CBSE Class 7 Hindi Chapter 2 Teen Buddhiman (तीन बुद्धिमान) Question Answers (Important) from Malhar Book

Class 7 Hindi Teen Buddhiman Question Answers and NCERT Solutions– Looking for Teen Buddhiman question answers for CBSE Class 7 Hindi Malhar Book Chapter 2? Look no further! Our comprehensive compilation of important question answers will help you brush up on your subject knowledge.

सीबीएसई कक्षा 7 हिंदी मल्हार के पाठ 2 तीन बुद्धिमान प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 7 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे तीन बुद्धिमान प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract-based questions, multiple choice questions, short answer and long answer questions.

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

 

 

Related: 

 

Teen Buddhiman Chapter 2 NCERT Solutions

पाठ से

मेरी समझ सेTeen Buddhiman QNA Image 1
(क) लोककथा के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

(1) लोककथा में पिता ने अपने बेटों से ‘धन संचय करने’ को कहा। उनकी इस बात का क्या अर्थ हो सकता है?

  • खेती-बारी करना और धन इकट्ठा करना
  • पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि का विकास करना
  • ऊँट का व्यापार करना
  • गाँव छोड़कर किसी नगर में जाकर बसना

उत्तर- पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि का विकास करना (*)

(2) तीनों भाइयों ने अपने ज्ञान और बुद्धि का उपयोग करके ऊँट के बारे में बहुत कुछ बता दिया। इससे क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

  • बुद्धि का प्रयोग करके ऊँट के बारे में सब कुछ बताया जा सकता है।
  • समस्या को सुलझाने के लिए ध्यान से निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है।
  • किसी व्यक्ति का ज्ञान, बुद्धि और धन ही सबसे बड़ी ताकत है।
  • ऊँट के बारे में जानने के लिए दूसरों पर भरोसा करना चाहिए।

उत्तर– समस्या को सुलझाने के लिए ध्यान से निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है। (*)

Teen Buddhiman QNA Image 2
(3) राजा ने भाइयों की बुद्धिमत्ता पर विश्वास क्यों किया?

  • भाइयों ने अपनी बात को तर्क के साथ समझाया।
  • राजा को ऊँट के स्वामी की बातों पर संदेह था ।
  • राजा ने स्वयं ऊँट और पेटी की जाँच कर ली थी।
  • भाइयों ने राजा को अपनी बात में उलझा लिया था।

उत्तर- भाइयों ने अपनी बात को तर्क के साथ समझाया। (*)

Teen Buddhiman QNA Image 3
(4) लोककथा के पात्रों और घटनाओं के आधार पर, राजा के निर्णय के पीछे कौन-सा मूल्य छिपा है ?

  • दोषी को कड़ा से कड़ा दंड देना हर समस्या का सबसे बड़ा समाधान है।
  • अच्छी तरह जाँच किए बिना किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए।
  • राजा की प्रत्येक बात और निर्णय को सदा सही माना जाना चाहिए।
  • ऊँट की चोरी के निर्णय के लिए सेवक की बुद्धि का उपयोग करना चाहिए।

उत्तर– अच्छी तरह जाँच किए बिना किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए। (*)

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने भिन्न-भिन्न उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें।
उत्तर- हमने इन उत्तरों को इसलिए चुना क्योंकि वे लोककथा की घटनाओं और पात्रों के व्यवहार पर आधारित हैं।
पिता के कथन का गहरा अर्थ है कि केवल धन ही नहीं, अनुभव, समझदारी और सूझबूझ ही असली संपत्ति है।
तीनों भाइयों ने बिना ऊँट देखे केवल चिन्हों के आधार पर सच्चाई बताई, जिससे यह सिद्ध होता है कि सूक्ष्म निरीक्षण और तर्क का उपयोग समस्या को सुलझाने में मदद करता है।
राजा ने भी जाँच और तर्क से काम लिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बिना प्रमाण किसी को दोषी ठहराना अनुचित है।

 

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-

(क) “रुपये-पैसे के स्थान पर तुम्हारे पास पैनी दृष्टि होगी और सोने चाँदी के स्थान पर तीव्र बुद्धि होगी। ऐसा धन संचित कर लेने पर तुम्हें कभी किसी प्रकार की कमी न रहेगी और तुम दूसरों की तुलना में उन्नीस नहीं रहोगे।”
उत्तर– इस पंक्ति का मतलब यह है कि असली धन सिर्फ पैसे या सोना-चाँदी नहीं है, बल्कि समझदारी, सूझबूझ और चीज़ों को गहराई से देखने की क्षमता भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। यदि किसी के पास तेज़ बुद्धि और सही दृष्टिकोण है, तो वह जीवन में सफल हो सकता है, भले ही उसके पास भौतिक संपत्ति न हो। यह ज्ञान और अनुभव की महत्ता को बताता है।

(ख) “हर वस्तु और स्थिति को पूर्णत: समझने और जानने का प्रयास करो । कुछ भी तुम्हारी दृष्टि से न बच पाए।”
उत्तर– यहाँ यह समझाने की कोशिश की गई है कि किसी भी परिस्थिति या वस्तु को सतही रूप से नहीं, बल्कि गहराई से समझने की आदत डालनी चाहिए। ध्यानपूर्वक निरीक्षण और सोच से ही हम सही निर्णय ले सकते हैं। यह पंक्ति हमें सतर्क, जागरूक और जिज्ञासु रहने की प्रेरणा देती है।

(ग) “हमने अपने परिवेश को पैनी दृष्टि से देखने और बुद्धि से सोचने के प्रयास में बहुत समय लगाया है।”
उत्तर- इस पंक्ति में बताया गया है कि किसी बात की सच्चाई को जानने के लिए केवल आँखों से देखना काफी नहीं होता, बल्कि दिमाग से सोचकर, चीज़ों को समझकर ही कोई निष्कर्ष निकाला जा सकता है। यह मेहनत, निरीक्षण और तार्किक सोच की भूमिका को स्पष्ट करती है।

Teen Buddhiman QNA Image 4

मिलकर करें मिलान

इस लोककथा में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे स्तंभ 1 में दिए गए हैं। उनके भाव या अर्थ से मिलते-जुलते वाक्य स्तंभ 2 में दिए गए हैं। स्तंभ 1 के वाक्यों को स्तंभ 2 के उपयुक्त वाक्यों से सुमेलित कीजिए—

स्तंभ 1 स्तंभ 2
1. कुछ समय पश्चात् पिता चल बसे। 1. घोड़े पर सवार व्यक्ति ने तीनों भाइयों को अविश्वास से देखा।
2. हम कहीं भी क्यों न हों, भूखे नहीं मरेंगे। 2. थोड़े समय के बाद पिता का देहांत हो गया।
3. घुड़सवार ने तीनों भाइयों को शंका की दृष्टि से देखा। 3. लोग इतने अचंभित थे कि उनका आश्चर्य व्यक्त करना कठिन था।
4. बचपन से ही हमें ऐसी आदत पड़ गई है कि हम कुछ भी अपनी दृष्टि से नहीं चूकने देते। 4. बचपन से ही हमें आदत हो गई है कि हम हर छोटी-बड़ी वस्तु पर ध्यान अवश्य देते हैं।
5. लोगों के आश्चर्य का कोई ठिकाना न था। 5. हम चाहे जहाँ भी हों, हमें खाने के लिए कुछ न कुछ मिल ही जाएगा।

