लेखक और सुमति का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of the Writer and Sumati from CBSE Class 9 Hindi Kshitij Book Chapter 2 ल्हासा की ओर

 

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‘लेखक’ का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of the Writer)

 

प्रस्तुत पाठ ‘ल्हासा की ओर’ के लेखक राहुल सांकृत्यायन जी हैं, इस यात्रा वृतांत में मुख्य पात्र लेखक स्वयं है। अतः इस पाठ के आधार पर लेखक का चरित्र-चित्रण इस प्रकार है:

1. जानने की इच्छा रखने वाला और साहसी: लेखक एक जिज्ञासु और साहसी व्यक्ति हैं, जो नई-नई चीज़ें सीखना चाहता है। अपने घुमक्कड़ी स्वाभाव के होने के कारण वे नेपाल से तिब्बत की कठिन यात्रा पर निकल पड़ते हैं। वे नई जगहों और अनुभवों के लिए उत्सुक रहते हैं।

2. सहनशील: वे परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं और कठनाईयों का सामना करते हुए भी धैर्य बनाए रखते हैं। उनका  इस तरह तिब्बत की कठिन यात्रा करना सहनशीलता को दर्शाता है।

3. व्यावहारिक और बुद्धिमान: लेखक की सोच व्यावहारिक है। वे समझदारी से घोड़ों की व्यवस्था करते हैं और यात्रा को सरल बनाने के लिए साधनों का सही उपयोग करते हैं।

4. सच्चा मित्र और सहृदय: सुमति जैसे मित्रों के साथ उनका व्यवहार दर्शाता है कि वे मददगार और सच्चे मित्र हैं। वे सुमति के सुझावों को सम्मान देते हैं और उनके साथ अच्छे संबंध बनाए रखते हैं।

5. साहित्य और संस्कृति के प्रेमी: लेखक का ध्यान तिब्बती जीवन, परंपराओं और संस्कृति पर केंद्रित है। मंदिर में रखी कन्जुर की पोथियाँ पढ़ने का उनका प्रयास उनकी साहित्य और ज्ञान के प्रति रुचि को प्रकट करता है।

6. सरल और विनम्र: लेखक का स्वभाव सरल और विनम्र है। वे हर स्थिति में शालीनता बनाए रखते हैं और दूसरों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करते हैं।

उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि लेखक सहनशील, बुद्धिमान, और सरल स्वाभाव का है।

लेखक के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the character of the writer)

1. कहानी से कैसे पता चलता है की लेखक एक सच्चा मित्र है ?
2. लेखक के स्वाभाव के बारे में लिखिए।
3. लेखक की किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण उन्हें यात्रा साहित्य का पिता माना जाता है ?

‘सुमति’ का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Sumati)

 

इस पाठ के आधार पर सुमति का चरित्र-चित्रण इस प्रकार है:

1. दयालु और सहृदय: सुमति एक भिक्षु हैं और लेखक के प्रति उनका व्यवहार दयालु और सहायक है। वे यात्रा में लेखक की मदद करते हैं और उनके साथ सहानुभूति रखते हैं।

2. व्यावहारिक और समझदार: सुमति व्यावहारिक सोच रखते हैं। वे यात्रा के दौरान घोड़ों की व्यवस्था करने में मदद करते हैं और लेखक को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

3. धार्मिक और श्रद्धालु: वे एक भिक्षु हैं और तिब्बत के मंदिरों और मठों से जुड़े रहते हैं। उनकी धार्मिक सोच और मठों में लोगों के साथ जुड़ाव उनकी श्रद्धा को दर्शाता है।

4. मिलनसार और सामाजिक: सुमति के तिब्बत के विभिन्न गाँवों में कई यजमान (परिचित) हैं। यह उनकी मिलनसार और सामाजिकता को दर्शाता है। वे हर जगह प्रेम और सम्मान प्राप्त करते हैं।

5. और भावुक: सुमति जल्दी गुस्सा हो जाते हैं, लेकिन उनका गुस्सा ज्यादा देर तक नहीं रहता। यह उनके तेजस्वी और भावुक स्वभाव को दर्शाता है।

6. सहायक और विश्वसनीय: यात्रा के हर कठिन पड़ाव पर सुमति लेखक के साथ रहते हैं और हर स्थिति में उनकी मदद करते हैं। उनका व्यवहार सच्चे मित्र और मार्गदर्शक की तरह है।

7. सरल और आत्मीय: सुमति का स्वभाव सरल और आत्मीय है। वे लेखक को हमेशा समर्थन देते हैं और हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े रहते हैं।

यह चरित्र-चित्रण सुमति को एक दयालु, समझदार, और भरोसेमंद साथी के रूप में प्रस्तुत करता है।

 

सुमति के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to the character of Sumati)

1. कहानी के किन पेहलूओं से पता चलता है की सुमति धार्मिक था ?
2. सुमति के चरित्र के बारे में लिखिए।

Lhasa ki or Summary

यात्रा साहित्य के प्रसिद्ध लेखक राहुल सांकृत्यायन इस पाठ के लेखक हैं। उन्हें ‘यात्रा साहित्य का पिता’ कहा जाता है। उनका जीवन घुमक्कड़ी और ज्ञान की खोज में लगा हुआ था। उन्होंने अपनी यात्राओं के दौरान अनेक भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं का अध्ययन किया।

‘ल्हासा की ओर‘ राहुल सांकृत्यायन की यात्रा साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें उन्होंने अपनी तिब्बत यात्रा के अनुभवों के बारे में बताया है। यह पाठ उनकी घुमक्कड़ी स्वभाव और साहस से भरे जीवन को बताता है। इसमें उन्होंने तिब्बत की संस्कृति, भौगोलिक स्थिति, लोगों के जीवन जीने का तरीका, और बौद्ध धर्म के केंद्र ल्हासा की ओर अपने सफर का विस्तार से वर्णन किया है।