PSEB Class 10 Hindi Chapter 18 Desh Ke Dushman (देश के दुश्मन) Question Answers (Important)
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PSEB Class 10 Chapter 19 Desh Ke Dushman Textbook Questions
अभ्यास
(क) विषय-बोध
I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
(1) सुमित्रा के पुत्र का नाम बताइए।
उत्तर– सुमित्रा के पुत्र का नाम जयदेव है।
(2) वाघा बॉर्डर पर सरकारी अफसरों के मारे जाने की ख़बर सुमित्रा कहाँ सुनती है?
उत्तर– बाघा बॉर्डर पर सरकारी अफसरों के मारे जाने की ख़बर सुमित्रा रेडियो पर समाचार सुनते समय सुनती है।
(3) जयदेव वाघा बॉर्डर पर किस पद पर नियुक्त था?
उत्तर– जयदेव बाघा बॉर्डर पर डी.एस.पी. के पद पर नियुक्त था।
(4) जयदेव की पत्नी कौन थी?
उत्तर– जयदेव की पत्नी नीलम थी।
(5) वाघा बॉर्डर पर मारे जाने वाले दो सरकारी अफसर कौन थे?
उत्तर– बाघा बॉर्डर पर मारे जाने वाले दो सरकारी अफसर एक हैड कांस्टेबल और दूसरा सब इंस्पैक्टर था।
(6) जयदेव ने तस्करों को मार कर उनसे कितने लाख का सोना छीना?
उत्तर– जयदेव ने तस्करों को मार कर उनसे पाँच लाख का सोना छीना।
(7) जयदेव को स्वागत – सभा में कितने रुपए इनाम में देने के लिए सोचा गया?
उत्तर– जयदेव को स्वागत – सभा में दस हजार रुपए इनाम में देने के लिए सोचा गया।
(8) मीना कौन थी?
उत्तर– मीना जयदेव की बहन थी।
(9) नीलम क्यों चाहती थी कि डी.सी. दोपहर के बाद जयदेव को मिलने आएँ।
उत्तर- नीलम चाहती थी कि डी.सी. दोपहर के बाद जयदेव को मिलने आएँ क्योंकि जयदेव अभी-अभी सफर से आया ही था, कपडे तक नहीं बदले थे और न हाथ मुँह धोए थे।
(10) डी. सी. आकर सुमित्रा को क्या खुशखबरी देते हैं?
उत्तर- डी. सी. आकर सुमित्रा को खुशखबरी देते हैं कि जयदेव की वीरता देखते हुए उसे आज शाम शहर की तरफ से सम्मानित किया जायेगा और साथ ही दस हज़ार का इनाम भी उसी स्वागत सभा में घोषित किया जायेगा।
(11) जयदेव इनाम में मिलने वाली राशि के विषय में क्या घोषणा करवाना चाहता है?
उत्तर- जयदेव इनाम में मिलने वाली राशि के विषय में घोषणा करवाना चाहता है कि उसकी ओर से यह रुपये दोनों मृत पुलिस अफसरों की विधवा पत्नियों में आधा-आधा बाँट दिया जाये।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में दीजिए :-
(1) सुमित्रा क्यों कहती है कि अब उसका हृदय इतना दुर्बल हो चुका है कि जरा-सी आशंका से काँप उठता है?
उत्तर– सुमित्रा कहती है कि उसका हृदय इतना दुर्बल हो गया है क्योंकि उसका बेटा जयदेव सीमा पर तैनात है और हर समय उसे उसकी सुरक्षा की चिंता रहती है। अपने पति के बलिदान पर हृदय पर पत्थर रख लिया था, पर अब उसकी हिम्मत टूट चुकी है, देह जर्जर हो चुकी है। वह कहती है कि अगर मेरे जयदेव का ज़रा भी बाल बांका हो गया तो मैं पल भर भी नहीं जीऊँगी।
(2) नीलम जयदेव से मान-भरी मुद्रा में क्या कहती है?
उत्तर– नीलम मान-भरी मुद्रा में जयदेव से पूछती हुई कहती है कि अब बताइये, इतने दिन कहाँ लगाये, यहाँ तो राह देखते – देखते आँखे पथरा गई, वहाँ जनाब को परवाह तक नहीं कि किसी के दिल पर क्या बीत रही है।
(3) जयदेव को गुप्तचरों से क्या समाचार मिला?
उत्तर- घर की ओर आने से दो-तीन घंटे पहले गुप्तचरों ने जयदेव को समाचार दिया कि रात की अंधेरी में पुलिस पिकिट से एक डेढ़ मील दक्षिण की तरफ से, कुछ लोग बार्डर पार करने वाले हैं। ऐसा शक है कि वे सोना स्मगल करके ला रहे हैं।
(4) जयदेव ने अपनी छुट्टी कैंसिल क्यों करा दी थी?
उत्तर- जब जयदेव को गुप्तचरों ने समाचार दिया कि रात की अंधेरी में पुलिस पिकिट से एक डेढ़ मील दक्षिण की तरफ से, कुछ लोग बार्डर पार करने वाले हैं। ऐसा शक है कि वे सोना स्मगल करके ला रहे हैं। तब जयदेव ने सोचा कि वह यह मौका हाथ से नहीं जाने देगा। उसने बदमांशों को पकड़ने का पक्का इरादा कर लिया। इसलिए उसने अपनी छुट्टी कैंसिल करा दी थी।
(5) एकांकी में डी. सी. के किस संवाद से पता चलता है कि डी. सी. और जयदेव में घनिष्ठता थी?
उत्तर- जब जयदेव डी. सी. को सर कहता है तो वह कहते हैं कि सर बैठा होगा ऑफिस की कुर्सी में। खबरदार जो यहाँ सर वर कहा। मैं वही तुम्हारा बचपन का दोस्त और क्लास मेट हूँ, जिससे बिना हाथापाई किये तुम्हें रोटी हजम नहीं होती थी। इस संवाद से पता चलता है कि डी. सी. और जयदेव में घनिष्ठता थी।
III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह-सात पंक्तियों में दीजिए:-
(1) चाचा अपने बेटे बलुआ के विषय में क्या बताते हैं?