उत्तर- 

स्तंभ 1 स्तंभ 2
1. कुछ समय पश्चात् पिता चल बसे। 2. थोड़े समय के बाद पिता का देहांत हो गया।
2. हम कहीं भी क्यों न हों, भूखे नहीं मरेंगे। 5. हम चाहे जहाँ भी हों, हमें खाने के लिए कुछ न कुछ मिल ही जाएगा।
3. घुड़सवार ने तीनों भाइयों को शंका की दृष्टि से देखा। 1. घोड़े पर सवार व्यक्ति ने तीनों भाइयों को अविश्वास से देखा।
4. बचपन से ही हमें ऐसी आदत पड़ गई है कि हम कुछ भी अपनी दृष्टि से नहीं चूकने देते। 4. बचपन से ही हमें आदत हो गई है कि हम हर छोटी-बड़ी वस्तु पर ध्यान अवश्य देते हैं।
5. लोगों के आश्चर्य का कोई ठिकाना न था। 3. लोग इतने अचंभित थे कि उनका आश्चर्य व्यक्त करना कठिन था। 

 

सोच-विचार के लिए
लोककथा को एक बार फिर ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-

(क) तीनों भाइयों ने बिना ऊँट को देखे उसके विषय में कैसे बता दिया था?
उत्तर- तीनों भाइयों ने अपने अवलोकन और तीव्र बुद्धि का प्रयोग करके ऊँट के बारे में सही जानकारी दी। सबसे बड़े भाई ने धूल में पैरों के निशान देखकर अनुमान लगाया कि कोई बहुत बड़ा ऊँट है और घुड़सवार उसे खोज रहा है। मझले भाई ने देखा कि रास्ते के दाएँ तरफ की घास चर ली गई है लेकिन बाईं ओर की नहीं, जिससे उसने जाना कि ऊँट एक आँख से देख सकता है। छोटे भाई ने ऊँट के घुटने टेकने के निशान, महिला के जूते और बच्चे के पैरों के निशान देखकर बताया कि ऊँट पर एक महिला और बच्चा सवार थे। इस तरह तीनों ने बिना ऊँट को देखे केवल चिन्हों, बुद्धि और अवलोकन से ऊँट के बारे में सटीक जानकारी दी।

(ख) आपके अनुसार इस लोककथा में सबसे अधिक महत्व किस बात को दिया गया है— तार्किक सोच, अवलोकन या सत्यवादिता? लोककथा के आधार पर समझाइए |
उत्तर– इस लोककथा में सबसे अधिक महत्व अवलोकन और तार्किक सोच को दिया गया है। भाइयों ने अपने चारों ओर के वातावरण को बहुत ध्यानपूर्वक देखा और उसके आधार पर तर्क करते हुए ऊँट के बारे में सही निष्कर्ष निकाले। यही उनकी सबसे बड़ी शक्ति बन गई।

(ग) लोककथा में राजा ने पहले भाइयों पर संदेह किया लेकिन बाद में उन्हें निर्दोष माना। राजा की सोच क्यों बदल गई?
उत्तर- राजा ने पहले संदेह इसलिए किया क्योंकि ऊँट का मालिक तीनों भाइयों को दोषी बता रहा था। लेकिन जब भाइयों ने अपने अवलोकन और तर्कों को स्पष्ट रूप से समझाया और परीक्षा में भी सत्य सिद्ध हुए, तब राजा को उनकी ईमानदारी और बुद्धिमत्ता पर विश्वास हो गया। इस तरह राजा की सोच बदल गई।

(घ) ऊँट के स्वामी ने भाइयों पर तुरंत संदेह क्यों किया? आपके विचार से उसे क्या करना चाहिए था जिससे उसे अपना ऊँट मिल जाता?
उत्तर– ऊँट के स्वामी ने इसीलिए संदेह किया क्योंकि भाइयों को ऊँट के बारे में बहुत कुछ पता था, जबकि उन्होंने ऊँट को देखा नहीं था।
उसे बिना पुष्टि किए आरोप नहीं लगाना चाहिए था। यदि वह भाइयों से शांतिपूर्वक बात करता और उनसे पूरी जानकारी लेता, तो शायद उसे ऊँट का पता भी मिल सकता था।

(ङ) पिता ने बेटों को “दूसरे प्रकार का धन” संचित करने की सलाह क्यों दी? इससे पिता के बारे में क्या-क्या पता चलता है?
उत्तर– पिता ने यह सलाह इसलिए दी क्योंकि वे समझते थे कि जीवन में केवल पैसा ही नहीं, बल्कि बुद्धिमत्ता और समझदारी भी आवश्यक है। इससे पता चलता है कि वे दूरदर्शी, अनुभवी और अपने बेटों को आत्मनिर्भर बनाने वाले व्यक्ति थे। वे चाहते थे कि उनके बेटे कठिन समय में भी अपनी सोच और ज्ञान से समस्याओं का समाधान निकाल सकें।

(च) राजा ने भाइयों की परीक्षा लेने के लिए पेटी का उपयोग किया। इस परीक्षा से राजा के व्यक्तित्व और निर्णय शैली के बारे में क्या-क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
उत्तर- इससे पता चलता है कि राजा न्यायप्रिय और सोच-समझकर निर्णय लेने वाला शासक था। वह बिना सबूत के किसी को दोषी नहीं ठहराता था। वह सतर्क, बुद्धिमान और सत्य को जानने के लिए तैयार रहने वाला शासक था, जो परीक्षण के माध्यम से सत्य की खोज करता है।

(छ) आप इस लोककथा के भाइयों की किस विशेषता को अपनाना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर- मैं भाइयों की पैनी दृष्टि और तार्किक सोच को अपनाना चाहूँगा, क्योंकि ये गुण हमें जीवन की जटिल परिस्थितियों में भी सही निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं। इससे हम आत्मनिर्भर और सफल बन सकते हैं, जैसे वे बने।

 

अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए—
(क) यदि राजा ने बिना जाँच के भाइयों को दोषी ठहरा दिया होता तो इस लोककथा का क्या परिणाम होता?
उत्तर– यदि राजा ने बिना जाँच किए भाइयों को दोषी ठहरा दिया होता, तो यह एक अन्यायपूर्ण निर्णय होता। निर्दोष होने के बावजूद उन्हें दंड मिल सकता था, जिससे न केवल उनकी प्रतिष्ठा नष्ट होती बल्कि राजा की न्याय प्रणाली पर भी प्रश्न उठते। ऐसी स्थिति में लोगों का न्याय व्यवस्था पर विश्वास कम हो जाता और बुद्धिमान लोगों को प्रोत्साहन मिलने के बजाय भय होता।

