CBSE Class 10 Hindi (Course B) Sparsh Bhag 2 Book Chapter 6 Kar Chale Hum Fida Question Answers from previous years question papers (2019-2025) with Solutions

 

Kar Chale Hum Fida Previous Year Questions with Answers –  Question Answers from Previous years Question papers provide valuable insights into how chapters are typically presented in exams. They are essential for preparing for the CBSE Board Exams, serving as a valuable resource.They can reveal the types of questions commonly asked and highlight the key concepts that require more attention. In this post, we have shared Previous Year Questions for Class 10 Hindi (Course B) Sparsh Bhag 2 Book Chapter 6, “Kar Chale Hum Fida”.

Questions from the Chapter in 2025 Board Exams

 

प्रश्न 1 – निम्नलिखित पठित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों को चुनिए:

कर चले हम फ़िदा जानो – तन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते क़दम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो…

(I) ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’ – पंक्ति में हिमालय किसका प्रतीक है?
(A) भारत माता के मुकुट का
(B) उत्तर में स्थित पर्वत श्रृंखला का
(C) देश की आन-बान और शान का
(D) देश के प्राकृतिक सौंदर्य का
उत्तर – (C) देश की आन-बान और शान का

(II) ‘साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई’ – पंक्ति के संदर्भ में सैनिकों की इस स्थिति का कारण है-
(A) मार्ग की थकावट और निद्रा
(B) ऊँची-ऊँची पर्वत चोटियाँ
(C) युद्ध में घायल होना
(D) विपरीत प्राकृतिक परिस्थितियाँ
उत्तर – (D) विपरीत प्राकृतिक परिस्थितियाँ

(III) निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए। दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन: सामने के खतरों के समक्ष साँसें रुकती थीं फिर भी दुश्मन से मुकाबला करने के लिए कदम बढ़ते ही जाते थे।
कारण: देश की स्वतंत्रता- सुरक्षा सैनिक के लिए सर्वोपरि थी।
विकल्प:
(A) कथन सही है और कारण उसकी सही व्याख्या है।
(B) कथन और कारण दोनों गलत हैं।
(C) कथन सही है, किंतु कारण गलत है।
(D) कथन गलत है, किंतु कारण सही है।
उत्तर – (A) कथन सही है और कारण उसकी सही व्याख्या है।

(IV) शहीद होने वाले सैनिक को किस बात का गर्व है?
(A) देश को सुरक्षित हाथों में सौंपने का
(B) आखिरी साँस तक देश की रक्षा करने का
(C) देश की सीमा पर बलिदान देने का
(D) शत्रु को देश में न आने देने का
उत्तर – (B) आखिरी साँस तक देश की रक्षा करने का

(V) ‘कर चले हम फ़िदा जानो तन साथियो’ – पंक्ति के संदर्भ में ‘फ़िदा’ शब्द का अर्थ है –
(A) भेंट देना
(B) मोहित होना
(C) लुटाना
(D) बलिदान करना
उत्तर – (D) बलिदान करना

प्रश्न 2 – ‘छू न पाए सीता का दामन कोई’ की प्रतीकात्मकता ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता के संदर्भ में कीजिए। (25-30 शब्दों में)

उत्तर – ‘सीता का दामन’ ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में देश की गरिमा, सम्मान और पवित्रता का प्रतीक है। जैसे रामायण में लक्ष्मण ने सीता की रक्षा के लिए लक्ष्मण रेखा खींची थी, वैसे ही कविता में सैनिक यह संकल्प करते हैं कि वे अपने खून से एक सीमा रेखा खींच देंगे, जिसे कोई भी दुश्मन पार नहीं कर सकेगा। ‘छू न पाए सीता का दामन कोई’ का अर्थ है कि देश की प्रतिष्ठा पर आंच न आने पाए। सैनिक अपने प्राणों की आहुति देकर भी देश की रक्षा का व्रत निभाने का संकल्प लेते हैं। इस तरह कविता में राष्ट्ररक्षा को सर्वोपरि कर्तव्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