उत्तर- चाचा अपने बेटे बलुआ के विषय में बताते हुए कहते हैं कि आज कल के बच्चों में यही तो बड़ी लापरवाही है। यह नहीं जानते माँ-बाप के दिल पर क्या गुज़रती है। मेरा ही बलुआ देखो, दो-दो महीनों में, वह भी यहाँ से 4-5 चिट्ठी जाने पर एक आध – पत्र लिखता है और उल्टे हमें ही शिक्षा कि आप तो यों ही दो-चार दिन में घबरा जाते हैं। काम बहुत रहता है। समय ही नहीं मिलता। और आज कल तो ड्यूटी बड़ी कड़ी है। दम मारने को टाइम नहीं। भला, यह भी कोई बात हुई, माँ-बाप चाहे चिंता में मर जाएँ लेकिन ये बच्चे बहाने ही बनाते रहते हैं ।
(2) चाचा सुमित्रा को अखबार में आई कौन सी खबर सुनाते हैं?
उत्तर– जब सुमित्रा यह खबर रेडिओ पर सुनती है कि बाघा बार्डर पर स्मगलरों का मुकाबला करते हुए दो सरकारी अफसर मारे गये हैं, उसे चिंता हो जाती है क्योंकि उसका बेटा जयदेव भी वहाँ तैनात था और अब तक घर नहीं लौटा। तब चाचा सुमित्रा से कहते हैं कि दो सरकारी अफसर जो मारे गये, उन में एक हैड कांस्टेबल था और दूसरा सब इंस्पैक्टर। जयदेव बिलकुल सलामत है। अखबार में भी खबर आई है। जयदेव की वीरता और सूझ-बूझ की बड़ी प्रशंसा छपी है। उसने तस्करों से किस बहादुरी और चतुराई से मोर्चा लिया, किस तरह उनको मार भगाया और किस तरह उनके चार आदमियों को गोलियों का निशाना बनाया तथा पाँच लाख का सोना उनसे छीन लिया। वह सुमित्रा से यह भी कहते हैं कि अगर विश्वास नहीं है तो अखबार में पढ़ लो।
(3) जयदेव ने तस्करों को कैसे पकड़ा?
उत्तर– जिस रात तस्कर पकड़े गए उस रात बहुत अँधेरा था। तस्करों के गिरोह ने किसी तरह बिजली भी फेल कर दी थी। 2-4 संतरी धीरे-धीरे गश्त लगा रहे थे और कुछ अफसर और जयदेव कैंप में चौकन्ने बैठे थे। कुछ देर बाद रात के सन्नाटे में संतरियों ने आकर खबर दी कि सीमा से कुछ मील दूर लाइट सी नज़र आई है। क्षण भर में फिर बंद हो गई।
जयदेव तुरंत टैण्ट से निकलता है और जवानों को जगह-जगह तैनात कर देता है। कैंप से करीब आधा मील की दूरी पर एक जीप आकर रुकती है और 6-7 आदमी उसमें से उतरते हैं। तब जयदेव उन पर टार्च से रोशनी डालता है और आदेश देता है कि खबरदार, हैंड्ज अप। भागने की कोशिश की तो गोली मार दी जायेगी। जवाब में वे लोग पुलिस पर गोलियाँ चलानी शुरु कर देते हैं। पुलिस भी गोलियों से जवाब देते हैं। इस तरह पंद्रह मिनट तक गोलियाँ चलती रहती हैं। दो पुलिस के आदमी मारे गये और तीन तस्करी। इस तरह जयदेव ने तस्करों को पकड़ा।
(4) नीलम अपने पति से उलाहना भरे स्वर में क्या कहती है?
उत्तर- जयदेव के अचानक वापस लौटने पर नीलम पूछती है कि अब बताइये, इतने दिन कहाँ लगा दिए। यहाँ तो राह देखते – देखते आँखे पथरा गई, वहाँ जनाब को परवाह तक नहीं कि किसी के दिल पर क्या बीत रही है। वह आगे उलाहने भरे स्वर में कहती है कि अरे जाओ भी, मर्दों का दिल तो पत्थर होता है। और विशेष कर रात-दिन चोर डाकुओं तथा मौत से खेलने वालों, और गोलियों की बौछार करने वालों का। नारी का हृदय सदा प्रेम से लबालब रहता है। उस के मन में सदा अपने पति की प्रतिमा स्थापित रहती है। वह पूछती है कि हाँ, बाकायदे, कैफियत दीजिये कि तीन दिन लेट क्यों हो गये।
(5) डी. सी. को अपने मित्र जयेदव और उसके परिवार पर गर्व क्यों होता है?
उत्तर- उत्तर- डी० सी० को अपने मित्र जयदेव और उसके परिवार पर गर्व इसलिए होता है क्योंकि जयदेव ने अत्यंत वीरता और साहस के साथ तस्करों का सामना कर उनसे पाँच लाख रुपये मूल्य का सोना बरामद किया, जिसके लिए गवर्नर की ओर से उसे दस हज़ार रुपये का इनाम प्रदान किया गया। जयदेव ने यह पूरी राशि शहीद पुलिस अफसरों की विधवाओं में समान रूप से बाँटने का निर्णय लिया। उसकी यह त्यागमय भावना अन्य अधिकारियों के लिए अनुकरणीय बनी। साथ ही, जयदेव के पिता जी ने भी लुटेरों, हत्यारों और चीनियों से भारत की सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी, जिससे इस परिवार की वीर परंपरा और भी गौरवशाली बन गई।
(6) पुलिस और सेना के अफसरों या सैनिकों के घरवालों को किन-किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है?
उत्तर– पुलिस और सेना के अफसरों या सैनिकों के घरवालों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। पुलिस और सेना के अफसरों या सैनिकों के घरवालों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्हें अपने प्रियजनों से महीनों दूर रहना पड़ता है, हर समय उनके जीवन की चिंता बनी रहती है। अक्सर उनके मन में यह डर होता है कि कहीं देश की सेवा करते हुए उनके पति, बेटे या पिता को कोई अनहोनी न हो जाए। फिर भी वे गर्व से सहन करते हैं।
(7) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता, माँजी! ऐसे दिव्य बलिदान पर तो देवता भी अर्घ्यं चढ़ाते हैं। वे भी स्वर्ग में जयजयकार करते हुए देश पर निछावर होने वाले का स्वागत करते हैं।
बेटा, यह ठीक है कि दस हजार की रकम कम नहीं होती। लेकिन उन विधवाओं और मृत अफसरों के परिवारों के बारे में भी तो सोचो, उनकी क्या हालत होगी?