(ख) यदि भाइयों ने अनार के बारे में सही अनुमान न लगाया होता तो लोककथा का अंत किस प्रकार होता? अपने विचार व्यक्त करें।
उत्तर– अगर भाइयों ने अनार के बारे में सही अनुमान न लगाया होता, तो राजा को उन पर फिर से संदेह होता और संभवतः वह उन्हें दोषी मानकर सजा दे देता। इससे भाइयों की बुद्धिमत्ता पर प्रश्नचिह्न लग जाता और लोककथा एक नैतिक संदेश देने के बजाय दुखद अंत ले सकती थी, जहाँ न्याय नहीं बल्कि भ्रम और दुर्भाग्य की जीत होती।

(ग) लोककथा में यदि तीनों भाई ऊँट को खोजने जाते तो उन्हें कौन-कौन सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता था?
उत्तर- अगर तीनों भाई स्वयं ऊँट खोजने निकलते, तो उन्हें रेगिस्तान की गर्मी, पानी और भोजन की कमी, दिशा का सही ज्ञान न होना, रास्ते में आने वाली बाधाएँ जैसे जानवर या लुटेरे—इन सभी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता था। साथ ही, ऊँट की दिशा का सही अनुमान लगाना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता था।

(घ) यदि राजा के स्थान पर आप होते तो भाइयों की परीक्षा लेने के लिए किस प्रकार के सवाल या गतिविधियाँ करते? अपनी कल्पना साझा करें।
उत्तर– अगर मैं राजा होता, तो मैं भाइयों की बुद्धि की परीक्षा के लिए उन्हें किसी रहस्यमय घटना या वस्तु पर आधारित प्रश्न देता, जैसे किसी कमरे में रखे सामान के चिन्हों से वहाँ हुई घटना का अनुमान लगाना। या फिर कोई ऐसा नकली अपराध दृश्य तैयार करता, जहाँ वे केवल चिन्हों से स्थिति का विश्लेषण करके निष्कर्ष निकालें। इससे उनकी तर्कशक्ति, निरीक्षण क्षमता और सोचने की शैली का आकलन बेहतर ढंग से हो सकता था।

Teen Buddhiman QNA Image 5

शब्द से जुड़े शब्द 

नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘बुद्धि’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए—

Teen Buddhiman QNA Image 6

उत्तर-

Teen Buddhiman QNA Image 7
कारक 

नीचे दिए गए वाक्य को ध्यान से पढ़िए—
“भाइयों जवाब दिया।”
यह वाक्य कुछ अटपटा लग रहा है न? अब नीचे दिए गए वाक्य को पढ़िए—
“भाइयों ने जवाब दिया।” 

इन दोनों वाक्यों में अंतर समझ में आया? बिलकुल सही पहचाना आपने! दूसरे वाक्य में ‘ने’ शब्द ‘भाइयों’ और ‘जवाब दिया’ के बीच संबंध को जोड़ रहा है। संज्ञा या सर्वनाम के साथ प्रयुक्त होने वाले शब्दों के ऐसे रूपों को कारक या परसर्ग कहते हैं। कारक शब्दों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं—

ने, को, पर, से, के द्वारा, का, में, के लिए, की, के, हे, हो, अरे

नीचे दिए गए वाक्यों में कारक लिखकर इन्हें पूरा कीजिए-

1. “हमने तो तुम्हारे ऊँट ———देखा तक नहीं”, भाइयों ———-परेशान होते हुए कहा।
2. “मैं अपने रेवड़ों ——-पहाड़ों———–लिये जा रहा था, उसने कहा, “और मेरी पत्नी मेरे छोटे-से बेटे——-साथ एक बड़े-से ऊँट——–मेरे पीछे-पीछे आ रही थी । ”
3. राजा ——-उसी समय अपने मंत्री——-बुलाया और उसके कान ——कुछ फुसफुसाया।
4. यह सुनकर राजा—–पेटी ——पास लाने ———आदेश दिया। सेवकों —– तुरंत आदेश पूरा किया। राजा——सेवकों ———पेटी खोलने ———–लिए कहा।

उत्तर-
1. “हमने तो तुम्हारे ऊँट को देखा तक नहीं”, भाइयों ने परेशान होते हुए कहा।
2. “मैं अपने रेवड़ों को पहाड़ों के लिये जा रहा था, उसने कहा, “और मेरी पत्नी मेरे छोटे-से बेटे के साथ एक बड़े-से ऊँट पर मेरे पीछे-पीछे आ रही थी । ”
3. राजा ने उसी समय अपने मंत्री को बुलाया और उसके कान में कुछ फुसफुसाया।
4. यह सुनकर राजा ने पेटी को  पास लाने का आदेश दिया। सेवकों ने  तुरंत आदेश पूरा किया। राजा ने  सेवकों से  पेटी खोलने के लिए कहा।

सूचनापत्र

कल्पना कीजिए कि आप इस लोककथा के वह घुड़सवार हैं जिसका ऊँट खो गया है। आप अपने ऊँट को खोजने के लिए एक सूचना कागज पर लिखकर पूरे शहर में जगह-जगह चिपकाना चाहते हैं। अपनी कल्पना और लोककथा में दी गई जानकारी के आधार पर एक सूचनापत्र लिखिए।

Teen Buddhiman QNA Image 8

उत्तर-

सूचनापत्र
ऊँट खोने के सम्बन्ध में 

मैं, एक मुसाफिर, पहाड़ों की ओर अपने रेवड़ों को ले जा रहा था। मेरी पत्नी और छोटा बेटा एक बड़े ऊँट पर सवार होकर मेरे पीछे-पीछे आ रहे थे। रास्ते में ऊँट अचानक कहीं खो गया।
ऊँट की पहचान-

  • ऊँट बहुत बड़ा है।
  • ऊँट को बाईं आँख से नहीं दिखता है।

यदि किसी ने इस ऊँट को देखा हो या कोई जानकारी हो तो कृपया तुरंत नीचे दिए हुए पते पर संपर्क करें।
उचित इनाम दिया जाएगा।

संपर्क करें:
मुसाफिर घुड़सवार
रामसेवक
राजमहल के पास

 

पाठ से आगे

आपकी बात

Teen Buddhiman QNA Image 91. लोककथा में तीन भाइयों की पैनी दृष्टि की बात कही गई है। क्या आपने कभी अपनी पैनी दृष्टि का प्रयोग किसी समस्या को हल करने के लिए किया है? उस समस्या और आपके द्वारा दिए गए हल के विषय में लिखिए।
उत्तर- हाँ, एक बार हमारे स्कूल में एक पुस्तक गुम हो गई थी। सब लोग एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। मैंने ध्यान दिया कि जिस टेबल पर किताब थी, वहाँ पंखा बहुत तेज़ चल रहा था। मुझे शक हुआ कि किताब उड़कर किसी कोने में गिर गई होगी। मैंने ढूँढा और किताब मेज के नीचे एक कोने में मिल गई। सबने मेरी पैनी दृष्टि की सराहना की।

