CBSE Class 9 Hindi Chapter 1 Do Bailon Ki Katha (दो बैलों की कथा) Question Answers (Important) from Kshitij Book
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प्रश्न-अभ्यास
1. कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी क्यों ली जाती होगी?
उत्तर– कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी इसलिए ली जाती होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी जानवर मौजूद हैं और उनकी स्थिति ठीक है। हाज़िरी लेने का उद्देश्य जानवरों की संख्या की पुष्टि करना, यह देखना कि कोई जानवर भागा तो नहीं या मर तो नहीं गया है।
2. छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?
उत्तर– छोटी बच्ची का बैलों के प्रति प्रेम उनकी दुर्दशा और सहनशीलता को देखकर उमड़ आया। दूसरी ओर उस छोटी बच्ची की सौतेली माँ उसे मारती रहती थी, जिस तरह दोनों बैल प्रेम के भूखे थे उसी तरह वह बच्ची भी प्रेम से रहित थी। उन बैलों का दर्द वह अच्छी तरह से समझ पा रही थी। इसलिए उस छोटी बच्ची का बैलों के प्रति प्रेम उमड़ आया।
3. कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?
उत्तर– बैलों के माध्यम से मित्रता, सहनशीलता, स्वतंत्रता, न्याय, परोपकार, और आभार जैसे नीति-विषयक मूल्य उभर कर आते हैं-
हीरा और मोती की गहरी मित्रता और विपत्ति में एक-दूसरे का साथ निभाने की भावना दिखाती है कि सच्चा संबंध हर परिस्थिति में अडिग रहता है।
उनका संघर्ष स्वतंत्रता के महत्व को रेखांकित करता है, जबकि सहनशीलता और धैर्य के साथ कठिनाइयों का सामना करने की उनकी क्षमता प्रेरणा देती है। दढ़ियल के अन्याय के खिलाफ मोती का प्रतिरोध आत्मसम्मान और न्यायप्रियता को दर्शाता है।
दोनों बैलों का प्रयास केवल अपनी मुक्ति के लिए नहीं, बल्कि अन्य बंद जानवरों को आज़ाद करने के लिए भी था, जिससे उनका त्याग और परोपकार सामने आता है।
झूरी के प्रति उनका प्रेम और वफादारी यह संकेत देती है कि जानवर भी आभार व्यक्त करने और प्रेम को पहचानने में सक्षम होते हैं।
इस प्रकार, कहानी इन मानवीय मूल्यों को सहज और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती है।
4. प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ ‘मूर्ख’ का प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है?
उत्तर– “दो बैलों की कथा” में प्रेमचंद ने गधे की पारंपरिक रूप से मूर्ख कहे जाने की रूढ़ धारणा को चुनौती देते हुए उसके स्वभावगत गुणों को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है। गधे के स्वभाव में डरपोक और आत्मविश्वास की कमी दिखाई देती है, जो उसे परिस्थितियों से जूझने में असमर्थ बनाता है। लेकिन इसके पीछे प्रेमचंद गधे की विवेकशीलता और सतर्कता की ओर संकेत करते हैं। प्रेमचंद के अनुसार गधे का यह स्वभाव उसे ऋषि-मुनियों के गुणों का प्रतीक बनाता है, जैसे कि धैर्य, त्याग, और अहिंसा।
5. किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?
उत्तर– हीरा और मोती की गहरी दोस्ती कई घटनाओं से स्पष्ट होती है-
1. दोनों की एक मूक-भाषा थी, वे एक-दूसरे की मन की बात समझ लेते थे।
2. वे आपस में इतना प्रेम करते थे कि ज्यादा से ज्यादा बोझ अपनी गर्दन पर लेना चाहते थे।
3. वे साथ में भोजन करते थे, साथ में ही नाँद में मुँह डालते थे और साथ ही बाहर निकालते थे।
4. कांजीहौस से मोती अकेले जाने से इनकार कर देता है क्योंकि हीरा रस्सी से बँधा रहता है और साथ भागने में असमर्थ रहता है। इस स्थिति में मोती अपने मित्र हीरा को अकेले नहीं छोड़ता और साथ में रुक जाता है।
5. जब गया हीरा की नाक पर प्रहार करता है तो मोती को बहुत गुस्सा आता है और हल, रस्सी, जुआ, जोत सब तोड़ देता है।
6. गाँव में दढ़ियल के आक्रमण के समय भी मोती अपनी जान की परवाह किए बिना उसे खदेड़ देता है।
इन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती के बीच न केवल गहरी मित्रता थी, बल्कि एक-दूसरे के लिए त्याग और सहयोग का भाव भी था।
6. ‘लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना हैं, यह भूल जाते हो।’ – हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– प्रेमचंद ने हीरा के इस कथन ‘लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना हैं, यह भूल जाते हो।’ के माध्यम से स्त्री के प्रति सम्मान, संवेदनशीलता और करुणा का भाव प्रकट किया है। हीरा का कहना कि “औरत जात पर सींग चलाना मना है,” यह दर्शाता है कि प्रेमचंद स्त्रियों को शारीरिक या मानसिक आघात से बचाने के पक्षधर थे और उन्हें विशेष मानवीय संवेदना के पात्र के रूप में देखते थे। इस कथन में न केवल स्त्रियों के प्रति आदर भाव झलकता है, बल्कि उनके प्रति हिंसा को अस्वीकार्य मानने की एक सामाजिक और नैतिक शिक्षा भी छिपी हुई है। प्रेमचंद का यह दृष्टिकोण स्त्रियों के प्रति उनके प्रगतिशील और सहानुभूतिपूर्ण नजरिए को दर्शाता है, जो उनकी रचनाओं में बार-बार उभरकर आता है। उन्होंने स्त्रियों को समाज में बराबरी का दर्जा देने और उनके साथ मानवीय व्यवहार करने का संदेश दिया है।
7. किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?