पुलिस और सेना में भी थकना! यह एक डिस्क्वालिफिकेशन है।
उत्तर-
(क) “बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता…करते हैं।”
इस पंक्ति का आशय है कि जो व्यक्ति देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान करता है, उसका योगदान अमर हो जाता है। देवता भी उसका सम्मान करते हैं।
यह संवाद सुमित्रा, नीलम और मीना के बीच होता है, जब नीलम कहती है कि बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता। देवता भी ऐसे वीरों पर अर्घ्य चढ़ाते हैं और स्वर्ग में जयजयकार करते हुए उनका स्वागत करते हैं।
(ख) “बेटा…उन विधवाओं की हालत सोचो”
इस पंक्ति का भाव है कि दूसरों के दुःख को समझना चाहिए और सहानुभूति रखनी चाहिए।
यह संवाद जयदेव, डी. सी., सुमित्रा और जयदेव के बीच होता है, जिसमें सुमित्रा कहती है कि हाँ, यह सच है कि दस हजार रुपये बहुत बड़ी रकम है, लेकिन उन विधवाओं और मृत अफसरों के परिवारों की स्थिति पर भी विचार करना चाहिए, जो इस समय दुख में हैं।
(ग) “पुलिस और सेना में भी थकना…”
इस पंक्ति का आशय है कि सुरक्षा बलों के लिए थकान या कमजोरी दिखाना अनुचित है, क्योंकि उनका कार्य निरंतर जागरूकता और साहस की माँग करता है।
यह संवाद जयदेव और नीलम के बीच होता है। जिसमें जयदेव कहता है कि पुलिस और सेना में थकान दिखाना कमजोरी मानी जाती है।
(ख) भाषा-बोध
I. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची लिखिए –
निराशा _____________ _____________
सभ्य _____________ _____________
सूर्य _____________ _____________
गौरव _____________ _____________
हित _____________ _____________
उत्तर-
| शब्द | पर्यायवाची शब्द |
| निराशा | हताश, उदासी |
| सभ्य | शिष्ट, सुशील |
| सूर्य | रवि, भास्कर |
| गौरव | महिमा, श्रेष्ठता |
| हित | उपकार, नेकी |
II. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
स्वार्थ _____________ आशीर्वाद _____________
रात _____________ आसान _____________
दंड _____________ निश्चय _____________
टूटना _____________ जल्दी _____________
अनर्थ _____________ सभ्य _____________
हित _____________ दुर्बल _____________
उत्तर-
| शब्द | विलोम शब्द | शब्द | विलोम शब्द |
| स्वार्थ | निःस्वार्थ | आशीर्वाद | अभिशाप |
| रात | दिन | आसान | मुश्किल |
| दंड | क्षमा | निश्चय | अनिश्चय |
| टूटना | जुड़ना | जल्दी | देरी |
| अनर्थ | अर्थ | सभ्य | असभ्य |
| हित | अहित | दुर्बल | सबल |
III. निम्नलिखित अनेकार्थक शब्दों के दो-दो अर्थ बताइए-
सोना _____________ _____________
मुद्रा _____________ _____________
माँग _____________ _____________
उत्तर-
| अनेकार्थक शब्द | अर्थ | |
| सोना | एक धातु | नींद |
| मुद्रा | सिक्का | मोहर |
| माँग | याचना | सीमन्त |
IV. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
मुहावरा अर्थ वाक्य
वज्रपात होना अचानक बहुत बड़ा दुख आ पड़ना ___________
छाती फटना असहनीय दुख होना ___________
बाल बाँका न होना ज़रा-सा भी नुकसान न होना ___________
दिल धक-धक करना भयभीत होना ___________
हृदय पर पत्थर रखना चुपचाप सहन करना ___________
हिम्मत टूटना हताश या निराश होना
आँखें पथरा जाना बहुत इन्तज़ार कर थक जाना ___________
| मुहावरा | अर्थ | वाक्य |
| वज्रपात होना | अचानक बहुत बड़ा दुख आ पड़ना | वह ईश्वर से करुण स्वर में कहती हैं कि यह तो जैसे उन पर वज्रपात हो गया। |
| छाती फटना | असहनीय दुख होना | अभी-अभी माधोराम के घर रेडियो पर-खबर सुनते ही छाती क्यों न फट गई। |
| बाल बाँका न होना | ज़रा-सा भी नुकसान न होना | जयदेव का बाल भी बाँका नहीं हुआ। |
| दिल धक-धक करना | भयभीत होना | दो अफसरों की मृत्यु की खबर सुनकर सुमित्रा का कलेजा धक-धक करने लगा। |
| हृदय पर पत्थर रखना | चुपचाप सहन करना | तुम्हारे पिता जी के बलिदान पर हृदय पर पत्थर रख लिया था। |
| हिम्मत टूटना | हताश या निराश होना | तुम्हारे पिता जी के बलिदान पर हृदय पर पत्थर रख लिया था, पर अब हिम्मत टूट चुकी है। |
| आँखें पथरा जाना | बहुत इन्तज़ार कर थक जाना | यहाँ तो राह देखते – देखते आँखे पथरा गई, वहाँ जनाब को परवाह तक नहीं। |
(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति
(1) जयदेव की जगह यदि आप होते तो इनाम में मिलने वाली राशि का आप क्या करते?
उत्तर– यदि मैं जयदेव की जगह होता, तो मैं उस इनाम की राशि का उपयोग शहीद अफसरों के बच्चों की शिक्षा के लिए एक छात्रवृत्ति कोष बनाने में करता। इससे उन बच्चों को बेहतर भविष्य मिल पाता। यह कदम शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि और समाज के लिए एक स्थायी योगदान होता।
(2) मातृप्रेम और देशप्रेम में से कौन सा प्रेम आपको अपनी तरफ आकर्षित करता है और क्यों?
