CBSE Class 9 Hindi Chapter 1 Is Jal Pralay Mein (इस जल प्रलय में) Question Answers (Important) from Kritika Book
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- Is Jal Pralay Mein NCERT Solutions
- Is Jal Pralay Mein Extract Based Questions
- Is Jal Pralay Mein Multiple Choice Questions
- Is Jal Pralay Mein Extra Question Answers
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Is Jal Pralay Mein Chapter 1 NCERT Solutions
1. बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?
उत्तर- बाढ़ की खबर सुनकर लोग बहुत घबरा गए और तुरंत बचाव की तैयारियाँ करने लगे। उन्होंने जरूरी सामान जैसे खाने-पीने की चीजें, ईंधन, दवाइयाँ, टॉर्च, बैटरियाँ, जरूरी कागज़ात और कपड़े इकट्ठा करना शुरू कर दिये। कई लोग अपने घरों की छतों या ऊँचे स्थानों की तरफ जाने लगे ताकि पानी से बचा जा सके। कुछ लोगों ने अपने जानवरों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया और बच्चे-बुज़ुर्गों का खास ध्यान रखा। कुल मिलाकर, सभी लोग अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्क और तैयार हो गए।
2. बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था?
उत्तर- लेखक बाढ़ की सही जानकारी लेने और उसका रूप देखने के लिए इसलिए उत्सुक था क्योंकि वह खुद अनुभव करना चाहता था कि बाढ़ वास्तव में कैसी होती है। उसने बाढ़ के बारे में दूसरों से बहुत कुछ सुना था, लेकिन उसने कभी अपने आँखों से बाढ़ का मंजर नहीं देखा था। इसी जिज्ञासा और अनुभव की इच्छा ने उसे बाढ़ को नजदीक से देखने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, वह यह भी समझना चाहता था कि बाढ़ से लोगों का जीवन कैसे प्रभावित होता है।
3. सबकी ज़बान पर एक ही जिज्ञासा- ‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?
उत्तर- ‘पानी कहाँ तक आ गया है?’ इस कथन से जनसमूह की चिंता, डर और असुरक्षा की भावना व्यक्त होती है।
लोगों के मन में यह डर था कि बाढ़ का पानी कहीं उनके घरों तक न पहुँच जाए, उनके जीवन और संपत्ति को नुकसान न पहुँचे। यह जिज्ञासा दरअसल उनके भय को दर्शाती है कि हालात कितने गंभीर हो चुके हैं और आगे क्या हो सकता है। साथ ही, यह कथन सामूहिक चिंता को भी दर्शाता है – कैसे एक आपदा के समय पूरा समाज एक जैसी सोच और भावना से जुड़ जाता है।
4. ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर- ‘मृत्यु का तरल दूत’ बाढ़ के पानी को कहा गया है।
इसे ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि यह पानी केवल पानी नहीं रहा — यह अब जीवन नष्ट करने वाला, विनाशकारी और खतरनाक बन चुका है। यह जहाँ भी पहुँच रहा है, वहाँ जान-माल का नुकसान, घरों का बह जाना, और लोगों की मौत जैसी घटनाएँ घट रही हैं।
“तरल” यानी द्रव रूप में होने के कारण यह आसानी से फैलता है और रास्ते में आने वाली हर चीज़ को निगलता चला जाता है। इसलिए लेखक ने बाढ़ के पानी को ‘मृत्यु का तरल दूत’ कहकर उसके भयावह रूप और प्रभाव को बहुत ही सशक्त तरीके से व्यक्त किया है।
5. आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ़ से कुछ सुझाव दीजिए।
उत्तर- आपदाओं से निपटने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:
- पूर्व-चेतावनी प्रणाली – सरकार को आधुनिक तकनीक का उपयोग करके समय रहते चेतावनी देने वाली व्यवस्था को मज़बूत बनाना चाहिए ताकि लोग पहले से तैयार रह सकें।
- आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण- स्कूलों, कॉलेजों और समुदाय स्तर पर लोगों को आपदा के समय क्या करना है, इसका प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
- स्थानीय राहत केंद्रों की स्थापना- हर क्षेत्र में सुरक्षित राहत केंद्र बनाए जाने चाहिए, जहाँ आपदा के समय लोग शरण ले सकें।
- आपातकालीन किट तैयार रखना- हर परिवार को एक आपातकालीन किट तैयार रखनी चाहिए जिसमें टॉर्च, रेडियो, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री, जरूरी दवाइयाँ, सूखा भोजन, और पीने का पानी हो।
- सार्वजनिक जागरूकता अभियान- पोस्टर, टीवी, रेडियो, और सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए कि आपदा के समय क्या करें और क्या न करें।
- स्थानीय प्रशासन की तत्परता- प्रशासन को चाहिए कि वह आपदा के समय तुरंत कार्रवाई करे और ज़रूरी संसाधनों को तुरंत उपलब्ध कराए।
- पर्यावरण की रक्षा- वृक्षारोपण, नदी और जल निकासी व्यवस्था को साफ़-सुथरा रखना और अतिक्रमण को रोकना भी आपदाओं के प्रभाव को कम कर सकता है।
6. ‘ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए,..अब बूझो!’-इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता, पर चोट की गई है?
