CBSE Class 10 Hindi (Course A) Kshitij Bhag 2 Book Chapter 6 Sangatkar Question Answers from previous years question papers (2019-2025) with Solutions

 

Sangatkar Previous Year Questions with Answers –  Question Answers from Previous years Question papers provide valuable insights into how chapters are typically presented in exams. They are essential for preparing for the CBSE Board Exams, serving as a valuable resource.They can reveal the types of questions commonly asked and highlight the key concepts that require more attention. In this post, we have shared Previous Year Questions for Class 10 Hindi (Course A) Kshitij Bhag 2 Book Chapter 6, “Sangatkar”.

 

Questions from the Chapter in 2025 Board Exams

 

प्रश्न 1 – ‘संगतकारकविता के माध्यम से कवि ने किस सत्य को उजागर किया है? (25-30 शब्दों में)
उत्तर- ‘संगतकार’ कविता के माध्यम से कवि ने यह सत्य उजागर किया है कि सच्चा सहायक वही होता है जो निस्वार्थ भाव से सहयोग कर मुख्य व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित करता है, बिना स्वयं की प्रसिद्धि चाहे। वह अपनी प्रतिभा होते हुए भी विनम्रता से पीछे रहकर सहयोग करता है और कठिन समय में आगे आकर मार्गदर्शन भी करता है।

 

Questions which came in 2024 Board Exam

 

प्रश्न 1 – संगतकार की आवाज़ में हिचक की अनुभूति कब होती है? ‘संगतकार’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – जब भी संगतकार मुख्य गायक के स्वर में अपना स्वर मिलता है यानि उसके साथ गाना गाता है तो उसकी आवाज में एक संकोच साफ सुनाई देता है। और उसकी हमेशा यही कोशिश रहती है कि उसकी आवाज मुख्य गायक की आवाज से धीमी रहे। अर्थात उसका स्वर भूल कर भी मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा न हो जाए इसका ध्यान वह बहुत अच्छे से रखता है।

प्रश्न 2 – ‘संगतकार’ कविता में ‘आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ’ – किस संदर्भ में कहा गया है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – ‘संगतकार’ कविता में ‘आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ’ कहने का तात्पर्य यह है कि जब कभी मुख्य गायक संगीत शास्त्र से संबंधित विधा का प्रयोग करके ऊंचे स्वर में गाता है तो उसका गला बैठने लगता है। उससे सुर सँभलते नहीं हैं। तब गायक को ऐसा लगने लगता है जैसे कि अब उससे आगे गाया नहीं जाएगा। उसके भीतर निराशा छाने लगती है। उसका मनोबल खत्म होने लगता है। उसकी आवाज कांपने लगती हैं जिससे उसके मन की निराशा व हताशा प्रकट होने लगती है।

प्रश्न 3 – संगतकार मुख्य गायक का साथ कब और क्यों देता है? (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – कभी – कभी मुख्य गायक अपने द्वारा गायी गई पंक्तियों को दोहराना नहीं चाहता जिस वजह से वह अपनी लय से भटकने लगता है , तभी मुख्य गायक का साथ देने संगतकार आ जाता है और मुख्य गायक को हौसला देता है कि जब – जब भी वह डगमगाएगा उसका साथ देने के लिए वह हमेशा उसके साथ है और जो पंक्तियाँ मुख्य गायक गा चुका है उन पंक्तियों को भी दोहराया जा सकता है।

प्रश्न 4 – ‘संगतकार’ कविता के संदर्भ में लिखिए कि संगतकार कौन होता है? उसके द्वारा किस प्राचीन परंपरा का निर्वाह किया जाता है? (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – किसी भी गीत को बनाते वक्त मुख्य गायक के साथ – साथ अनेक लोग जैसे संगीतकार , गीतकार , अनेक वाद्य यंत्र वादक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संगतकार भी उन्हीं में से एक है जो मुख्य गायक के सुर में अपना सुर मिलाकर गाने को प्रभावशाली बनाने में मदद करता है। संगतकार प्राचीन संगीत परम्परा का निर्वाह करता है और जब कभी मुख्य गायक अपनी सुर साधना में खो कर कही भटक जाता हैं और गीत के मुख्य सुरों को भूल जाता हैं तो उस समय यही संगतकार दुबारा मुख्य सुरों को पकड़ने में उसकी मदद करता हैं। 