उत्तर- मुझे मातृप्रेम और देशप्रेम दोनों ही अत्यंत पवित्र और महान लगते हैं, परंतु देशप्रेम मुझे अधिक आकर्षित करता है क्योंकि यह न केवल अपनी माँ बल्कि करोड़ों माताओं, बहनों और देशवासियों की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा होता है। जब कोई व्यक्ति देश के लिए त्याग करता है, तो वह सम्पूर्ण मानवता की सेवा करता है। यही देशप्रेम को सर्वोच्च बनाता है।
(3) एकांकी पढ़ने के बाद क्या आपके मन में भी जयदेव जैसा सरकारी अफसर बनकर देश की सेवा करने का विचार आया? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर- हाँ, एकांकी पढ़ने के बाद मेरे मन में भी जयदेव जैसा ईमानदार, साहसी और देशभक्त अफसर बनने की प्रेरणा उत्पन्न हुई। जयदेव ने अपने कर्त्तव्य को सर्वोपरि मानते हुए न केवल तस्करों से बहादुरी से सामना किया, बल्कि अपने साथियों और देश की सुरक्षा के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर दिया। उनकी निष्ठा और त्याग भावना वास्तव में देशसेवा का आदर्श उदाहरण है।
(4) यदि आपको वाघा बॉर्डर पर जाने का मौका मिला हो तो अपने रोमांचक अनुभव से अपने सहपाठियों को परिचित कराइए।
उत्तर- मुझे वाघा बॉर्डर पर जाने का मौका मिला, यह मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव है। वहाँ खड़े होकर मैंने सीमा पर तैनात सैनिकों की शौर्यपूर्ण मुद्रा देखी, जो कड़ी धूप और ठंडी हवाओं में भी देश की रक्षा करते हैं। बीटिंग रिट्रीट समारोह में भारतीय सैनिकों की अनुशासित और जोशभरी प्रस्तुति देखकर हृदय गर्व से भर गया। मैंने अपने सहपाठियों को बताता कि देश की रक्षा करने वाले ये जवान वास्तव में हमारे सच्चे नायक हैं।
(घ) पाठ्येतर सक्रियता
(1) देश के लिए शहीद होने वाले कुछ शहीदों के विषय में पुस्तकालय या इंटरनेट से जानकारी एकत्र करें।
(2) इन शहीदों के चित्र एकत्र करें और उन्हें एक चार्ट पर चिपका कर अपनी कक्षा में लगाएँ।
(3) अपने स्कूल। के वार्षिक उत्सव में इस एकांकी का मंचन करें।
(ङ) ज्ञान-विस्तार
(1) अमृतसर – यह भारत के पंजाब प्रांत का एक शहर है। यह पंजाब का सबसे महत्त्वपूर्ण शहर माना जाता है क्योंकि सिक्खों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा ‘स्वर्ण मंदिर’ यहीं है।
(2) स्वर्ण मंदिर – स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) अमृतसर का सबसे बड़ा आकर्षण है। इसे हरमंदिर साहिब भी कहते हैं। यह गुरुद्वारा एक सरोवर के बीचोंबीच बना हुआ है। इसके गुंबद आदि पर सोना मढ़ा होने के कारण इसे स्वर्ण मंदिर कहा जाता है। स्वर्ण
‘ਸਮਾਜਿਕ ਨਿਆਂ, ਅਧਿਕਾਰਤਾ ਅਤੇ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਵਿਭਾਗ’ ਪੰਜਾਬ
मंदिर में प्रतिदिन हज़ारों पर्यटक आते हैं। यह सभी धर्मों के लोगों के लिए अटूट श्रद्धा और विश्वास का केंद्र है।
(3) जलियाँवाला बाग – यह भी अमृतसर का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। परतंत्र भारत में 13 अप्रैल, 1919 ई. को इस बाग में भीषण नरसंहार हुआ। बैसाखी का दिन होने के कारण कई तीर्थयात्री उस दिन यहाँ आए हुए थे। इसके अलावा अंग्रेजों द्वारा की गई कुछ गिरफ्तारियों का विरोध करने के लिए बड़े ही शांत और अहिंसक ढंग से एक सभा यहां चल रही थी, तभी जनरल डायर ने इस बाग में उपस्थित लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दीं। सैंकड़ों की संख्या में लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए। यह क्रूरतापूर्ण घटना ब्रिटिश शासन की निर्दयता और अमानवीयता की साक्षी है।
(4) वाघा बॉर्डर – वाघा बॉर्डर एक सैनिक चौकी है जो अमृतसर और लाहौर के बीच जी.टी. रोड पर स्थित है। यह अमृतसर से 32 किलोमीटर और लाहौर से 22 किलोमीटर दूर स्थित है। शाम के वक्त यहाँ होने वाली परेड को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
PSEB Class 10 Hindi Lesson 19 देश के दुश्मन गद्यांश आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
निम्नलिखित गद्याँशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1
नीलम – (सीने पर हाथ रखते हुए) – क्या कोई कष्ट है? धड़कन इतनी तेज क्यों हो गई?
मीना – (नाड़ी पकड़ते हुए) – डॉक्टर को बुलाऊं? हुआ क्या अम्मा?
(दोनों परेशानी और प्रश्नवाचक मुद्रा में एक दूसरे को आँखों में आंखें डालती हैं।)
सुमित्रा – (व्यथित-सी होकर) – कुछ नहीं बेटा, कुछ नहीं। यह खबर सुनने से पहले ही प्राण क्यों नहीं निकल गये? हे भगवान, यह क्या वज्र-पात कर डाला।
नीलम – (घबराहट के साथ) – क्या हुआ माँ जी? क्या हुआ? बताती क्यों नहीं?
मीना – (आतुरता से) आपके घबराने से तो हम भी धीरज खो देंगी। (कंधे पर हाथ रख कर अपनी ओर उन्मुख करते हुए) बताओ भी क्या हुआ? कैसा वज्र-पात?
सुमित्रा – क्या बताऊं? अभी-अभी माधोराम के घर रेडियो पर-खबर सुनते ही छाती क्यों न फट गई!
नीलम – रेडियो पर ……….. रेडियो पर क्या खबर सुनी? बताओ भी माँ जी!
सुमित्रा – बाघा बार्डर पर दो सरकारी अफसर मारे गये। वहीं पर तो मेरा जयदेव भी ………. हे भगवान, मेरे जयदेव की रक्षा करना।
मीना – भैया के बारे में ऐसी अशुभ बात क्यों सोचती हो अम्मा?
नीलम – मरने वालों के नाम तो नहीं आये? फिर वहाँ तो पचासों पुलिस वाले ………….। उनका बाल बांका नहीं हो सकता। भगवान इतना निष्ठुर नहीं।
सुमित्रा – अशुभ नहीं सोचती। भगवान उसे मेरी उमर लगावे। पर कलेजा धक-धक कर रहा है। तुम्हारे पिता जी भी लुटेरों-हत्यारों चीनियों से भारत की सीमा की रक्षा करते हुए बलिदान हुए थे। उनके बाद तुम दोनों को मैंने किन मुसीबतों से पाला है है राम! मेरी तपस्या का यह फल।
मीना – यह तो हमारे कुल के लिए गौरव की बात है कि हमारे पिता मातृभूमि की रक्षा करते हुए स्वर्गवासी हुए। इस बलिदान का बदला भगवान हमें दंड के रूप में नहीं, वरदान के रूप में देगा।
नीलम – बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता, माँ जी! ऐसे दिव्य बलिदान पर तो देवता भी अर्घ्य चढ़ाते हैं। वे भी स्वर्ग में जयजयकार करते हुए देश पर निछावर होने वालों का स्वागत करते हैं।
1.सुमित्रा को अचानक व्याकुलता क्यों होने लगती है?