उत्तर- इस कथन – ‘ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए,..अब बूझो!’ – के माध्यम से लोगों की स्वार्थी मानसिकता पर तीखा व्यंग्य किया गया है।
यह कथन बताता है कि जब किसी और क्षेत्र (जैसे दानापुर) में आपदा आई थी, तब दूसरे स्थान के लोग (जैसे पटना के बाबू लोग) ने कोई संवेदना या सहायता नहीं दिखाई, बल्कि वे मूकदर्शक बने रहे। अब जब वही आपदा उनके दरवाज़े पर आ खड़ी हुई है, तो उन्हें उसकी गंभीरता का अहसास हो रहा है।
कहने का तात्पर्य यह है कि लोग आमतौर पर तब तक किसी समस्या को गंभीरता से नहीं लेते जब तक वह समस्या उनके खुद के जीवन को प्रभावित न करने लगे। यह कथन सामाजिक संवेदनशीलता की कमी और आत्मकेंद्रित सोच पर करारा प्रहार करता है।
7. खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?
उत्तर- खरीद-बिक्री बंद हो चुकने के बाद भी पान की बिक्री अचानक इसलिए बढ़ गई थी, क्योंकि लोग तनाव, भय और अनिश्चितता की स्थिति में भी कुछ ऐसा चाहते थे जिससे उन्हें सांत्वना या थोड़ी राहत मिल सके।
पान खाना एक प्रकार की आदत और रूचि भी है, जो लोगों को थोड़ी देर के लिए सामान्य स्थिति का आभास देती है। बाढ़ जैसी आपदा में जब बाकी चीज़ें बंद हो गईं और माहौल डरावना हो गया, तब भी लोगों ने पान खरीदकर यह जताने की कोशिश की कि सब कुछ सामान्य है, या कम से कम वे खुद को सामान्य बनाए रखना चाहते हैं।
अतः पान की बिक्री बढ़ने का कारण लोगों की मानसिक बेचैनी को शांत करने की कोशिश, और एक प्रकार की सामाजिक आदत थी, जिससे उन्हें थोड़ी राहत महसूस हुई।
8. जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?
उत्तर- जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है, तो उसने इस स्थिति से निपटने के लिए कई प्रबंध किए।
लेखक ने अपनी सारी आवश्यक वस्तुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने की कोशिश की, ताकि जब पानी आए तो उनका सामान नष्ट न हो। लेखक ने ईंधन, आलू, मौमबती, दियासलाई, पीने का पानी और कांपोज़ की गोलियाँ, कुछ किताबें इकठ्ठा कर लीं।
लेखक की तैयारी ने उसे इस आपदा से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया और उसने घर की सुरक्षा, और ऊँचे स्थान पर चढ़ने के उपाय किए ताकि बाढ़ के पानी से बचा जा सके।
9. बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है?
उत्तर- बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में कई प्रकार की बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है। इनमें सबसे प्रमुख जल जनित रोग होते हैं, जैसे कि हैजा, टायफाइड, दस्त और लेप्टोस्पाइरोसिस, जो गंदे पानी के संपर्क में आने से फैलते हैं।
इसके अलावा, त्वचा संबंधी रोग जैसे फंगल इंफेक्शन भी गीली परिस्थितियों में आम हो सकते हैं। श्वसन संबंधी बीमारियाँ जैसे सर्दी-खांसी, फ्लू और अस्थमा भी बाढ़ के बाद की नमी और गंदगी से फैल सकती हैं।
इसके अलावा, पेट संबंधी रोग जैसे पेट की सूजन और पाचन संबंधी समस्याएँ भी हो सकती हैं।
10. नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?
