड |
| 5. | महाराज क्षमा करें तो एक विनती है। | बोध / आत्मज्ञान |
| 6. | अब यही उसकी पोती इस वृद्धाकाल में एकमात्र आधार थी। | आस्था / विश्वास |
| 7. | ज़मींदार साहब धन- मद से गर्वित हो अपना कर्तव्य भूल गए थे। | जुड़ाव / मोह |
| 8. | उस झोंपड़ी में उसका मन ऐसा कुछ लग गया था कि बिना मरे वहाँ से निकलना ही नहीं चाहती थी। | करुणा / दया |
| 9. | जब उसे अपनी पूर्वस्थिति की याद आ जाती तो मारे दुख के फूट-फूट कर रोने लगती थी। | क्रूरता / अन्याय |
| 10. | बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया। | लज्जा / पछतावा |
उत्तर –
| क्रम | पंक्तियाँ | भाववाचक संज्ञा |
| 1. | वह लज्जित होकर कहने लगे— ‘नहीं, यह टोकरी हमसे न उठाई जाएगी।” | लज्जा / पछतावा |
| 2. | वृद्धा के उपर्युक्त वचन सुनते ही उनकी आँखें खुल गईं। | बोध / आत्मज्ञान |
| 3. | उनके मन में कुछ दया आ गई। | करुणा / दया |
| 4. | इससे भरोसा है कि वह रोटी खाने लगेगी। | आस्था / विश्वास |
| 5. | महाराज क्षमा करें तो एक विनती है। | विनम्रता / विनय |
| 6. | अब यही उसकी पोती इस वृद्धाकाल में एकमात्र आधार थी। | ममता / स्नेह |
| 7. | ज़मींदार साहब धन- मद से गर्वित हो अपना कर्तव्य भूल गए थे। | अहंकार / घमंड |
| 8. | उस झोंपड़ी में उसका मन ऐसा कुछ लग गया था कि बिना मरे वहाँ से निकलना ही नहीं चाहती थी। | जुड़ाव / मोह |
| 9. | जब उसे अपनी पूर्वस्थिति की याद आ जाती तो मारे दुख के फूट-फूट कर रोने लगती थी। | दुख / पीड़ा |
| 10. | बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया। | क्रूरता / अन्याय |
वाक्य विस्तार
‘वृद्धा पहुँची।’
यह केवल दो शब्दों से बना एक वाक्य है लेकिन हम इस वाक्य को बड़ा भी बना सकते हैं—
‘वह वृद्धा हाथ में एक टोकरी लेकर वहाँ पहुँची। ‘
अब बात कुछ अच्छी तरह समझ में आ रही है। किंतु इसी वाक्य को हम और विस्तार भी दे सकते हैं, जैसे-
‘थकी हुई आँखों और काँपते हाथों में टोकरी लिए वृद्धा धीरे-धीरे दरवाजे पर पहुँची।’
अब यह वाक्य अनेक अर्थ और भाव व्यक्त कर रहा है। अब इसी प्रकार नीचे दिए गए वाक्यों का कहानी
को ध्यान में रखते हुए विस्तार कीजिए । प्रत्येक वाक्य में लगभग 15-20 शब्द हो सकते हैं।
1. एक झोंपड़ी थी।
2. श्रीमान् टहल रहे थे।
3. वह खाने लगेगी।
4. वृद्धा भीतर गई।
5. आगे बढ़े।
उत्तर –
1. एक झोंपड़ी थी।
उत्तर – ज़मींदार के विशाल महल के पास एक गरीब वृद्धा की पुरानी, छोटी-सी झोंपड़ी थी, जिसमें वह अपनी पोती के साथ रहती थी।
2. श्रीमान् टहल रहे थे।
उत्तर – श्रीमान् ज़मींदार झोंपड़ी के आस-पास टहल रहे थे और नौकरों को झोंपड़ी हटाने के लिए काम बता रहे थे।
3. वह खाने लगेगी।
उत्तर – वृद्धा को विश्वास था कि उसकी पोती, झोंपड़ी की मिट्टी से बने चूल्हे पर पकी रोटी देखकर, खुश हो जाएगी और रोटी खाना शुरू कर देगी।
4. वृद्धा भीतर गई।
उत्तर – उदासी और चुप्पी के साथ वृद्धा अपनी पुरानी झोंपड़ी के भीतर गई, वहाँ उसे उसकी पुरानी सभी यादें याद आने लगी।
5. आगे बढ़े।
उत्तर – वृद्धा के बार-बार विनती करने पर ज़मींदार के मन में दया भाव जगा और वे स्वयं टोकरी उठाने के लिए आगे बढ़े।
संवाद फोन पर
(क) कल्पना कीजिए कि यह कहानी आज के समय की है। ज़मींदार वृद्धा की पोती को समझाना चाहता है कि वह जिद छोड़ दे और भोजन कर ले। उसने पोती को फोन किया है। अपनी कल्पना से दोनों की बातचीत लिखिए।
उत्तर –
परिस्थिति – ज़मींदार आज के समय में वृद्धा की पोती को समझाना चाहता है कि वह जिद छोड़ दे और भोजन कर ले।
संवाद (फोन पर) –
ज़मींदार – हेलो बेटी। मैं ज़मींदार बोल रहा हूँ।
पोती – हाँ जी, नमस्ते। बोलिए।
ज़मींदार – तुम्हारी दादी ने मुझे बताया कि तुमने खाना-पीना छोड़ दिया है। बेटी ! तुम ऐसा क्यों कर रही हो?