प्रश्न 5 – संगतकार द्वारा अपनी आवाज़ को ऊँचा न उठाने की कोशिश उसकी नाकामयाबी क्यों नहीं है? ‘संगतकार’ कविता के संदर्भ में लिखिए। (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – जब भी संगतकार मुख्य गायक के स्वर में अपना स्वर मिलता है यानी उसके साथ गाना गाता है तो उसकी आवाज में एक संकोच साफ सुनाई देता है। उसका स्वर भूल कर भी मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा न हो जाए इसका ध्यान वह बहुत अच्छे से रखता है। लेकिन हमें इसे संगतकार की कमजोरी या असफलता नहीं माननी चाहिए क्योंकि वह मुख्य गायक के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए ऐसा करता है। कहने का तात्पर्य यह है कि अपना स्वर ऊँचा कर वह मुख्य गायक के सम्मान को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता है। संगतकार जानबूझकर अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा नहीं होने देते हैं। यह संगतकार द्वारा अपनी प्रतिभा का त्याग है जो योग्यता और सामर्थ्य होने पर भी मुख्य गायक की सफलता में बाधक नहीं बनता है और मानवता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 6 – संगतकार गायक को कब और कैसे यह अहसास दिलाता है कि वह अकेला नहीं है? स्पष्ट कीजिए। (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – कभी – कभी संगतकार मुख्य गायक को यह बताने के लिए भी उसके स्वर में अपना स्वर मिलाता है कि वह अकेला नहीं है। कोई है जो उसका साथ हर वक्त देता है। कभी – कभी मुख्य गायक अपने द्वारा गायी गई पंक्तियों को दोहराना नहीं चाहता जिस वजह से वह अपनी लय से भटकने लगता है , तभी मुख्य गायक का साथ देने संगतकार आ जाता है और मुख्य गायक को हौसला देता है कि जब – जब भी वह डगमगाएगा उसका साथ देने के लिए वह हमेशा उसके साथ है और जो पंक्तियाँ मुख्य गायक गा चुका है उन पंक्तियों को भी दोहराया जा सकता है।

प्रश्न 7 – ‘मुख्य गायक-गायिकाओं की सफलता उनके संगतकारों पर निर्भर करती है।’ स्पष्ट कीजिए। (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – ‘मुख्य गायक-गायिकाओं की सफलता उनके संगतकारों पर निर्भर करती है’ इसका तात्पर्य यह है कि मुख्य गायक या गायिका के सफल प्रदर्शन में उनके साथ उनका सहयोग करने वाले कलाकारों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। संगतकार संगीत की लय और ताल को बेहतर बनाने में मुख्य गायक-गायिकाओं की सहायता करते हैं, जिससे मुख्य गायक-गायिकाओं की प्रस्तुति और अधिक प्रभावशाली होती है। गायक-गायिकाओं के लय से भटकने पर भी संगतकार उन्हें वापिस लय में लाने में मदद करते हैं। 

प्रश्न 8 – संगतकार की भूमिका पर कविता के संदर्भ में अपने विचार लिखिए। (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – संगतकार कविता में कवि कहते हैं कि किसी भी गीत को बनाते वक्त मुख्य गायक के साथ – साथ अनेक लोग जैसे संगीतकार , गीतकार , अनेक वाद्य यंत्र वादक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संगतकार भी उन्हीं में से एक है जो मुख्य गायक के सुर में अपना सुर मिलाकर गाने को प्रभावशाली बनाने में मदद करता है। और जब कभी मुख्य गायक अपनी सुर साधना में खो कर कही भटक जाता हैं और गीत के मुख्य सुरों को भूल जाता हैं तो उस समय यही संगतकार दुबारा मुख्य सुरों को पकड़ने में उसकी मदद करता हैं। यानि गाना गाते वक्त मुख्य गायक के साथ – साथ संगतकार की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है।

Questions that appeared in 2023 Board Exams

 

प्रश्न 1 – कवि की दृष्टि में ‘संगतकार’ की मनुष्यता क्या है? तर्क सहित बताइए कि क्या आप उससे सहमत हैं? (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – संगतकार जब गाता है तब उसकी आवाज़ में एक घबराहट स्पष्ट सुनाई देती है। ऐसा नहीं है कि वह कम प्रतिभावान है या उसे गाना नहीं आता बल्कि वह तो अपनी आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज़ से कभी ऊँचा नहीं उठने देता। कवि के अनुसार इसे संगतकार की असफलता नहीं मानना चाहिए क्योंकि संगतकार अगर चाहे तो वह मुख्य गायक के सुर में सुर मिलकर गा सकता है परन्तु मुख्य गायक की आवाज़ का महत्व बरकरार रखने के लिए वह अपनी आवाज को मुख्य गायक की आवाज से दबा कर रखता है। ऐसा करके संगतकार अपनी महानता का परिचय देता है। 