उत्तर- नौजवान और कुत्ते ने पानी में कूदने का निर्णय साहस और मित्रता की भावना के वशीभूत होकर लिया। जब नौजवान पानी में उतरा, तो कुत्ता अपनी निष्ठा और दोस्ती के कारण उसके साथ-साथ चलने और उसकी मदद करने के लिए पानी में कूद पड़ा। कुत्ते का यह कदम दिखाता है कि वह अपने मालिक के प्रति अपनी पूरी निष्ठा और समर्पण दिखाना चाहता था, साथ ही यह भी दर्शाता है कि दोनों के बीच एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव और विश्वास था। दोनों ने साथ मिलकर खतरों का सामना किया, जो उनके रिश्ते की गहरी मित्रता और साहस का प्रतीक था।
11. ‘अच्छा है, कुछ भी नहीं । कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं – मेरे पास।’- मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?
उत्तर- लेखक ने उपर्युक्त कथन इसलिये कहा क्योंकि वह बाढ़ की स्थिति और उससे जुड़ी कठिनाइयों को रिकॉर्ड करके रखना भी नहीं चाहते। वह कहते हैं कि अच्छा ही है, उसके पास कुछ भी नहीं – कैमरा, टेप-रिकॉर्डर या यहाँ तक कि कलम भी नहीं – मानो वह इस भयावह त्रासदी को शब्दों में बाँधना भी नहीं चाहते। यह एक प्रकार की असहाय स्वीकृति है – प्रकृति के सामने मनुष्य कितना छोटा और असहाय है।
12. आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार समस्याएँ बन जाती हैं, ऐसी किसी घटना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- मीडिया द्वारा प्रस्तुत घटनाएँ कभी-कभी समाज में समस्याएँ उत्पन्न कर देती हैं। एक उदाहरण के रूप में, नफरत फैलाने वाली खबरें या ग़लत सूचना का प्रसारण लिया जा सकता है। हाल ही में, जब COVID-19 महामारी के दौरान सोशल मीडिया और विभिन्न समाचार चैनलों पर अफवाहें फैलाई गईं कि वायरस को कुछ विशेष वर्गों से जोड़ा जा रहा है या कुछ इलाज के तरीकों को लेकर झूठी जानकारी दी जा रही थी, तो इससे समाज में तनाव और भ्रांतियाँ फैल गईं। लोग अजनबियों से डरने लगे, और कई स्थानों पर हिंसा या साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ।
मीडिया ने जो तात्कालिक खबरें दीं, उनसे भ्रम और डर का माहौल बना, जिससे न केवल लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा, बल्कि समाज के कुछ हिस्सों में विभाजन और असहमति की स्थिति उत्पन्न हुई।
13. अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।
उत्तर– एक आपदा को मैंने देखा, जब एक भयंकर भूकंप ने कई शहरों को प्रभावित किया। अचानक आई इस आपदा ने पूरी जीवनशैली को पलट कर रख दिया। सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गईं और कई इमारतें ध्वस्त हो गईं। लोग मलबे में दबे हुए थे और घबराहट का माहौल था। राहत कार्यों में बहुत समय लगा, और लोग बेसहारा हो गए थे। सरकार, एनजीओ और आम लोग मिलकर राहत पहुँचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तबाही इतनी ज्यादा थी कि पूरा तंत्र असहाय महसूस कर रहा था। इस घटना ने मुझे यह समझाया कि प्राकृतिक आपदाएँ न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती हैं, बल्कि समाज की संपूर्ण संरचना पर गहरा असर डालती हैं।
Class 9 Hindi Is Jal Pralay Mein – Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)
निम्नलिखित गद्याँशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिये-
गद्याँश 1
मेरा गाँव ऐसे इलाके में है जहाँ हर साल पश्चिम, पूरब और दक्षिण की कोसी, पनार, महानंदा और गंगा की बाढ़ से पीड़ित प्राणियों के समूह में आकर पनाह लेते है, सावन-भादो में ट्रेन की ख़िड़कियों से विशाल और सपाट परती पर गाय, बैल, भैंस, बकरों के हज़ारों झुंड-मुंड देखकर ही लोग बाढ़ की विभीषिका का अंदाज़ा लगाते हैं।
परती क्षेत्र में जन्म लेने के कारण अपने गाँव के अधिकांश लोगों की तरह मैं भी तैरना नहीं जानता। किंतु दस वर्ष की उम्र से पिछले साल तक-ब्वॉय स्काउट, स्वयंसेवक, राजनीतिक, कार्यकर्ता अथवा रिलीफ़वर्कर की हैसियत से बाढ़-पीड़ित क्षेत्रों में काम करता रहा हूँ और लिखने की बात? हाईस्कूल में बाढ़ पर लेख लिखकर प्रथम पुरस्कार पाने से लेकर-धर्मयुग में ‘कथा-दशक’ के अंतर्गत बाढ़ की पुरानी कहानी को नए पाठ के साथ प्रस्तुत कर चुका हूँ। जय गंगा (1947) , डायन कोसी (1948), हड्डियों का पुल (1948) आदि छुटपुट रिपोर्ताज के अलावा मेरे कई उपन्यासों में बाढ़ की विनाश-लीलाओं के अनेक चित्र अंकित हुए हैं। किंतु, गाँव में रहते हुए बाढ़ से घिरने, बहने, भंसने और भोगने का अनुभव कभी नहीं हुआ।
1.लेखक को तैरना क्यों नहीं आता?