पोती – दादी कहती हैं कि आपने हमारा घर छीन लिया है। जब तक मैं अपने घर नहीं लौटती, कुछ नहीं खाऊँगी।
ज़मींदार – देखो बेटी, मुझे अपनी गलती समझ आ गई है। मैंने दादी से माफ़ी माँग ली है और तुम्हारी झोंपड़ी वापस दे दी है।
पोती – क्या ! हमारी झोंपड़ी अब हमारी है?
ज़मींदार – हाँ, बिल्कुल। तुम खाना खाओ, पढ़ो-लिखो और खुश रहो।
पोती – धन्यवाद श्रीमान। मैं अब खाना खाऊँगी।
(ख) कल्पना कीजिए कि ज़मींदार और उसका कोई मित्र वृद्धा की झोंपड़ी हथियाने के बारे में मोबाइल पर लिखित संदेशों द्वारा चर्चा कर रहे हैं। मित्र उसे समझा रहा है कि वह झोंपड़ी न हड़पे। उनकी इस लिखित चर्चा को अपनी कल्पना से भाव मुद्रा (इमोजी) के साथ लिखिए।
उदाहरण-
मित्र – इस विचार को छोड़ दो, तुम्हें आखिर किस बात की कमी है?
ज़मींदार – मुझे तुमसे उपदेश नहीं सुनना है।
उत्तर –
काल्पनिक मोबाइल चैट –
मित्र – इस विचार को छोड़ दो, तुम्हें आखिर किस बात की कमी है?
ज़मींदार – मुझे तुमसे उपदेश नहीं सुनना है।
मित्र – लेकिन वह एक वृद्धा है, अनाथ है, उसका घर छीन लोगे तो वह कहाँ जाएगी?
ज़मींदार – मुझे कोई परवाह नहीं है। मैं अपने अहाते को बढ़ाना चाहता हूँ। इसमें क्या गलत है?
मित्र – यह गलत नहीं… अमानवीय है ! सोचो, अगर उस वृद्धा के बदले में तुम्हारी माँ होती तो?
ज़मींदार – तुम भावनात्मक बातों से मेरा इरादा बदल नहीं सकते।
मित्र – एक बार गहराई और शांति से सोचो। कहीं एक दिन यही बात तुम्हें शर्मिंदा न करे।
ज़मींदार – शायद तुम सही कह रहे हो।
मित्र – यही समझदारी है। इंसानियत सबसे बड़ी चीज़ होती है।
ज़मींदार – ठीक है। मैं उससे माफ़ी माँगकर झोंपड़ी वापस दे दूँगा।
उदाहरण–
मित्र – इस विचार को छोड़ दो, तुम्हें आखिर किस बात की कमी है?
ज़मींदार – मुझे तुमसे उपदेश नहीं सुनना है।
पोती की भावनाएँ
“मेरी पोती ने खाना-पीना छोड़ दिया है ।”
(क) कहानी में वृद्धा की पोती एक महत्वपूर्ण पात्र है, भले ही उसका उल्लेख केवल एक-दो पंक्तियों में ही हुआ है। कल्पना कीजिए कि आप ही वह पोती हैं। आपको अपने घर से बहुत प्यार है। अपने घर को बचाने के लिए जिलाधिकारी को एक पत्र लिखिए।
सेवा में,
जिलाधिकारी महोदय,
[जिले का नाम]—————–।
विषय: हमारे घर (झोंपड़ी) को बचाने की विनम्र प्रार्थना हेतू पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं एक छोटी बच्ची हूँ और अपनी दादी के साथ रहती हूँ। मेरी दादी और मैं कई वर्षों से एक झोंपड़ी में रहते आए हैं। यही झोंपड़ी हमारा घर है। इसमें मेरे माता-पिता की यादें बसी हैं। मेरे दादा, पापा और माँ यहीं इस दुनिया से विदा हुए।
अब जब यह घर ही हमारा एक मात्र सहारा है, यह भी हमसे छीना जा रहा है।
मेरी आपसे हाथ जोड़कर विनम्र प्रार्थना है कि मेरे इस छोटे-से घर को बचाया जाए। मैं इस उपकार को कभी नहीं भूलूँगी।
आपकी आज्ञाकारी,
[पोती का नाम]—————
[स्थान, तिथि]—————–
(ख) मान लीजिए कि वृद्धा की पोती दैनंदिनी (डायरी) लिखा करती थी। कहानी की घटनाओं के आधार पर कल्पना कीजिए कि उसने अपनी डायरी में क्या लिखा होगा? स्वयं को पोती के स्थान पर रखते हुए वह दैनंदिनी लिखिए। उदाहरण के लिए—

मेरी दैनंदिनी
2 मई – आज दादी घर पर आईं तो बहुत परेशान थीं। मैंने बहुत पूछा। उन्होंने बताया….