 

Questions which came in 2024 Board Exam

 

प्रश्न 1 – ‘आज धरती बनी है दुलहन साथियो,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो।’
इन पंक्तियों के संदर्भ में सैनिक की भावनाओं को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – ये पंक्तियाँ सैनिकों के देश प्रेम व् बलिदान की भावना को उजागर करती हैं। सैनिक देश की धरती को दुल्हन की तरह मान रहे है क्योंकि दुल्हन भी लाल जोड़ा पहनती है और युद्ध के दौरान धरती सैनिकों के खून से लाल हो गई है। सैनिक वीरगति को प्राप्त करने से पहले देशवासियों को सन्देश दे रहे हैं कि जिस तरह दुल्हन को स्वयंवर में हासिल करने के लिए राजा किसी भी मुश्किल को पार कर जाते थे उसी तरह तुम भी अपनी इस दुल्हन को दुश्मनों से बचा कर रखना क्योंकि अब हम देश की रक्षा का दायित्व आप देशवासियों पर छोड़ कर जा रहे हैं।

 

प्रश्न 2 – ‘कर चले हम फिदा’ कविता से उद्धृत – ‘साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई’ – पंक्ति के संदर्भ में सैनिक जीवन की कठिनाइयों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर – ‘कर चले हम फिदा’ कविता से उद्धृत – ‘साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई’ – पंक्ति से सैनिक जीवन में सैनिकों द्वारा उठाई जाने वाली कठिनाइयों का अंदाजा लगाया जा सकता है। सैनिक देश की रक्षा के लिए इतने ऊँचे पहाड़ों पर पहरा देते हैं जहाँ आम इंसान को साँस लेने में भी दिक्क्त हो जाए और एक सैनिक को इतनी ठण्ड का सामना करना पड़ता है कि हम लोगों की नसों में ठण्ड के कारण खून जम जाए। एक सैनिक जब युद्ध भूमि में होता है तो वह अपनी आखिरी साँस और आखिरी खून के कतरे के बह जाने तक दुश्मनों का सामना करता है और कभी पीठ दिखा कर नहीं भागता। 

 

प्रश्न 3 – ‘कर चले हम फिदा’ कविता से उद्धृत ‘तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे’ पंक्ति के संदर्भ में लिखिए कि सैनिक देशवासियों से क्या अपेक्षा रखता है?

उत्तर – सैनिक अपने देश की धरती को सीता माता के आँचल की तरह मानते हैं और सैनिक देशवासियों से अपेक्षा रखते हैं कि जिस तरह उन्होंने अपने रक्त से लक्ष्मण रेखा खींची है देशवासी भी अपने खून से लक्ष्मण रेखा के समान एक रेखा खींच ले और ये तय कर लें कि उस रेखा को पार करके कोई रावण रूपी दुश्मन इस पार ना आ पाए। सैनिक चाहते हैं कि अगर कोई हाथ सीता के आँचल रूपी देशभूमि को छूने के लिए आगे बड़े तो उसे तोड़ दो। अपने वतन की रक्षा के लिए तुम ही राम बनो और तुम ही लक्ष्मण बनो। इस देश की रक्षा का दायित्व सौनिक देशवासियों पर छोड़ कर वीरगति प्राप्त करता है।

 

प्रश्न 4 – कैफ़ी आज़मी का यह-’गीत ‘कर चले हम फ़िदा किनके बारे में लिखा गया है? इस गीत में उनकी किन विशेषताओं का वर्णन किया गया है? 

