CBSE Class 8 Hindi Chapter 7 Mat Bandho (मत बाँधो) Question Answers (Important) from Malhar Book

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Mat Bandho Chapter 7 NCERT Solutions

 

पाठ से

आइए, अब हम इस कविता को थोड़ा और विस्तार से समझते हैं। नीचे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।

मेरी समझ से

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

1. आप इनमें से कविता का मुख्य भाव किसे समझते हैं?

  • सपने मात्र कल्पनाएँ हैं
  • सपनों को भूल जाना चाहिए
  • सपनों की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए (✮)
  • सपने देखना अच्छी बात है (✮)
    उत्तर – सपनों की स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए, सपने देखना अच्छी बात है

2. ‘मत बाँधो’ कविता किसकी स्वतंत्रता की बात करती है?

  • प्रेम की
  • शिक्षा की
  • सपनों की (✮)
  • अधिकारों की
    उत्तर – सपनों की

3. “इन सपनों के पंख न काटो” पंक्ति में सपनों के ‘पंख’ होने की कल्पना क्यों की गई है?

  • सपने जीवन में कुछ नया करने की प्रेरणा देते हैं (✮)
  • सपने सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाते हैं (✮)
  • सपने पंखों की तरह उड़ान भर भ्रमण करवाते हैं (✮)
  • सपने पंखों की तरह कोमल और अनेक प्रकार के होते हैं
    उत्तर – सपने जीवन में कुछ नया करने की प्रेरणा देते हैं, सपने सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाते हैं, सपने पंखों की तरह उड़ान भर भ्रमण करवाते हैं

4. “स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प” पंक्ति में ‘स्वर्ग’ से आप क्या समझते हैं?

  • जहाँ किसी प्रकार का शारीरिक कष्ट न हो
  • जहाँ अतुलनीय धन संपत्ति हो
  • जहाँ परस्पर सहयोग एवं सद्भाव हो (✮)
  • जहाँ सभी प्राणी एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील हों (✮)
    उत्तर – जहाँ परस्पर सहयोग एवं सद्भाव हो, जहाँ सभी प्राणी एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील हों

5. यदि बीज धूल में गिर जाए तो क्या हो सकता है?

  • वह बहुत तेजी से उड़ सकता है।
  • वह और गहरा हो सकता है
  • उसकी उड़ान रुक सकती है (✮)
  • वह बढ़कर पौधा बन सकता है (✮)
    उत्तर – उसकी उड़ान रुक सकती है, वह बढ़कर पौधा बन सकता है

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर – मैंने ये उत्तर इसलिए चुने क्योंकि कविता सपनों की स्वतंत्रता और उनकी उड़ान को बनाए रखने के इर्द-गिर्द घूमती है। कविता में सपनों को पंखों से जोड़ा गया है, जो प्रेरणा और ऊँचाइयों के प्रतिक हैं। और सपने की सहायता से उड़ान भरी जा सकती है इस वजह से भी सपनों को पंखों से जोड़ा गया है। ‘स्वर्ग’ का अर्थ होता है जहाँ हर कोई सुख का अनुभव करे और जहाँ सभी एक-दूसरे का सहयोग देते हैं। कविता से भी हमें स्वर्ग का यही अर्थ समझ में आया। और बीज का उदाहरण सपनों की संभावनाओं को दर्शाता है। क्योंकि सपनों की उड़ान में किसी के सपने साकार हो सकते हैं और किसी को असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है।

पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।

(क) “सौरभ उड़ जाता है नभ में
फिर वह लौट कहाँ आता है?
बीज धूलि में गिर जाता जो
वह नभ में कब उड़ पाता है?”
उत्तर – उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ है कि जब सौरभ यानी सुगंध आसमान में उड़ जाती है, तो वह वापस नहीं लौट पाती। जैसे उड़ता हुआ बीज यदि धूल में गिर जाता है तो वह फिर से आकाश में नहीं उड़ पाता। यहाँ बीज का अभिप्राय सपनों से है। कहने का अभिप्राय यह है कि जैसे सपने स्वतंत्र होकर ऊँचाइयों तक जाते हैं। लेकिन अगर सपनों को बाधित किया जाए तो उनके पूरे होने की संभावनाएँ खत्म हो जाती हैं। यह पंक्तियाँ सपनों की स्वतंत्रता का महत्व बताती है।

(ख) “मुक्त गगन में विचरण कर यह
तारों में फिर मिल जायेगा,
मेघों से रंग और किरणों से
दीप्ति लिए भू पर आयेगा।”
उत्तर – उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ है कि सपने, जब स्वतंत्र होते हैं, तो वे तारों तक पहुँच जाते हैं अर्थात जब सपनों को स्वतंत्र छोड़ दिया जाता है तो वे अधिक ऊँचाइयों या सफलता को प्राप्त करते हैं। वे बादलों से रंग और किरणों से तेज लेकर ही धरती पर उतारते हैं अर्थात ऊँचाइयों पर पहुँच कर वे सफल लोगों से सुंदरता व प्रेरणा लेकर ही लौटते हैं। यह पंक्तियाँ सपनों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है।

मिलकर करें मिलान

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ स्तंभ 1 में दी गई हैं। उन पंक्तियों के भाव या संदर्भ स्तंभ 2 में दिए गए हैं। पंक्तियों को उनके सही भाव अथवा संदर्भ से मिलाइए।

स्तंभ 1 स्तंभ 2
1. इन सपनों के पंख न काटो

इन सपनों की गति मत बाँधो!

1. सपनों के उठने (आरोहण) और उनके व्यवहार में वापस आने (अवरोहण) में बाधा न डालें, क्योंकि स्वतंत्रता ही सपनों को साकार करने की कुंजी है।
2. सपनों में दोनों ही गति हैं

उड़कर आँखों में आता है!

2. सपनों को ऊँचाइयों तक जाने से मत रोको। उन्हें धरती से बाँधकर मत रखो।
3. इसका आरोहण मत रोको

इसका अवरोहण मत बाँधो!

3. किसी पक्षी के पंख काट दिए जाएँ तो वह उड़ नहीं सकता, वैसे ही अगर हम किसी के सपनों को बाधित करें तो उसकी कल्पनाशीलता और संभावनाएँ समाप्त हो जाएँगी।
4. नभ तक जाने से मत रोको

धरती से इसको मत बाँधो!

