बच्चे का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of a Child from CBSE Class 7 Hindi Malhar Book Chapter 5 Nahi Hona Bimar
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बच्चे का चरित्र-चित्रण कीजिए (Character Sketch of a Child)
- जिज्ञासु और संवेदनशील- बच्चा बहुत जिज्ञासु है। वह अस्पताल का शांत वातावरण देखकर खुश हो जाता है और सुधाकर काका की सेवा देख कर सोचने लगता है कि बीमार होना कितना सुखद होता होगा। यह उसकी मासूम सोच को बताता है।
- कल्पनाशील और भोला- बच्चे की कल्पनाशीलता और भोलापन इस बात में दिखता है कि वह केवल खीर खाने और बिस्तर पर लेटे रहने की लालसा में स्वयं को बीमार घोषित कर देता है। वह बीमारी की वास्तविकता को नहीं जानता है और केवल ऊपरी सुखों को देखता है।
- भावुक और अकेलापन महसूस करने वाला- जब परिवार के सभी लोग अपने काम में लग जाते हैं और उसे कोई पूछता तक नहीं, तब वह दुखी हो जाता है। उसे महसूस होता है कि अकेले रहना और भूखे रहना कितना कष्टदायक होता है।
- परिवर्तनशील और आत्मसुधार की प्रवृत्ति- बच्चा कहानी के अंत तक अपने अनुभवों से सीख लेता है और यह संकल्प करता है कि अब वह कभी भी बीमारी का बहाना नहीं बनाएगा।
निष्कर्ष- कहानी का यह बच्चा एक साधारण, मासूम और जिज्ञासु बालक है जो जीवन के अनुभवों से सीखता है। वह केवल अपनी कल्पनाओं के आधार पर निर्णय लेता है, लेकिन वास्तविकता का सामना करते ही उसकी सोच बदल जाती है। यही बात उसे एक जीवंत और शिक्षाप्रद पात्र बनाती है।
बच्चे के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the Character of a Child)
Q1. नहीं होना बीमार पाठ से बच्चे के चरित्र को उजागर कीजिये।
Q2. जब परिवार जन अपने काम में लग जाते हैं तो बच्चे की क्या प्रतिक्रिया होती है ?