उत्तर – कैफ़ी आज़मी का यह -’गीत ‘कर चले हम फ़िदा देश की रक्षा में तत्पर सैनिकों के बारे में लिखा गया है। इस गीत में सैनिकों की कई ऐसी विशेषताओं का वर्णन किया गया है, जिनसे शायद एक आम देशवासी परिचित नहीं होता। गीत में देश के सैनिकों की भावनाओं का वर्णन किया गया है। सैनिक कभी भी देश के मानसम्मान को बचाने से पीछे नहीं हटते। भारत-चीन युद्ध के दौरान सैनिकों को गोलियाँ लगने के कारण उनकी साँसें रुकने वाली थी, ठण्ड के कारण उनकी नाड़ियों में खून जम रहा था परन्तु उन्होंने किसी चीज़ की परवाह न करते हुए दुश्मनों का बहादुरी से मुकाबला किया और दुश्मनों को आगे नहीं बढ़ने दिया। सैनिक देश पर मर मिटने का एक भी मौका नई खोना चाहते। सैनिक अपने देश की धरती को सीता के आँचल की तरह मानते हैं और कहते हैं कि अगर कोई हाथ आँचल को छूने के लिए आगे बड़ेगा तो वे उसे तोड़ देंगे। वीरगति को प्राप्त करने से पहले भी वे देश की रक्षा का दायित्व देशवासियों पर छोड़ देते है।

 

प्रश्न 5 – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता की पंक्ति “साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई” में किस स्थिति का वर्णन किया गया है? इसमें सैनिक के हृदय की कौन-सी भावना व्यक्त हुई है?

उत्तर – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता की पंक्ति “साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई” में भारत-चीन युद्ध का वर्णन किया गया है। इस युद्ध के दौरान सैनिकों को गोलियाँ लगने के कारण उनकी साँसें रुकने वाली थी, अत्यधिक ठण्ड के कारण उनकी नाड़ियों में खून जम रहा था परन्तु उन्होंने किसी चीज़ की परवाह न करते हुए दुश्मनों का बहादुरी से मुकाबला किया और दुश्मनों को आगे नहीं बढ़ने दिया। सैनिक गर्व से अपने सर भी कटवाने को तैयार थे, परन्तु हमारे गौरव के प्रतीक हिमालय को उन्होंने झुकने नहीं दिया अर्थात हिमालय पर दुश्मनों के कदम पड़ने नहीं दिए। इस घटना से सैनिकों के हृदय की देशभावना उजागर होती है कि एक सैनिक अपने देश के लिए अपने प्राणों को नौछावर करना अपना सौभाग्य समझता है। और कभी अपने प्राणों की बलिदानी देने से पीछे नहीं हटता। 

 

Questions that appeared in 2023 Board Exams

 

प्रश्न 1 – ‘कर चले हम फिदा’ गीत में कवि देशवासियों से क्या अपेक्षाएँ रखता है ? हम उसकी अपेक्षाओं पर किस रूप में खरा उतर रहे हैं ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर – ‘कर चले हम फिदा’ गीत में कवि देशवासियों से अपेक्षाएँ रखता है कि वे देश के सैनिकों की भावनाओं की कद्र करें। जिस तरह से दुल्हन को लाल जोड़े में सजाया जाता है, उसी तरह सैनिकों ने भी अपने प्राणों का बलिदान दे कर धरती को खून से लाल कर दुल्हन की तरह सजाया है। जिस प्रकार सैनिक देश के लिए बलिदान दे रहे हैं। हमारा भी कर्तव्य बनता है कि उनके बाद भी ये सिलसिला चलते रहना चाहिए। जब भी जरुरत हो तो इसी तरह देश की रक्षा के लिए एकजुट होकर आगे आना चाहिए। सैनिक अपने देश की धरती को सीता के आँचल की तरह मानते हैं और अगर कोई हाथ आँचल को छूने के लिए आगे बड़े तो उसे तोड़ दोते हैं। हमें भी अपने वतन की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। हमें लगता है कि हम कवि की अपेक्षाओं पर खरा उतर रहे हैं क्योंकि जब भी देश पर दुश्मनों ने बुरी नजर डाली या हम पर हमला किया है, तो हमने उनका डट कर सामना किया है और दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब दिया है।