उत्तर– किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को अत्यंत संवेदनशीलता और गहराई से व्यक्त किया गया है। कहानी में हीरा और मोती जैसे बैल केवल पशु नहीं हैं, बल्कि किसान झूरी के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। किसान समाज में पशु न केवल श्रम का साधन होते हैं, बल्कि परिवार के सदस्य जैसे होते हैं, जिनसे जुड़ाव, प्रेम और देखभाल का रिश्ता होता है।
जब बैल झूरी के पास लौटते हैं, तो उसका उन्हें गले लगाना और बैलों का उसकी उपस्थिति में प्रसन्न होना, उनके बीच के भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है। यह कहानी मनुष्य और पशु के बीच गहरे रिश्ते और किसान समाज में पशुओं की अहमियत को मार्मिक तरीके से प्रस्तुत करती है।
8. ‘इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगें ‘-मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर- ये घटना उस समय की है जब हीरा और मोती दोनों कांजीहौस में कैद रहते हैं और सींग मार-मार कर दीवार गिरा देते हैं जिससे अन्य कैद जानवर भाग जाते हैं। लेकिन ये दोनों नहीं भागते क्योंकि हीरा के रस्सी बँधी थी और मोती उसे अकेले छोड़कर नहीं जाना चाहता था। तब मोती कहता है “इतना तो हो ही गया कि नौ-दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगे।” इस कथन के माध्यम से मोती का निस्वार्थ स्वभाव, साहस और परोपकार की भावना उजागर होती है। मोती न केवल अपने मित्र हीरा के प्रति गहरी वफादारी और समर्पण दिखाता है, बल्कि अन्य प्राणियों की भलाई के लिए भी अपनी जान जोखिम में डालने को तैयार रहता है।
9. आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।
उत्तर- यह “गुप्त शक्ति” उनके सहज प्रेम, एकता और आपसी समझ में प्रकट होती है, जो शब्दों की आवश्यकता के बिना भी प्रभावी है। चाटने और सूँघने जैसे सहज व्यवहार से वे अपने भाव और विचार प्रकट करते हैं, जो उनके प्राकृतिक प्रेम और विश्वास का प्रतीक है।
मनुष्य, जो अपनी भाषा और तर्कशीलता के कारण स्वयं को श्रेष्ठ मानता है, अक्सर इस सहज और स्वाभाविक संचार से वंचित रहता है। प्रेमचंद इस दृश्य के माध्यम से यह संदेश देते हैं कि पशुओं में भी गहरी भावनाएँ होती हैं और उनका परस्पर संबंध सरल, निष्कपट और प्रेमपूर्ण होता है, जो मनुष्य के लिए अनुकरणीय है।
(ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।
उत्तर– इस वाक्य में यह संकेत दिया गया है कि केवल शारीरिक भूख ही नहीं, बल्कि स्नेह, अपनापन, और करुणा जैसी भावनाओं की तृप्ति भी महत्वपूर्ण होती है। लड़की द्वारा हीरा और मोती को प्रेमपूर्वक रोटी खिलाने से यह सिद्ध होता है कि दुनिया में अभी भी मानवता और सद्भावना बची हुई है।
इस प्रकार, प्रेमचंद ने इस वाक्य के माध्यम से यह दिखाया है कि कभी-कभी स्नेह और आत्मीयता का महत्व शारीरिक आवश्यकताओं से भी अधिक होता है, और यह दिलों को गहराई से छूने वाला होता है।
10. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि
(क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।
(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।
(सही उत्तर के आगे (✓) का निशान लगाइए।)
उत्तर- (ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था। (✓)
रचना और अभिव्यक्ति
11. हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।
उत्तर- दो बैलों की कथा में हीरा और मोती शोषण के प्रतीकात्मक विरोध के रूप में खड़े होते हैं। जब उन्हें झूरी से अलग करके उनके नए मालिक द्वारा शोषित किया जाता है, वे अपनी स्वाभाविक स्वतंत्रता और स्वाभिमान के खिलाफ हो रहे अन्याय को सहन नहीं करते। वे अपने काम में लापरवाही दिखाते हैं, बाड़ा तोड़कर भागने की कोशिश करते हैं, और अंततः अपने पुराने मालिक झूरी के पास लौट आते हैं। यद्यपि इसके लिए उन्हें प्रताड़ना भी सहनी पड़ी—भूखा रखा गया, डंडे खाए और अपमान सहा—लेकिन उन्होंने अन्याय को स्वीकार नहीं किया। उनका यह संघर्ष केवल अपने अधिकारों के लिए नहीं था, बल्कि इस बात का उदाहरण भी था कि जीव मात्र में सम्मान और स्वतंत्रता की भावना होती है।
यह प्रतिक्रिया सिखाती है कि शोषण के खिलाफ खड़ा होना आवश्यक है, चाहे इसके लिए कितनी भी कठिनाइयाँ झेलनी पड़ें।
12. क्या आपको लगता है कि यह कहानी आज़ादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?