4. रचनात्मक और स्वतंत्र विचार समाज को सुंदर, समृद्ध और शांतिपूर्ण बना सकता है।
5. स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प

भूमि को सिखलायेगा !

5. सपनों में ऊपर उठने (आरोहण) और नीचे आने (अवरोहण) दोनों की विशेषता होती है। सपना विचार की तरह जन्म लेता है और फिर व्यवहार में पूरा होता है, तभी वह कल्पना से निकलकर सच्चाई बनता है।

उत्तर –

स्तंभ 1 स्तंभ 2
1. इन सपनों के पंख न काटो

इन सपनों की गति मत बाँधो!

3. किसी पक्षी के पंख काट दिए जाएँ तो वह उड़ नहीं सकता, वैसे ही अगर हम किसी के सपनों को बाधित करें तो उसकी कल्पनाशीलता और संभावनाएँ समाप्त हो जाएँगी।
2. सपनों में दोनों ही गति हैं

उड़कर आँखों में आता है!

5. सपनों में ऊपर उठने (आरोहण) और नीचे आने (अवरोहण) दोनों की विशेषता होती है। सपना विचार की तरह जन्म लेता है और फिर व्यवहार में पूरा होता है, तभी वह कल्पना से निकलकर सच्चाई बनता है।
3. इसका आरोहण मत रोको

इसका अवरोहण मत बाँधो!

1. सपनों के उठने (आरोहण) और उनके व्यवहार में वापस आने (अवरोहण) में बाधा न डालें, क्योंकि स्वतंत्रता ही सपनों को साकार करने की कुंजी है।
4. नभ तक जाने से मत रोको

धरती से इसको मत बाँधो!

2. सपनों को ऊँचाइयों तक जाने से मत रोको। उन्हें धरती से बाँधकर मत रखो।
5. स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प

भूमि को सिखलायेगा !

4. रचनात्मक और स्वतंत्र विचार समाज को सुंदर, समृद्ध और शांतिपूर्ण बना सकता है।

 

सोच-विचार के लिए

कविता को पुनः पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए–

(क) कविता में ‘मत बाँधो’, ‘पंख न काटो’ आदि संबोधन किसके लिए किए गए होंगे?
उत्तर – कविता में ‘मत बाँधो’, ‘पंख न काटो’ आदि संबोधन उन सभी के लिए होंगे जो सपनों को सीमित करते हैं। जैसे समाज, माता-पिता, शिक्षकों या वे सभी लोग जो नकारात्मकता फैलाते हैं।

(ख) कविता में सपनों की गति न बाँधने की बात क्यों कही गई होगी?
उत्तर – कविता में सपनों की गति न बाँधने की बात इसलिए कही गई होगी क्योंकि सपनों को साकार होने के लिए स्वतंत्रता की आवश्यकता होती हैं। और समाज में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो सपनों को साकार करने के मार्ग में बाधाएँ डालते हैं। जिसके कारण सपने अधूरे रह जाते हैं। समाज के विकास के लिए आवश्यक है की सपनों की गति में किसी भी तरह की बाधा न आए।

(ग) कविता में सौरभ, बीज, धुआँ, अग्नि जैसे उदाहरणों के माध्यम से सपनों को इनसे भिन्न बताते हुए उसे विशेष बताया गया है। आपकी दृष्टि में इन सबसे अलग सपनों की और कौन-सी विशेषताएँ हो सकती हैं?
उत्तर – सपनों की विशेषताएँ –
सपने ऊंचाइयों को पाने का सामर्थ्य रखते हैं।
सपने प्रेरणा देते हैं।
सपने रचनात्मकता को बढ़ाते हैं।
सपने व्यक्तिगत और सामाजिक विकास का आधार हैं।
सपने सीमाओं से परे सोचने की शक्ति देते हैं।

(घ) कविता में ‘आरोहण’ और ‘अवरोहण’ दोनों के महत्व की बात की गई है। उदाहरण देकर बताइए कि आपने ‘आरोहण’ और ‘अवरोहण’ को कब-कब सार्थक होते देखा?
उत्तर
आरोहण – जब किसान ने पूरी साल मेहनत करके अच्छी फसल तैयार की।
अवरोहण – जब किसान ने अपनी मेहनत से उगाई अच्छी फसल का उपयोग दूसरों की मदद के लिए किया, जैसे जरूरतमद को काम दाम में फसल देना।

(ङ) “सपनों में दोनों ही गति है/ उड़कर आँखों में आता है!” क्या आप सहमत हैं कि सपने ‘आँखों में लौटकर’ वास्तविकता बन जाते हैं? अपने अनुभव या आस-पास के अनुभवों से कोई उदाहरण दीजिए।
उत्तर – सपने ‘आँखों में लौटकर’ वास्तविकता बन जाते हैं, मैं इस वाक्य से सहमत हूँ। उदाहरण के लिए – मेरे चचेरे भाई ने डॉक्टर बनने का सपना देखा, उसने मेहनत की और मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। उसने दिन-रात एक करके सभी कठिनाइयों को पार किया और आज वह एक डॉक्टर बन कर हमारे परिवार का मान बड़ा रहा है।

शीर्षक
कविता का शीर्षक है ‘मत बाँधो”। यदि आपको इस कविता को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा? यह भी लिखिए।
उत्तर – यदि मुझे इस कविता का अन्य नाम देना हो, तो मैं “सपनों की उड़ान” दूँगी। क्योंकि कविता सपनों को स्वतंत्र का महत्त्व दर्शाती है। मैंने यह नाम इसलिए सोचा क्योंकि कविता सपनों की उड़ान विषय के इर्द-गिर्द की घूम रही है।