प्रश्न 2 – मुख्य गायक को अकसर संगतकार की जरूरत क्यों पड़ती है? ‘संगतकार’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – संगतकार वह है जो मुख्य गायक के सुर में अपना सुर मिलाकर गाने को प्रभावशाली बनाने में मदद करता है। और जब कभी मुख्य गायक अपनी सुर साधना में खो कर कही भटक जाता हैं और गीत के मुख्य सुरों को भूल जाता हैं तो उस समय यही संगतकार दुबारा मुख्य सुरों को पकड़ने में उसकी मदद करता हैं। 

प्रश्न 3 – “‘संगतकार’ जैसे व्यक्तियों के योगदान पर समाज का उतना ध्यान नहीं गया है और उन्हें यथोचित सम्मान भी नहीं मिला है।” – इस कथन पर ‘संगतकार’ कविता के संदर्भ में टिप्पणी कीजिए। (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – “‘संगतकार’ जैसे व्यक्तियों के योगदान पर समाज का उतना ध्यान नहीं गया है और उन्हें यथोचित सम्मान भी नहीं मिला है।” क्योंकि संगतकार जैसे व्यक्ति दूसरों की भलाई के लिए अपनी योग्यता को सभी से छुपा कर रखते हैं और लोगों को उनके बारे में जानकारी नहीं रहती। जिस कारण उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलता। 

प्रश्न 4 – ‘संगतकार’ मुख्य गायक की सहायता किस-किस तरह से करता है? (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – संगतकार कई रूपों में मुख्य गायक की सहायता करता है। वे मुख्य गायक की आवाज़ में अपनी आवाज़ और गूँज को मिलाकर मुख्य गायक की आवाज़ का बल बढ़ाने का काम करते हैं। जब मुख्य गायक गायन की गहराई में चले जाते हैं और मूल स्वर से भटक जाते हैं तब संगतकार स्थायी पंक्ति को पकड़कर मुख्य गायक को वापस मूल स्वर में लाते हैं। जब मुख्य गायक थक जाता है तो उसकी टूटती-बिखरती आवाज़ को बल देकर संगतकार उसे अकेला होने या बिखरने से बचाते हैं। और सदैव उसके साथ होने का एहसास करवाते हैं। 

प्रश्न 5 – संगतकार की मनुष्यता को कवि ने किन शब्दों में रेखांकित किया है? क्या इस विषय में आप उससे सहमत हैं? तर्कसंगत उत्तर दीजिए। (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – संगतकार में योग्यता, प्रतिभा, क्षमता और अवसर होने के बावजूद वह अपनी आवाज़ को कभी भी मुख्य गायक की आवाज़ से ऊँचा नहीं उठाता और कभी भी अपनी गायिकी को मुख्य गायक के गायन से बेहतर सिद्ध करने का प्रयास नहीं करता। कवि द्वारा इसे संगतकार की मनुष्यता कहा गया है। हम भी इस तर्क से सहमत हैं। क्योंकि एक संगतकार मुख्य गायक के सुर में अपना सुर मिलाकर गाने को प्रभावशाली बनाने में मदद करता है। और जब कभी मुख्य गायक अपनी सुर साधना में खो कर कही भटक जाता हैं और गीत के मुख्य सुरों को भूल जाता हैं तो उस समय यही संगतकार दुबारा मुख्य सुरों को पकड़ने में उसकी मदद करता हैं।

प्रश्न 6 – ‘संगतकार’ कविता के आधार पर लिखिए कि मुख्य गायक के साथ संगतकार की भूमिका किन रूपों में होती हैं। (लगभग 25-30 शब्दों में)
उत्तर – संगतकार कई रूपों में मुख्य गायक की सहायता करता है। वे मुख्य गायक की आवाज़ में अपनी आवाज़ और गूँज को मिलाकर मुख्य गायक की आवाज़ का बल बढ़ाने का काम करते हैं। जब मुख्य गायक गायन की गहराई में चले जाते हैं और मूल स्वर से भटक जाते हैं तब संगतकार स्थायी पंक्ति को पकड़कर मुख्य गायक को वापस मूल स्वर में लाते हैं। जब मुख्य गायक थक जाता है तो उसकी टूटती-बिखरती आवाज़ को बल देकर संगतकार उसे अकेला होने या बिखरने से बचाते हैं। और सदैव उसके साथ होने का एहसास करवाते हैं।

 