(क) उन्हें डर लगता था
(ख) परती क्षेत्र में जन्म लेने के कारण
(ग) उनके पास समय नहीं था
(घ) उन्होंने कभी कोशिश नहीं की
उत्तर: (ख) परती क्षेत्र में जन्म लेने के कारण
2. लेखक ने बाढ़ से संबंधित कौन-सा पुरस्कार स्कूल में प्राप्त किया था?
(क) सांत्वना पुरस्कार
(ख) द्वितीय पुरस्कार
(ग) विशेष पुरस्कार
(घ) प्रथम पुरस्कार
उत्तर: (घ) प्रथम पुरस्कार
3. लेखक ने किन रूपों में बाढ़-पीड़ित क्षेत्रों में कार्य किया है?
उत्तर: लेखक ने ब्वॉय स्काउट, स्वयंसेवक, राजनीतिक कार्यकर्ता तथा रिलीफ वर्कर के रूप में बाढ़-पीड़ित क्षेत्रों में कार्य किया है।
4. लेखक ने किन पत्र-पत्रिकाओं में बाढ़ पर लेख लिखे हैं?
उत्तर: लेखक ने ‘धर्मयुग’ में ‘कथा-दशक’ के अंतर्गत बाढ़ पर कहानी लिखी है और हाईस्कूल में भी लेख लिखकर पुरस्कार जीता है।
5. लेखक के किन उपन्यासों में बाढ़ की छवियाँ अंकित हैं?
उत्तर: लेखक के उपन्यासों ‘जय गंगा (1947)’, ‘डायन कोसी (1948)’, ‘हड्डियों का पुल (1948)’ आदि में बाढ़ की विनाशलीलाओं के चित्र अंकित हैं।
गद्याँश 2
वह तो पटना शहर में सन् ।967 में ही हुआ, जब अट्ठारह घंटे की अविराम वृष्टि के कारण, पुनपुन का पानी राजेंद्रनगर, कंकड़बाग तथा अन्य निचले हिस्सों में घुस आया था। अर्थात बाढ़ को मैंने भोगा है, शहरी आदमी की हैसियत से। इसीलिए इस बार जब बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा, पटना का पश्चिमी इलाका छातीभर पानी में डूब गया तो हम घर में ईंधन, आलू, मौमबती, दियासलाई, पीने का पानी और कांपोज़ की गोलियाँ जमाकर बैठ गए और प्रतीक्षा करने लगे।
सुबह सुना, राजभवन और मुख्यमंत्री निवास प्लावित हो गया है। दोपहर में सूचना मिली, गोलघर जल से घिर गया है! (यों, सूचना बाँग्ला में इस वाक्य से मिली थी- ‘जानो! गोलघर डूबे गेछे!’) और पाँच बजे जब कॉफ़ी हाउस जाने के लिए (तथा शहर का हाल, मालूम करने) निकला तो रिक्शेवाले ने हँसकर कहा- “अब कहाँ जाइएगा? कॉफ़ी हाउस में तो ‘अबले’ पानी आ गया होगा।”
1. लेखक ने पहली बार बाढ़ को किस हैसियत से भोगा?
(क) स्वयंसेवक की हैसियत से
(ख) स्काउट की हैसियत से
(ग) ग्रामीण की हैसियत से
(घ) शहरी की हैसियत से
उत्तर: (घ) शहरी की हैसियत से
2. बाढ़ के समय लेखक ने घर में क्या-क्या इकट्ठा किया था?