(क) क्योंकि घर में कोई अतिथि आ गया था।
(ख) क्योंकि रेडियो पर दुखद समाचार सुनाई दिया था।
(ग) क्योंकि जयदेव देर से घर आया था।
(घ) क्योंकि मीना और नीलम झगड़ रही थीं।
उत्तर- (ख) क्योंकि रेडियो पर दुखद समाचार सुनाई दिया था।
2. सुमित्रा ने किस बात को ‘वज्र-पात’ कहा?
(क) जयदेव के देर से आने को
(ख) नीलम की घबराहट को
(ग) मीना की बातों को
(घ) बाघा बॉर्डर पर अफसरों की मृत्यु की खबर को
उत्तर– (घ) बाघा बॉर्डर पर अफसरों की मृत्यु की खबर को।
3. ‘अशुभ’ का विपरीत शब्द है-
(क) शुभ
(ख) अमंगल
(ग) प्रसन्न
(घ) मनहूस
उत्तर– (क) शुभ
4. सुमित्रा को रेडियो से क्या समाचार मिला और उनकी क्या प्रतिक्रिया रही?
उत्तर- सुमित्रा को माधोराम के घर रेडियो से यह समाचार मिला कि बाघा बॉर्डर पर दो सरकारी अफसर मारे गए हैं। यह सुनते ही उनके मन में भय उत्पन्न हो जाता है क्योंकि उसी क्षेत्र में उनका बेटा जयदेव भी ड्यूटी पर है। वे व्यथित होकर भगवान से प्रार्थना करती हैं कि उनके जयदेव की रक्षा करें और यह संकट टल जाए।
5. मीना और नीलम सुमित्रा को कैसे समझाने की कोशिश करती हैं?
उत्तर– मीना और नीलम सुमित्रा को धैर्य रखने के लिए कहती हैं। वे उन्हें समझाती हैं कि रेडियो पर मरे हुए अफसरों के नाम नहीं बताए गए हैं, इसलिए डरने की कोई बात नहीं है। नीलम कहती है कि भगवान निष्ठुर नहीं है और जयदेव जैसे साहसी व्यक्ति को कोई हानि नहीं होगी। वे दोनों उन्हें सांत्वना देकर शांत करने का प्रयास करती हैं।
2
सुमित्रा – गर्व और गौरव की बात तो हैं, बेटी! पर अब हृदय इतना दुर्बल हो चुका है कि ज़रा सी आशंका से कांप उठती हूँ। तुम्हारे पिता जी के बलिदान पर हृदय पर पत्थर रख लिया था, पर अब हिम्मत टूट चुकी है, देह जर्जर हो चुकी है। अगर मेरे जयदेव का ज़रा भी बाल बांका हो गया…तो…मैं.. (रुआँसी सी होकर) – पल भर भी नहीं जीऊँगी।
नीलम – माँ जी, कुछ नहीं होगा। यों ही आप तो…..
चाचा – (बाहर से पुकार कर) मीना-अरी मीना है क्या…?.
मीना – आओ, चाचा जी।
चाचा – (प्रवेश करके साश्चर्य) – अभी तक यहीं – नौ बज गये! गई नहीं? पढ़ने नहीं जाना? (निकट आकर) अरे! भाभी को क्या हुआ? अचानक यह क्या? क्या कोई तकलीफ़…..?
नीलम – यों ही घबरा गई – दिल धड़कने लगा।
चाचा – (बैठते हुए) – किसी डॉक्टर को बुलाता हूँ। अभी तो चली आ रही थी, माधोराम के घर से। सोचा, पूछ आऊँ, जयदेव की कुशल क्षेम की कोई चिट्ठी-विट्ठी तो नहीं आई। छुट्टी लेकर आने वाला था न?
मीना – आज कल में आते ही होंगे।
सुमित्रा – कल आना था – 15 दिन की छुट्टी पर। पर आता कहाँ से? कोई खबर नहीं। पता नहीं, भगवान की क्या मर्जी है।
चाचा – तो भाभी, इसमें घबराने की क्या बात है? कहीं रास्ते में किसी यार – दोस्त से मिलता रह गया होगा। अफसर जो ठहरा – पल भर में प्रोग्राम बदल सकता है।
मीना – और क्या? सरकारी – नौकरी और कितनी ज़िम्मेदारी की!
सुमित्रा – तो खैर-खबर तो भेज देता।
चाचा – आज कल के बच्चों में यही तो बड़ी लापरवाही है। यह नहीं जानते मां-बाप के दिल पर क्या गुज़रती है। मेरा ही बलुआ देखो…दो-दो महीनों में, वह भी यहाँ से 4-5 चिट्ठी जाने पर एक आध – पत्र लिखता है और उल्टे हमें ही शिक्षा, ‘आप तो यों ही दो-चार दिन में घबरा जाते हैं। काम बहुत रहता है। समय ही नहीं मिलता। और आज कल तो ड्यूटी बड़ी कड़ी है। दम मारने को टाइम नहीं। भला, यह भी कोई बात हुई! निरे बहाने ही चलने लगे हैं।
नीलम – बहाना नहीं, चाचा जी। इन तस्करों से निपटना आसान नहीं – जान पर खेलना पड़ता है।
मीना – कभी-कभी इन लोगों से डाकुओं की तरह भिड़ंत भी हो जाती है – गोलियाँ तक चल जाती हैं।
सुमित्रा – यही तो मैं कहूँ। इसीलिये तो मेरा कलेजा धक्-धक् कर रहा है। न जयदेव आया, न उसकी कोई खैर खबर।
1. ‘दुर्बल’ शब्द में उपसर्ग है-
(क) दु
(ख) बल
(ग) दुर्
(घ) ल
उत्तर- (ग) दुर्
2. चाचा जी जब घर आते हैं तो सुमित्रा की हालत देखकर क्या करने की बात कहते हैं?
(क) वह मंदिर जाने की बात कहते हैं।
(ख) वह डॉक्टर बुलाने की बात करते हैं।
(ग) वह जयदेव को फोन करने की बात करते हैं।
(घ) वह अखबार पढ़ने की बात करते हैं।
उत्तर- (ख) वे डॉक्टर बुलाने की बात करते हैं।
3. नीलम जयदेव के काम के बारे में क्या कहती है?
(क) उसका काम बहुत आसान है।
(ख) उसे केवल दफ्तर का काम करना होता है।
(ग) तस्करों से निपटना आसान नहीं, जान पर खेलना पड़ता है।
(घ) वह केवल बॉर्डर पर गश्त करता है।
उत्तर– (ग) तस्करों से निपटना आसान नहीं, जान पर खेलना पड़ता है।
4. चाचा जी सुमित्रा को क्या समझाने की कोशिश करते हैं?