उत्तर- हाँ, “दो बैलों की कहानी” आज़ादी की लड़ाई की ओर संकेत करती है। हीरा और मोती का शोषण के खिलाफ संघर्ष और स्वतंत्रता की लालसा उस समय भारतीय समाज की स्थिति का प्रतीक है, जहाँ लोग अंग्रेजों के अत्याचार सहते हुए भी अपनी आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे थे।
Grammar Exercises
भाषा-अध्ययन
13. बस इतना ही काफ़ी है।
फिर मैं भी जोर लगाता हूँ।
‘ही’, ‘भी’ वाक्य में किसी बात पर ज़ोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते हैं। कहानी में से पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर-
1. उनका शरीर काँप रहा था, और वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे।- ठीक- अवधारणाबोधक निपात, भी- बलप्रदायकबोधक निपात
2. लगभग एक सप्ताह तक वे भूखे रहते हैं और वहाँ से भागने का प्रयत्न करते हैं। लगभग- अवधारणाबोधक निपात
3. मैं बेचूँगा तो बिकेंगे।- तो- बलप्रदायकबोधक निपात
4. ‘अगर वह मुझे पकड़ता, तो मैं बे-मारे न छोड़ता।’ तो- बलप्रदायकबोधक निपात
5. किसी ने चारे का एक तृण भी न डाला। भी- बलप्रदायकबोधक निपात
14. रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए-
(क) दीवार का गिरना था कि अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
(ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।
(ग) हीरा ने कहा-गया के घर से नाहक भागे।
(घ) मैं बेचूँगा, तो बिकेंगे।
(ड.) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।
उत्तर-
(क) दीवार का गिरना था कि अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
यह संयुक्त वाक्य का उदाहरण है और संज्ञा उपवाक्य है।
(ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।
यह एक मिश्र वाक्य है, जो कई उपवाक्य से जुड़ा हुआ है और विशेषण उपवाक्य है। जैसे- आदमी
‘दढ़ियल’, आँखें- ‘लाल’, मुद्रा- ‘कठोर’
(ग) हीरा ने कहा-गया के घर से नाहक भागे।
यह मिश्र वाक्य का उदाहरण है और संज्ञा उपवाक्य है।
(घ) मैं बेचूँगा, तो बिकेंगे।
यह संयुक्त वाक्य का उदाहरण है और क्रिया विशेषण उपवाक्य है।
(ड.) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।
यह संयुक्त वाक्य का उदाहरण है और क्रिया विशेषण उपवाक्य है।
5. कहानी में जगह-जगह मुहावरों का प्रयोग हुआ है। कोई पाँच मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर-
मुहावरा | पाठ में से लिया गया वाक्य | मुहावरे का अर्थ | मुहावरे का वाक्य प्रयोग |
नौ-दो-ग्यारह होना | ‘तो फिर यहीं मरो। बंदा तो नौ-दो-ग्यारह होता है।’ | जल्दी से भाग जाना या किसी जगह से तुरंत हट जाना। | जैसे ही बारिश शुरू हुई, मैदान में खेल रहे बच्चे नौ-दो-ग्यारह हो गए। |
हिम्मत हारना | ‘इतनी जल्द हिम्मत न हारो भाई! | साहस खो देना या मन से निराश हो जाना। | जीवन में कभी भी हिम्मत हारना नहीं चाहिए, क्योंकि हर समस्या का समाधान होता है। |
टकटकी लगाना | सारा दिन दोनों मित्र फाटक की ओर टकटकी लगाए ताकते रहे | निरंतर देखना | बच्चे आसमान में उड़ती हुई पतंग को टकटकी लगाए देख रहे थे। |
जान से हाथ धोना | उससे भिड़ना जान से हाथ धोना है | जान गवाना या मर जाना
|
यदि वह समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा होता, तो वह जान से हाथ धो बैठता। |
दाँतों पसीना आना | पर झूरी के साले गया को घर तक गोईं ले जाने में दाँतों पसीना आ गया। | कठिन परिश्रम करना | इस मुश्किल गणित के सवाल को हल करते हुए मेरे दाँतों पसीना आ गया। |