(क) कपड़े और किताबें
(ख) ईंधन, आलू, मौमबत्ती, दियासलाई, पानी, कांपोज़ की गोलियाँ
(ग) बैग और टॉर्च
(घ) रेडियो और फोन
उत्तर: (ख) ईंधन, आलू, मौमबत्ती, दियासलाई, पानी, कांपोज़ की गोलियाँ
3. लेखक को गोलघर के डूबने की सूचना किस भाषा में मिली थी?
(क) हिंदी
(ख) अंग्रेज़ी
(ग) बाँग्ला
(घ) उर्दू
उत्तर: (ग) बाँग्ला
4. लेखक ने बाढ़ का अनुभव पहली बार कब और कहाँ किया था?
उत्तर: लेखक ने पहली बार बाढ़ का अनुभव सन् 1967 में पटना शहर में किया था, जब पुनपुन नदी का पानी राजेंद्रनगर, कंकड़बाग और अन्य निचले इलाकों में घुस आया था।
5. रिक्शावाले ने लेखक से क्या कहा?
उत्तर: रिक्शावाले ने हँसकर कहा, “अब कहाँ जाइएगा? कॉफ़ी हाउस में तो ‘अबले’ पानी आ गया होगा।”
गद्याँश 3
रिक्शा मोड़कर हम ‘अप्सरा’ सिनेमा हॉल (सिनेमा-शो बंद!) के बगल से गांधी मैदान की ओर चले। पैलेस होटल और इंडियन एयरलाइंस दफ़्तर के सामने पानी भर रहा था। पानी की तेज़ धारा पर लाल-हरे ‘नियन’ विज्ञापनों की परछाइयाँ सैकड़ों रंगीन साँपों की सृष्टि कर रही थीं। गांधी मैदान की रेलिंग के सहारे हज़ारों लोग खड़े देख रहे थे। दशहरा के दिन रामलीला के ‘राम’ के रथ की प्रतीक्षा में जितने लोग रहते हैं, उससे कम नहीं थे…गांधी मैदान के आनंद-उत्सव, सभा-सम्मेलन और खेलकूद की सारी स्मृतियों पर धीरे-धीरे एक गैरिक आवरण आच्छादित हो रहा था। हरियाली पर शनै:-शनै: पानी फिरते देखने का अनुभव सर्वथा नया था। इसी बीच एक अधेड़, मुस्टंड और गँवार ज़ोर-ज़ोर से बोल उठा- “ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए,…अब बूझो!”
1. ‘अप्सरा’ सिनेमा हॉल का क्या हाल था?
(क) वहाँ भीड़ लगी थी
(ख) वहाँ शो चल रहा था
(ग) वहाँ बाढ़ का पानी भर गया था
(घ) वहाँ सिनेमा शो बंद था
उत्तर: (घ) वहाँ सिनेमा शो बंद था
2. पानी की तेज़ धारा में किसकी परछाइयाँ पड़ रही थीं?
(क) पेड़ों की
(ख) इमारतों की
(ग) ‘नियन’ विज्ञापनों की
(घ) चाँद-सितारों की
उत्तर: (ग) ‘नियन’ विज्ञापनों की
3. अधेड़ व्यक्ति ने क्या कहा?
(क) अब बूझो! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए
(ख) अब पटना बचा नहीं
(ग) पटनिया बाबू लोग मदद को दौड़े थे
(घ) गांधी मैदान डूब गया है
उत्तर: (क) अब बूझो! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए
4. लेखक ने गांधी मैदान के पास कितनी भीड़ देखी और उसकी तुलना किससे की?
उत्तर: लेखक ने गांधी मैदान की रेलिंग के पास हज़ारों लोगों की भीड़ देखी, जिसकी तुलना दशहरा के दिन रामलीला के ‘राम’ के रथ की प्रतीक्षा में इकट्ठा भीड़ से की।
5. गांधी मैदान से जुड़ी कौन-सी स्मृतियाँ धीरे-धीरे विलीन हो रही थीं और क्यों?
