JKBOSE Class 10 Hindi Chapter 5 Shakti ki Mahima (शक्ति की महिमा) Question Answers (Important) from Bhaskar Bhag 2 Book

 

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JKBOSE Class 10 Chapter 5 Shakti ki Mahima Textbook Questions

 

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए

क. शक्ति से संबलित का अभिप्राय क्या है ?
उत्तर– शक्ति से संबलित का अर्थ है बल से भरपूर होना या शक्ति के सहारे सक्षम बनना। अर्थात जब किसी व्यक्ति या वस्तु को शक्ति का साथ या सहारा मिलता है, तो वह आत्मविश्वास, साहस और सामर्थ्य से युक्त हो जाता है।

ख. प्रस्तुत कविता का भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– प्रस्तुत कविता में कवि ने शक्ति को जीवन का आधार बताया है। उन्होंने बताया कि शक्ति से ही संसार की रचना हुई है और उसी से मनुष्य को ममता, समानता, भावनाएँ और सफलता प्राप्त होती है। शक्ति ही व्यक्ति को पहचान, सम्मान और आत्मबल प्रदान करती है। कवि ने मातृशक्ति को सर्वोच्च मानते हुए बताया है कि माँ से ही जीवन की शुरुआत होती है और उसी से मनुष्य को जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। अतः हमें शक्ति का आदर करना चाहिए और उसका आशीर्वाद लेकर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।

ग. अपने जीवन में शक्ति के महत्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर– शक्ति हमारे जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण है। चाहे वह शारीरिक शक्ति हो, मानसिक शक्ति हो या आत्मबल, इनके बिना जीवन अधूरा है। शक्ति के माध्यम से हम कठिन परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं, अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं और समाज में सम्मान पा सकते हैं। शक्ति से आत्मविश्वास बढ़ता है और सफलता का मार्ग खुलता है। शक्ति ही हमें सही निर्णय लेने, कड़ी मेहनत करने और सत्य के लिए खड़े रहने की प्रेरणा देती है। इसलिए जीवन में शक्ति का होना आवश्यक है।

घ. आपके जीवन में मातृशक्ति की क्या भूमिका है? स्वरचित कविता के माध्यम से व्यक्त कीजिए।
उत्तर-
स्वरचित कविता – माँ मेरी शक्ति

माँ ही मेरी सुबह की किरण,
माँ ही जीवन का सच्चा स्वप्न।

उसने सिखाया चलना मुझको,
बिना थके बढ़ना मुझको।

माँ ही शक्ति, माँ ही प्यार,
माँ के आँचल में संसार।

उसकी ममता, उसका बल,
बन जाए मेरा आत्म-बल।

इस कविता में मैंने माँ को अपने जीवन की प्रेरणा, शक्ति और मार्गदर्शक के रूप में चित्रित किया है। माँ को सुबह की पहली किरण और जीवन का सबसे प्यारा सपना कहा गया है। माँ ने जीवन जीने की राह सिखाई और हर मुश्किल में बिना थके आगे बढ़ने की ताकत दी। माँ ही सच्चा प्यार और शक्ति है, और उसके आँचल में ही पूरा संसार बसता है। माँ की ममता और उसका बल, मेरे आत्मबल का आधार बन जाता है। मेरी यह कविता माँ के प्रति श्रद्धा, प्रेम और कृतज्ञता की भावनाओं को सरल शब्दों में व्यक्त करती है।

2. मूल्यपरक प्रश्न
माँ ही शक्ति, माँ ही भक्ति ।
माँ ही हमारी काया है।
माँ से ही सबने मानव जीवन पाया है।
पंक्तियों की विस्तारपूर्वक व्याख्या कीजिए।

उत्तर– प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने माँ के महत्व को अत्यंत भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया है। कवि कहते हैं कि माँ केवल एक माँ ही नहीं, बल्कि वह परम शक्ति है। वही शक्ति हमारे जीवन का आधार है, और वही भक्ति का प्रतीक भी है। माँ के रूप में शक्ति और भक्ति का ऐसा समन्वय मिलता है जो संसार में और कहीं नहीं है।
कवि यह स्पष्ट करते हैं कि हमारा शरीर जिसे ‘काया’ कहा गया है वह माँ की देन है। माँ ही वह माध्यम है जिसके द्वारा मानव जीवन का आरंभ होता है। वह हमें जन्म देती है, पालती-पोसती है और हर कठिनाई में हमारी ढाल बनती है। इसलिए माँ को केवल जीवनदाता नहीं, बल्कि शक्ति और भक्ति की साकार मूर्ति माना गया है।
यहाँ ‘शक्ति’ का अर्थ है साहस, सामर्थ्य और सृजन की ऊर्जा जबकि ‘भक्ति’ का अर्थ है श्रद्धा, प्रेम और समर्पण। माँ में ये दोनों गुण प्राकृतिक रूप से होते हैं। इसी कारण कवि माँ को सर्वोच्च स्थान देते हुए कहते हैं कि माँ ही वह शक्ति है जिससे मानव जीवन संभव हो पाया है।
इस प्रकार ये पंक्तियाँ माँ के प्रति कृतज्ञता, आदर और श्रद्धा की भावना से ओत-प्रोत है, और यह समझाता है कि माँ केवल एक संबंध नहीं, बल्कि जीवन का मूल स्तंभ है।