उत्तर- चाचा जी सुमित्रा को समझाने की कोशिश करते हैं कि जयदेव का न आना चिंता की बात नहीं है। संभव है कि वह रास्ते में किसी पुराने मित्र से मिल गया हो या सरकारी काम की वजह से उसका कार्यक्रम बदल गया हो। वह यह भी कहते हैं कि आजकल के बच्चे बहुत लापरवाह हैं, जो माता-पिता की चिंता नहीं समझते और चिट्ठी लिखने में देर कर देते हैं।
5. नीलम और मीना जयदेव के काम की कठिनाइयों को कैसे बताती हैं?
उत्तर– नीलम बताती है कि जयदेव का काम बहुत कठिन और खतरों से भरा है क्योंकि उसे तस्करों से सामना करना पड़ता है। मीना कहती है कि कई बार पुलिस को डाकुओं की तरह उनसे भिड़ना पड़ता है और गोलियाँ तक चल जाती हैं। उनके अनुसार यह जिम्मेदारी भरा काम है, इसलिए कभी-कभी संपर्क न होना स्वाभाविक है।
3
नीलम – रेडियों पर आज सवेरे खबर आई है कि बाघा बार्डर पर स्मगलरों का मुकाबला करते हुए दो सरकारी अफसर मारे गये। यह खबर सुनकर … तभी से माँ जी को दिल का दौरा सा पड़ने लगा।
मीना – हम बहुत समझा रहे हैं – कि… ।
चाचा – हं-हं-हं वाह री मेरी वीरांगना भाभी! अरे, वह खबर तो मैं भी अभी-अभी सुनकर आया हूँ – पौने नौ वाली खबरों में। जयदेव का बाल भी बाँका नहीं हुआ। दो सरकारी अफसर जो मारे गये, उन में एक हैड कांस्टेबल था और दूसरा सब इंस्पैक्टर।
सुमित्रा – कितने हत्यारे – कसाई हैं, ये स्मगलर! इन बेचारों के बाल बच्चों का क्या होगा? मेरा जयदेव तो…..।
मीना – चाचा कह तो रहे हैं, कि उनका बाल भी बाँका नहीं हुआ।
चाचा – अखबार में भी खबर आ गई। जयदेव की वीरता और सूझ-बूझ की बड़ी प्रशंसा छपी है। उसने तस्करों से किस बहादुरी और चतुराई से मोर्चा लिया; किस तरह उनको मार भगाया और किस तरह उनके चार आदमियों को गोलियों का निशाना बनाया तथा पाँच लाख का सोना उनसे छीन लिया। (अखबार देते हुए) लो, पढ़ लो।
सुमित्रा – (प्रसंन होकर) सच? क्या यह सब सच है? मेरा बहादुर बेटा, जयदेव! अरी मीना, सुना न क्या लिखा है अखबार में? और बेटी नीलू… अपने चाचा जी के लिये कुछ… (अभी लाई कह कर नीलम का प्रस्थान)
चाचा – ना ना भाभी! … बेटी! बहूरानी! नहीं। इस समय तो कुछ भी नहीं। अभी-अभी तो नाश्ता….।
नीलम – (रसोई घर में से) – चाचा जी, ऐसे नहीं जाने देंगे। आपको मेरी सौंगंध, जो…..।
चाचा – तुम लोगों में यहीं बड़ा एब है, बात-बात में सौगंध। एक तो पहले ही पेट तना है, ऊपर से सौगंध।
सुमित्रा – क्या हुआ भैया, बालकों का मन रखना बड़ों का काम है। ये बच्चे जितनी सेवा करेंगे, उतना आप लोगों का आशीर्वाद लेंगे। (मीना चाय की ट्रे मेज पर रख देती है)
चाचा – (चाय पीते हुए) – मीना बेटी, भाभी को अखबार की पूरी खबर सुना देना। यही छोड़े जाता हूँ। जयदेव भी एकाध दिन में आता ही होगा। (प्याला मेज पर रखता है)
मीना – और क्या?
चाचा – अच्छा, मैं चला। (प्रस्थान)
1. बाघा बॉर्डर पर हुई मुठभेड़ में कितने सरकारी अफसर मारे गए थे?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर– (ख) दो
2. अखबार में जयदेव के बारे में क्या लिखा था?
(क) कि वह घायल हो गया
(ख) कि वह छुट्टी पर घर लौट आया कि
(ग) उसने तस्करों से बहादुरी से मुकाबला किया
(घ) कि उसे पदोन्नति मिली
उत्तर– (ग) कि उसने तस्करों से बहादुरी से मुकाबला किया
3. जब सुमित्रा को अपने बेटे की कुशलता का समाचार मिलता है, तो उनकी प्रतिक्रिया क्या होती है?
(क) वे रोने लगती हैं
(ख) वे गुस्सा करती हैं
(ग) वे मौन रह जाती हैं
(घ) वे अत्यंत प्रसन्न हो जाती हैं
उत्तर- (घ) वे अत्यंत प्रसन्न हो जाती हैं
4. चाचा जी अखबार में क्या बताते हैं?
उत्तर– चाचा जी बताते हैं कि अखबार में जयदेव की वीरता की प्रशंसा की गई है। उसने तस्करों से साहस और चतुराई से मुकाबला किया, चार तस्करों को गोली मारी और पाँच लाख का सोना बरामद किया। यह समाचार सुनकर सुमित्रा का चेहरा गर्व और संतोष से खिल उठता है क्योंकि उनका बेटा देश की रक्षा करते हुए सफल हुआ।
5. नीलम और सुमित्रा का रवैया चाचा जी के प्रति कैसा है?
उत्तर– नीलम और सुमित्रा दोनों का रवैया चाचा जी के प्रति स्नेहपूर्ण और आदरभरा है। नीलम उन्हें बिना चाय पिलाए जाने नहीं देना चाहती और मज़ाक में उन्हें सौगंध तक दे देती है। सुमित्रा भी कहती हैं कि बड़ों का काम बच्चों का मन रखना है।
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मीना – (समाचार सुनाते हुए) – अंधेरी रात थी। तस्करों के गिरोह ने किसी तरह बिजली भी फेल कर दी थी।
सुमित्रा – अच्छा! हाँ, परसों अमावस ही तो थी।
मीना – 2-4 संतरी धीरे-धीरे गश्त लगा रहे थे। और कुछ अफसर और भैया कैंप में चौकन्ने बैठे थे। कुछ देर बाद रात के सन्नाटे में संतरियों ने आकर खबर दी कि सीमा से कुछ मील दूर लाइट सी नज़र आई है। क्षण भर में फिर बंद हो गई।
नीलम – तब इसके बाद क्या हुआ?