उत्तर: गांधी मैदान से जुड़ी आनंद-उत्सव, सभा-सम्मेलन और खेलकूद की सारी स्मृतियाँ धीरे-धीरे इसलिए विलीन हो रही थीं क्योंकि मैदान पर पानी चढ़ रहा था और हरियाली पर गैरिक (पीले-भूरे) रंग का आवरण छा रहा था, जिससे पुरानी यादें धुँधली होती जा रही थीं।
गद्याँश 4
राजेंद्रनगर चौराहे पर ‘मैगजीन कॉर्नर’ की आखिरी सीढ़ियों पर पत्र-पत्रिकाएँ पूर्ववत् बिछी हुई थीं। सोचा, एक सप्ताह की खुराक एक ही साथ ले लूँ। क्या-क्या ले लूँ?…हेडली चेज़, या एक ही सप्ताह में फ्रेंच / जर्मन सिखा देने वाली किताबें अथवा ‘योग’ सिखाने वाली कोई सचित्र किताब? मुझे इस तरह किताबों को उलटते-पलटते देखकर दुकान का नौजवान मालिक कृष्णा पता नहीं क्यों मुसकराने लगा। किताबों को छोड़ कई हिंदी-बाँग्ला और अंग्रेज़ी सिने पत्रिकाएँ लेकर लौटा। मित्र से विदा होते हुए कहा- “पता नहीं, कल हम कितने पानी में रहें।…बहरहाल, जो कम पानी में रहेगा। वह ज़्यादा पानी में फँसे मित्र की सुधि लेगा।”
1. लेखक ने पत्र-पत्रिकाएँ क्यों खरीदने का सोचा?
(क) समय काटने के लिए
(ख) भविष्य में उपयोग के लिए
(ग) बाढ़ के कारण बाहर न निकल पाने की स्थिति के लिए
(घ) शोध कार्य हेतु
उत्तर: (ग) बाढ़ के कारण बाहर न निकल पाने की स्थिति के लिए
2. लेखक ने विदा होते समय अपने मित्र से क्या भाव व्यक्त किया?
(क) डर और घबराहट
(ख) संकट में एक-दूसरे का साथ देने का संकल्प
(ग) हँसी-मज़ाक
(घ) जलवायु परिवर्तन की चिंता
उत्तर: (ख) संकट में एक-दूसरे का साथ देने का संकल्प
3. लेखक पत्र-पत्रिकाएँ खरीदते समय किस प्रकार की पुस्तकों के बारे में सोचता है?
उत्तर: लेखक सोचता है कि वह हेडली चेज़, फ्रेंच/जर्मन सिखाने वाली किताबें या ‘योग’ सिखाने वाली सचित्र पुस्तकें ले सकता है, जिससे समय बिताया जा सके।
4. दुकान का नौजवान मालिक कृष्णा लेखक को देखकर क्यों मुस्कराया?
उत्तर: लेखक के पत्रिकाएँ उलटते-पलटते देखकर, स्थिति की गंभीरता और उसके विचित्र चयन को देखकर कृष्णा मुस्कराया होगा।
5. लेखक ने अपने मित्र से क्या कहा और उसका क्या आशय था?
उत्तर: लेखक ने कहा—“जो कम पानी में रहेगा, वह ज़्यादा पानी में फँसे मित्र की सुधि लेगा।” इसका आशय यह था कि संकट में एक-दूसरे की सहायता करना जरूरी है और जो थोड़ा बेहतर स्थिति में होगा, उसे दूसरों की मदद करनी चाहिए।
Class 9 Hindi Kritika Lesson 1 Is Jal Pralay Mein Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. “भूरे रंग के भेड़ों के झुंड” का उल्लेख किसके लिए किया गया है?
(क) असली भेड़ों के लिए
(ख) बच्चों के समूह के लिए
(ग) पानी में तैरते मलबे के लिए
(घ) पानी की धाराओं के लिए
उत्तर: (घ) पानी की धाराओं के लिए
2. लेखक ने पानी की तुलना किससे की है?
(क) बिजली की धार से
(ख) नृत्य करती लहरों से
(ग) झील के पानी से
(घ) समुद्री तूफान से
उत्तर: (ख) नृत्य करती लहरों से
3. लेखक को सड़क पर मोटी डोली की शक्ल में क्या आता दिखा?
(क) बच्चों का समूह
(ख) गाड़ी
(ग) झाग-फेन लिए पानी
(घ) धुआँ
उत्तर: (ग) झाग-फेन लिए पानी
4. लेखक सपने में किस चीज़ को देखने का प्रयास करता है?
(क) उजले-उजले सफेद भेड़ों का झुंड
(ख) नाव
(ग) चाय की दुकान
(घ) स्कूल
उत्तर: (क) उजले-उजले सफेद भेड़ों का झुंड
5. लेखक के मन में करवट लेते हुए क्या विचार आया?