 

Questions which came in 2022 Board Exam

 

प्रश्न 1 – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में धरती की तुलना दुलहन से क्यों की गई है? दो बिंदुओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में धरती की तुलना दुलहन से इसलिए की गई है, क्योंकि सन् 1962 के युद्ध में भारतीय सैनिकों के बलिदानों से, उनके रक्त से धरती लाल हो गई थी, मानो धरती ने किसी दुलहन की भाँति लाल जोड़ा पहन रखा हो।

दुलहन की सुंदरता लाल रंग के परिधान में अद्वितीय हो जाती है। हिमालय की घाटियों की जमीन सैनिकों के रक्त से लाल हो रही है। वहाँ युद्ध कर रहे सैनिक उस रक्त से सनी धरती को देखकर मानते है कि भारत भूमि ने लाल परिधान धारण कर लिया है। इस परिधान में वह लाल जोड़े में सजी दुलहन-सी नज़र आ रही है। 

प्रश्न 2 – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता के आधार पर बताइए कि सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों को मरते दम तक किस बात पर गर्व है और क्यों?
उत्तर – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में सीमा पर शहीद होने वाले सैनिक अपने आखरी वक्त में उस दृश्य का वर्णन कर रहें है जब दुश्मनों ने देश पर हमला किया था। सैनिकों की साँसे उनका साथ नहीं दे रही थी और उनकी नाड़ियों में खून जमता जा रहा था, फिर भी उन्होंने अपने बढ़ते क़दमों को जारी रखा अर्थात दुश्मनों को पीछे धकेलते गए। सैनिक गर्व करते है कि अगर उन्होंने अपने सर भी कटवाने पड़े तो वे ख़ुशी ख़ुशी कटवा देंगे पर अपने गौरव के प्रतीक हिमालय को नहीं झुकने देंगे अर्थात हिमालय पर दुश्मनों के कदम नहीं पड़ने देंगे। देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने को ही हर सैनिक अपना गौरव समझते हैं। क्योंकि सैनिक देश को अपनी माँ मानते हैं।

प्रश्न 3 – ‘कर चले हम फ़िदा’ शीर्षक कविता के आधार पर सैनिकों की किन्हीं दो विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में सैनिकों की बहुत सी विशेषताओं का वर्णन किया गया है जिनमें से दो विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

सैनिक कभी भी देश के मान सम्मान को बचाने से पीछे नहीं हटते। फिर चाहे उन्हें अपनी जान ही क्यों ना गंवानी पड़े। सैनिक अपने देश की धरती को सीता के आँचल की तरह मानते हैं। 

सैनिक अपने देश के गौरव के लिए अपने सर को कटवाना अपना धर्म समझते हैं। वे मानते हैं कि देश के लिए प्राण न्योछावर करने की ख़ुशी कभी कभी किसी किसी को ही मिल पाती है अर्थात सैनिक देश पर मर मिटने का एक भी मौका नहीं खोना चाहते।

 

प्रश्न 4 – ‘फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद हैं’ – ‘कर चले हम फिदा’ कविता से उद्धृत प्रस्तुत पंक्ति में ‘इस जश्न’ से कवि का क्या आशय है और उसे बाद में मनाने के पीछे क्या कारण है?
उत्तर – ‘फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद हैं’ – ‘कर चले हम फिदा’ कविता से उद्धृत पंक्ति में ‘इस जश्न’ से कवि का आशय यह है कि सैनिकों के लिए जीत की ख़ुशी तो देश पर प्राण न्योछावर करने की ख़ुशी के बाद दोगुनी हो जाती है। देश के लिए प्राण देने की स्थिति में एक सैनिक को ऐसा लगता है मनो जिंदगी मौत से गले मिल रही हो। सैनिक कहते हैं कि हम तो देश के लिए बलिदान दे रहे हैं परन्तु हमारे बाद भी ये सिलसिला चलते रहना चाहिए। जब भी जरूरत हो तो इसी तरह देश की रक्षा के लिए एकजुट होकर आगे आना चाहिए।