मीना – भैया तुरंत टैण्ट से निकले और जवानों को जगह-जगह तैनात कर दिया। कैंप से करीब आधा मील की दूरी पर एक जीप आकर रुकी और 6-7 आदमी उसमें से उतरे।
सुमित्रा – अमावस की घोर अंधियारी में इन लोगों को साँप – बिच्छू का भी डर नहीं लगता। कैसे भयंकर निडर राक्षस है।
नीलम – माँ जी, लाखों रुपये कमाने का लालच इन्हें इतना निडर और अंधा बना देता है कि ये लोग न कानून से और न ही साँप-बिच्छू तथा शेर-चीते से डरते हैं। अपने ही स्वार्थ में लगे होने के कारण ये अपने देश और समाज के हित को भी नहीं देख पाते।
मीना – तो माँ, फिर भैया ने उन पर टार्च से रोशनी डाली और आदेश दिया – “खबरदार! हैंड्ज अप। भागने की कोशिश की तो गोली मार दी जायेगी।” जवाब में उन लोगों ने पुलिस पर गोलियाँ चलानी शुरु कर दीं। पुलिस ने भी गोलियों से जवाब दिया।
सुमित्रा – हे भगवान, इतनी हिम्मत! जयदेव को तो चोट नहीं आई?
मीना – नहीं। पंद्रह मिनट तक गोलियाँ चलती रही। दो पुलिस के आदमी मारे गये और तीन उन के। बाकी 3-4 रात के अंधेरे में छिपकर अपनी जान बचा कर भाग गये। हमारी पुलिस जब लाशों के पास पहुंची तो दो बैग पड़े मिले, जिन में 5 लाख का सोना था।
1. मुठभेड़ के बाद पुलिस को क्या मिला?
(क) दो बैग जिनमें पाँच लाख का सोना था
(ख) एक नक्शा
(ग) तीन लाशें
(घ) एक पत्र
उत्तर– (क) दो बैग जिनमें पाँच लाख का सोना था
2. तस्करों ने पुलिस पर हमला करने से पहले क्या किया था?
(क) उन्होंने सैनिकों पर हमला किया
(ख) उन्होंने बिजली फेल कर दी थी
(ग) उन्होंने सीमा पार की थी
(घ) उन्होंने सोना छिपा दिया था
उत्तर– (ख) उन्होंने बिजली फेल कर दी थी
3. जयदेव ने तस्करों को देखकर क्या आदेश दिया?
(क) उन्हें पकड़ लो
(ख) गोली चलाओ
(ग) खबरदार! हैंड्ज़ अप
(घ) लाइट बंद कर दो
उत्तर– (ग) खबरदार! हैंड्ज़ अप
4. नीलम ने तस्करों के निडर होने का क्या कारण बताया?
उत्तर- नीलम का कहना था कि तस्करों को लाखों रुपये कमाने का लालच इतना अंधा और निडर बना देता है कि वे किसी से नहीं डरते। वे न कानून से डरते हैं, न जंगली जानवरों से। अपने स्वार्थ में अंधे होकर वे देश और समाज के हित की परवाह नहीं करते और गलत कार्यों में लग जाते हैं।
5. इस गद्याँश का उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है?
उत्तर– इस गद्याँश का उपयुक्त शीर्षक ‘जयदेव की वीरता’ हो सकता है?
PSEB Class 10 Hindi Lesson 19 देश के दुश्मन बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
1.जयदेव के स्वर्गीय पिता का चित्र कहाँ टंगा है?
(क) दीवार के बीच में
(ख) फर्श के पास
(ग) दीवार पर, फर्श से चार फीट ऊपर
(घ) खिड़की के पास
उत्तर– (ग) दीवार पर, फर्श से चार फीट ऊपर
2. मीना किस तैयारी में व्यस्त थी?
(क) खाना पकाने में
(ख) कॉलेज जाने के लिए
(ग) मेहमानों के स्वागत के लिए
(घ) सफाई करने में
उत्तर– (ख) कॉलेज जाने के लिए
3. प्रोफेसर का भाषण किस विषय पर था?
(क) तस्करी, चोर बाज़ारी और आर्थिक व्यवस्था
(ख) भ्रष्टाचार
(ग) राजनीति और समाज
(घ) शिक्षा सुधार
उत्तर- (क) तस्करी, चोर बाज़ारी और आर्थिक व्यवस्था
4. सुमित्रा का प्रवेश कैसा दिखाया गया है?
(क) प्रसन्न
(ख) रुआंसा और शिथिल
(ग) गुस्से में
(घ) बेफिक्र
उत्तर– (ख) रुआंसा और शिथिल
5. सुमित्रा किस खबर से व्यथित थीं?
(क) जयदेव का प्रमोशन
(ख) चाचा की तबीयत
(ग) पड़ोसी की बीमारी
(घ) बाघा बॉर्डर की मुठभेड़
उत्तर- (घ) बाघा बॉर्डर की मुठभेड़
6. सुमित्रा ने रेडियो पर क्या सुना?
(क) जयदेव की वीरता के बारे में
(ख) दो अफसरों की मृत्यु के बारे में
(ग) मौसम की खबर
(घ) नई सरकारी योजना
उत्तर– (ख) दो अफसरों की मृत्यु के बारे में
7. मीना सुमित्रा को क्या समझाती है?
(क) अशुभ बातें न सोचें
(ख) कि जयदेव छुट्टी पर आएगा
(ग) डॉक्टर को बुलाएँ
(घ) समाचार गलत है
उत्तर– (क) अशुभ बातें न सोचें
8. नीलम कहती है कि बलिदान पर देवता क्या करते हैं?
(क) उपेक्षा करते हैं
(ख) दुखी होते हैं
(ग) प्रश्न करते हैं
(घ) अर्घ्य चढ़ाते हैं
उत्तर– (घ) अर्घ्य चढ़ाते हैं
9. सुमित्रा अपने पति की मृत्यु किस युद्ध में बताती हैं?
(क) पाकिस्तान युद्ध
(ख) चीन से सीमा रक्षा करते हुए
(ग) स्वतंत्रता संग्राम
(घ) कश्मीर संघर्ष
उत्तर- (ख) चीन से सीमा रक्षा करते हुए
10. सुमित्रा कहती हैं कि उनका शरीर कैसा हो गया है?