Questions from the Chapter in 2020 Board Exams

 

प्रश्न 1 – ‘संगतकार’ कविता में कवि ने आम लोगों से क्या अपेक्षा की है?
उत्तर – कवि संगतकार की उन और अधिक बातों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं जिनके बारे में हम अनजान हैं। कवि बताना चाहते हैं कि संगतकार हर मुश्किल घडी में मुख्य गायक का साथ देता है और उसे हर मुसीबत से बाहर निकालता है। जब कभी मुख्य गायक संगीत शास्त्र से संबंधित विधा का प्रयोग करके ऊंचे स्वर में गाता है तो उसका गला बैठने लगता है। उससे सुर सँभलते नहीं हैं। तब गायक को ऐसा लगने लगता है जैसे कि अब उससे आगे गाया नहीं जाएगा। उसके भीतर निराशा छाने लगती है। उसका मनोबल खत्म होने लगता है। उस समय मुख्य गायक का हौसला बढ़ाने वाला व उसके अंदर उत्साह जगाने वाला संगतकार का मधुर स्वर सुनाई देता हैं। कवि आम लोगों से अपेक्षा करता है कि वे संगतकार के त्याग को समझें।

 प्रश्न 2 – संगतकार की आवाज़ में हिचक क्यों सुनाई देती है ?
उत्तर – जब भी संगतकार मुख्य गायक के स्वर में अपना स्वर मिलाता है यानि उसके साथ गाना गाता है तो उसकी आवाज में एक संकोच साफ सुनाई देता है। और उसकी हमेशा यही कोशिश रहती है कि उसकी आवाज मुख्य गायक की आवाज से धीमी रहे। अर्थात उसका स्वर भूल कर भी मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा न हो जाए इसका ध्यान वह बहुत अच्छे से रखता है।

 प्रश्न 3 – ‘संगतकार’ कविता में संगतकार त्याग की मूर्ति है, कैसे?
उत्तर – अपना स्वर ऊँचा कर वह मुख्य गायक के सम्मान को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता है। संगतकार जानबूझकर अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा नहीं होने देते हैं। यह संगतकार द्वारा अपनी प्रतिभा का त्याग है जो योग्यता और सामर्थ्य होने पर भी मुख्य गायक की सफलता में बाधक नहीं बनता है और मानवता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है।

 प्रश्न 4 – ‘संगतकार’ कविता में मुख्य गायक के संदर्भ में ‘नौसिखिया’ का प्रयोग क्यों हुआ है ? स्पष्ट करके लिखिए ।
उत्तर – संगतकार, सुर से भटके हुए मुख्य गायक को वापस सुर पकड़ने में मदद करता है। उस समय ऐसा लगता है मानो जैसे कि वह संगतकार मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान समेटते हुए उसके साथ आगे बढ़ रहा है। उस समय उस मुख्य गायक को अपना बचपन याद आ जाता है जब वह नया – नया गाना सीखता था या नौसिखिया था। और उसका गुरु उसको सुरों से भटकने न दे कर सही सुरों पर बने रहने में उसकी मदद करता था।

 प्रश्न 5 – “ संगतकार की मनुष्यता उसका निर्धारित कर्तव्य ही है, न कि कोई महानता” – इससे सहमत या असहमत होते हुए तर्क सहित अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर – संगतकार में योग्यता, प्रतिभा, क्षमता और अवसर होने पर भी वह अपनी आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज़ से ऊँचा नहीं उठाता है तथा कभी भी अपनी गायिकी को मुख्य गायक के गायन से बेहतर सिद्ध करने का प्रयास नहीं करता है। इसे संगतकार की मनुष्यता कहा गया है। वह यह मनुष्यता मुख्य गायक को सम्मान देते हुए बनाए रखता है।

प्रश्न 6 – ‘संगतकार’ मुख्य गायक को किस प्रकार सँभालता है ? वह गायक को किसकी याद दिलाता है ?
उत्तर – संगतकार हमेशा मूल स्वरों को ही दोहराता रहता हैं। जब मुख्य गायक गीत गाते हुए सुरों की दुनिया में खो जाता हैं और अंतरे के सुर – तान की बारीकियों में उलझकर बिखरने लगता हैं व मुख्य सुरों को भूल जाता हैं । तब वह संगतकार के गाने को सुनकर वापस मुख्य सुर से जुड़ जाता हैं। अर्थात संगतकार, सुर से भटके हुए मुख्य गायक को वापस सुर पकड़ने में मदद करता है।

 

2019 Exam Question and Answers from the chapter

 