अनुमान और कल्पना से

(क) मान लीजिए आप एक नया संसार बनाना चाहते हैं। उस संसार में आप क्या-क्या रखना चाहेंगे और क्या-क्या नहीं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
उत्तर – यदि मुझे एक नया संसार बनाने का मौका मिले तो मैं निम्नलिखित चीज़े रखना चाहूँगी – शांति, सहयोग, सद्भाव, प्रेम, शिक्षा, प्रकृति की सुंदरता, समानता, सकारात्मकता। इनको रखने का मुख्य कारण यह है कि ये चीजें जीवन को सुखद, सफल और समृद्ध बनाती हैं।
मैं निम्नलिखित चीज़े नहीं रखना चाहूँगी- हिंसा, द्वेष, क्रोध, भेदभाव, प्रदूषण, स्वार्थ, ईर्ष्या, नकारात्मकता इत्यादि। इनको न रखने का मुख्य कारण यह है कि ये समाज व् मानवता को नष्ट करते हैं।

(ख) कविता में शिल्प और कला के महत्व की बात की गई है। कलाएँ हमारे आस-पास की दुनिया को सुंदर बनाती हैं। आप अपने जीवन को सुंदर बनाने के लिए कौन-सी कला सीखना चाहेंगे? उससे आपका जीवन कैसे सुंदर बनेगा? अनुमान करके बताइए।
उत्तर – मैं अपने जीवन को सुंदर बनाने के लिए चित्रकला सीखना चाहूँगी। क्योंकि अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए चित्रकला एक उत्तम उदाहरण है। चित्रकला के माध्यम से मैं अपने आस-पास की दुनिया को रंगों से सुंदर बना सकती हूँ।

(ग) “सौरभ उड़ जाता है नभ में/ फिर वह लौट कहाँ आता है?” यदि आपके पास अपने बीते हुए समय में लौटने का अवसर मिले तो आप बीते हुए समय में क्या-क्या परिवर्तन करना चाहेंगे?
उत्तर – यदि मुझे अपने बीते हुए समय में लौटने का अवसर मिले तो मैं अपने बचपन के दिनों में लौटकर अपने दोस्तों के साथ और अधिक समय बिताना चाहूँगी ताकि बड़े होने पर उनके साथ कम समय व्यतीत करने का दुःख न रहे।

(घ) “बीज धूलि में गिर जाता जो / वह नभ में कब उड़ पाता है?” यदि सपने बीज की तरह हों तो उन्हें उगने के लिए किन चीजों की आवश्यकता होगी? (संकेत- धूप अर्थात मेहनत, पानी अर्थात लगन आदि।)
उत्तर – सपनों को उगने के लिए निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता होगी –
धूप अर्थात मेहनत
पानी अर्थात लगन
मिट्टी अर्थात प्रेरणा
खाद अर्थात मार्गदर्शन

(ङ) “स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प / भूमि को सिखलायेगा !” यदि अच्छे सपनों या विचारों से स्वर्ग बनाया जा सकता है तो बुरे सपनों अथवा विचारों से क्या होता होगा? बुरे सपनों या विचारों से कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर – बुरे सपने डर, तनाव और नकारात्मकता फैलाते हैं।
बुरे सपनों से बचने का उपाय यह है कि आप अपनी सोच को सकारात्मक बनाए, सदैव अच्छी संगति में रहें और प्रेरणादायक व्यक्तित्व व् किताबों के समीप रहें।

(च) “इन सपनों के पंख न काटो /इन सपनों की गति मत बाँधो!” कल्पना कीजिए कि हर किसी को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की पूरी स्वतंत्रता मिल जाए, तब दुनिया कैसी होगी? आपके अनुसार उस दुनिया में कौन-सी बातें महत्वपूर्ण होंगी?
उत्तर – यदि हर किसी को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की पूरी स्वतंत्रता मिल जाए, तो दुनिया रचनात्मक, प्रगतिशील, सकारात्मक और सुखद होगी। मेरे अनुसार उस दुनिया में सहयोग, भाईचारा, दया, प्रेम और समानता आदि महत्वपूर्ण बातें होंगी।

(छ) “इन सपनों के पंख न काटो / इन सपनों की गति मत बाँधो!” आपके विचार से यह सुझाव है? आदेश है? प्रार्थना है? या कुछ और है? यह बात किससे कही जा रही है?
उत्तर: “इन सपनों के पंख न काटो / इन सपनों की गति मत बाँधो!” हमारे विचार से यह एक प्रार्थना है। जो समाज, माता-पिता और शिक्षकों से की जा रही है ताकि वे बच्चों या युवाओं के सपनों को सीमित न करें।

 

कविता की रचना

  • “सौरभ उड़ जाता है नभ में…”
  • “बीज धूलि में गिर जाता जो….”
  • “अग्नि सदा धरती पर जलती…’Mat Bandho QNA img 1

उपर्युक्त पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। इन पंक्तियों को पढ़ते समय हमारी आँखों के सामने कुछ चित्र उभर आते हैं। कई बार कवि अपनी बात अथवा मुख्य भाव को समझाने या बताने के लिए उदाहरणों के माध्यम से शब्द-चित्रों की लड़ी-सी लगा देता है जिससे कविता में विशेष प्रभाव उत्पन्न हो जाता है। इस कविता में भी ऐसी अनेक विशेषताएँ छिपी हैं।

उत्तर – महादेवी वर्मा की इस कविता में निम्नलिखित विशेषताएँ छिपी हुई हैं –
सौरभ, बीज, अग्नि, धुआँ आदि प्रकृति के प्रतीकों का प्रयोग किया गया है।
कविता में सपनों की तुलना उड़ती हुई खुशबू और आकाश से की गई है।
कविता में प्रतीकों के माध्यम से विचारों को व्यक्त किया गया है।
कविता में विरोधाभासी शब्दों का प्रयोग हुआ है।
मानवीकरण अलंकार का प्रयोग हुआ है। जैसे सपनों को पंख दिए गए हैं, वे उड़ते हैं, और लौटते हैं।
“इन सपनों के पंख न काटो” जैसे वाक्यों में संबोधन शैली का प्रयोग हुआ है।
“फिर वह लौट कहाँ आता है?” वाक्य प्रश्नवाचक शैली का प्रयोग हुआ है।
कविता में सपनों की स्वतंत्रता बनाए रखने की प्रेरणा सी गई है।

(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और वे पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ समाहित हैं। विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए।

कविता की विशेषताएँ कविता की पंक्तिया
1. एक-दूसरे के विपरीत अर्थ वाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। 1. वह नभ में कब उड़ पाता है?
2. एक ही शब्द का प्रयोग बार-बार किया गया है। 2. इसका आरोहण मत रोको

इसका अवरोहण मत बाँधो! 