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JKBOSE Class 10 Hindi Lesson 5 शक्ति की महिमा सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

 

1
शक्ति से सृजित, शक्ति से संबलित ।
शक्ति से ही है जीवन विस्तृत ।।
शक्ति से ममता शक्ति से समता।
शक्ति ही है सबकी क्षमता ।।
शक्ति ही राग, शक्ति ही ताल ।
शक्ति ही गीत, शक्ति ही सबका संगीत।

1.शक्ति से क्या हुआ है?
(क) विनाश
(ख) निर्माण
(ग) चिंता
(घ) दुःख
उत्तर- (ख) निर्माण

2. शक्ति से क्या विकसित हुआ है?
(क) क्रोध
(ख) संघर्ष
(ग) जीवन
(घ) अंधकार
उत्तर- (ग) जीवन

3. शक्ति किसकी क्षमता है?
(क) केवल पुरुषों की
(ख) केवल स्त्रियों की
(ग) सबकी
(घ) पशुओं की
उत्तर– (ग) सबकी

4. जीवन में ममता और समता किससे आती है?
उत्तर– जीवन में ममता और समता शक्ति से आती है।

5. शक्ति का संबंध किन-किन भावों से है?
उत्तर– शक्ति का संबंध राग, ताल, गीत और संगीत से है।

 

2
शक्ति से ही दुःखों का हरण ।
शक्ति से ही जीवन मरण ।।
शक्ति से ही नाम सबका ।
शक्ति से ही सम्मान सबका ।।
शक्ति की सब करें पूजा ।
शक्ति के सिवा नहीं कोई दूजा ।।

1. शक्ति से क्या दूर होता है?
(क) मित्रता
(ख) दुःख
(ग) सर्दी
(घ) हानि
उत्तर- (ख) दुःख

2. शक्ति से क्या प्राप्त होता है?
(क) डर
(ख) अपमान
(ग) नाम और सम्मान
(घ) थकावट
उत्तर- (ग) नाम और सम्मान

3. सब लोग किसकी पूजा करते हैं?
(क) पैसे की
(ख) शक्ति की
(ग) किताब की
(घ) नींद की
उत्तर- (ख) शक्ति की

4. शक्ति से जीवन में क्या परिवर्तन आता है?
उत्तर– शक्ति से दुःख दूर होते हैं और जीवन चलता है।

5. कवि के अनुसार शक्ति के सिवा क्या है?
उत्तर– कवि के अनुसार शक्ति के सिवा कोई दूसरा नहीं है।

3
शक्ति का सब आशीष लें।
शक्ति से विरोधियों को जीत लें।।
शक्ति के चरण में, शक्ति की शरण में।
जीवन के परम लक्ष्य की प्राप्ति का प्रण लें ।।
माँ ही शक्ति, माँ ही भक्ति ।
माँ ही हमारी काया है।

1.शक्ति का आशीर्वाद क्यों लेना चाहिए?
(क) खेलने के लिए
(ख) पढ़ाई छोड़ने के लिए
(ग) विरोधियों से जीतने के लिए
(घ) मौज मस्ती के लिए
उत्तर- (ग) विरोधियों से जीतने के लिए

2. जीवन के परम लक्ष्य को पाने के लिए क्या करना चाहिए?
(क) सो जाना चाहिए
(ख) भागना चाहिए
(ग) रोना चाहिए
(घ) प्रण लेना चाहिए
उत्तर– (घ) प्रण लेना चाहिए

3. माँ को क्या कहा गया है?
(क) परेशानी
(ख) शक्ति और भक्ति
(ग) सजा
(घ) दुख
उत्तर- (ख) शक्ति और भक्ति

4. कवि के अनुसार शक्ति से हम क्या जीत सकते हैं?
उत्तर- शक्ति से हम विरोधियों को जीत सकते हैं।

5. परम लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर– हमें शक्ति की शरण में रहकर प्रण लेना चाहिए।

4
माँ से ही सबने मानव जीवन पाया है।।
मातृशक्ति से ही है सारे अक्षर और वचन ।
मातृशक्ति का पल-प्रतिपल करें नमन।
मातृशक्ति की सेवा में कर दें सारा जीवन अर्पण।।

1.मानव जीवन किससे मिला है?
(क) खेल से
(ख) मातृशक्ति से
(ग) पुस्तक से
(घ) धन से
उत्तर- (ख) मातृशक्ति से

2. अक्षर और वचन किससे प्राप्त हुए हैं?
(क) शिक्षक से
(ख) दोस्त से
(ग) मातृशक्ति से
(घ) पेड़ से
उत्तर- (ग) मातृशक्ति से