2. लोककथा में बताया गया है कि भाइयों ने “बचपन से हर वस्तु पर ध्यान देने की आदत डाली।” यदि आपने ऐसा किया है तो आपको अपने जीवन में इसके क्या-क्या लाभ मिलते हैं?
उत्तर- मैं भी हर वस्तु को ध्यान से देखता हूँ — चाहे कोई पेड़-पौधा हो, रास्ते की कोई चीज़ हो या किसी की बात। इसका फायदा मुझे यह हुआ कि मैं छोटी-छोटी बातों को जल्दी समझ जाता हूँ और कई बार दूसरों की मदद भी कर पाता हूँ। इससे मेरी याददाश्त और समझ भी बेहतर हुई है।

3. लोककथा में भाइयों को यात्रा करते समय अनेक कठिनाइयाँ आईं, जैसे भूख, थकान और पैरों में छाले। आप अपने दैनिक जीवन में किन-किन कठिनाइयों का सामना करते हैं? लिखिए।
उत्तर- मेरे दैनिक जीवन में भी कई कठिनाइयाँ आती हैं — जैसे सुबह जल्दी उठना, होमवर्क समय पर करना, कभी-कभी बीमार होकर भी पढ़ाई करना, और जब मनपसंद चीज़ें न मिलें तो खुद को संभालना। लेकिन मैं धैर्य और अनुशासन से इनका सामना करता हूँ।

4. भाइयों ने बिना देखे ही ऊँट के बारे में सही-सही बातें बताईं। क्या आपको लगता है कि अनुभव और समझ से देखे बिना भी सही निर्णय लिया जा सकता है? क्या आपने भी कभी ऐसा किया है?
उत्तर– हाँ, मुझे लगता है कि अनुभव और समझ की मदद से कई बार बिना देखे भी सही निर्णय लिया जा सकता है। जब हम किसी विषय में बार-बार अभ्यास करते हैं या कोई कार्य ध्यान से करते हैं, तो हमारी समझ इतनी तेज़ हो जाती है कि हम बिना प्रत्यक्ष देखे भी स्थिति का अनुमान लगा सकते हैं।
एक बार हमारे स्कूल में कंप्यूटर लैब में एक कंप्यूटर अचानक बंद हो गया। सबको लगा कि वह खराब हो गया है। मैंने बिना उसे खोले सिर्फ पावर केबल और प्लग चेक किया और पाया कि स्विच ही बंद था। मैंने स्विच चालू किया और कंप्यूटर चल पड़ा। यह मेरा अनुभव और ध्यान देने की आदत ही थी, जिससे मैं सही निर्णय ले सका, बिना तकनीकी जांच के।
इसलिए, जब हम चीज़ों को ध्यान से देखना, सुनना और समझना सीख जाते हैं, तो हमारी निर्णय लेने की क्षमता स्वतः ही बढ़ जाती है।

5. जब ऊँट के स्वामी ने भाइयों पर शंका की तो भाइयों ने बिना गुस्सा किए शांति से उत्तर दिया। क्या आपको लगता है कि कभी किसी को संदेह होने पर हमें भी शांत रहकर उत्तर देना चाहिए ? क्या आपने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया है? ऐसे में आपने क्या किया?
उत्तर- हाँ, मुझे लगता है कि जब कोई हम पर संदेह करता है तो हमें गुस्सा करने के बजाय शांति से और तर्कपूर्वक उत्तर देना चाहिए। क्रोध की स्थिति में बात बिगड़ सकती है, लेकिन शांतिपूर्वक समझाने से समस्या सुलझ सकती है।
एक बार मेरे विद्यालय में मेरी एक पुस्तक किसी और की मेज़ पर मिल गई। शिक्षक को लगा कि मैंने किसी और की किताब चुपचाप ले ली है। उन्होंने मुझसे सवाल किया, लेकिन मैंने बिना नाराज़ हुए विनम्रता से बताया कि मेरी किताब भी ठीक वैसी ही दिखती है, और शायद गलती से किसी ने बदल दी हो। जब दोनों किताबों की पहचान की गई तो पता चला कि मेरी बात सही थी।
उस अनुभव से मैंने सीखा कि शांत और स्पष्ट व्यवहार से ही हम सच्चाई को सिद्ध कर सकते हैं।

6. राजा ने भाइयों की बुद्धिमानी देखकर बहुत आश्चर्य व्यक्त किया। क्या आपको कभी किसी की सोच, समझ या किसी विशेष कौशल को देखकर आश्चर्य हुआ है? क्या आपने कभी किसी से कुछ ऐसा सीखा है जो आपके लिए बिलकुल नया और चौंकाने वाला हो ?
उत्तर- एक बार मैंने अपने चचेरे भाई को केवल बिखरे हुए तारों से रेडियो बनाते देखा। मुझे उसकी तकनीकी समझ पर बहुत आश्चर्य हुआ। उससे मैंने यह सीखा कि लगन और जिज्ञासा से हम असंभव को भी संभव बना सकते हैं।

7. लोककथा में पिता ने अपने बेटों को यह सलाह दी कि वे समझ और ज्ञान जमा करें। क्या आपको कभी किसी बड़े व्यक्ति से ऐसी कोई सलाह मिली है जो आपके जीवन में उपयोगी रही हो? क्या आप भी अपने अनुभव से किसी को ऐसी सलाह देंगे?
उत्तर– मेरी दादी ने मुझे कहा था, “जितना हो सके सीखते रहो, क्योंकि ज्ञान कभी भारी नहीं होता।” यह बात मेरे दिल को छू गई। आज मैं हर दिन कुछ नया जानने की कोशिश करता हूँ। मैं अपने दोस्तों को भी सलाह देता हूँ कि टीवी और मोबाइल के साथ-साथ किताबों और अनुभवों से भी सीखें।

8. भाइयों ने अपने ऊपर लगे आरोपों के होते हुए भी सदा सच्चाई का साथ दिया। क्या आपको लगता है कि सदा सच बोलना महत्वपूर्ण है, भले ही स्थिति कठिन क्यों न हो? क्या आपको किसी समय ऐसा लगा है। कि आपकी सच्चाई ने आपको समस्याओं से बाहर निकाला हो ?
उत्तर- हाँ, मुझे लगता है कि सदा सच बोलना बहुत ज़रूरी है, चाहे स्थिति कैसी भी हो। एक बार मैंने गलती से एक दोस्त की किताब फाड़ दी थी। मैंने साहस करके सच बताया। वह पहले नाराज़ हुआ, लेकिन मेरी ईमानदारी से वह पिघल गया और हम और अच्छे दोस्त बन गए।

 

आज की पहेली

Teen Buddhiman QNA Image 10

आपने पढ़ा कि तीनों बुद्धिमान भाई किस प्रकार अपने अवलोकन से वे बातें भी जान जाते थे जो अन्य लोग नहीं जान पाते। अब आपके सामने कुछ पहेलियाँ प्रस्तुत हैं जहाँ आपको कुछ संकेत दिए जाएँगे। संकेतों के आधार पर आपको उत्तर खोजने हैं-