Class 9 Hindi Do Bailon Ki Katha – Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यान से पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिये-
1. जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को परले दरजे का बेवकूफ़ कहना चाहते हैं, तो उसे गधा कहते है। गधा सचमुच बेवकूफ़ है, या उसके सीधेपन, उसकी निरापद सहिष्णुता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका निश्चय नहीं किया जा सकता। गायें सींग मारती हैं, ब्याई हुई गाय तो अनायास ही सिंहनी का रूप धारण कर लेती है। कुत्ता भी बहुत गरीब जानवर है, लेकिन कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है; किंतु गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना, न देखा। जितना चाहो गरीब को मारो, चाहे जैसी खराब, सड़ी हुई घास सामने डाल दो, उसके चेहरे पर कभी असंतोष की छाया भी न दिखाई देगी। वैशाख में चाहे एकाध बार कुलेल कर लेता हो; पर हमने तो उसे कभी खुश होते नहीं देखा। उसके चेहरे पर एक विषाद स्थायी रूप से छाया रहता है। सुख-दुख, हानि-लाभ, किसी भी दशा में उसे बदलते नहीं देखा। ऋषियों-मुनियों के जितने गुण हैं वे सभी उसमें पराकाष्ठा को पहुँच गए हैं; पर आदमी उसे बेवकूफ़ कहता है। सद्गुणों का इतना अनादर कहीं नहीं देखा। कदाचित सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है। देखिए न, भारतवासियों की अफ्रीका में क्या दुर्दशा हो रही है? क्यों अमरीका में उन्हें घुसने नहीं दिया जाता? बेचारे शराब नहीं पीते, चार पैसे कुसमय के लिए बचाकर रखते हैं, जी तोड़कर काम करते हैं, किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करते, चार बातें सुनकर गम खा जाते हैं फिर भी बदनाम हैं। कहा जाता है, वे जीवन के आदर्श को नीचा करते हैं। अगर वे भी ईट का जवाब पत्थर से देना सीख जाते तो शायद सभ्य कहलाने लगते। जापान की मिसाल सामने है। एक ही विजय ने उसे संसार की सभ्य जातियों में गण्य बना दिया।
1. गधे को बुद्धिहीन क्यों समझा जाता है?
(क.) क्योंकि वह कभी क्रोधित नहीं होता
(ख.) क्योंकि वह हमेशा दुखी दिखता है
(ग.) क्योंकि वह सीधेपन और सहिष्णुता का प्रतीक है
(घ.) उपरोक्त सभी
उत्तर: (घ.) उपरोक्त सभी
2. गधे के चेहरे पर स्थायी रूप से क्या दिखाई देता है?
(क.) प्रसन्नता
(ख.) क्रोध
(ग.) विषाद
(घ.) आशंका
उत्तर: (ग.) विषाद
3. लेखक ने गधे की विशेषताओं की तुलना किनसे की है?
(क.) ऋषि-मुनियों के गुणों से
(ख.) बुद्धिमान जानवरों से
(ग.) सभ्य समाज के आदर्शों से
(घ.) क्रोधी व्यक्तियों से
उत्तर: (क.) ऋषि-मुनियों के गुणों से
4. लेखक के अनुसार, भारतवासियों की दुर्दशा का क्या कारण बताया गया है?
(क.) उनकी शराब न पीने की आदत
(ख.) उनका सीधापन और सहिष्णुता
(ग.) उनका मेहनती स्वभाव
(घ.) उनकी बचत करने की आदत
उत्तर: (ख.) उनका सीधापन और सहिष्णुता
5. जापान को सभ्य जातियों में क्यों गिना जाने लगा?
(क.) उसकी एक विजय के कारण
(ख.) उसके मेहनती स्वभाव के कारण
(ग.) उसके सीधेपन के कारण
(घ.) उसके सादगी भरे जीवन के कारण
उत्तर: (क.) उसकी एक विजय के कारण
2. झूरी की स्त्री ने बैलों को द्वार पर देखा, तो जल उठी। बोली-कैसे नमकहराम बैल हैं कि एक दिन वहाँ काम न किया; भाग खड़े हुए।
झूरी अपने बैलों पर यह आक्षेप न सुन सका-नमकहराम क्यों हैं? चारा-दाना न दिया होगा, तो क्या करते?
स्त्री ने रोब के साथ कहा-बस, तुम्हीं तो बैलों को खिलाना जानते हो, और तो सभी पानी पिला-पिलाकर रखते हैं।
झूरी ने चिढ़ाया-चारा मिलता तो क्यों भागते ?