(क) दुर्बल
(ख) शक्तिशाली
(ग) स्वस्थ
(घ) थका नहीं है
उत्तर- (क) दुर्बल
11. चाचा जब प्रवेश करते हैं, तो वे किसे पुकारते हैं?
(क) नीलम
(ख) सुमित्रा
(ग) मीना
(घ) जयदेव
उत्तर- (ग) मीना
12. बरामद सोने की मात्रा कितनी थी?
(क) दो लाख
(ख) पाँच लाख
(ग) दस लाख
(घ) आठ लाख
उत्तर– (ख) पाँच लाख
13. जयदेव के वीरता की प्रशंसा कहाँ छपी?
(क) रेडियो पर
(ख) अखबार में
(ग) टीवी पर
(घ) भाषण में
उत्तर- (ख) अखबार में
14. नीलम चाचा के लिए क्या लाने जाती है?
(क) चाय
(ख) फल
(ग) मिठाई
(घ) भोजन
उत्तर– (क) चाय
15. नीलम का संबंध मीना से क्या है?
(क) बहन
(ख) भाभी
(ग) माँ
(घ) दोस्त
उत्तर- (ख) भाभी
16. सुमित्रा का जयदेव से क्या रिश्ता है?
(क) बहन
(ख) मामी
(ग) पत्नी
(घ) माँ
उत्तर– (घ) माँ
17. जयदेव का पेशा क्या है?
(क) डॉक्टर
(ख) सैनिक
(ग) अध्यापक
(घ) पुलिस अधिकारी
उत्तर– (घ) पुलिस अधिकारी
18. जयदेव ने कितने तस्करों को गोली मारी?
(क) तीन
(ख) चार
(ग) पाँच
(घ) दो
उत्तर– (ख) चार
19. चाचा जयदेव के बारे में क्या बताते हैं?
(क) वह घायल है
(ख) वह स्थानांतरित हुआ है
(ग) वह लापता है
(घ) वह सुरक्षित है
उत्तर- (घ) वह सुरक्षित है
20. प्रस्तुत पाठ ‘देश के दुश्मन’ किसके द्वारा रचित है?
(क) जयनाथ नलिन
(ख) डॉ. धर्मवीर भारती
(ग) उपेंद्रनाथ अश्क
(घ) हरिशंकर परसाई
उत्तर– (क) जयनाथ नलिन
PSEB Class 10 Hindi देश के दुश्मन प्रश्न और उत्तर (Extra Question Answers)
1.सुमित्रा का हृदय क्यों व्यथित है?
उत्तर– सुमित्रा का हृदय इसलिए व्यथित है क्योंकि उन्होंने रेडियो पर यह खबर सुनी कि बाघा बॉर्डर पर तस्करों से लड़ते हुए दो सरकारी अफसर मारे गए हैं। उन्हें भय है कि कहीं उनका बेटा जयदेव उनमें से एक न हो। इसी आशंका से उन्हें दिल का दौरा सा पड़ गया और वे बेचैन हो उठीं।
2. नीलम अपनी माँ को कैसे ढाढ़स देती है?
उत्तर– नीलम अपनी माँ सुमित्रा को समझाती है कि उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। वह कहती है कि जयदेव बहादुर और समझदार अधिकारी है, उसे कुछ नहीं होगा। वह माँ को शांत करने की कोशिश करती है ताकि उनकी तबीयत अधिक खराब न हो।
3. चाचा जब आते हैं तो क्या समाचार देते हैं?
उत्तर– चाचा बताते हैं कि जयदेव सुरक्षित है। रेडियो पर सुनी गई खबर में जिन दो अफसरों की मृत्यु हुई थी, वे कोई और थे। बल्कि अखबार में जयदेव की वीरता और चतुराई की प्रशंसा छपी है कि उसने तस्करों को मार भगाया और पाँच लाख का सोना बरामद किया।
4. सुमित्रा का चरित्र कैसा है?
उत्तर– सुमित्रा एक देशभक्त और ममतामयी माँ हैं। उन्होंने अपने पति को देश की रक्षा में खो दिया है, इसलिए अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर अत्यंत चिंतित रहती हैं। उनका मातृत्व और देशप्रेम दोनों इस नाटक में गहराई से प्रकट होते हैं।
5. मीना के कॉलेज जाने का प्रसंग क्या दर्शाता है?
उत्तर– मीना का कॉलेज जाना और प्रोफेसर का भाषण सुनने की बात यह दिखाती है कि परिवार में आधुनिक शिक्षा का महत्त्व है। इससे नाटक का आरंभ एक सामान्य घरेलू माहौल से होता है, जो धीरे-धीरे देशभक्ति और भावनात्मक प्रसंग की ओर बढ़ता है।
6. जयदेव का पेशा क्या है और उसकी जिम्मेदारी कैसी है?
उत्तर– जयदेव एक सरकारी अधिकारी है, जो सीमा पर तस्करों से मुकाबला करता है। उसका काम अत्यंत जोखिमपूर्ण है क्योंकि उसे देश की आर्थिक सुरक्षा बनाए रखनी होती है।
7. चाचा परिवार को क्या सलाह देते हैं?
उत्तर– चाचा परिवार को धैर्य और विश्वास बनाए रखने की सलाह देते हैं। वह कहते हैं कि आजकल के बच्चों की ड्यूटी कठिन होती है, इसलिए वे कभी-कभी देर से पत्र भेजते हैं। वे सुमित्रा को संयम रखने के लिए प्रेरित करते हैं।
8. मीना द्वारा सुनाई गई खबर का परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर– मीना द्वारा सुनाई गई खबर से पहले तो सुमित्रा घबरा जाती हैं, परंतु जब सच का पता चलता है कि जयदेव सुरक्षित है, तो पूरा परिवार राहत और गर्व महसूस करता है।
9. तस्करों के प्रति सुमित्रा की क्या प्रतिक्रिया है?
उत्तर- सुमित्रा तस्करों को ‘हत्यारे’ और ‘कसाई’ कहती हैं। उन्हें इन अपराधियों से घृणा है क्योंकि वे न केवल कानून तोड़ते हैं, बल्कि देश के सच्चे सेवकों की जान भी लेते हैं। वह कहती हैं कि ऐसे लोगों में न डर है, न इंसानियत।
10. नाटक में मातृत्व का भाव कैसे व्यक्त हुआ है?
उत्तर- नाटक में मातृत्व का भाव सुमित्रा के चरित्र के माध्यम से प्रकट होता है। वह अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक चिंतित रहती हैं, उसके बलिदान की कल्पना मात्र से विचलित हो जाती हैं।