1. कौन है यह प्राणी?
1. इसकी लंबी पूँछ होती है जो पेड़ों की शाखाओं के चारों ओर लिपटी रहती है।
2. इसका मुख्य आहार कीट और छोटे जीव होते हैं जिन्हें यह चुपके से पकड़ता है।
3. यह प्राणी अपने परिवेश में घुल-मिल जाता है और अपनी रंगत को बदल सकता है।
4. इसके पास तेज आँखें होती हैं जो चारों दिशाओं में देख सकती हैं।
उत्तर- गिरगिट
गिरगिट एक ऐसा जीव है जिसकी पूँछ लंबी होती है, यह पेड़ों पर रहता है, कीट खाता है, रंग बदल सकता है और इसकी आँखें पूरी तरह से इधर-उधर घूम सकती हैं।

2. रंगीन डिब्बे
एक मेज पर चार रंगीन डिब्बे बराबर-बराबर रखे हैं— लाल, हरा, नीला और पीला। बताइए पीले डिब्बे के बराबर में कौन-सा डिब्बा है? यदि-
1. लाल डिब्बा नीले डिब्बे के पास है।
2. हरा डिब्बा पीले डिब्बे के पास नहीं है।
3. पीला डिब्बा लाल डिब्बे के पास नहीं है।
4. हरा डिब्बा लाल डिब्बे के पास है।
उत्तर– पीले डिब्बे के बराबर में नीला डिब्बा है।

 

Class 7 Hindi Teen Buddhiman– Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)

निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिये-
1
एक समय की बात है कि एक निर्धन व्यक्ति के तीन बेटे थे। वह प्राय: अपने बेटों से कहता- “मेरे बेटो ! हमारे पास न तो रुपया-पैसा है और न ही सोना-चाँदी। इसलिए तुम्हें एक दूसरे प्रकार का धन संचित करना चाहिए— हर वस्तु और स्थिति को पूर्णत: समझने और जानने का प्रयास करो। कुछ भी तुम्हारी दृष्टि से न बच पाए। रुपये-पैसे के स्थान पर तुम्हारे पास पैनी दृष्टि होगी और सोने-चाँदी के स्थान पर तीव्र बुद्धि होगी। ऐसा धन संचित कर लेने पर तुम्हें कभी किसी प्रकार की कमी न रहेगी और तुम दूसरों की तुलना में उन्नीस नहीं रहोगे।”
समय बीता और कुछ समय पश्चात् पिता चल बसे। बेटे मिलकर बैठे, उन्होंने सारी स्थिति पर विचार किया और फिर बोले— “हमारे लिए यहाँ कुछ भी तो करने को नहीं। आओ, घूम फिरकर जगत देखें । आवश्यकता होने पर हम चरवाहों या खेत में श्रमिकों का काम कर लेंगे। हम कहीं भी क्यों न हों, भूखे नहीं मरेंगे।”
अंततः वे तैयार होकर यात्रा पर चल दिए।

1. निर्धन पिता ने अपने बेटों को कौन-सा धन संचित करने की सलाह दी?
(क) रुपया-पैसा
(ख) सोना-चाँदी
(ग) पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि
(घ) भूमि और संपत्ति
उत्तर- (ग) पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि

2. पिता के अनुसार कौन-सी चीज़ मनुष्य को दूसरों से उन्नत बनाती है?
(क) अच्छे कपड़े
(ख) बौद्धिक संपत्ति
(ग) शारीरिक बल
(घ) सामाजिक संबंध
उत्तर– (ख) बौद्धिक संपत्ति

3. पिता की मृत्यु के बाद बेटों ने क्या निर्णय लिया?
(क) यात्रा पर जाने का
(ख) खेत जोतने का
(ग) नगर में दुकान खोलने का
(घ) नौकरी ढूँढ़ने का
उत्तर- (क) यात्रा पर जाने का

4. पिता द्वारा बताई गई दृष्टि और बुद्धि को ‘धन’ क्यों कहा गया है?
उत्तर– पिता ने दृष्टि और बुद्धि को ‘धन’ इसलिए कहा क्योंकि वे अमूल्य गुण हैं जो जीवन में हमेशा काम आते हैं। भौतिक धन जैसे रुपया-पैसा और सोना-चाँदी खो सकते हैं या खत्म हो सकते हैं, परन्तु ज्ञान और समझ कभी नष्ट नहीं होते। यदि व्यक्ति में सूझ-बूझ और समझदारी है, तो वह कठिन से कठिन परिस्थिति में भी समाधान निकाल सकता है। इसीलिए उन्हें वास्तविक संपत्ति या धन कहा गया है।

5. निर्धन पिता द्वारा दी गयी शिक्षा का उद्देश्य क्या था?
उत्तर– निर्धन पिता द्वारा दी गयी शिक्षा का उद्देश्य था कि बेटे हर वस्तु और परिस्थिति को पूरी तरह समझ सकें और अपने विवेक से जीवन में आगे बढ़ें। यही शिक्षा उनके लिए असली पूँजी बन सकती थी।

2
राजा ने उसी समय अपने मंत्री को बुलाया और उसके कान में कुछ फुसफुसाया। मंत्री तुरंत महल के बाहर चला गया। लेकिन शीघ्र ही वह दो सेवकों के साथ लौटा जो एक बहुत बड़ी-सी पेटी लाए थे। दोनों ने पेटी को बहुत सावधानी से द्वार के पास ऐसे रख दिया कि वह राजा को दिखाई दे सके और स्वयं एक ओर हट गए। तीनों भाई दूर से खड़े उन्हें देखते रहे। उन्होंने इस बात ध्यान से देखा कि पेटी कहाँ से और कैसे लाई गई थी और किस ढंग से रखी गई थी।
“हाँ, तो चोरों, हमें बताओ कि उस पेटी में क्या है?” राजा ने कहा ।
“महाराज, हम तो पहले ही यह विनती कर चुके हैं कि हम चोर नहीं हैं”, सबसे बड़े भाई ने कहा। “पर यदि आप चाहते हैं तो मैं आपको यह बता सकता हूँ कि उस पेटी में क्या है। उसमें कोई छोटी-सी गोल वस्तु है।”
“उसमें अनार है”, मझला भाई बोला ।
“हाँ, और वह अभी कच्चा है”, सबसे छोटे भाई ने कहा ।
यह सुनकर राजा ने पेटी को पास लाने का आदेश दिया। सेवकों ने तुरंत आदेश पूरा किया। राजा ने सेवकों से पेटी खोलने के लिए कहा। पेटी खुल जाने पर उसने उसमें झाँका। जब उसे उसमें कच्चा अनार दिखाई दिया तो उसके आश्चर्य की कोई सीमा न रही।
आश्चर्यचकित राजा ने अनार निकालकर वहाँ उपस्थित सभी लोगों को दिखाया। तब उसने ऊँट के मालिक से कहा-
“इन लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ये चोर नहीं हैं। वास्तव में ये बहुत ही बुद्धिमान लोग हैं। तुम इनके बताए रास्ते पर जाकर अपने ऊँट को खोजो।”

1. राजा ने सबसे पहले क्या किया?
(क) तीनों भाइयों को दंड दिया
(ख) स्वयं पेटी लेकर आया
(ग) मंत्री को बुलाया और कान में कुछ कहा
(घ) अनार मँगवाया
उत्तर- (ग) मंत्री को बुलाया और कान में कुछ कहा