उत्तर –
2 मई – आज दादी घर पर आईं तो बहुत परेशान थीं। मैंने बहुत पूछा। उनकी आँखों में आँसू थे। बहुत जोर डालने पर उन्होंने बताया कि हमारा घर अब हमारा नहीं रहा। गाँव के ज़मींदार ने हमारे घर पर जबरदस्ती और धोखे से कब्जा कर लिया है। मुझे यह सब बातें सुनकर बहुत दुःख हुआ और मैं अपने कमरे में जा कर बहुत रोई। मेरा खाना खाने का भी मन नहीं हुआ क्योंकि इस घर में मेरी बहुत सी यादें हैं। आज मेरा मन बहुत दुखी है क्योंकि हमें अपना घर छोड़ कर दूसरों के घर रहना पड़ रहा है। जो मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा।
3 मई – मैंने पिछले कल कुछ भी नहीं खाया था और आज भी मेरा मन खाना खाने को नहीं हो रहा था। दादी ने मुझे बहुत मनाया, पर मैंने साफ कह दिया कि जब तक हम अपने घर वापस नहीं जाएँगे, तब तक मैं खाना नहीं खाऊँगी। मेरे हठ को सुनकर, दादी ने कुछ सोचा, और फिर कहीं चली गईं। मैं चुपचाप एक कोने में बैठी रही, और अपने घर के बारे में सोचती रही।
4 मई – आज दादी सुबह कहीं चली गई थी और दोपहर बाद घर लौटी। उनके हाथ में मिट्टी से भरा टोकरा था। उन्होंने बताया कि वह मिट्टी हमारे घर की है। उस मिट्टी से उन्होंने चूल्हा बनाया। मुझे बहुत आश्चर्य हुआ। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। फिर उन्होंने उस चूल्हे पर रोटी बनाई और मुझे कहा कि, अब तो खाना खा ले। क्योंकि यह रोटी तो तेरे अपने घर की मिट्टी से बने चूल्हे पर बनी है। दादी का मेरे लिए इतना प्यार देखकर मैं रो पड़ी… और मैने अपनी हठ छोड़कर रोटी खा ली।
5 मई – कल जब दादी अपने घर से मिट्टी लाने गई थी, तो वहां उनकी जमींदार से कुछ बातें हुई थी। दादी ने मुझे बताया कि ज़मींदार पर उनकी बातों का इतना गहरा असर पड़ा कि उसने हमारी झोंपड़ी लौटा दी। मैं बहुत खुश हुई और दौड़कर अपनी झोंपड़ी, अपने घर पर गई। ऐसा लगा ऐसे बरसों बाद अपने घर लौटी हूँ। मैं बहुत खुश हूँ। मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानती हूँ कि मुझे दादी की ममता और साहस का परिचय हुआ और हमारा घर हमें वापिस मिल गया।
आज की पहेली
नीचे दिए गए अक्षरों से सार्थक शब्द
1. ट् क र् ई ओ = टोकरी
2. य् आ द = ________________________
3. ई ल व क् = ________________________
4. झ् ओ ई प ड् अं = ________________________
5. ज द् आ म् ई र अं = ________________________
6. त् आ इ औ क ल् = ________________________
उत्तर –
1. ट् क र् ई ओ = टोकरी
2. य् आ द = याद
3. ई ल व क् = वकील
4. झ् ओ ई प ड् अं = झोंपड़ी
5. ज द् आ म् ई र अं = ज़मींदार
6. त् आ इ औ क ल् = काल
Class 8 Hindi Ek Tokri Bhar Mitti Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)
1-
किसी श्रीमान् ज़मींदार के महल के पास एक गरीब, अनाथ वृद्धा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई। वृद्धा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी। उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र भी उसी झोंपड़ी में मर गया था। पतोहू भी एक पाँच बरस की कन्या को छोड़कर चल बसी थी। अब यही उसकी पोती इस वृद्धावस्था में एकमात्र आधार थी। जब उसे अपनी की याद आ जाती तो मारे दुख के फूट-फूट कर रोने लगती थी और जब से उसने अपने श्रीमान् पड़ोसी की इच्छा का हाल सुना, तब से वह मृतप्राय गई थी। उस झोंपड़ी में उसका ऐसा कुछ मन लग गया था कि बिना मरे वहाँ से वह निकलना ही नहीं चाहती थी। श्रीमान् के सब प्रयत्न निष्फल हुए, तब वे अपनी ज़मींदारी चाल चलने लगे। बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से उस झोंपड़ी पर अपना कब्ज़ा कर लिया और वृद्धा को वहाँ से निकाल दिया। बिचारी अनाथ तो थी ही, पास-पड़ोस में कहीं जाकर रहने लगी।
प्रश्न 1 – ज़मींदार के महल के पास क्या था ?