3. समानार्थी शब्दों का प्रयोग किया गया है। 3. स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प भूमि को सिखलायेगा !
4. प्रश्न पूछा गया है। 4. इन सपनों के पंख न काटो
5. संबोधन का प्रयोग किया गया है। 5. नभ तक जाने से मत रोको

धरती से इसको मत बाँधो!

6. सपने को मनुष्य की तरह चित्रित किया गया है। 6. दीप्ति लिए भू पर आयेगा।

स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प

भूमि को सिखलायेगा !

 उत्तर –

कविता की विशेषताएँ कविता की पंक्तिया
1. एक-दूसरे के विपरीत अर्थ वाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। 5. नभ तक जाने से मत रोको

धरती से इसको मत बाँधो!

2. एक ही शब्द का प्रयोग बार-बार किया गया है। 4. इन सपनों के पंख न काटो
3. समानार्थी शब्दों का प्रयोग किया गया है। 6. दीप्ति लिए भू पर आयेगा।

स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प

भूमि को सिखलायेगा 

4. प्रश्न पूछा गया है। 1. वह नभ में कब उड़ पाता है?
5. संबोधन का प्रयोग किया गया है। 2. इसका आरोहण मत रोको

इसका अवरोहण मत बाँधो! 

6. सपने को मनुष्य की तरह चित्रित किया गया है। 3. स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प भूमि को सिखलायेगा !

शब्दों की बात

“इसका आरोहण मत रोको
इसका अवरोहण मत बाँधो!”

उपर्युक्त पंक्तियों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ‘आरोहण’ और ‘अवरोहण’ दोनों एक-दूसरे के विपरीतार्थक शब्द हैं। आरोहण का अर्थ है— नीचे से ऊपर की ओर जाना या चढ़ना और अवरोहण का अर्थ है- ऊपर से नीचे की ओर आना या उतरना ।

(क) नीचे दिए रिक्त स्थान में ‘आरोहण’ और ‘अवरोहण’ का उपयुक्त प्रयोग करके वाक्यों को पूरा कीजिए।
पर्वतारोहियों ने बीस दिन तक पर्वत पर________कर विजय प्राप्त की।
नदियाँ विशाल पर्वतों से ________ करते हुए सागर में मिल जाती हैं।
अंकगणित में बड़ी संख्या से छोटी संख्या की ओर लिखने की प्रक्रिया _______क्रम कहलाती है।

उत्तर –
पर्वतारोहियों ने बीस दिन तक पर्वत पर आरोहण कर विजय प्राप्त की।
नदियाँ विशाल पर्वतों से अवरोहण करते हुए सागर में मिल जाती हैं।
अंकगणित में बड़ी संख्या से छोटी संख्या की ओर लिखने की प्रक्रिया अवरोहण क्रम कहलाती है।

इसी प्रकार से ‘आरोहण’ और ‘अवरोहण’ शब्दों के प्रयोग को देखते हुए आप भी कुछ सार्थक वाक्य बनाइए।
उत्तर
अपने सहपाठियों को देखकर मैने भी अपने सपनों का आरोहण शुरू किया।
गुरु जी से अपनी गलतियों का ज्ञान प्राप्त कर और उनसे सीख ले कर मैने अवरोहण की प्रक्रिया अपनाई।

(ख) नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए—
“वह नभ में कब उड़ पाता है?”
“धूम गगन में मँडराता है।”
‘नभ’ और ‘गगन’ समान अर्थ वाले शब्द हैं। रेखांकित शब्दों के समानार्थी शब्दों का प्रयोग करते हुए कुछ नई पंक्तियों की रचना कीजिए और देखिए कि पंक्तियों में लय बनाए रखने के लिए और किन परिवर्तनों की आवश्यकता पड़ती है?

उत्तर
दी गई पंक्तियाँ –
वह नभ में कब उड़ पाता है?
धूम गगन में मँडराता है।

नई पंक्तियाँ –
वह आकाश में कब उड़ पाता है?
धूम अंतरिक्ष में मँडराता है।

परिवर्तन – लय बनाए रखने के लिए ‘आकाश’ और ‘अंतरिक्ष’ जैसे समान लंबाई के शब्दों का प्रयोग किया गया।

(ग) कविता में ‘मत’ शब्द के साथ ‘बाँधो’, ‘काटो’ क्रिया लगाई गई है। आप ‘मत’ के साथ कौन-कौन सी क्रियाएँ लगाना चाहेंगे? लिखिए। (संकेत- ‘मत डरो’)
उत्तर
‘मत’ के साथ अन्य क्रियाएँ –
मत डरो
मत रोको
मत भूलो
मत हटो
मत करो
मत मिटाओ

(घ) आपकी भाषा में ‘बाँधने’ के लिए और कौन-कौन सी क्रियाएँ हैं? अपने समूह में चर्चा करके लिखिए और उनसे वाक्य बनाइए। (संकेत- जोड़ना)
उत्तर –
‘बाँधने’ के लिए अन्य क्रियाएँ और वाक्य –
जोड़ना – राम ने पलंग को रस्सी से जोड़ा।
बंद करना – खिड़की को कड़ी लगा कर बंद कर दो।
गाँठना – कपड़े को गाँठ लगाकर मजबूती से बाँध दो।

(ङ) ‘मत’ शब्द को उलट कर लिखने से शब्द बनता है ‘तम’ जिसका अर्थ है ‘अँधेरा’। कविता में से कुछ ऐसे और शब्द छाँटिए जिन्हें उलट कर लिखने से अर्थ देने वाले शब्द बनते हैं।
उत्तर
‘मत’ को उलटने से ‘तम’ बनता है।
अन्य शब्द –
ना से आन अर्थात अनाज बनता है।
जा से आज बनता है।
रा से आर अर्थात आरंभ बनता है।

काल परिवर्तन

“सौरभ उड़ जाता है नभ में”
उपर्युक्त पंक्ति को ध्यान से देखिए इस पंक्ति की क्रिया जाता है’ से पता चलता है कि यह वर्तमान काल में लिखी गई है। यदि हम इसी पंक्ति को भूतकाल और भविष्य काल में लिखें तो यह निम्नलिखित प्रकार से लिखी जाएगी—
भूतकाल – सौरभ उड़ गया है नभ में
भविष्य काल – सौरभ उड़ जाएगा नभ में