2. तीनों भाइयों ने पेटी को देखकर उसमें क्या होने की बात कही?
(क) पत्थर
(ख) कच्चा अनार
(ग) सोने की मूर्ति
(घ) कपड़े
उत्तर– (ख) कच्चा अनार

3. राजा ने अंत में ऊँट के मालिक से क्या कहा?
(क) भाइयों को दंड दो
(ख) अनार खाओ
(ग) इनसे सावधान रहो
(घ) इनकी बताई राह पर जाकर ऊँट खोजो
उत्तर– (घ) इनकी बताई राह पर जाकर ऊँट खोजो

4. तीनों भाइयों ने पेटी के विषय में क्या कहा?
उत्तर– जब राजा ने पूछा कि पेटी में क्या है, तो सबसे बड़े भाई ने कहा कि उसमें कोई छोटी-सी गोल वस्तु है। मझले भाई ने कहा कि वह अनार है, और सबसे छोटे भाई ने बताया कि वह अनार अभी कच्चा है।

5. राजा का भाइयों की बुद्धिमत्ता पर क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर– जब राजा ने पेटी में कच्चा अनार देखा, तो उसे तीनों भाइयों की बुद्धिमत्ता पर बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने अनार सभी लोगों को दिखाया और ऊँट के मालिक से कहा कि ये लोग चोर नहीं हैं, बल्कि बहुत ही बुद्धिमान हैं।

3
राजा के महल में उस समय उपस्थित सभी लोगों के आश्चर्य का कोई ठिकाना न था। किंतु सबसे बढ़कर तो स्वयं राजा चकित था। उसने सभी तरह के अच्छे और स्वादिष्ट भोजन मँगवाए और लगा इन भाइयों की आवभगत करने ।
“तुम लोग बिलकुल निर्दोष हो और जहाँ भी जाना चाहो जा सकते हो। किंतु जाने से पहले तुम मुझे सारी बात विस्तार के साथ बताओ। तुम्हें यह कैसे पता चला कि उस व्यक्ति का ऊँट खो गया है और तुमने यह कैसे जाना कि ऊँट कैसा था?”
सबसे बड़े भाई ने कहा-
“धूल पर उसके पैरों के चिह्नों से मुझे पता चला कि कोई बहुत बड़ा ऊँट वहाँ से गया है। जब मैंने अपने पास से जानेवाले घुड़सवार को अपने चारों ओर नजर दौड़ाते देखा तो उसी समय मेरी समझ में यह बात आ गई कि वह क्या खोज रहा है। “
“बहुत अच्छा!” राजा ने कहा। “अच्छा, अब यह बताओ कि तुम में से किसने इस घुड़सवार को यह बताया था कि उसका ऊँट एक ही आँख से देख पाता है? उसका तो सड़क पर चिह्न नहीं रहा होगा।”
“मैंने इस बात का अनुमान ऐसे लगाया कि सड़क के दायीं ओर की घास तो ऊँट ने चरी थी, मगर बायीं ओर की घास ज्यों की त्यों थी”, मझले भाई ने उत्तर दिया।
“बहुत उत्तम !” राजा ने कहा, “तुम में से यह अनुमान किसने लगाया था कि उस पर बच्चे के साथ एक महिला सवार थी?”
“मैंने”, सबसे छोटे भाई ने उत्तर दिया, “मैंने देखा कि एक स्थान पर ऊँट के घुटने टेककर बैठने के चिह्न बने हुए थे। उनके पास ही रेत पर एक महिला के जूतों के चिह्न दिखाई दिए। साथ ही छोटे-छोटे पैरों के चिह्न थे, जिससे मुझे पता चला कि महिला के साथ एक बच्चा भी था।”

1. राजा ने भाइयों से क्या जानना चाहा?
(क) वे कहाँ से आए
(ख) ऊँट का पता उन्हें कैसे चला
(ग) वे चोर क्यों बने
(घ) उन्होंने खाना खाया या नहीं
उत्तर- (ख) ऊँट का पता उन्हें कैसे चला

2. मझले भाई ने कैसे अनुमान लगाया कि ऊँट एक ही आँख से देख सकता है?
(क) ऊँट लंगड़ा रहा था
(ख) ऊँट की एक आँख ढकी हुई थी
(ग) घास एक तरफ से ही खाई गई थी
(घ) ऊँट रो रहा था
उत्तर– (ग) घास एक तरफ से ही खाई गई थी

3. निम्न में से ‘आँख’ का पर्यायवाची शब्द है-
(क) नेत्र
(ख) अश्व
(ग) पीयूष
(घ) तम
उत्तर- (क) नेत्र

4. सबसे छोटे भाई को यह कैसे पता चला कि ऊँट पर एक महिला और बच्चा सवार थे?
उत्तर- सबसे छोटे भाई ने ध्यान से देखा कि जहाँ ऊँट घुटने टेककर बैठा था, वहाँ रेत पर एक महिला के जूतों के निशान थे। उन्हीं निशानों के पास छोटे-छोटे पैरों के चिह्न भी थे। इससे उसने अनुमान लगाया कि उस ऊँट पर एक महिला और एक बच्चा सवार थे।

5. सबसे बड़े भाई को कैसे पता चला कि कोई ऊँट खो गया है?
उत्तर: सबसे बड़े भाई ने धूल पर ऊँट के पैरों के चिह्न देखे और समझ गया कि कोई बहुत बड़ा ऊँट वहाँ से गुजरा है। फिर जब उसने पास से एक घुड़सवार को अपने चारों ओर नजर दौड़ाते हुए देखा, तो उसे यह अनुमान हुआ कि वह ऊँट को ही खोज रहा है।

4
“बहुत अच्छा! तुमने बिलकुल सही कहा है”, राजा बोला — “लेकिन तुम लोगों को यह कैसे पता चला कि पेटी में एक कच्चा अनार है? यह बात तो मेरी समझ में बिलकुल नहीं आ रही।”
सबसे बड़े भाई ने कहा—
“जिस तरह दोनों व्यक्ति उसे उठाकर लाए थे, उससे बिलकुल स्पष्ट था कि वह थोड़ी भी भारी नहीं है। जब वे पेटी को रख रहे थे तो मुझे उसके अंदर किसी छोटी-सी गोल वस्तु के लुढ़कने की ध्वनि सुनाई दी।”
मझला भाई बोला-
“मैंने ऐसा अनुमान लगाया कि चूँकि पेटी उद्यान की ओर से लाई गई है और उसमें कोई छोटी-सी गोल वस्तु है तो वह अवश्य अनार ही होगा। कारण कि आपके महल के आसपास अनार के बहुत-से पेड़ लगे हुए हैं।”
“बहुत अच्छा!” राजा ने कहा और उसने सबसे छोटे भाई से पूछा—
“लेकिन तुम्हें यह कैसे पता चला कि अनार कच्चा है?”
“इस समय तक उद्यान में सभी अनार कच्चे हैं। यह तो आप स्वयं ही देख सकते हैं”, उसने उत्तर दिया और खुली हुई खिड़की की ओर संकेत किया।
राजा ने बाहर देखा तो पाया कि उद्यान में लगे अनार के सभी वृक्षों पर कच्चे अनार लटक रहे थे।
राजा इन भाइयों की असाधारण पैनी दृष्टि और तीक्ष्ण बुद्धि से चकित रह गया।
“धन-संपत्ति या सांसारिक वस्तुओं की दृष्टि से तो तुम धनवान नहीं हो लेकिन तुम्हारे पास बुद्धि का बहुत बड़ा कोष है”, उसने प्रशंसा करते हुए कहा और उन्हें अपने दरबार में रख लिया।