(क) बाहर जाना चाहिए
(ख) खाना बनाना चाहिए
(ग) कुछ लिखना चाहिए
(घ) संगीत सुनना चाहिए
उत्तर: (ग) कुछ लिखना चाहिए
6. लेखक को क्या लगता है कि पानी कहाँ अटक गया है?
(क) पानी तटबंध पर रुक गया है
(ख) पानी कहीं और बह गया है
(ग) पानी किसी और दिशा में चला गया है
(घ) पानी अब नहीं आएगा
उत्तर: (क) पानी तटबंध पर रुक गया है
7. लेखक ने टेलीफ़ोन करने के लिए क्या उठाया था?
(क) फोन
(ख) चोंगा
(ग) बैटरी
(घ) लैंडलाइन फोन
उत्तर: (ख) चोंगा
8. टेलीफ़ोन करने के प्रयास में क्या हुआ?
(क) फोन मिला और बात की
(ख) लाइन में व्यस्तता थी
(ग) फोन पर कोई आवाज़ नहीं आई
(घ) फोन लाइन ठीक थी
उत्तर: (ग) फोन पर कोई आवाज़ नहीं आई
9. कुत्ते क्या कर रहे थे?
(क) भौंक रहे थे
(ख) खेलने में व्यस्त थे
(ग) सो रहे थे
(घ) सामूहिक रुदन कर रहे थे
उत्तर: (घ) सामूहिक रुदन कर रहे थे
10. 1967 में राजेंद्रनगर में पानी कहाँ से आया था?
(क) पुनपुन नदी से
(ख) गंगा नदी से
(ग) सोन नदी से
(घ) महानंदा नदी से
उत्तर: (क) पुनपुन नदी से
11. नाव पर कौन-कौन सवार थे?
(क) कुछ मजदूर
(ख) लेखक के मित्र
(ग) सजे-धजे युवक और युवतियाँ
(घ) अधिकारी
उत्तर: (ग) सजे-धजे युवक और युवतियाँ
12. युवती प्याली में क्या कर रही थी?
(क) पानी भर रही थी
(ख) चाय पी रही थी
(ग) नेस्कैफे पाउडर को मथ रही थी
(घ) दूध उबाल रही थी
उत्तर: (ग) नेस्कैफे पाउडर को मथ रही थी
13. युवक नाव कैसे चला रहा था?
(क) चप्पू से
(ख) बाँस की लग्गी से
(ग) मोटर से
(घ) हाथों से धक्का देकर
उत्तर: (ख) बाँस की लग्गी से
14. युवक युवती के सामने बैठकर क्या कर रहा था?
(क) कोई डायलॉग बोल रहा था
(ख) कविता सुना रहा था
(ग) गाना गा रहा था
(घ) मोबाइल चला रहा था
उत्तर: (क) कोई डायलॉग बोल रहा था
15. ट्रांजिस्टर पर कौन-सा गाना बज रहा था?
(क) मेरे सपनों की रानी
(ख) हवा में उड़ता जाए
(ग) जिंदगी एक सफर है
(घ) कोई भी नहीं
उत्तर: (ख) हवा में उड़ता जाए
16. गोलंबर में खड़े लड़कों की प्रतिक्रिया क्या थी?
(क) चुपचाप देख रहे थे
(ख) ताली बजा रहे थे
(ग) मदद कर रहे थे
(घ) सीटी और फब्तियाँ मार रहे थे
उत्तर: (घ) सीटी और फब्तियाँ मार रहे थे
17. ट्रांजिस्टर पर बाद में कौन-सा गाना बज रहा था?
(क) नैया तोरी मंझधार
(ख) हवा में उड़ता जाए
(ग) ओ साथी चल
(घ) पिया तोसे नैना लागे रे
उत्तर: (क) नैया तोरी मंझधार
18. गोलंबर की क्या विशेषता बताई गई है?
(क) बहुत सुंदर बगीचा है
(ख) वहाँ पानी का ठहराव होता है
(ग) वहाँ आवाज की प्रतिध्वनि गूँजती है
(घ) वहाँ दुकानें हैं
उत्तर: (ग) वहाँ आवाज की प्रतिध्वनि गूँजती है
19. रामसिंगार से किस बात के बारे में पूछा गया?