स्त्री चिढ़ी-भागे इसलिए कि वे लोग तुम-जैसे बुद्धुओं की तरह बैलों को सहलाते नहीं। खिलाते हैं, तो रगड़कर जोतते भी हैं। ये दोनों ठहरे कामचोर, भाग निकले। अब देखूँ, कहाँ से खली और चोकर मिलता है! सूखे भूसे के सिवा कुछ न दूँगी, खाएँ चाहें मरें।
वही हुआ। मजूर की कड़ी ताकीद कर दी गई कि बैलों को खाली सूखा भूसा दिया जाए।
बैलों ने नाँद में मुँह डाला, तो फीका-फीका। न कोई चिकनाहट, न कोई रस! क्या खाएँ? आशा-भरी आँखों से द्वार की ओर ताकने लगे।
झूरी ने मजूर से कहा-थोड़ी-सी खली क्यों नहीं डाल देता बे?
‘मालकिन मुझे मार ही डालेंगी। ‘
‘चुराकर डाल आ।’
‘न दादा, पीछे से तुम भी उन्हीं की-सी कहोगे।’
1. झूरी की स्त्री बैलों को देखकर क्यों जल उठी?
(क.) बैल कामचोर थे
(ख.) बैल काम छोड़कर भाग गए थे
(ग.) बैल खली-चोकर नहीं खा रहे थे
(घ.) बैल झूरी की बात मानते थे
उत्तर: (ख.) बैल काम छोड़कर भाग गए थे
2. झूरी ने बैलों के भागने का क्या कारण बताया?
(क.) बैल कामचोर थे
(ख.) बैलों को चारा-दाना नहीं दिया गया
(ग.) बैलों को रगड़कर जोता गया
(घ.) बैल झूरी के प्रति वफादार थे
उत्तर: (ख.) बैलों को चारा-दाना नहीं दिया गया
3. मजूर ने बैलों को खली क्यों नहीं दी?
(क.) खली खत्म हो गई थी
(ख.) झूरी की स्त्री ने कड़ी ताकीद कर रखी थी
(ग.) झूरी ने उसे मना किया था
(घ.) बैलों ने खली खाने से इनकार कर दिया
उत्तर: (ख.) झूरी की स्त्री ने कड़ी ताकीद कर रखी थी
4. झूरी की स्त्री ने बैलों को क्या खिलाने का आदेश दिया?
(क.) खली और चोकर
(ख.) केवल सूखा भूसा
(ग.) ताजा हरा चारा
(घ.) दाल और चावल
उत्तर: (ख.) केवल सूखा भूसा
5. बैलों ने सूखा भूसा देखकर क्या प्रतिक्रिया दी?
(क.) भूसे को तुरंत खा लिया
(ख.) द्वार की ओर आशा-भरी आँखों से देखा
(ग.) नाँद को पलट दिया
(घ.) भूसे को मुँह से बाहर फेंक दिया
उत्तर: (ख.) द्वार की ओर आशा-भरी आँखों से देखा
3. दूसरे दिन गया ने बैलों को हल में जोता, पर इन दोनों ने जैसे पाँव न उठाने की कसम खा ली थी। वह मारते-मारते थक गया; पर दोनों ने पाँव न उठाया। एक बार जब उस निर्दयी ने हीरा की नाक पर खूब डंडे जमाए, तो मोती का गुस्सा काबू के बाहर हो गया। हल लेकरें भागा। हल रस्सी, जुआ, जोत, सब टूट-टाट कर बराबर हो गया। गले में बड़ी-बड़ी रस्सियाँ न होतीं, तो दोनों पकड़ाई में न आते।
हीरा ने मूक-भाषा में कहा-भागना व्यर्थ है।
मोती ने उत्तर दिया–तुम्हारी तो इसने जान ही ले ली थी।
‘अबकी बड़ी मार पड़ेगी।’
‘पड़ने दो, बैल का जन्म लिया है, तो मार से कहाँ तक बचेंगे?’
‘गया दो, आदमियों के साथ दौड़ा आ रहा है। दोनों के हाथों में लाठियाँ हैं।’
मोती बोला-कहो तो दिखा दूँ कुछ मज़ा मैं भी। लाठी लेकर आ रहा है।
हीरा ने समझाया-नहीं भाई! खड़े हो जाओ।
‘मुझे मारेगा, तो मैं भी एक-दो को गिरा दूँगा!’
‘नहीं। हमारी जाति का यह धर्म नहीं है।’
प्रश्न 1: दूसरे दिन गया ने बैलों को जोतने की कोशिश में क्या कठिनाई झेली?
उत्तर: दूसरे दिन गया ने बैलों को हल में जोता, लेकिन उन्होंने पाँव उठाने से इनकार कर दिया। गया ने उन्हें मारते-मारते थक गया, फिर भी बैलों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अंततः जब हीरा को चोट लगी, तो मोती ने हल लेकर भागते हुए सब कुछ तोड़-फोड़ कर दिया।
प्रश्न 2: मोती का गुस्सा किस बात पर काबू से बाहर हो गया?
उत्तर: मोती का गुस्सा तब काबू से बाहर हो गया जब गया ने निर्दयता से हीरा की नाक पर डंडे मारे। इससे क्रोधित होकर मोती हल लेकर भाग गया और हल, रस्सी, जुआ, और जोत सब कुछ टूट गया।
प्रश्न 3: हीरा ने मोती को मूक-भाषा में क्या कहा?