1. सबसे बड़े भाई को कैसे पता चला कि पेटी में कोई हल्की गोल वस्तु है?
(क) उसने पेटी खोलकर देखी
(ख) उसने सुना कि अंदर कुछ लुढ़क रहा है
(ग) राजा ने बताया
(घ) सेवकों ने बताया
उत्तर- (ख) उसने सुना कि अंदर कुछ लुढ़क रहा है

2. मझले भाई ने अनार का अनुमान किस आधार पर लगाया?
(क) उसने अनार खाया था
(ख) वह बाग में गया था
(ग) पेटी उद्यान की ओर से लाई गई थी और वह हल्की थी
(घ) उसे राजा ने बताया
उत्तर– (ग) पेटी उद्यान की ओर से लाई गई थी और वह हल्की थी

3. सबसे छोटे भाई ने कैसे जाना कि अनार कच्चा है?
(क) उसने अनार तोड़ा था
(ख) उसने राजा से पूछा
(ग) उसने अनुमान लगाया
(घ) उसने खिड़की से देखा कि सभी अनार कच्चे हैं
उत्तर– (घ) उसने खिड़की से देखा कि सभी अनार कच्चे हैं

4. राजा भाइयों की कौन-सी विशेषता से चकित रह गया?
उत्तर- राजा इन तीनों भाइयों की असाधारण पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि से चकित रह गया।

5. राजा ने भाइयों के साथ अंत में क्या किया?
उत्तर- राजा ने भाइयों की तीव्र बुद्धि और विवेकशीलता से प्रभावित होकर उन्हें अपने दरबार में रख लिया।

 

Class 7 Hindi Malhar Lesson 2 Teen Buddhiman Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)

 

1.निर्धन व्यक्ति के कितने बेटे थे?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर – (ग) तीन

2. पिता की मृत्यु के बाद बेटों ने क्या करने का निर्णय लिया?
(क) खेती करने का
(ख) नौकरी ढूंढ़ने का
(ग) घर बेचने का
(घ) यात्रा पर निकलने का
उत्तर – (घ) यात्रा पर निकलने का

3. यात्रा के दौरान भाई कितने दिन तक चलते रहे?
(क) चालीस दिन
(ख) तीस दिन
(ग) बीस दिन
(घ) पचास दिन
उत्तर – (क) चालीस दिन

4. नगर के पास पहुँचकर सबसे बड़े भाई ने क्या अनुमान लगाया?
(क) ऊँट खो गया है
(ख) एक ऊँट यहाँ से गया है
(ग) ऊँट पर कोई व्यक्ति था
(घ) ऊँट बीमार था
उत्तर – (ख) एक ऊँट यहाँ से गया है

5. मझले भाई ने ऊँट के बारे में क्या अनुमान लगाया?
(क) ऊँट बूढ़ा था
(ख) ऊँट बहुत तेज दौड़ा
(ग) ऊँट दोपहर में चला गया
(घ) ऊँट एक आँख से नहीं देख पाता
उत्तर – (घ) ऊँट एक आँख से नहीं देख पाता

6. राजा ने सच्चाई की परीक्षा के लिए क्या मँगवाया?
(क) किताब
(ख) अनाज की बोरी
(ग) पेटी
(घ) तराजू
उत्तर – (ग) पेटी

7. सबसे छोटे भाई ने ऊँट पर किसके सवार होने का अनुमान लगाया?
(क) एक महिला और एक बच्चा
(ख) दो पुरुष
(ग) ऊँट का मालिक
(घ) अकेला बच्चा
उत्तर – (क) एक महिला और एक बच्चा

8. ऊँट के मालिक ने भाइयों पर क्या आरोप लगाया?
(क) ऊँट को घायल किया
(ख) ऊँट को बेचा
(ग) ऊँट चुराया और महिला-बच्चे को मार डाला
(घ) ऊँट को भगा दिया
उत्तर – (ग) ऊँट चुराया और महिला-बच्चे को मार डाला

9. सबसे बड़े भाई ने पेटी में क्या होने का अनुमान लगाया?
(क) मिट्टी
(ख) छोटी-सी गोल वस्तु
(ग) पानी
(घ) फूल
उत्तर – (ख) छोटी-सी गोल वस्तु

10. मझले भाई ने क्या कहा? पेटी में क्या है?
(क) सेब
(ख) आम
(ग) अनार
(घ) संतरा
उत्तर – (ग) अनार

11. मझले भाई को कैसे पता चला कि ऊँट एक आँख से नहीं देखता?
(क) ऊँट लंगड़ा था
(ख) दायीं ओर घास चरी हुई थी, बायीं ओर नहीं
(ग) ऊँट का सिर नीचे था
(घ) ऊँट रो रहा था
उत्तर – (ख) दायीं ओर घास चरी हुई थी, बायीं ओर नहीं

12. सबसे छोटे भाई ने अनार के बारे में क्या बताया?
(क) पका हुआ है
(ख) सड़ा हुआ है
(ग) सूखा हुआ है
(घ) कच्चा है
उत्तर – (घ) कच्चा है

13. राजा ने भाइयों की परीक्षा क्यों ली?
(क) उन्हें सजा देने के लिए
(ख) उनकी बुद्धि की जाँच के लिए
(ग) उन्हें डराने के लिए
(घ) उन्हें नौकरी देने के लिए
उत्तर – (ख) उनकी बुद्धि की जाँच के लिए

14. छोटे भाई को कैसे पता चला कि महिला और बच्चा थे?
(क) जूतों के निशान और छोटे पैरों के चिह्न
(ख) ऊँट बोल रहा था
(ग) महिला ने पुकारा था
(घ) घोड़े के निशान थे
उत्तर – (क) जूतों के निशान और छोटे पैरों के चिह्न

15. राजा ने किससे कान में कुछ कहा?
(क) रानी से
(ख) सेवादार से
(ग) मंत्री से
(घ) घोड़े से
उत्तर – (ग) मंत्री से

16. सबसे बड़े भाई ने कैसे अनुमान लगाया कि वस्तु हल्की है?
(क) वजन तौला
(ख) उसने उठा कर देखा
(ग) उठाने के तरीके से
(घ) अन्य ने बताया
उत्तर – (ग) उठाने के तरीके से

17. राजा ने भाइयों के बारे में क्या निर्णय लिया?
(क) जेल भेजा
(ख) दरबार में रख लिया
(ग) इनाम दिया
(घ) देश से निकाला
उत्तर – (ख) दरबार में रख लिया