कविता में वर्तमान काल में लिखी गई ऐसी अनेक पंक्तियाँ आई हैं। उन पंक्तियों को कविता में से ढूँढ़कर भूतकाल और भविष्य काल में लिखिए।

उत्तर –
मूल पंक्ति – धूम गगन में मँडराता है
भूतकाल – धूम गगन में मँडराया था
भविष्य काल – धूम गगन में मँडराएगा

मूल पंक्ति – सपनों में दोनों ही गति हैं
भूतकाल – सपनों में दोनों ही गति थीं
भविष्य काल – सपनों में दोनों ही गति होंगी

 

शब्दकोश से

“स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प”
शब्दकोश के अनुसार ‘शिल्प’ शब्द के निम्नलिखित अर्थ हैं— 1. हाथ से कोई चीज बनाकर तैयार करने का काम — दस्तकारी, कारीगरी या हुनर, जैसे- बरतन बनाना, कपड़े सिलना, गहने गढ़ना आदि। 2. कला संबंधी व्यवसाय। 3. दक्षता, कौशल। 4. निर्माण, सर्जन, सृष्टि, रचना। 5. आकार, आवृत्ति। 6. अनुष्ठान, क्रिया, धार्मिक कृत्य|

अब शब्दकोश से ‘शिल्प’ शब्द से जुड़े निम्नलिखित शब्दों के अर्थ खोजकर लिखिए—

1. शिल्पकार, शिल्पी, शिल्पजीवी, शिल्पकारक, शिल्पिक या शिल्पकारी
2. शिल्पकला
3. शिल्पकौशल
4. शिल्पगृह या शिल्पगेह
5. शिल्पविद्या
6. शिल्पशाला या शिल्पालय

उत्तर
1. शिल्पकार, शिल्पी, शिल्पजीवी, शिल्पकारक, शिल्पिक या शिल्पकारी
शिल्पकार / शिल्पी – वह व्यक्ति जो किसी शिल्प अर्थात कला, निर्माण आदि से जुड़ा होता है। जैसे मूर्तिकार आदि।
शिल्पजीवी – जो अपने शिल्प या कला को अपनी जीविका का साधन बनाए।
शिल्पकारक – जो शिल्प का निर्माण या निर्देशन करता है।
शिल्पिक – शिल्प बनाने वाला।
शिल्पकारी – शिल्प करने का रचनात्मक कार्य।
2. शिल्पकला – वह कला जिसमें हाथों से सुंदर वस्तुएँ, कलाकृतियाँ या सजावटी चीज़ें बनाई जाती हैं।
3. शिल्पकौशल – किसी कला को अत्यंत कुशलता से प्रस्तुत करने की योग्यता।
4. शिल्पगृह / शिल्पगेह – वह स्थान जहाँ शिल्प तैयार किया जाता है।
5. शिल्पविद्या – शिल्प बनाने से संबंधित ज्ञान और विधियाँ।
6. शिल्पशाला / शिल्पालय – वह संस्था या भवन जहाँ शिल्प की शिक्षा दी जाती है या हस्तशिल्प विद्यालय।

(ग) खोया-पाया

मान लीजिए आपका सपना कहीं खो गया है। उसके खो जाने की रिपोर्ट तैयार करें। आपको स्कूल प्रशासन को यह रिपोर्ट भेजनी है। इसके लिए स्कूल प्रशासन के नाम एक पत्र लिखिए।
उत्तर –

सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय / महोदया,
(विद्यालय का नाम) ————-
(विद्यालय का पता)——————

विषय – सपने के खो जाने की रिपोर्ट।

महोदय / महोदया,

सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का कक्षा 8 वी. का/की छात्र / छात्रा हूँ। मैं यह पत्र आपको यह बताने के लिए लिख रहा/रही हूँ कि मेरा एक सपना हाल ही में “खो” गया है। यह सपना समाज के लिए कुछ उपयोगी कार्य करने का था, जो मैं काफी लम्बे समय से देख रहा/रही था/थी। हर दिन इस सपने को साकार करने के लिए प्रयास करता/करती था/थी। लेकिन कुछ समय से व्यस्तताओं और नकारात्मक सोच के कारण वह सपना लगता है कि कहीं खो गया है।
मुझे आशंका है कि यदि उस सपने को न खोजा गया, तो मैं उस उद्देश्य से भटक सकता/सकती हूँ। अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि विद्यालय के ‘खोया-पाया केंद्र’ में मेरी इस रिपोर्ट को दर्ज करें, ताकि इस सपने को पुनः खोजा जा सके और मैं फिर से प्रेरित हो कर उसी उत्साह के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ सकूँ।
आशा करती हूँ कि आपके मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से मैं अपना सपना फिर से पा सकूँगा/सकूँगी।
धन्यवाद।
आपका/आपकी आज्ञाकारीआज्ञाकारिणी छात्र/छात्रा,
[आपका नाम]——————–
[कक्षा, रोल नंबर]—————-
[तारीख]———————-

Class 8 Hindi Mat Bandho Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)

1 –
इन सपनों के पंख न काटो
इन सपनों की गति मत बाँधो!
सौरभ उड़ जाता है नभ में
फिर वह लौट कहाँ आता है?
बीज धूलि में गिर जाता जो
वह नभ में कब उड़ पाता है?