उत्तर: हीरा ने मूक-भाषा में मोती से कहा कि भागना व्यर्थ है क्योंकि भागने से उनकी स्थिति नहीं बदलेगी। उन्होंने मोती को समझाया कि बैलों का जन्म लेने के बाद मार से बचना संभव नहीं है।
प्रश्न 4: मोती ने गुस्से में क्या करने की बात कही?
उत्तर: मोती ने गुस्से में कहा कि अगर उसे मारा गया, तो वह भी एक-दो आदमियों को गिरा देगा। लेकिन हीरा ने उसे समझाया कि उनकी जाति का धर्म यह नहीं है और उन्हें शांत रहना चाहिए।
प्रश्न 5: गया और दूसरे आदमी बैलों को पकड़ने के लिए क्या लेकर आए?
उत्तर: गया और दूसरे आदमी बैलों को पकड़ने के लिए लाठियाँ लेकर आए। वे दौड़ते हुए बैलों के पास पहुँचे,
लेकिन बैलों के गले में बड़ी रस्सियाँ होने के कारण उन्हें पकड़ लिया गया।
4. आज दोनों के सामने फिर वही सूखा भूसा लाया गया। दोनों चुपचाप खड़े रहे। घर के लोग भोजन करने लगे। उस वक्त छोटी-सी लड़की दो रोटियाँ लिए निकली, और दोनों के मुँह में देकर चली गई। उस एक रोटी से इनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन, मिल गया। यहाँ भी किसी सज्जन का वास है। लड़की भैरो की थी। उसकी माँ मर चुकी थी। सौतेली माँ उसे मारती रहती थी, इसलिए इन बैलों से उसे एक प्रकार की आत्मीयता हो गई थी।
दोनों दिन-भर जोते जाते, डंडे खाते, अड़ते। शाम को थान पर बाँध दिए जाते और रात को वही बालिका उन्हें दो रोटियाँ खिला जाती।
प्रेम के इस प्रसाद की यह बरकत थी कि दो-दो गाल सूखा भूसा खाकर भी दोनों दुर्बल न होते थे, मगर दोनों की आँखों में, रोम-रोम में विद्रोह भरा हुआ था।
प्रश्न 1: बैलों के सामने क्या लाया गया, और उन्होंने कैसी प्रतिक्रिया दी?
उत्तर: बैलों के सामने फिर से सूखा भूसा लाया गया। वे चुपचाप खड़े रहे और उसे खाने से इनकार कर दिया। उनके हृदय में भूसे की बजाय किसी और चीज की आवश्यकता थी, जो बाद में एक छोटी-सी लड़की ने पूरी की।
प्रश्न 2: छोटी लड़की ने बैलों के लिए क्या किया, और इससे उन्हें क्या अनुभव हुआ?
उत्तर: छोटी लड़की ने बैलों को दो रोटियाँ लाकर दीं। इन रोटियों से उनकी भूख तो शांत नहीं हुई, लेकिन उनके हृदय को मानो प्रेम और आत्मीयता का भोजन मिल गया। यह अनुभव उनके लिए बहुत मूल्यवान था।
प्रश्न 3: छोटी लड़की की बैलों से आत्मीयता क्यों हो गई थी?
उत्तर: छोटी लड़की, भैरो की बेटी थी, जिसकी माँ मर चुकी थी। उसकी सौतेली माँ उसे मारती रहती थी। इस कारण से उसे बैलों से आत्मीयता हो गई, क्योंकि वे भी उसके समान कठोर व्यवहार झेल रहे थे।
प्रश्न 4: बैल दिन में और रात में क्या अनुभव करते थे?
उत्तर: बैल दिन में जोते जाते, डंडे खाते और अड़ते रहते थे। शाम को उन्हें थान पर बाँध दिया जाता। रात में वही छोटी लड़की उन्हें दो रोटियाँ खिला जाती, जिससे उनका मन प्रेम और आत्मीयता से भर जाता था।
प्रश्न 5: बैलों की शारीरिक स्थिति कैसी थी, और उनके मन में क्या भाव था?
उत्तर: बैल दो-दो गाल सूखा भूसा खाकर भी दुर्बल नहीं होते थे, जो प्रेम के प्रसाद की शक्ति थी। लेकिन उनके मन और शरीर के हर हिस्से में विद्रोह का भाव भरा हुआ था, जो उनके संघर्षपूर्ण जीवन का संकेत था।
Class 9 Hindi A Kshitij Lesson 1 Do Bailon Ki Katha Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. गधे को बेवकूफ क्यों माना जाता है?
क. उसके आलस्य के कारण
ख. उसके क्रोध के कारण
ग. उसकी सहिष्णुता और सीधेपन के कारण
घ. उसके धीमे काम के कारण
उत्तर: ग. उसकी सहिष्णुता और सीधेपन के कारण
2. झूरी के बैलों का नाम क्या था?