(क) एक गरीब का घर
(ख) एक गरीब, अनाथ वृद्ध की झोंपड़ी
(ग) एक गरीब, अनाथ वृद्धा की झोंपड़ी
(घ) एक गरीब, अनाथ लड़की की झोंपड़ी
उत्तर – (ग) एक गरीब, अनाथ वृद्धा की झोंपड़ी
प्रश्न 2 – ज़मींदार साहब की क्या इच्छा हुई?
(क) अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी से भी आगे बढ़ाने की
(ख) अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की
(ग) अपने महल के अहाते से उस झोंपड़ी को हटाने की
(घ) उस झोंपड़ी से उस वृद्धा और उसकी पोती को हटाने की
उत्तर – (ख) अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की
प्रश्न 3 – वृद्धा उस झोंपड़ी से जाने को तैयार क्यों नहीं थी?
(क) क्योंकि वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी
(ख) क्योंकि उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र भी उसी झोंपड़ी में मर गया था
(ग) क्योंकि उसी झोंपड़ी में उसकी पतोहू भी एक पाँच बरस की कन्या को छोड़कर चल बसी थी
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 4 – वृद्धा मृतप्राय क्यों हो गई थी?
(क) अपनों की याद के कारण
(ख) श्रीमान् पड़ोसी की इच्छा का हाल सुन कर
(ग) दुःख के मारे
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) श्रीमान् पड़ोसी की इच्छा का हाल सुन कर
प्रश्न 5 – जब श्रीमान् के सब प्रयत्न निष्फल हुए, तब उसने क्या किया ?
(क) अपनी ज़मींदारी चाल चलने लगे
(ख) वृद्धा को वहाँ से जबरदस्ती निकाल दिया
(ग) वकीलों को रिश्वत देकर और अदालत से उस झोंपड़ी पर अपना कब्ज़ा कर लिया
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) वकीलों को रिश्वत देकर और अदालत से उस झोंपड़ी पर अपना कब्ज़ा कर लिया
2 –
एक दिन श्रीमान् उस झोंपड़ी के आस-पास टहल रहे थे और लोगों को काम बतला रहे थे कि इतने में वह वृद्धा हाथ में एक टोकरी लेकर वहाँ पहुँची। श्रीमान् ने उसको देखते ही अपने नौकरों से कहा कि उसे यहाँ से हटा दो। पर वह गिड़गिड़ाकर बोली, “महाराज, अब तो झोंपड़ी तुम्हारी ही हो गई है। मैं उसे लेने नहीं आई हूँ। महाराज क्षमा करें तो एक विनती है।” ज़मींदार साहब के सिर हिलाने पर उसने कहा, “जब से यह झोंपड़ी छूटी है, तब से मेरी पोती ने खाना-पीना छोड़ दिया है। मैंने बहुत कुछ समझाया, पर वह एक नहीं मानती। यही कहा करती है कि अपने घर चल, वहीं रोटी खाऊँगी। अब मैंने यह सोचा कि इस झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी का चूल्हा बनाकर रोटी पकाऊँगी। इससे भरोसा है कि वह रोटी खाने लगेगी। महाराज कृपा करके आज्ञा दीजिए तो इस टोकरी में मिट्टी ले जाऊँ!” श्रीमान् ने आज्ञा दे दी।
प्रश्न 1 – वृद्धा जमींदार के पास क्या ले कर आई?
(क) टोकरी
(ख) पैसे
(ग) पोती
(घ) गहने
उत्तर – (क) टोकरी
प्रश्न 2 – वृद्धा ने जमींदार से क्या विनती की?
(क) वह झोंपड़ी वापिस कर दे
(ख) वह उसकी पोती की देखभाल करे
(ग) वह उसे एक टोकरी मिट्टी ले जाने दें
(घ) वह उसे भी काम पर रख लें
उत्तर – (ग) वह उसे एक टोकरी मिट्टी ले जाने दें
प्रश्न 3 – वृद्धा एक टोकरी मिट्टी क्यों लेजाना चाहती थी ?