प्रश्न 1 – ‘इन सपनों के पंख न काटो’ में किसके सपनों को बाधित न करने को कहा गया है?
(क) कवियत्री के
(ख) समाज के
(ग) युवाओं के
(घ) पक्षी के
उत्तर – (ग) युवाओं के

प्रश्न 2 – सौरभ किसके सन्दर्भ में कहा गया है?
(क) खुशबू के
(ख) समय के
(ग) गगन के
(घ) पक्षी के
उत्तर – (ख) समय के

प्रश्न 3 – बीज का अभिप्राय किससे है?
(क) आशा से
(ख) नियमों से
(ग) सपनों से
(घ) समय से
उत्तर – (ग) सपनों से

प्रश्न 4 – सपनों को बाधित किया जाए तो क्या होगा?
(क) उनके पूरे होने की संभावनाएँ खत्म हो जाती हैं
(ख) उनके पूरे होने की संभावनाएँ बड़ जाती हैं
(ग) यवाओं में अक्रोध और द्वेष भाव आ जाता हैं
(घ) सपने धीरे-धीरे गति पकड़ते हैं
उत्तर – (क) उनके पूरे होने की संभावनाएँ खत्म हो जाती हैं

प्रश्न 5 – ‘गति मत बाँधो’ का क्या अर्थ लिया गया है ?
(क) जाने मत दो
(ख) स्वतन्त्र कर दो
(ग) बाधित न करो
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) बाधित न करो

 

2 –
अग्नि सदा धरती पर जलती
धूम गगन में मँडराता है!
सपनों में दोनों ही गति हैं
उड़ कर आँखों में आता है!
इसका आरोहण मत रोको
इसका अवरोहण मत बाँधो !

प्रश्न 1 – काव्यांश में कवियत्री सभी से क्या अनुरोध करती है? कि सपनों के उठने (आरोहण) अर्थात उत्पन्न होने और उनके व्यवहार में वापस आने (अवरोहण) अर्थात उसके साकार होने के मार्ग में बाधा न डालें
(क) सपनों को उठने (आरोहण) अर्थात उत्पन्न होने दें
(ख) सपनों के साकार होने के मार्ग में बाधा न डालें
(ग) केवल (क)
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों

प्रश्न 2 – धूम का क्या अर्थ है ?
(क) धूआँ
(ख) घूमना
(ग) रौनक
(घ) धरती
उत्तर – (क) धूआँ

प्रश्न 3 – सपनों में किन दोनों की विशेषता होती है?
(क) ऊपर उठने की और नीचे आने की
(ख) आरोहण की और अवरोहण की
(ग) उन्नति की और पतन की
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4 – काव्यांश के अनुसार किसके साकार होने के मार्ग में बाधा न डालें ?
(क) आशाओं के
(ख) सपनों के
(ग) नींद के
(घ) उन्नति के
उत्तर – (ख) सपनों के

प्रश्न 5 – काव्यांश में कवियत्री सभी से क्या अनुरोध करती है?
(क) सपनों को साकार करने के लिए दूसरों को कष्ट दें
(ख) सपनों को पूरा करने के लिए मदद लें
(ग) सपनों के साकार होने के मार्ग में बाधा न डालें
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) सपनों के साकार होने के मार्ग में बाधा न डालें

 

3 –
मुक्त गगन में विचरण कर यह
तारों में फिर मिल जायेगा,
मेघों से रंग औ’ किरणों से
दीप्ति लिए भू पर आयेगा।
स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प
भूमि को सिखलायेगा !

प्रश्न 1 – ‘मुक्त गगन में विचरण कर यह’।
यहाँ ‘यह’ किसके लिए कहा गया है?
(क) पंछी के
(ख) सपने के
(ग) धूएँ के
(घ) कल्पना के
उत्तर – (ख) सपने के

प्रश्न 2 – स्वतन्त्र सपने धरती पर उतरकर धरती को क्या मनाने की कला सिखाएँगे?
(क) स्वर्ग
(ख) समृद्ध
(ग) सुखद
(घ) कष्टरहित
उत्तर – (क) स्वर्ग

प्रश्न 3 – सपने, जब स्वतंत्र होते हैं, तो वे तारों तक पहुँच जाते हैं इसका क्या अर्थ है?
(क) जब सपनों को स्वतंत्र छोड़ दिया जाता है तो वे अधिक ऊँचाइयों तक पहुँचते हैं
(ख) जब सपनों को स्वतंत्र छोड़ दिया जाता है तो वे सफलता को प्राप्त करते हैं
(ग) केवल (क)
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों

प्रश्न 4 – ‘मेघों से रंग औ’ किरणों से दीप्ति लिए भू पर आयेगा।’ से क्या आशय है?
(क) स्वतंत्र सपने सफल लोगों से सुंदरता व प्रेरणा लेकर ही लौटते हैं
(ख) स्वतंत्र सपने मेघों से सुंदरता व किरणों से आभा लेकर ही लौटते हैं
(ग) स्वतंत्र सपने मेघों से रंग व किरणों से तेज लेकर ही लौटते हैं
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) स्वतंत्र सपने सफल लोगों से सुंदरता व प्रेरणा लेकर ही लौटते हैं

प्रश्न 5 – सपने किससे प्रेरणा ले कर लौटते हैं?
(क) बादलों से
(ख) किरणों से
(ग) सफल और समृद्ध लोगों से
(घ) मेघों से और किरणों से
उत्तर – (ग) सफल और समृद्ध लोगों से

 

4 –
नभ तक जाने से मत रोको
धरती से इसको मत बाँधो !
इन सपनों के पंख न काटो
इन सपनों की गति मत बाँधो !

प्रश्न 1 – ‘नभ तक जाने से मत रोको’ इसका क्या अर्थ है?
(क) सपनों को ऊँचाइयों तक जाने से मत रोको
(ख) पक्षियों को ऊँचाइयों तक जाने से मत रोको
(ग) लोगों को ऊँचाइयों तक जाने से मत रोको
(घ) धूएँ को ऊँचाइयों तक जाने से मत रोको
उत्तर – (क) सपनों को ऊँचाइयों तक जाने से मत रोको

प्रश्न 2 – ‘धरती से इसको मत बाँधो !’ यहाँ किसकी बात की जा रही है?
(क) अग्नि की
(ख) पक्षी की
(ग) सपनों की
(घ) धूएँ की
उत्तर – (ग) सपनों की

प्रश्न 3 – पद्यांश में कवियत्री समाज के सभी लोगों से क्या अनुरोध करती है?
(क) सपनों को ऊँचाइयों तक जाने से मत रोको
(ख) सपनों को धरती से बाँधकर मत रखो
(ग) सपनों के पंख मत काटो और सपनों की संभावनाओं को मत बांधों
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4 – किसी के सपनों को बाधित करें तो क्या होगा?
(क) वह पतन की ओर चला जाएगा
(ख) वह कभी किसी पर भी विश्वास नहीं कर पाएगा
(ग) उसकी कल्पनाशीलता और संभावनाएँ समाप्त हो जाएँगी
(घ) उसकी इच्छा शक्ति समाप्त हो जाएगी
उत्तर – (ग) उसकी कल्पनाशीलता और संभावनाएँ समाप्त हो जाएँगी