 

Questions from the Chapter in 2020 Board Exams

 

प्रश्न 1 – ‘कर चले हम फ़िदा’ गीत में सैनिकों की देशवासियों से क्या अपेक्षाएँ हैं?(लगभग 30-40 शब्दों में)

उत्तर – “कर चले हम फ़िदा” गीत में सैनिकों की देशवासियों से अपेक्षाएँ हैं कि वे देश के लिए बलिदान देने वाले सैनिक की आवाज़ सुनें और पूर्ण समर्पण की इच्छा के साथ देश की रक्षा का संकल्प लें। अगर देशवासी बलिदान के काफिले को छोड़ दें तो दुश्मन अपने नापाक मंसूबों में कामयाब हो सकता है। सैनिक देशवासियों से अपेक्षा करता है कि वे राष्ट्र रूपी सीता के लिए राम और लक्ष्मण बने और देश को बुरी नज़र से देखने वाले को छठी का दूध याद दिला दें।

 

प्रश्न 2 – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता की मूल संवेदना स्पष्ट करते हुए उसका प्रतिपाद्य लिखिए।(लगभग 80-100 शब्दों में)

उत्तर – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध का मर्मस्पर्शी वर्णन है। इस कविता के माध्यम से एक ओर जहाँ भारतीय सैनिकों के साहस तथा वीरता का वर्णन किया गया है, वहीं उनके त्याग एवं बलिदान की अनुपम गाथा को भी यह कविता दोहराती है। इस कविता का महत्त्व जितना अधिक पहले था उससे कहीं अधिक आज इसका महत्त्व है। इस कविता में कवि ने उन सैनिकों के हृदय की आवाज़ को व्यक्त किया है, जिन्हें अपने देश के प्रति किए गए हर कार्य, हर कदम, हर बलिदान पर गर्व है। वर्तमान में जब कभी देश में पड़ोसी देश से घुसपैठ का खतरा बढ़ता है, देश के ही भीतर दंगों की संख्या बढ़ती है या लोग भाषा, जाति, क्षेत्र, धर्म आदि के नाम पर झगड़ते हैं, तब इस कविता की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है। यह कविता वीरों का उत्साह बढ़ाने और युवाओं में राष्ट्रभक्ति को सुदृढ़ करने के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

प्रश्न 3 – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में सैनिक की इच्छाएँ – आशाएँ क्या हैं और वे हमें क्या संदेश देती हैं?(लगभग 80-100 शब्दों में)

उत्तर – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में कवि ने सैनिकों के माध्यम से देशवासियों से देश के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह करने की अपेक्षा की है। सैनिक आशा करते हैं कि देशवासी उनकी भावनाओं व् बलिदान को समझेंगे और जानेंगे कि देश की रक्षा का भार केवल सीमा पर लड़ रहे सैनिकों पर ही नहीं ,अपितु आम जनता पर भी है। जवान भारत देश की रक्षा के लिए अपने सर का को भी कटाने की इच्छा रखते हैं और आशा करते हैं कि उनके शहीद हो जाने के बाद इस देश की रक्षा करने की जिम्मेदारी आम जनता अपने कंधों पर लेगी। वे हमें अपने बलिदान से संदेश देते हैं कि भारत के लोगों में, आने वाली पीढ़ियों के मन में देशभक्ति, देश प्रेम व त्याग बलिदान की भावना जागृत होनी चाहिए। अपने देश के लिए शहीद होकर वे उदाहरण प्रस्तुत करते हुए भारतवासियों के मन में देश के लिए साहस, बहादुरी और प्यार की भावना पैदा करने की उम्मीद जगाने का प्रयास करते है। अतः हम उनके बलिदान का सम्मान करते हुए अपनी सामर्थ्य के अनुसार, देशहित में कार्य करके, अपनी देशभक्ति तथा देशप्रेम प्रकट कर सकते हैं।