(क) चूल्हा बनाने के लिए
(ख) अपनों की यादों को संजोने के लिए
(ग) पोती को खुश करने के लिए
(घ) पौधा लगाने के लिए
उत्तर – (क) चूल्हा बनाने के लिए
प्रश्न 4 – रोटी खाना किसने छोड़ दिया था ?
(क) वृद्धा ने
(ख) जमींदार ने
(ग) पोती ने
(घ) दादी और पोती दोनों ने
उत्तर – (ग) पोती ने
प्रश्न 5 – झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी का चूल्हा बनाकर रोटी पकाने से वृद्धा को क्या भरोसा था ?
(क) कि पोती रोटी खाने लगेगी
(ख) कि उसकी यादें बनी रहेगी
(ग) जमींदार को उस पर तरस आ जाएगा
(घ) पोती कभी वापिस झोंपड़ी में जाने की जिद्द नहीं करेगी
उत्तर – (क) कि पोती रोटी खाने लगेगी
3 –
वृद्धा झोंपड़ी के भीतर गई। वहाँ जाते ही उसे पुरानी बातों का स्मरण हुआ और उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी। अपने आंतरिक दुख को किसी तरह सँभाल कर उसने अपनी टोकरी मिट्टी से भर ली और हाथ से उठाकर बाहर ले आई। फिर हाथ जोड़कर श्रीमान् से प्रार्थना करने लगी कि, “महाराज, कृपा करके इस टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए जिससे मैं उसे अपने सिर पर धर लूँ।” ज़मींदार साहब पहले तो बहुत नाराज हुए। पर जब वह बार-बार हाथ जोड़ने लगी और पैरों पर गिरने लगी तो उनके भी मन में कुछ दया आ गई। किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने को आगे बढ़े। ज्यों ही टोकरी को हाथ लगाकर ऊपर उठाने लगे त्यों ही देखा कि यह काम उनकी शक्ति के बाहर है। फिर तो उन्होंने अपनी सब ताकत लगाकर टोकरी को उठाना चाहा, पर जिस स्थान पर टोकरी रखी थी, वहाँ से वह एक हाथ भी ऊँची न हुई। वह लज्जित होकर कहने लगे कि, “नहीं, यह टोकरी हमसे न उठाई जाएगी।”
यह सुनकर वृद्धा ने कहा, “महाराज, नाराज न हों… आपसे तो एक टोकरी भर मिट्टी उठाई नहीं जाती और इस झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है। उसका भार उठा सकेंगे? आप ही इस बात पर विचार कीजिए।”
ज़मींदार साहब धन-मद से गर्वित हो अपना कर्तव्य भूल गए थे पर वृद्धा के उपर्युक्त वचन सुनते ही उनकी आँखें खुल गईं। कृतकर्म का पश्चाताप कर उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।
प्रश्न 1 – वृद्धा की आँखों से आँसू की धारा क्यों बहने लगी?
(क) पुरानी बातों का स्मरण करके
(ख) पोती के खाना न खाने के कारण
(ग) झोंपड़ी के छिन जाने के कारण
(घ) जमींदार के व्यवहार के कारण
उत्तर – (क) पुरानी बातों का स्मरण करके
प्रश्न 2 – वृद्धा हाथ जोड़कर श्रीमान् से क्या प्रार्थना करने लगी?
(क) कृपा करके पोती की देखभाल करें
(ख) कृपा करके हमारी झोंपड़ी वापिस कर दें
(ग) कृपा करके इस टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए
(घ) कृपा करके टोकरी भर खाना उन्हें दें
उत्तर – (ग) कृपा करके इस टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए
प्रश्न 3 – जमींदार स्वयं टोकरी उठाने को आगे क्यों बढ़े?
(क) वृद्धा के बार-बार हाथ जोड़ने के कारण
(ख) वृद्धा के पैरों पर गिरने के कारण
(ग) वृद्धा की स्थिति के कारण उनके मन में कुछ दया आ गई
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 4 – जमींदार टोकरी क्यों न उठा सका ?
(क) क्योंकि वृद्धा ने टोकरी में मिट्टी की जगह पत्थर भरे थे
(ख) क्योंकि वृद्धा ने टोकरी को प्रतीकात्मक रूप से भारी बनाया था
(ग) क्योंकि वृद्धा ने टोकरी को लोहे से बनवाया था
(घ) क्योंकि वृद्धा ने टोकरी को मिट्टी और पत्थर से भारी बनाया था
उत्तर – (ख) क्योंकि वृद्धा ने टोकरी को प्रतीकात्मक रूप से भारी बनाया था
प्रश्न 5 – कृतकर्म का पश्चाताप कर जमींदार ने क्या किया ?