18. राजा ने भाइयों की किस बात की प्रशंसा की?
(क) धन
(ख) बल
(ग) बुद्धि और दृष्टि
(घ) गायन
उत्तर – (ग) बुद्धि और दृष्टि

19. तीनों भाइयों ने कौन-सा गुण सबसे ज़्यादा दिखाया?
(क) चालाकी
(ख) ईमानदारी
(ग) क्रोध
(घ) बुद्धिमत्ता
उत्तर – (घ) बुद्धिमत्ता

20. इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
(क) मेहनत सबसे बड़ा धन है
(ख) बुद्धि और सूझ-बूझ सबसे बड़ा धन है
(ग) धन ही शक्ति है
(घ) भ्रम पैदा करना गलत है
उत्तर – (ख) बुद्धि और सूझ-बूझ सबसे बड़ा धन है

Teen Buddhiman Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)

1.निर्धन पिता ने अपने बेटों को क्या शिक्षा दी?
उत्तर– निर्धन पिता अपने बेटों को धन-संपत्ति तो नहीं दे सका, लेकिन उसने उन्हें एक महत्वपूर्ण बात सिखाई। उसने कहा कि असली धन बुद्धि और सूझ-बूझ होती है। उसने अपने बेटों को यह सलाह दी कि वे जीवन में ऐसे ज्ञान को अर्जित करें जिससे संकट के समय उनका सहारा बन सके। यही कारण था कि तीनों भाइयों ने बचपन से ही अपनी बुद्धि और दृष्टि को तेज करने का अभ्यास किया।

2. तीनों भाइयों ने यात्रा पर क्यों निकलने का निर्णय लिया?
उत्तर– जब उनके पिता की मृत्यु हो गई, तो भाइयों ने सोचा कि अब उन्हें अपने ज्ञान और बुद्धि को व्यवहार में लाना चाहिए। इसलिए वे तीनों भाई यह तय करते हैं कि वे किसी नगर की ओर जाएँगे और अपनी बुद्धिमत्ता के बल पर पहचान बनाएँगे। इसीलिए उन्होंने यात्रा पर निकलने का निर्णय लिया।

3. भाइयों ने ऊँट के बारे में क्या अनुमान लगाया?
उत्तर- यात्रा के दौरान तीनों भाइयों को रास्ते में कुछ निशान दिखाई दिए। सबसे बड़े भाई ने कहा कि यहाँ से एक ऊँट गया है। मंझले भाई ने अनुमान लगाया कि ऊँट एक आँख से नहीं देखता था। सबसे छोटे भाई ने कहा कि ऊँट के ऊपर एक स्त्री और एक छोटा बच्चा सवार था। यह सारी बातें उन्होंने केवल जमीन के निशानों और अपने सूझ-बूझ से पता लगाई थीं।

4. ऊँट का मालिक भाइयों पर क्या आरोप लगाता है?
उत्तर– ऊँट का मालिक जब भाइयों से मिलता है तो वह बहुत क्रोधित हो जाता है। वह कहता है कि उन्होंने उसका ऊँट चुरा लिया है और ऊँट पर सवार उसकी पत्नी और बच्चे को भी मार डाला है। उसने भाइयों से पूछा कि उन्होंने ऊँट को कहाँ छिपा दिया है। जब भाइयों ने कहा कि उन्होंने ऊँट देखा भी नहीं, तब भी ऊँट का मालिक उनका विश्वास नहीं करता और उन्हें राजा के पास ले जाता है।

5. राजा भाइयों पर क्या निर्णय सुनाता है?
उत्तर– जब राजा को ऊँट के मालिक की बात पता चलती है, तो वह भी पहले भाइयों पर संदेह करता है। उसे लगता है कि जो लोग ऊँट और उसके सवारों के बारे में इतनी जानकारी दे सकते हैं, वे झूठ नहीं बोल रहे। इसलिए राजा पहले उन्हें चोर मान लेता है और उन्हें बंदी बना लेता है। लेकिन जब भाइयों ने अपनी बातों का तर्क समझाया, तब राजा ने उनकी परीक्षा लेने का निश्चय किया।

6. कहानी में शिक्षा का क्या महत्व बताया गया है?
उत्तर- कहानी में यह दिखाया गया है कि सच्ची शिक्षा वही है जो मनुष्य को सोचने, समझने और सही निर्णय लेने की शक्ति दे। तीनों भाइयों की शिक्षा का उद्देश्य केवल पढ़ाई करना नहीं था, बल्कि जीवन की छोटी-छोटी बातों को समझना और उनसे सीखना था। उन्होंने जो ज्ञान अर्जित किया, उसी से उन्होंने अपने जीवन की दिशा बदली और राजा तक को प्रभावित किया। इससे सिद्ध होता है कि व्यवहारिक ज्ञान सबसे महत्वपूर्ण होता है।

7. राजा ने बुद्धि की परीक्षा क्यों ली?
उत्तर– जब भाइयों ने ऊँट और उसमें सवार लोगों के बारे में इतनी सटीक बातें बताईं, तो राजा को विश्वास नहीं हुआ। उसने सोचा कि अगर ये बातें सच हैं, तो यह केवल बहुत गहरी बुद्धि और अनुभव से ही संभव है। इसलिए वह खुद यह जानना चाहता था कि ये बातें इन्होंने कैसे जानीं। यही कारण था कि उसने उनकी बुद्धि की परीक्षा लेने के लिए उन्हें बिना खोले पेटी में रखी वस्तु का अनुमान लगाने को कहा।

8. राजा ने भाइयों को क्या पुरस्कार दिया?
उत्तर– राजा ने तीनों भाइयों की बुद्धिमत्ता से प्रभावित होकर उन्हें अपने दरबार में रखने का निर्णय लिया। यह उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार था, क्योंकि अब उन्हें एक स्थायी स्थान और पहचान मिल गई थी।

9. ऊँट का मालिक बाद में क्या करता है?
उत्तर– ऊँट का मालिक जब राजा के पास तीनों भाइयों को लेकर जाता है और राजा उनकी बुद्धिमत्ता की परीक्षा लेता है, तो उसे भी यह समझ में आ जाता है कि ये लोग चोर नहीं हैं। जब राजा ने उन्हें निर्दोष घोषित किया और दरबार में रखा, तो ऊँट का मालिक भी चुप हो गया। संभव है कि उसे अपने आरोपों पर पछतावा हुआ हो, लेकिन कहानी में वह चुप ही रहता है।

10. राजा ने जब पेटी खोली तो उसमें क्या निकला?
उत्तर– राजा ने जब सेवक से पेटी खुलवाई तो उसमें एक कच्चा अनार निकला। यह देखकर राजा बहुत चकित हुआ, क्योंकि तीनों भाइयों ने न तो पेटी को छुआ था और न ही खोला था, फिर भी उन्होंने बिल्कुल सही उत्तर दिया था। यह देखकर राजा को भाइयों की बुद्धि पर विश्वास हो गया और उसने माना कि वे निर्दोष हैं और वास्तव में बहुत होशियार हैं।