प्रश्न 5 – सपनों को साकार करने के लिए क्या आवश्यक है?
(क) सपनों को बाँधना
(ख) सपनों को जीना
(ग) सपनों को स्वतंत्र छोड़ना
(घ) सपनों के पंख काटना
उत्तर – (ग) सपनों को स्वतंत्र छोड़ना

Class 8 Hindi Malhar Lesson 7 Mat Bandho Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)

प्रश्न 1 – ‘मत बाँधो’ कविता की कवियत्री कौन है?
(क) महादेवी शर्मा
(ख) महादेवी वर्मा
(ग) महादेव वर्मा
(घ) महालक्ष्मी वर्मा
उत्तर – (ख) महादेवी वर्मा

प्रश्न 2 – कविता में कवियत्री क्या बात कहती है?
(क) सपनों की उड़ान पर लगाम लगाने की
(ख) सपनों की उड़ान बाधित करने की
(ग) सपनों की उड़ान पर लगाम नहीं लगाने की
(घ) सपनों की उड़ान स्थगित करने की
उत्तर – (ग) सपनों की उड़ान पर लगाम नहीं लगाने की

प्रश्न 3 – कविता में किन प्रकृति के प्रतीकों का प्रयोग किया गया है?
(क) बीज
(ख) धुआँ
(ग) अग्नि
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4 – कविता में सपनों की तुलना किससे की गई है?
(क) उड़ते हुए सौरभ से
(ख) उड़ते हुए नभ से
(ग) उड़ते हुए पक्षी से
(घ) उड़ते हुए सपने से
उत्तर – (क) उड़ते हुए सौरभ से

प्रश्न 5 – ‘सौरभ’ शब्द किसका सूचक है?
(क) स्वतंत्रता
(ख) रंगत
(ग) सुगंध
(घ) सपने
उत्तर – (ग) सुगंध

प्रश्न 6 – “बीज धूलि में गिर जाता जो / वह नभ में कब उड़ पाता है?” पंक्तियों का आशय क्या है?
(क) प्रारंभिक निरोध या संकोच विकास के लिए आवश्यक है
(ख) प्रारंभिक निरोध या संकोच विकास के लिए आवश्यक नहीं है
(ग) प्रारंभिक निरोध या संकोच से विकास रुक जाता है
(घ) केवल (क)
उत्तर – (ग) प्रारंभिक निरोध या संकोच से विकास रुक जाता है

प्रश्न 7 – ‘अग्नि’ और ‘धूम’ का संयोजन क्या दर्शाता है?
(क) विरोधाभास
(ख) समानता
(ग) विकास
(घ) समन्वय
उत्तर – (घ) समन्वय

प्रश्न 8 – “मुक्त गगन में विचरण कर यह / तारों में फिर मिल जायेगा” में क्या संदेश छिपा है?
(क) कर्तव्य के बोध का
(ख) असीम संभावनाओं का
(ग) आत्मा के विसर्जन का
(घ) पराजय की स्वीकार्यता का
उत्तर – (ख) असीम संभावनाओं का

प्रश्न 9 – “स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प / भूमि को सिखलायेगा !” पद्यांश क्या संकेत करता है?
(क) यह मानव के प्रयासों को दर्शाता है
(ख) यह सपने को साकार करने की मेहनत की ओर संकेत करता है
(ग) यह सपने के साकार होने की ओर संकेत करता है
(घ) यह मानव-सृजन की असीम क्षमता की ओर संकेत है
उत्तर – (घ) यह मानव-सृजन की असीम क्षमता की ओर संकेत है

प्रश्न 10 – ‘नभ तक जाने से मत रोको / धरती से इसको मत बाँधो’ में सपने के लिए कहाँ तक का विस्तार माँगा गया है?
(क) पूरे आकाश का
(ख) पूर्ण स्वतंत्रता का
(ग) सम्पूर्ण धरती का
(घ) केवल (क)
उत्तर – (ख) पूर्ण स्वतंत्रता का

प्रश्न 11 – कविता का केंद्रीय भाव क्या है?
(क) कल्पनाओं और सपनों को आज़ाद नहीं छोड़ना चाहिए
(ख) कल्पनाओं और सपनों को किसी भी प्रकार की रोक-टोक से थोड़ा बचाना चाहिए
(ग) कल्पनाओं और सपनों को किसी भी प्रकार की रोक-टोक से आज़ाद छोड़ना चाहिए
(घ) कल्पनाओं और सपनों को किसी भी प्रकार आगे बढ़ाना चाहिए
उत्तर – (ग) कल्पनाओं और सपनों को किसी भी प्रकार की रोक-टोक से आज़ाद छोड़ना चाहिए

प्रश्न 12 – “मेघों से रंग” और “किरणों से दीप्ति” में कौन सा अलंकार है?
(क) पुनःरुक्ति
(ख) रूपक
(ग) मानवीकरण
(घ) अनुप्रास
उत्तर – (ख) रूपक

प्रश्न 13 – “स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प” में ‘शिल्प’ किस अर्थ में उपयोग हुआ है?
(क) शिल्पकार
(ख) मूर्तिकला
(ग) निर्माण कला
(घ) पतन कला
उत्तर – (ग) निर्माण कला

प्रश्न 14 – “पृथ्वी को सिखलायेगा” पंक्ति में ‘पृथ्वी’ किस प्रतीक के रूप में है?
(क) प्रकृति का आध्यात्मिक रूप
(ख) कारक भूमि
(ग) सीमा-रहित क्षितिज
(घ) मानव समाज
उत्तर – (घ) मानव समाज

प्रश्न 15 – जब सपने स्वतंत्र होंगे, तब क्या होगा?
(क) व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होगी
(ख) समाज को भी नया पाठ मिलेगा
(ग) व्यक्ति आकाश में उड़ेगा
(घ) सभी सुख का अनुभव करेंगे
उत्तर – (ख) समाज को भी नया पाठ मिलेगा