(क) पानी आ रहा है या नहीं
(ख) ट्रांजिस्टर चल रहा है या नहीं
(ग) नाव आई या नहीं
(घ) चाय बनी या नहीं
उत्तर: (क) पानी आ रहा है या नहीं
20. गाँव के लोग नाव के अभाव में किसका उपयोग कर रहे थे?
(क) बाँस की बेड़ी
(ख) लकड़ी की नौका
(ग) केले के पौधों का ‘भेला’
(घ) टायर की नाव
उत्तर: (ग) केले के पौधों का ‘भेला’
Is Jal Pralay Mein Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)
1.बाढ़ की स्थिति के बारे में लेखक की क्या राय थी?
उत्तर– लेखक ने बाढ़ को प्राकृतिक आपदा के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें जीवन की सामान्य स्थिति पर असर पड़ता है। वह यह मानते हैं कि बाढ़ से न केवल संपत्ति की हानि होती है, बल्कि मनुष्य और जानवरों के जीवन भी खतरे में पड़ जाते हैं।
2. लेखक ने बाढ़ की जानकारी कैसे प्राप्त की?
उत्तर- लेखक ने बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय लोगों से बात की और खबरों पर ध्यान दिया। वह बाढ़ के वास्तविक रूप को देखने के लिए उत्सुक थे, ताकि वह सही जानकारी प्राप्त कर सकें और अपने आसपास की स्थिति को समझ सकें।
3. लेखक और आचार्य जी कहाँ पहुँचे थे?
उत्तर– लेखक और आचार्य जी कॉफी हाउस के पास पहुँचे थे, लेकिन वहाँ पहुँचने पर उन्होंने देखा कि कॉफी हाउस बंद हो चुका था।
4. ‘गैरिक आवरण’ किसे कहा गया है?
उत्तर– बाढ़ के गेरुए पानी को ‘गैरिक आवरण’ कहा गया है, जो मैदान की हरियाली को ढँक रहा था।
5. लोगों ने धनुष्कोटि का उल्लेख किस संदर्भ में किया?
उत्तर– धनुष्कोटि का उल्लेख पटना के संभावित विनाश की कल्पना के रूप में किया गया। जैसे धनुष्कोटि एक बाढ़ में नष्ट हो गया था, वैसे ही वे मज़ाक में कह रहे थे कि पटना भी कहीं लापता न हो जाए।
6. भीड़ में किसने टिप्पणी की और क्या कहा?
उत्तर- एक अधेड़, मुस्टंड और गँवार व्यक्ति ज़ोर-ज़ोर से बोला कि जब दानापुर डूब रहा था, तब पटना के लोग देखने तक नहीं गए।
7. लेखक और उसके मित्र की सूरतें ‘मुहर्रमी’ क्यों लग रही थीं?
उत्तर– लेखक और उसका मित्र भयभीत और चिंतित थे, जबकि आसपास के लोग बाढ़ को लेकर मज़ाक और व्यंग्य कर रहे थे। इसलिए पानवाले के बड़े आईने में उनकी उदास और डरभरी शक्लें बाकी उत्साहित चेहरों के बीच अलग और ‘मुहर्रमी’ यानी शोकमग्न सी लग रही थीं।
8. लोग बिस्कोमान बिल्डिंग की छत पर क्यों जाने की बात कर रहे थे?
उत्तर- यह एक ऊँची इमारत है, जहाँ जाकर वे सुरक्षित रह सकते थे। पर वे इसे गंभीरता से नहीं, बल्कि ताश खेलने या मजा लेने के लिहाज़ से कह रहे थे, जिससे उनकी लापरवाह मानसिकता झलकती है।
9. लेखक ने कौन-कौन सी किताबों को खरीदने पर विचार किया?
उत्तर- लेखक ने ‘हेडली चेज़’ जैसे जासूसी उपन्यास, फ्रेंच/जर्मन सिखाने वाली किताबें और योग सीखने वाली सचित्र पुस्तकें लेने पर विचार किया। इसका आशय है कि वह गंभीरता के साथ-साथ मनोरंजन और आत्मविकास की सामग्री भी चाहता था।
10. लेखक के फ्लैट पहुँचते ही कौन-सी गाड़ी राजेंद्रनगर पहुँची?
उत्तर– लेखक के फ्लैट पहुँचते ही ‘जनसंपर्क’ की गाड़ी लाउडस्पीकर से घोषणा करती हुई राजेंद्रनगर पहुँची। यह गाड़ी बाढ़ जैसी आपदा से संबंधित जानकारी देने के लिए आई थी। इसका उद्देश्य लोगों को सचेत करना था।