3. मातृशक्ति को क्या करना चाहिए?
(क) उपेक्षा
(ख) नमन
(ग) तिरस्कार
(घ) अनदेखा
उत्तर– (ख) नमन

4. मातृशक्ति को हम कब-कब नमन करें?
उत्तर– हमें हर पल मातृशक्ति को नमन करना चाहिए।

5. मातृशक्ति के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर- हमें अपना सारा जीवन मातृशक्ति की सेवा में अर्पित कर देना चाहिए।

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JKBOSE Class 10 Hindi शक्ति की महिमा प्रश्न और उत्तर (Extra Question Answers)

1. शक्ति से सृजित और संबलित का क्या तात्पर्य है?
उत्तर– ‘शक्ति से सृजित’ का अर्थ है कि जीवन और सृष्टि का निर्माण शक्ति से हुआ है। ‘संबलित’ का अर्थ है कि शक्ति से ही हमें बल और सहारा प्राप्त होता है। कवि बताना चाहते हैं कि बिना शक्ति के जीवन की कल्पना संभव नहीं है, यह शक्ति ही जीवन का आधार है।

2. कवि ने शक्ति को मातृशक्ति क्यों कहा है?
उत्तर– कवि ने शक्ति को मातृशक्ति इसलिए कहा है क्योंकि माँ ही जीवन की जननी है। माँ से ही जीवन की शुरुआत होती है। माँ की ममता, प्रेम और त्याग से ही मनुष्य को दिशा मिलती है। इसलिए कवि ने शक्ति को माँ के रूप में देखा है और उसे सबसे श्रेष्ठ बताया है।

3. शक्ति से ममता और समता कैसे जुड़ी हुई हैं?
उत्तर– कवि के अनुसार शक्ति से ही ममता उत्पन्न होती है, क्योंकि माँ के भीतर जो प्रेम और स्नेह होता है, वह शक्ति का ही रूप है। समता यानी समान दृष्टि से देखना भी इसी शक्ति की ही देन है। यह शक्ति ही है जो सभी को बराबरी का भाव सिखाती है।

4. राग, ताल और संगीत को शक्ति से क्यों जोड़ा गया है?
उत्तर– राग, ताल और संगीत भावनाओं की अभिव्यक्ति हैं। कवि के अनुसार ये सभी शक्ति की देन हैं। शक्ति हमें जीवन में संवेदनशीलता, लय और तालमेल सिखाती है। संगीत में जो सौंदर्य है, वह शक्ति की प्रेरणा से ही संभव है।

5. शक्ति से दुःखों का हरण कैसे होता है?
उत्तर– जीवन में आने वाले दुःखों से लड़ने की ताकत शक्ति ही देती है। कवि बताते हैं कि जब मनुष्य के पास आत्मबल और साहस होता है, तो वह हर कष्ट को पार कर सकता है। शक्ति हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती है, जिससे हम दुःखों पर विजय पाते हैं।

6. ‘शक्ति के सिवा नहीं कोई दूजा’ का क्या भाव है?
उत्तर- इस पंक्ति का भाव है कि शक्ति ही सबसे श्रेष्ठ है और उसके समान कोई दूसरा नहीं। कवि यहाँ शक्ति को एकमात्र पूजनीय और आवश्यक तत्व मानते हैं।

7. शक्ति का आशीष क्यों लेना चाहिए?
उत्तर– कवि के अनुसार शक्ति का आशीष लेने से हमें साहस, आत्मबल और सफलता प्राप्त होती है। जब हम शक्ति का आशीर्वाद पाते हैं, तो हम जीवन की चुनौतियों का सामना कर पाते हैं। शक्ति हमें जीवन में आगे बढ़ने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती है।

8. विरोधियों पर विजय पाने में शक्ति की क्या भूमिका है?
उत्तर– विरोधियों को जीतने के लिए केवल क्रोध नहीं, बल्कि संयम, साहस और रणनीति चाहिए, जो शक्ति से मिलती है। शक्ति हमें निडर बनाती है और चुनौतियों का सामना करने का आत्मबल देती है। इसलिए कवि कहते हैं कि शक्ति से ही हम विरोधियों पर विजय पा सकते हैं।

9. माँ को शक्ति और भक्ति क्यों कहा गया है?
उत्तर– माँ में शक्ति का रूप है क्योंकि वह जीवन देती है और पालन करती है। भक्ति का रूप इसलिए है क्योंकि माँ के प्रति प्रेम, श्रद्धा और समर्पण होता है। माँ का त्याग, प्रेम और सेवा भाव, हमें सच्ची शक्ति और भक्ति दोनों का अनुभव कराते हैं।

10. ‘माँ ही हमारी काया है’ – इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– इस पंक्ति में माँ को जीवन का आधार बताया गया है। माँ के बिना हमारे शरीर यानी ‘काया’ की कल्पना नहीं की जा सकती। माँ से ही जन्म, पालन और सुरक्षा मिलती है। इसलिए माँ को ही हमारी काया कहा गया है, जो शक्ति का मूल रूप है।

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