 

प्रश्न 4 – आपके विचार से ‘कर चले हम फ़िदा’ में ऐसा क्या है कि कविता सभी भारतीयों के लिए प्रेरक बन जाती है? विस्तार से समझाइए।(लगभग 80-100 शब्दों में)

उत्तर – “कर चले हम फ़िदा” गीत, भारत-चीन युद्ध में भारतीय सैनिकों ने कैसे लड़ाई लड़ी, उन दृश्यों को देशवासियों के सम्मुख रखने का प्रयास करता है। जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा पर हमला किया, तो कई भारतीय सैनिकों ने लड़ते-लड़ते अपना बलिदान दिया था। इसी युद्ध को आधार बनाकर ‘हकीकत’ फिल्म बनाई गई थी। इस फिल्म में युद्ध की घटनाओं को बहुत ही मार्मिक ढंग से दर्शाया गया है। इस फिल्म के लिए मशहूर शायर कैफी आजमी ने “कर चले हम फिदा” नाम का गाना लिखा था। इस गीत में कवि उन सैनिकों की आवाज़ बने जो देश की रक्षा करते हुए, विपरीत परिस्थितियों में भी दुश्मनों का सामने करते हुए शहीद हो गए। यह गीत देशवासियों को जागरूक करता है कि देश की रक्षा करना उनका सबसे बड़ा धर्म व कर्तव्य है। देश के मान के लिए सर कटवाने को भी तैयार रहना सबसे बड़ी देशभक्ति है। यह गीत देशवासियों को भावनात्मक रूप से सैनिकों से जोड़ता है और सैनिकों का कठिन तकलीफों को सहते हुए भी देश के लिए प्राण न्योछावर करने से देशवासियों के भीतर भी देश के लिए कुछ कर गुजरने का साहस भरता है।

 

2019 Exam Question and Answers from the chapter

 

प्रश्न 1 – कविता के आलोक में सैनिक के जीवन की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए भाव स्पष्ट कीजिए –

‘राम भी तुम, तुम है लक्ष्मण साथियों’।

उत्तर – कविता के आलोक में सैनिक के जीवन की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए, युद्ध में अपने प्राणों का बलिदान करने से भी पीछे न हटने वाले सैनिकों के भावों को व्यक्त किया गया है। युद्ध में चाहे कितने भी संकट आए, मौत सामने आ जाए फिर भी सैनिक पीछे नहीं हटता। सैनिक देश की मर्यादा और सीमाओं के विरुद्ध उठने वाले दुश्मन के हर वार का मुँहतोड़ जवाब देता है। इस पंक्ति में कवि सैनिक के द्वारा हमें संबोधित करते हुए कह रहा है, हे साथियों! शत्रु देश का कोई भी सैनिक हमारी मातृभूमि में प्रवेश करके हमारी सीता रूपी भारतमाता को अपमानित न कर सके। तुम ही राम हो, तुम ही लक्ष्मण हो। अब यह देश तुम्हारे हवाले है इसकी रक्षा करना तुम्हारा कर्तव्य है।

 

प्रश्न 2 – ‘कर चले हम फिदा…’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – प्रस्तुत कविता में देश के सैनिकों की भावनाओं का वर्णन है। सैनिक कभी भी देश के मान सम्मान को बचाने से पीछे नहीं हटेगा। फिर चाहे उसे अपनी जान से ही हाथ क्यों ना गवाना पड़े। सैनिक चाहता है कि उसके बलिदान के बाद देश की रक्षा के लिए सैनिकों की कमी नहीं होनी चाहिए। दुश्मन कभी भी उसके द्वारा खींची गई खून की लक्ष्मण रेखा पार ना कर पाए इस उम्मीद से वो देश की रक्षा का भार देशवासियों पर छोड़ कर जा रहा है। सैनिक कहता है कि देश पर जान न्योछावर करने के मौके बहुत कम आते हैं। ये क्रम टूटना नहीं चाहिए।

 

प्रश्न 3 – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता के आधार पर प्रतिपादित कीजिए कि बलिदानी वीर भारतीय युवकों से क्या अपेक्षा करते हैं और क्यों?