(क) वृद्धा से क्षमा माँगी
(ख) वृद्धा की झोंपड़ी उसे वापस दे दी
(ग) केवल (क)
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों
Class 8 Hindi Malhar Lesson 6 Ek Tokri Bhar Mitti Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)
प्रश्न 1 – ज़मींदार का अपनी महल की सीमा को वृद्धा की झोंपड़ी तक बढ़ाना क्या दर्शाता है ?
(क) ज़मींदारी की असीम दौलत को
(ख) ज़मींदारी की बेवकूफी को
(ग) ज़मींदारी अहंकार की मानसिकता को
(घ) ज़मींदारी के शारीरिक क्षमता को
उत्तर – (ग) ज़मींदारी अहंकार की मानसिकता को
प्रश्न 2 – वृद्धा उस झोंपड़ी से क्यों नहीं हटना चाहती थी?
(क) क्योंकि वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी
(ख) क्योंकि उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र भी उसी झोंपड़ी में मर गया था
(ग) क्योंकि उसी झोंपड़ी में उसकी पतोहू भी एक पाँच बरस की कन्या को छोड़कर चल बसी थी
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 3 – वृद्धा के साथ कौन रहता था ?
(क) बेटा-बहू
(ख) उसका पति
(ग) उसकी पोती
(घ) कोई नहीं
उत्तर – (ग) उसकी पोती
प्रश्न 4 – ज़मींदार के महल के पास क्या था ?
(क) एक गरीब का घर
(ख) एक गरीब, अनाथ वृद्ध की झोंपड़ी
(ग) एक गरीब, अनाथ वृद्धा की झोंपड़ी
(घ) एक गरीब, अनाथ लड़की की झोंपड़ी
उत्तर – (ग) एक गरीब, अनाथ वृद्धा की झोंपड़ी
प्रश्न 5 – जमींदार ने झोंपड़ी पर कब्ज़ा कैसे किया ?
(क) अपनी ज़मींदारी चाल चलकर
(ख) वृद्धा को वहाँ से जबरदस्ती निकाल कर
(ग) वकीलों को रिश्वत देकर और अदालत की मदद से
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) वकीलों को रिश्वत देकर और अदालत की मदद से
प्रश्न 6 – वृद्धा दोबारा झोंपड़ी में क्यों आई?
(क) अपनी झोंपड़ी वापिस लेने
(ख) एक टोकरी मिट्टी लेने
(ग) जमींदार को सबक सिखाने
(घ) अपनी यादों को संजोने
उत्तर – (ख) एक टोकरी मिट्टी लेने
प्रश्न 7 – वृद्धा की पोती ने रोटी खाना क्यों छोड़ दिया ?
(क) वृद्धा ने उसे डाँट दिया था
(ख) जमींदार ने उसे डाँट दिया था
(ग) उसे दादी का बना खाना पसंद नहीं था
(घ) उसे अपना घर छूटने का दुःख था
उत्तर – (घ) उसे अपना घर छूटने का दुःख था
प्रश्न 8 – वृद्धा जमींदार से क्या विनती करती है?
(क) वह झोंपड़ी वापिस कर दे
(ख) वह उसकी पोती की देखभाल करे
(ग) वह उसे एक टोकरी मिट्टी ले जाने दें
(घ) वह उसे भी काम पर रख लें
उत्तर – (ग) वह उसे एक टोकरी मिट्टी ले जाने दें
प्रश्न 9 – वृद्धा किस से टोकरी उठवाना चाहती थी ?
(क) पोती से
(ख) जमींदार से
(ग) नौकर से
(घ) अपने बेटे से
उत्तर – (ख) जमींदार से
प्रश्न 10 – वृद्धा जमींदार से क्या आग्रह करने लगी?
(क) कृपा करके पोती की देखभाल करें
(ख) कृपा करके हमारी झोंपड़ी वापिस कर दें
(ग) कृपा करके इस टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए
(घ) कृपा करके टोकरी भर खाना उन्हें दें
उत्तर – (ग) कृपा करके इस टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए
प्रश्न 11 – जमींदार टोकरी क्यों नहीं उठा पाए?
(क) क्योंकि वृद्धा ने टोकरी में मिट्टी की जगह पत्थर भरे थे
(ख) क्योंकि वृद्धा ने टोकरी को प्रतीकात्मक रूप से भारी बनाया था
(ग) क्योंकि वृद्धा ने टोकरी को लोहे से बनवाया था
(घ) क्योंकि वृद्धा ने टोकरी को मिट्टी और पत्थर से भारी बनाया था
उत्तर – (ख) क्योंकि वृद्धा ने टोकरी को प्रतीकात्मक रूप से भारी बनाया था
प्रश्न 12 – वृद्धा की टोकरी किसका प्रतीक है ?
