बाबा भारती, डाकू खड्गसिंह और सुलतान (घोड़ा) का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Baba Bharti, Daako Khadga Singh and Sultan (Horse) from CBSE Class 6 Hindi Malhar Book Chapter 4 हार की जीत

 

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बाबा भारती का चरित्र-चित्रण  Character Sketch of Baba Bharati

बाबा भारती के चरित्र की कुछ विशेषताएँ –

  • दयालु – बाबा भारती अत्यंत दयालु स्वभाव के व्यक्ति थे। जब वे अपाहिज को कराहते हुए देखते हैं तो वे स्वयं घोड़े से उतरकर अपाहिज व्यक्ति को घोड़े पर चढ़ा देते हैं। और स्वयं घोड़े की लगाम पकड़ कर धीरे-धीरे पैदल चलने लगते हैं।  
  • परोपकारी – बाबा भारती को जब पता चलता है कि वह अपाहिज व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि खड़गसिंह है। और उसने उनसे धोखे से घोड़ा छीन लिया है, तो वे खड़गसिंह को रोक कर इस घटना का किसी से भी जिक्र न करने की प्रार्थना करते हैं। ताकि कोई और किसी गरीब दुख्यारे की सहायता करने में न हिचकिचाए। 
  • त्यागी – बाबा भारती ने सुलतान की देखरेख के लिए अपना सबकुछ त्याग दिया था। उन्होंने अपनी सम्पति, जमीन तथा धन सब कुछ त्याग गया और स्वयं एक छोटी सी कुटिया में सुलतान के साथ रहने लगे थे। 
  • ईश्वर-भक्त – बाबा भारती दिन के चौथा पहर के आरंभ होते ही अपनी कुटिया से बाहर निकल कर ठंडे पानी से स्नान करके भगवान् के भजन में लीन रहते थे। 
  • पशु-प्रेमी – अपना सब कुछ सुलतान की देखरेख के लिए त्याग देना उनका पशुओं के प्रति प्रेम को दर्शाता है।  
  • पशु-सेवक – बाबा भारती एक पशु सेवक थे क्योंकि वे बड़े ही प्रेम से अपने घोड़े सुलतान की सेवा करते थे। वे स्वयं उसकी कँघी करते, उसे अपने हाथों से दाना खिलाते और उसके शरीर पर प्रेम पूर्वक हाथ फेरते रहते थे। 

 

डाकू खड्ग सिंह का चरित्र-चित्रण Character Sketch of Daako Khadga Singh

डाकू खड्गसिंह के चरित्र की कुछ विशेषताएँ –

  • बाहुबली – डाकू खड्गसिंह एक प्रसिद्ध डाकू था। वह बहुत शक्तिशाली था। इसी कारण सभी व्यक्ति उससे डरते थे। 
  • स्वार्थी – खड्गसिंह का स्वभाव बहुत स्वार्थी था। अपने स्वार्थ के लिए वह बाबा भारती का घोड़ा उनसे छीन लेता है। 
  • अधीर – खड्गसिंह एक छोटे बच्चे की तरह अधीर स्वभाव का व्यक्ति था। जब बाबा भारती उसे सुलतान को दिखाते हैं तो वह सुलतान की चाल देखने के लिए अधीर हो उठता है। 
  • लालची – खड्गसिंह बहुत लालची था। उसे जो भी चीज़ पसंद आती थी वह उसे अपनी ही समझता था। उसे कोई प्रभाव नहीं पड़ता था कि किसी के लिए उनकी चीज़ कितना महत्त्व रखती है। 
  • कुशल अभिनेता – खड्गसिंह एक कुशल अभिनेता था। वह बाबा से उनका घोड़ा छीनने के लिए एक अपाहिज का अभिनय करता है और बाबा उसके धोखे में भी आ जाते हैं। 
  • प्रायश्चित्कर्ता – जब खड्गसिंह को पता चलता है कि बाबा के कैसे ऊँचे विचार हैं, कैसा पवित्र भाव है! कि बाबा को सुलतान से बहुत अधिक प्रेम था, परंतु  सुलतान को छोड़ते समय उनके मुख पर दुःख की एक रेखा तक दिखाई नहीं पड़ी थी। उन्हें केवल यह विचार था कि कहीं लोगों को इस घटना का पता चल गया तो लोग गरीबों पर विश्वास करना छोड़ न दे। इस कारण खड्गसिंह को पश्चयताप हुआ और उसने बाबा का घोड़ा उन्हें लौटा दिया। 

 

सुलतान (घोड़ा) का चरित्र-चित्रण Character Sketch of Sulatan (Horse)

सुलतान घोड़े के चरित्र की कुछ विशेषताएँ – 

  • सुन्दर – सुलतान अत्यधिक सुंदर घोड़ा था। पूरे इलाके में उसके जैसा कोई दूसरा घोड़ा नहीं था। 
  • शक्तिशाली – सुन्दर होने के साथ-साथ सुलतान बहुत अधिक शक्तिशाली भी था। उसकी सुंदरता और शक्तिशाली होने की गाथा सुनकर ही खड्गसिंह को उसे पाने की चाह जागी थी। 
  • समझदार – सुलतान एक बहुत ही अधिक समझदार घोड़ा था। वह अपने स्वामी की हर बात को अच्छे से समझता था और अपने स्वामी के इशारों को भी बखूबी जानता था। 
  • स्वामिभक्त – जब खड्गसिंह सुलतान को वापिस उसी के स्थान पर बाँध कर गया था, तब सुबह अपने मालिक के क़दमों को आवाज से ही वह पहचान गया था। यह सुलतान के स्वामिभक्त होने की विशेषता को दर्शाता है।  
  • तेज़ दौड़ने वाला – सुलतान जब दौड़ता था तो ऐसा प्रतीत होता था जैसे वह हवा से बातें कर रहा हो। 
  • मस्त चाल वाला – सुलतान की चाल इतनी मनमोहक थी कि बाबा भारती उसकी चाल की तुलना मोर के नाच से करते थे।