क. राम और श्याम
ख. हीरा और मोती
ग. राजा और रानी
घ. लाला और गोपी
उत्तर: ख. हीरा और मोती
3. झूरी की पत्नी ने बैलों के लिए क्या कहा?
क. वे मेहनती हैं
ख. वे वफादार हैं
ग. वे बुद्धिमान हैं
घ. वे कामचोर हैं
उत्तर: घ. वे कामचोर हैं
4. गाँव के बच्चों ने बैलों के लिए क्या प्रस्ताव रखा?
क. उन्हें मार दिया जाए
ख. उन्हें अभिनंदन-पत्र दिया जाए
ग. उन्हें नई जगह भेजा जाए
घ. उन्हें अधिक काम करवाया जाए
उत्तर: ख. उन्हें अभिनंदन-पत्र दिया जाए
5. झूरी ने बैलों की वापसी पर क्या किया?
क. उन्हें गले लगाया
ख. उन्हें दंड दिया
ग. उन्हें बेच दिया
घ. उन्हें मार दिया
उत्तर: क. उन्हें गले लगाया
6. बैलों ने भागने के बाद क्या महसूस किया?
क. भूख और थकावट
ख. डर और चिंता
ग. आजादी और मस्ती
घ. दुख और निराशा
उत्तर: ग. आजादी और मस्ती
7. बालिका ने बैलों को क्यों खोला?
क. वह उन्हें प्यार करती थी।
ख. उसने घरवालों की सलाह सुनी थी।
ग. वह बैलों को नाथ डलवाने से बचाना चाहती थी।
घ. उपरोक्त सभी
उत्तर: घ. उपरोक्त सभी
8. गधों ने क्यों भागने से मना कर दिया?
क. उन्हें डर था कि फिर से पकड़ लिया जाएगा।
ख. वे बहुत कमजोर थे।
ग. उन्हें हीरा पर भरोसा नहीं था।
घ. उन्हें बाहर जाने का रास्ता नहीं मिला।
उत्तर: क. उन्हें डर था कि फिर से पकड़ लिया जाएगा।
9. मोती ने हीरा को क्या कहा जब वह रस्सी नहीं तोड़ सका?
क. अब मुझे छोड़कर भाग जाओ।
ख. मैं तुम्हें अकेला नहीं छोड़ सकता।
ग. दीवार तोड़ने की कोशिश बंद करो।
घ. हमें यहाँ से भागने की कोशिश करनी चाहिए।
उत्तर: ख. मैं तुम्हें अकेला नहीं छोड़ सकता।
10. बाड़े में कौन-कौन से जानवर मौजूद थे?
क. केवल भैंसें और गधे
ख. केवल घोड़े और बकरियाँ
ग. भैंसें, बकरियाँ, घोड़े, और गधे
घ. केवल बैल और घोड़े
उत्तर: ग. भैंसें, बकरियाँ, घोड़े, और गधे
11. बैलों के अनुसार, मृत्यु के बाद उनके कौन-कौन से अंग उपयोगी होंगे?
क. केवल मांस
ख. केवल खाल
ग. माँस, खाल, सींग, हड्डी
घ. कोई उपयोग नहीं
उत्तर: ग. माँस, खाल, सींग, हड्डी
12. दढ़ियल आदमी बैलों को धीमे चलने पर क्या करता था?
क. डांटता था
ख. डंडा जमा देता था
ग. उनकी पीठ थपथपाता था
घ. उन्हें पानी पिलाता था
उत्तर: ख. डंडा जमा देता था
13. दोनों मित्र कितने दिनों तक बाड़े में बँधे पड़े रहे?
क. तीन दिन
ख. एक सप्ताह
ग. दस दिन
घ. पाँच दिन
उत्तर: ख. एक सप्ताह
14. जब बैल नीलाम हो रहे थे, तो कितने लोग वहाँ जमा हुए?
क. बीस-तीस
ख. चालीस-पचास
ग. पचास-साठ
घ. सत्तर-अस्सी
उत्तर: ग. पचास-साठ
15. रास्ते में दोनों मित्रों ने किसकी ओर देखा?
क. रेवड़ में चरते गाय-बैलों की ओर
ख. हरे-भरे खेतों की ओर
ग. बाड़े की ओर
घ. दढ़ियल आदमी की ओर
उत्तर: क. रेवड़ में चरते गाय-बैलों की ओर
16. चौकीदार ने हीरा के साथ क्या किया?
क. उसे बाड़े से निकाल दिया।
ख. उसे खाना दिया।
ग. उसे रस्सी से बाँध दिया।
घ. उसे और मोती को दंडित किया।
उत्तर: ग. उसे रस्सी से बाँध दिया।
17. साँड की सूरत को देखकर मित्रों ने कैसा महसूस किया?
क. डर और चिंता
ख. खुशी और उत्साह
ग. उत्सुकता और जिज्ञासा
घ. सहानुभूति और करुणा
उत्तर: क. डर और चिंता
18. बैलों ने समझा कि मालिक ने उन्हें क्या कर दिया?