(क) मिट्टी की कीमत
(ख) मेहनत का फल
(ग) भावनात्मक लगाव का भार
(घ) शोषण का भार
उत्तर – (ग) भावनात्मक लगाव का भार
प्रश्न 13 – कहानी में अदालत की व्यवस्था क्या दर्शाती है?
(क) कमजोर न्याय व्यवस्था
(ख) कठोर न्याय व्यवस्था
(ग) निरपेक्ष न्याय व्यवस्था
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) कमजोर न्याय व्यवस्था
प्रश्न 14 – आपके अनुसार कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
(क) बच्चों की भावना
(ख) मिट्टी का महत्व
(ग) गरीबों के प्रति अन्याय
(घ) अहंकार का अंत और करुणा का जागरण
उत्तर – (घ) अहंकार का अंत और करुणा का जागरण
प्रश्न 15 – ज़मींदार के भीतर पश्चाताप का भाव कब उत्पन्न हुआ?
(क) जब ज़मींदार टोकरी उठाने में असमर्थ रहे
(ख) जब वृद्धा ने टोकरी उठाने में असमर्थ होने का प्रतीकात्मक अर्थ स्पष्ट किया
(ग) केवल (ख)
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों
प्रश्न 16 – कहानी में वृद्धा को किस तरह प्रदर्शित किया गया है ?
(क) विनम्र
(ख) भावुक
(ग) अत्यंत प्रभावशाली
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 17 – कहानी की शुरुआत में ज़मींदार का व्यवहार कैसा था?
(क) क्रूर और स्वार्थी
(ख) सकारात्मक
(ग) न्यायप्रिय
(घ) करुण व् शांत
उत्तर – (क) क्रूर और स्वार्थी
प्रश्न 18 – कहानी में जमींदार के चरित्र का कैसा विकास होता है?
(क) अहंकारी
(ख) नकारात्मक
(ग) सकारात्मक
(घ) स्थिर रहता है
उत्तर – (ग) सकारात्मक
प्रश्न 19 – मिट्टी टोकरी उठाने की असफलता किसका प्रतीक है ?
(क) अन्याय
(ख) न्याय और आत्मबोध
(ग) कानूनी हक की शिक्षा
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) न्याय और आत्मबोध
प्रश्न 20 – कहानी का अंत किस प्रकार होता है?
(क) दुखद
(ख) हासीपूर्ण
(ग) सुखद
(घ) अधूरा
उत्तर – (ग) सुखद
Ek Tokri Bhar Mitti Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)
प्रश्न 1 – जमींदार की क्या इच्छा थी ?
उत्तर – ज़मींदार साहब की इच्छा थी कि वे अपने महल के आंगन को बूढ़ी महिला की झोंपड़ी तक आगे बढ़ाए।
प्रश्न 2 – वृद्धा झोंपड़ी को क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी ? जमींदार की इच्छा सुन कर उसका क्या हाल था ?
उत्तर – वह बूढ़ी महिला तो बहुत समय पहले से उस जगह पर रहती थी। उसी झोंपड़ी में रहते हुए उसके प्रिय पति और एक मात्र पुत्र की मृत्यु भी हुई थी। उसकी बहू भी एक पाँच साल की बेटी को छोड़कर मृत्यु को प्राप्त हो गई थी। उसकी यही पोती उसके बुढ़ापे की एकमात्र सहारा थी। जब भी उसे अपनों की याद आ जाती थी, तो दुख के कारण वह फूट-फूट कर रोने लगती थी और जब से उसे उसके पड़ोसी श्रीमान् की इच्छा का पता चला था, तब से वह मानो मृत्यु के समीप आ गई थी। अर्थात जब से उस बूढ़ी महिला को पता चला कि उसका बसेरा अर्थात रहने की जगह को उसके पड़ोसी श्रीमान हटवाना चाहते हैं, तब से वह अत्यधिक दुखी और परेशान रहने लगी थी। उस झोंपड़ी में उस बूढ़ी महिला का मन कुछ इस तरह लग गया था कि वह उस जगह को बिना मरे नहीं छोड़ना चाहती थी।
प्रश्न 3 – जब जमींदार के सभी प्रयास असफल हुए तो उसने क्या किया ?
उत्तर – जमींदार ने वृद्धा को वहाँ से हटवाने के जितने भी प्रयास किया सभी बेकार हो गए, सभी प्रयास बेकार होने पर जमींदार ने अपनी चालाकियों भरी ज़मींदारी चाल चलना शुरू किया। छोटी-छोटी बातों पर तर्क करने वाले वकीलों की रिश्वत दे कर उसने अदालत से बूढ़ी महिला की उस झोंपड़ी पर अपना हक़ साबित कर दिया और बूढ़ी महिला को वहाँ से निकाल दिया।
प्रश्न 4 – वृद्धा जमींदार के पास क्या लेकर आई और क्यों ?