प्रश्न 16 – कविता क्या प्रेरित करती है?
(क) अपने स्वप्नों को खोलें, उन्हें पंख दें
(ख) समाज में नई ऊँचाइयाँ छुएँ
(ग) एक सकारात्मक, उत्साहवर्धक संदेश
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 17 – आपके अनुसार कविता का अन्तिम प्रभाव पाठक पर क्या पड़ेगा?
(क) आशा और प्रोत्साहन
(ख) विरक्ति
(ग) तटस्थता
(घ) शोक और विषाद
उत्तर – (क) आशा और प्रोत्साहन

प्रश्न 18 – कविता में निरंतर किसकी बात की गई है ?
(क) स्वतंत्रता की
(ख) उड़ान की
(ग) सृजन की
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 19 – ‘नभ तक जाने से मत रोको’ में किसे न रोकने की बात की गई है ?
(क) पक्षियों को ऊँचाइयों तक जाने से
(ख) सपनों को ऊँचाइयों तक जाने से
(ग) व्यक्तियों को ऊँचाइयों तक जाने से
(घ) इच्छाओं को ऊँचाइयों तक जाने से
उत्तर – (ख) सपनों को ऊँचाइयों तक जाने से

प्रश्न 20 – कविता में क्या सामाजिक संदेश दिया गया है ?
(क) सपनों की विश्वस्नीयता बनाए रखने की प्रेरणा
(ख) सपनों को साकार करने की प्रेरणा
(ग) सपनों की स्वतंत्रता बनाए रखने की प्रेरणा
(घ) सपनों को पतन से बचाने की प्रेरणा
उत्तर – (ग) सपनों की स्वतंत्रता बनाए रखने की प्रेरणा

Mat Bandho Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)

प्रश्न 1 – कविता में कवियत्री किससे और क्या प्रार्थना करती है ?
उत्तर – कविता में कवियत्री समाज के सभी लोगों से प्रार्थना करती है कि किसी भी बालक या युवा के सपनों के पंखों को मत काटो। उनके सपनो को बाधित मत करो।

प्रश्न 2 – कविता के आधार पर बताइए कि सपनों को बाधित क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर – जिस प्रकार जब किसी पक्षी के पंख काट दिए जाएँ तो वह उड़ नहीं सकता, उसी प्रकार यदि सपनों की उड़ान रोक दी जाए या सपनों को बाधित किया जाए, तो उसकी कल्पनाशीलता और संभावनाएँ समाप्त हो जाएँगी।

प्रश्न 3 – कविता में सौरभ और बीज का क्या आशय है? कविता में इसके उदाहरणों को भी स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – कवियत्री कहती हैं कि जब सौरभ यानी सुगंध आसमान में उड़ जाती है, तो वह वापस नहीं लौट पाती। यहाँ सुगंध का आशय समय से लिया गया है। अर्थात जब समय बीत जाता है, तो वह बिता हुआ समय कभी लौट कर नहीं आता। उसी प्रकार उड़ता हुआ बीज यदि धूल में गिर जाता है तो वह फिर से आकाश में नहीं उड़ पाता। यहाँ बीज का अभिप्राय सपनों से है। अर्थात जैसे सपने स्वतंत्र होकर ऊँचाइयों तक जाते हैं। लेकिन अगर सपनों को बाधित किया जाए तो उनके पूरे होने की संभावनाएँ खत्म हो जाती हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि यदि सपनों को स्वतंत्रता न दी जाए तो वे कभी भी अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर सकते।

प्रश्न 4 – कविता में आरोहण और अवरोहण को कैसे दर्शाया गया है ?
उत्तर – आग हमेशा धरती पर ही जलती है और उससे उत्पन्न होने वाला धूआँ आकाश में घूमता रहता है। सपनों में इन दोनों की विशेषता होती है यानी ऊपर उठने (आरोहण) की और नीचे आने (अवरोहण) की। कहने का आशय यह है कि सपना मनुष्य के मन में विचार की तरह जन्म लेता है और फिर कल्पनाओं की उड़ान भरता हुआ आँखों में सच्चाई बनकर उभरता है। कवियत्री सभी से अनुरोध करती है कि सपनों के उठने (आरोहण) अर्थात उत्पन्न होने और उनके व्यवहार में वापस आने (अवरोहण) अर्थात उसके साकार होने के मार्ग में बाधा न डालें, क्योंकि स्वतंत्रता ही सपनों को साकार करने का एक मात्र सहारा है।

प्रश्न 5 – सपनों को स्वतन्त्र छोड़ देने से क्या होता है?
उत्तर – सपने, जब स्वतंत्र होते हैं, तो वे तारों तक पहुँच जाते हैं अर्थात जब सपनों को स्वतंत्र छोड़ दिया जाता है तो वे अधिक ऊँचाइयों तक पहुँचते हैं या सफलता को प्राप्त करते हैं। वे बादलों से रंग और किरणों से तेज लेकर ही धरती पर उतारते हैं अर्थात ऊँचाइयों पर पहुँच कर वे सफल लोगों से सुंदरता व प्रेरणा लेकर ही लौटते हैं। स्वतन्त्र सपने धरती पर उतरकर धरती को स्वर्ग मनाने की कला सिखाएँगे। अर्थात सफल और समृद्ध लोगों से प्रेरणा ले कर अपने सपनों को साकार करके व्यक्ति रचनात्मक और स्वतंत्र विचारों से समाज को सुंदर, समृद्ध और शांतिपूर्ण बना सकता है।

प्रश्न 6 – कवियत्री समाज के सभी लोगों से क्या अनुरोध करती है और क्यों?
उत्तर – कवियत्री समाज के सभी लोगों से अनुरोध करती है कि सपनों को ऊँचाइयों तक जाने से मत रोको। उन्हें धरती से बाँधकर मत रखो। सपनों के पंख मत काटो और सपनों की संभावनाओं को मत बांधों। क्योंकि किसी पक्षी के पंख काट दिए जाएँ तो वह उड़ नहीं सकता, वैसे ही अगर हम किसी के सपनों को बाधित करें तो उसकी कल्पनाशीलता और संभावनाएँ समाप्त हो जाएँगी। कहने का आशय यह है कि सपनों को साकार करने के लिए सपनों को स्वतंत्र छोड़ना आवश्यक है।