क. उन्हें घर पर छोड़ दिया
ख. उन्हें बेच दिया
ग. उन्हें ससुराल भेज दिया
घ. उन्हें कहीं घुमा दिया
उत्तर: ख. उन्हें बेच दिया
19. बैलों का मालिक के प्रति क्या भाव था?
क. सेवा और समर्पण
ख. क्रोध और असंतोष
ग. भय और चिंता
घ. लालच और स्वार्थ
उत्तर: क. सेवा और समर्पण
20. मजूर ने खली डालने से क्यों मना किया?
क. उसे काम का डर था
ख. मालकिन उसे मार देंगी
ग. उसे बैलों से डर लगता था
घ. झूरी उसे डाँट देंगे
उत्तर: ख. मालकिन उसे मार देंगी
Do Bailon Ki Katha Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)
1. भारतवासियों की अफ्रीका में दुर्दशा का कारण क्या बताया गया है?
उत्तर: भारतवासियों की अफ्रीका में दुर्दशा का कारण यह है कि वे शराब नहीं पीते, मेहनत से काम करते हैं और दूसरों से लड़ाई नहीं करते, चार बातें सुनकर गम खा जाते हैं फिर भी बदनाम हैं। फिर भी उन्हें समाज में सम्मान नहीं मिलता। उनके सीधापन को सही नहीं माना जाता।
2. हीरा और मोती बैलों के बीच कौन सा गहरा संबंध था?
उत्तर: हीरा और मोती बैल भाई जैसे थे। दोनों में गहरी मित्रता थी और वे एक-दूसरे के मन की बात समझ जाते थे। वे कभी एक-दूसरे से अलग नहीं होते थे और हमेशा एक साथ काम करते थे। वे हमेशा मूक-भाषा में संवाद करते थे। वे अपनी गर्दन पर ज्यादा से ज्यादा भार उठाने की कोशिश करते थे जिससे उनके मित्र पर ज्यादा बोझ न पड़े।
3. बालकों ने बैलों का स्वागत कैसे किया?
उत्तर: बालकों ने निश्चय किया, दोनों पशु-वीरों को अभिनंदन-पत्र देने का निर्णय लिया। कोई अपने घर से रोटियाँ लाया, कोई गुड़, कोई चोकर, कोई भूसी। उन्होंने बैलों के साहस और उनकी यात्रा की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे बैल किसी के पास न होंगे।
4. झूरी की स्त्री ने बैलों के बारे में क्या कहा?
उत्तर: झूरी की स्त्री ने बैलों को नमकहराम कहा क्योंकि वे भागकर वापस आ गए थे और गया के यहाँ उन दोनों ने काम नहीं किया था। उसने कहा कि वे कामचोर हैं और अब उनके लिए केवल सूखा भूसा मिलेगा।
5. मोती और हीरा के बीच मूक-भाषा का क्या अर्थ था?
उत्तर: मोती और हीरा एक-दूसरे के साथ मूक-भाषा में संवाद करते थे। यह संवाद उनकी गहरी मित्रता और समझ को दर्शाता था, जिसमें वे बिना बोले एक-दूसरे की भावनाओं को समझते थे।
6. क्यों बैल भागते समय खुशी महसूस कर रहे थे?
उत्तर: बैल भागते समय खुशी महसूस कर रहे थे क्योंकि उन्होंने अपनी स्वतंत्रता का अनुभव किया था। मटर के खेत में खाना खाने के बाद, वे मस्त होकर उछलने-कूदने लगे और अपने नए अनुभव का आनंद लेने लगे।
7. बैलों की कहानी समाज की कौन-सी समस्या को उजागर करती है?
उत्तर: बैलों की कहानी अन्याय, शोषण और क्रूरता को उजागर करती है। यह उन संवेदनहीन व्यवहारों की ओर इशारा करती है, जो न केवल जानवरों बल्कि कमजोर इंसानों के साथ भी किए जाते हैं।
8. ‘प्रेम के इस प्रसाद’ का क्या अर्थ है, और इसका बैलों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: ‘प्रेम के इस प्रसाद’ का अर्थ है बालिका का स्नेहपूर्वक बैलों को रोटियाँ देना। इससे बैलों को शारीरिक तृप्ति भले न मिली हो, लेकिन उनके हृदय को प्रेम और सहानुभूति का अनुभव हुआ।
9. बैलों की आँखों में विद्रोह क्यों भरा हुआ था?
उत्तर: बैलों को दिनभर जोता जाता था, डंडे मारे जाते थे और सूखा भूसा दिया जाता था। इस अन्यायपूर्ण व्यवहार के कारण उनकी आँखों में विद्रोह की भावना थी।
10. बैलों ने भूख से मजबूर होकर क्या किया?
उत्तर: भूख से मजबूर होकर, बैलों ने दीवार की नमकीन मिट्टी चाटनी शुरू की, लेकिन इससे उनकी भूख शांत नहीं हो सकी। वे कांजीहौस में कैद थे, चारा खाने के लिए बाहर जा नहीं सकते थे।