उत्तर – ‘कर चले हम फिदा’ गीत में कवि देशवासियों से अपेक्षाएँ रखता है कि वे देश के सैनिकों की भावनाओं की कद्र करें। जिस तरह से दुल्हन को लाल जोड़े में सजाया जाता है, उसी तरह सैनिकों ने भी अपने प्राणों का बलिदान दे कर धरती को खून से लाल कर दुल्हन की तरह सजाया है। जिस प्रकार सैनिक देश के लिए बलिदान दे रहे हैं। हमारा भी कर्तव्य बनता है कि उनके बाद भी ये सिलसिला चलते रहना चाहिए। जब भी जरुरत हो तो इसी तरह देश की रक्षा के लिए एकजुट होकर आगे आना चाहिए। सैनिक अपने देश की धरती को सीता के आँचल की तरह मानते हैं और अगर कोई हाथ आँचल को छूने के लिए आगे बड़े तो उसे तोड़ दोते हैं। हमें भी अपने वतन की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। हमें लगता है कि हम कवि की अपेक्षाओं पर खरा उतर रहे हैं क्योंकि जब भी देश पर दुश्मनों ने बुरी नजर डाली या हम पर हमला किया है, तो हमने उनका डट कर सामना किया है और दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब दिया है।

 

प्रश्न 4 – ‘कर चले हम फ़िदा’ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि समझाते हुए लिखिए कि यह गीत आज भी लोकप्रिय क्यों है।

उत्तर – “कर चले हम फ़िदा” गीत सन 1962 के भारत – चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। चीन ने तिब्बत की ओर से युद्ध किया और भारतीय वीरों ने इसका बहादुरी से सामना किया। जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा पर हमला किया, तो कई भारतीय सैनिकों ने लड़ते-लड़ते अपना बलिदान दिया था। इसी युद्ध को आधार बनाकर चेतन आनंद ने ‘हकीकत’ फिल्म बनाई थी। इस फिल्म में युद्ध की घटनाओं को बहुत ही मार्मिक ढंग से दर्शाया गया है। इस फिल्म के लिए मशहूर शायर कैफी आजमी ने “कर चले हम फिदा” नाम का गाना लिखा था। इस गीत के आज भी लोकप्रिय होने के कारणों में से महत्वपूर्ण कारण यह है कि यह गीत बहुत ही देशभक्तिपूर्ण है और भारत के लोगों की अपने देश के प्रति भावनाओं और चीन के खिलाफ उनकी लड़ाई को व्यक्त करता है।

 

प्रश्न 5 – ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में दुलहन किसे कहा गया है?

उत्तर – “कर चले हम फ़िदा” कविता में कवि धरती को दुल्हन के रूप में संदर्भित करता है क्योंकि अपने देश के लिए लड़ने वाले शहीदों के खून ने धरती को लाल कर दिया। यह एक नवविवाहित जोड़े की खासियत है। जवानों ने अपना खून देकर धरती को दुल्हन की तरह श्रृंगार किया है। “आज धरती बनी है दुल्हन, साथियों” इस पंक्ति से कवि धरती के बारे में कहना चाहता है कि आज धरा वीरों के लहू का वेश धारण कर दुल्हन बन गई है। अब यह बहादुर सैनिकों का कर्तव्य है कि वे उसके सम्मान की रक्षा करें और उसे दुश्मनों से सुरक्षित रखें।

 

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