उत्तर – एक दिन श्रीमान् उस बूढ़ी महिला की झोंपड़ी के आस-पास घूम रहा था और लोगों को काम बता रहा था अर्थात वह अपने आंगन को बड़ा करने के उपाय काम करने वाले लोगों को बता रहा था। उसी समय वह बूढ़ी महिला भी अपने हाथ में एक टोकरी लेकर वहाँ पहुँच गई। वह विनती करने लगी कि जब से उसकी यह झोंपड़ी उससे छूटी है, अर्थात जब से उसे और उसकी पोती को झोंपड़ी से निकाला गया है। तब से उसकी पोती ने खाना-पीना छोड़ दिया है। उस बूढ़ी महिला ने इसे बहुत समझाया, पर वह उसकी एक भी बात नहीं मान रही है। वह हर समय बस यही कहती रहती है कि जब उसकी दादी उसे घर अर्थात उसकी झोंपड़ी में वापिस ले चलेगी, तभी वह वहीं रोटी खाएगी। उसकी ऐसी जिद्द देखकर बूढ़ी महिला ने सोचा कि वह अपनी झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी मिट्टी का चूल्हा बनाकर उसमें रोटी पकाएगी। ऐसा करने पर उस बूढ़ी महिला को विश्वास है कि उसकी पोती रोटी खाने लगेगी।
प्रश्न 5 – झोंपड़ी में अंदर जाने पर वृद्धा को क्या अनुभूति हुई ?
उत्तर – वह बूढ़ी महिला श्रीमान की अनुमति पा कर झोंपड़ी के अंदर चली गई। अंदर जाते ही उसे वहाँ पर बिताई पुरानी बातें याद आ गई और उन यादों के कारण उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी। अर्थात वह उस झोंपड़ी में बिताए अपने पुराने दिनों को याद करके दुखी हो गई और रोने लगी। अपने अंदर के दुख को उसने किसी तरह सँभाल लिया और अपनी टोकरी को मिट्टी से भर लिया।
प्रश्न 6 – बाहर आ कर वृद्धा ने जमींदार से क्या प्रार्थना की और क्यों ?
उत्तर – वह उस मिट्टी से भरी टोकरी को हाथ से उठाकर वृद्धा बाहर ले आई। फिर वह हाथ जोड़कर श्रीमान् से प्रार्थना करने लगी कि वह दया करके उस टोकरी को थोड़ा सा हाथ लगाए जिससे वह बूढ़ी महिला उस मिट्टी से भरी टोकरी को अपने सिर पर रख सके। पहले तो ज़मींदार साहब उस बूढ़ी महिला की बात सुनकर बहुत नाराज हुए। पर जब उस बूढ़ी महिला ने बार-बार हाथ जोड़ कर और श्रीमान के पैरों पर गिर कर निवेदन किया, तो श्रीमान के मन में भी उसके लिए कुछ दया आ गई। श्रीमान ने किसी नौकर से वह टोकरी नहीं उठवाई बल्कि वह स्वयं खुद ही टोकरी उठाने को आगे बढ़ा। वृद्धा ने इसलिए ऐसा किया क्योंकि वह मिट्टी से भरी टोकरी के माध्यम से जमींदार को उसकी गलती का एहसास करवाना चाहती थी।
प्रश्न 7 – जमींदार टोकरी को क्यों नहीं उठा पाया और इसका क्या परिणाम निकला ?
उत्तर – जैसे ही श्रीमान ने टोकरी को हाथ लगाया और ऊपर उठाने लगे, वैसे ही देखा कि यह काम उनकी शक्ति के बाहर है। अर्थात श्रीमान को उस मिट्टी से भरी टोकरी को उठाना अपनी ताकत से ज्यादा कठिन लग रहा था। श्रीमान शर्मिंदा होकर बूढ़ी महिला से कहने लगे कि, यह मिट्टी से भरी टोकरी उनसे नहीं उठाई जाएगी। श्रीमान की बात सुनकर वह वृद्धा जमींदार को समझती है कि झोंपड़ी छीनने का नैतिक बोझ बहुत भारी है, जिसे ज़मींदार जीवनभर नहीं उठा सकता। उस बूढ़ी महिला के वचन सुनते ही मानों उनका वास्तविकता से परिचय हो गया था। अपने द्वारा किए गए घृणित कार्य पर पछतावा करते हुए उन्होंने उस बूढ़ी महिला से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी उसे वापस भी दे दी।
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