प्रश्न 1 – संगतकार की मनुष्यता किसे कहा गया है ? वह मनुष्यता कैसे बनाए रखता है ?
उत्तर – संगतकार में योग्यता, प्रतिभा, क्षमता और अवसर होने पर भी वह अपनी आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज़ से ऊँचा नहीं उठाता है तथा कभी भी अपनी गायिकी को मुख्य गायक के गायन से बेहतर सिद्ध करने का प्रयास नहीं करता है। इसे संगतकार की मनुष्यता कहा गया है। वह यह मनुष्यता मुख्य गायक को सम्मान देते हुए बनाए रखता है।

प्रश्न 2 – संगतकार किसे कहा जाता है उसकी भूमिका क्या होती है?
उत्तर – संगतकार उन व्यक्तियों को कहा जाता है जो मुख्य गायक के सहायक होते हैं। वे मुख्य गायक के स्वर में स्वर मिलाकर उसके गायन को अधिक प्रभावशाली बनाते हैं। वास्तव में संगतकारों के बिना मुख्य गायक की सफलता की कल्पना नहीं की जा सकती है।

प्रश्न 3 – ‘संगतकार’ किन-किन रूपों में मुख्य गायक की सहायता करता है ? कविता के आधार पर उसकी विशेष भूमिका को भी स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – संगतकार कई रूपों में मुख्य गायक की सहायता करता है। वे मुख्य गायक की आवाज़ में अपनी आवाज़ और गूँज को मिलाकर मुख्य गायक की आवाज़ का बल बढ़ाने का काम करते हैं। जब मुख्य गायक गायन की गहराई में चले जाते हैं और मूल स्वर से भटक जाते हैं तब संगतकार स्थायी पंक्ति को पकड़कर मुख्य गायक को वापस मूल स्वर में लाते हैं। जब मुख्य गायक थक जाता है तो उसकी टूटती-बिखरती आवाज़ को बल देकर संगतकार उसे अकेला होने या बिखरने से बचाते हैं। और सदैव उसके साथ होने का एहसास करवाते हैं।

प्रश्न 4 – मँजे हुए प्रतिष्ठित संगीतकार को भी अच्छे संगतकार की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर – मँजे हुए प्रतिष्ठित संगीतकार को भी अच्छे संगतकार की आवश्यकता होती है क्योंकि जब मुख्य संगीतकार अपनी ही धुन में खो जाता है और अपने सुरों से भटकने लग जाता है , तब संगतकार ही अपनी खूबियों का प्रदर्शन करते हुए सब कुछ संभाल लेता है। कभी – कभी मुख्य गायक किसी गाने का अंतरा गाने में इतना मगन (तल्लीन) हो जाता हैं कि वह अपने सुरों से ही भटक जाता हैं। यानि असली सुरों को ही भूल जाता है और अपने ही गीत या ताल में लगने वाले स्वरों के उच्चारण को भूल जाता है। वह संगीत के उस मोड़ पर आ जाता है जहाँ अंत निकट हो। ऐसी स्थिति में संगतकार, जो हमेशा मुख्य सुरों को पकड़े रहता है। वही उस समय सही सरगम को दुबारा पकड़ने में मुख्य गायक की मदद कर उसे उस विकट स्थिति से बाहर लाता है।

प्रश्न 5 – संगतकार मुख्य गायक की सहायता किस प्रकार करता है ?
उत्तर – संगतकार मुख्य गायक के सुर में अपना सुर मिलाकर गाने को प्रभावशाली बनाने में मदद करता है। और जब कभी मुख्य गायक अपनी सुर साधना में खो कर कही भटक जाता हैं और गीत के मुख्य सुरों को भूल जाता हैं तो उस समय यही संगतकार दुबारा मुख्य सुरों को पकड़ने में उसकी मदद करता हैं।

प्रश्न 6 – मुख्य गायक को सफलता के शिखरों पर पहुँचाने में संगतकार की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, कैसे ?
उत्तर – संगतकार भी उन्हीं में से एक है जो मुख्य गायक के सुर में अपना सुर मिलाकर गाने को प्रभावशाली बनाने में मदद करता है। और जब कभी मुख्य गायक अपनी सुर साधना में खो कर कही भटक जाता हैं और गीत के मुख्य सुरों को भूल जाता हैं तो उस समय यही संगतकार दुबारा मुख्य सुरों को पकड़ने में उसकी मदद करता हैं। यानि गाना गाते वक्त मुख्य गायक के साथ – साथ संगतकार की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है।

 

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