लेखक (भीष्म साहनी), लेखक के पिता का चरित्र-चित्रण और लेखक के माता का चरित्र-चित्रण| Character Sketch of Writer (Bhisham Sahni), his Father and Mother from CBSE Class 8 Hindi Malhar Book Chapter 2 दो गौरैया

 

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लेखक (भीष्म साहनी) का चरित्र-चित्रण Character Sketch of Writer 

आज्ञाकारी – जब लेखक की माँ  ने सुझाव दिया था कि एक दरवाजा खुला छोड़ो, बाकी दरवाजे बंद कर दो। तभी चिड़िया बाहर निकलेंगी। लेखक ने भागकर दोनों दरवाजे बंद कर दिए केवल किचन वाला दरवाजा खुला रहा। 

कोमल हृदय – लेखक ने जिस तरह दोनों गौरैयाँ के बाहर दीवार पर दुखी सी चुपचाप बैठी होने का जिक्र किया है, इससे लेखक के कोमल हृदय वाला होने का पता चलता है। 

प्रवीण लेखक – जिस तरह भीष्म साहनी जी ने घटित घटना का प्रभावशाली तरीके से वर्णन की किया है, उससे ज्ञात होता है कि वे एक प्रवीण व् कुशल लेखक हैं। 

 

लेखक (भीष्म साहनी) के चरित्र सम्बंधित प्रश्न Questions related to the Character of the Writer

1. कहानी से लेखक के बारे में क्या पता चलता है ?
2. लेखक के कोमल हृदय के बारे में कैसे ज्ञात होता है ?

 

लेखक के पिता का चरित्र-चित्रण Character Sketch of Writer’s Father

दयावान – जिस तरह लेखक के पिताजी ने अपने घर को यात्रियों के ठहरने का स्थान बताया है और जिस तरह लेखक के घर के आँगन के आम के पेड़ में तरह-तरह के पक्षी अपना बसेरा डाले रहते हैं। उससे कहीं न कहीं पता चलता है कि पक्षियों व् अन्य जीवों को वहाँ अच्छा व्यवहार मिलता है जो वो वहीँ डेरा डाले रहते हैं। 

पक्षियों की अच्छी जानकारी – लेखक के पिताजी को पक्षियों की अच्छी जानकारी थी, तभी उन्हें पता था कि गौरैयाँ मकान को गौर से देख रही है कि वह उनके रहने योग्य है भी कि नहीं। 

माँ के विपरीत स्वभाव – जब माँ ने कहा कि अब गौरैयाँ ने घौंसला बना लिया है और अब वे नहीं जाएंगीं तो उनकी बात सुनकर लेखक के पिताजी को गुस्सा आ गया। वह उठ खड़े हुए और गौरयाँ को बाहर निकालने की कोशिश में लग गए।

हठ्ठी – लेखक के पिता जी हठ्ठी स्वभाव के जान पड़ते हैं क्योंकि वे गौरैयाँ को निकालने की ठान चुके थे इसलिए बाहर से बड़ा डंडा उठा लाए। गौरैयाँ उड़कर पर्दे के डंडे पर जा बैठीं। लेखक के पिताजी डंडे को उठाए पर्दे के डंडे की ओर जल्दी-जल्दी पैर उठाते हुए तेजी से आगे बढ़े। गलीचे के तबाह होने को कारण  बता कर, और  कुर्सी पर चढ़ कर, डंडा झुलाकर  चिड़ियों को बाहर भगा दिया। 

क्रोधी स्वभाव – जब बार-बार बाहर भगाने पर भी चिड़ियाँ अंदर आ रही थी तो पिता जी गौरैयों का घोंसला ही नोचकर निकालने लगे। उन्होंने पंखे के नीचे फर्श पर स्टूल रखा और डंडा लेकर स्टूल पर चढ़ गए। लेखक के पिताजी ने लाठी का ऊपरी हिस्सा सूखी घास के तिनकों पर जमाया और तिनके घोंसले में से अलग हो गए और लहराते हुए नीचे गिरने लगे।

कोमल हृदय – पूरी कहानी में भले ही पिता जी कठोर स्वभाव के जान पड़ते हो परन्तु अंत में जब उन्होंने नन्हीं-नन्हीं गौरैयाँ घोंसले से झाँकती दिखी तो वे चुपचाप कुर्सी पर बैठ गए और गौरैयों की ओर देख-देखकर केवल मुसकराते रहे। मानो उन्हें ख़ुशी हो रही हो कि समय रहते घौंसला टूटने से बच गया और उन्होंने एक परिवार को बेघर नहीं किया।

 

लेखक के पिता  के चरित्र सम्बंधित प्रश्न Questions related to the Character of writer’s Father

1. लेखक के पिताजी का स्वाभाव कैसा है ?
2. कहानी के किस पड़ाव से पता चलता है की लेखक के पिता हठी स्वभाव के हैं ?

 

लेखक की माता का चरित्र-चित्रण Character Sketch of Writer’s Mother

हँसमुख स्वभाव – जब भी लेखक के पिता जी कोई अटपटा कार्य करते तो लेखक की माँ को हमेशा मजाक सूझता था। और वे लेखक के पिता जी को चिढ़ाने का कोई अवसर नहीं छोड़ती थी। 

समझदार – जब लेखक के पिता जी चिड़ियों को भगाने का भरसक प्रयास कर रहे थे तब लेखक की माँ ने सुझाव दिया था कि एक दरवाजा खुला छोड़ो, बाकी दरवाजे बंद कर दो। तभी तो चिड़ियाँ बाहर निकलेंगी। 

दयावती – जब लेखक के पिता जी गौरैयों को भगाने की कोशिश कर रहे थे तो लेखक की माँ, लेखक के पिता जी से चिड़ियों को न भगाने का आग्रह कर रही थी और लेखक की माँ ने लेखक के पिता से गंभीरता से कहा, कि अब तो गौरैयों ने अंडे भी दे दिए होंगे। अब ये घर से नहीं जाएँगी। और जब नन्हीं-नन्हीं गौरैयाँ सिर निकाले नीचे की ओर देख रही थीं और चीं-चीं किए जा रही थीं। तब लेखक की माँ कुर्सी पर से उठीं और सभी दरवाजे खोल दिए।

 

 

लेखक की माता के चरित्र सम्बंधित प्रश्न Questions related to the Character of Writer’s Mother

1. गौरैया के सन्दर्भ में माताजी का दयावान स्वाभाव कैसे प्रतीत होता है ?
2. लेखक की माताजी के चरित्र के बारे में लिखिए।