Anuvaad Lekhanam (अनुवाद लेखनम) – Tips, Examples, Practice Questions
Anuvaad Lekhanam (अनुवाद लेखनम) हिंदी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद – इस लेख में हम संस्कृत के विषय ‘हिंदी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद’ को जानेंगे। संस्कृत को शुद्ध रूप में लिखने के लिए कारक, पुरुष, वचन, लिंग, धातु, लकार आदि का ज्ञान होना आवश्यक होता है। इस लेख में हम इन्हीं सभी विषयों को जानेंगे और कुछ वाक्यों का अभ्यास भी करेंगे। कक्षा 10 वीं की संस्कृत परीक्षा में अनुवाद का विषय भाग-ख (रचनात्मकं कार्यं) में प्रश्न 4 में पूछा जाता है। प्रश्न 4 में आपको कुछ वाक्य हिंदी व् अंग्रेजी में दिए जाते हैं। जिनका आपको संस्कृत में अनुवाद करना होता है। यह प्रश्न कुल 5 अंकों के लिए पूछा जाता है। इसमें आपको 6 या 7 वाक्यों में से केवल 5 वाक्यों का अनुवाद करना होता है। प्रत्येक वाक्य के लिए 1 अंक निर्धारित होता है।
हिंदी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करने के लिए ध्यान देने योग्य कुछ महत्वपूर्ण निर्देश –
1 – हिन्दी वाक्य का संस्कृत में अनुवाद करने के लिए उस वाक्य में कर्ता, क्रिया, कर्म, काल तथा अन्य कारक-चिह्नों को समझ लेना चाहिए।
2 – अनुवाद करने के लिए शब्द-रूपों तथा धातु-रूपों का एवं व्याकरण का सामान्य ज्ञान होना आवश्यक है।
3 – सबसे पहले कारकों या विभक्तियों की जानकारी होनी चाहिए।
4 – कर्ता कारक में प्रथमा विभक्ति होती है, उस प्रथमा विभक्ति को कर्ता के वचन के अनुसार प्रयोग करना चाहिए।
5 – कर्म कारक में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है।
6 – करण कारक में तृतीया विभक्ति का प्रयोग होता है।
7 – सम्प्रदान कारक में चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग होता है।
8 – अपादान कारक में पंचमी विभक्ति का प्रयोग होता है।
9 – सम्बन्ध में षष्ठी विभक्ति का प्रयोग होता है।
10 – अधिकरण में सप्तमी विभक्ति का प्रयोग होता है।
11 – सम्बोधन में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है।
12 – शब्द के लिंग, वचन, पुरुष आदि के अनुसार ही उनका संस्कृत में अनुवाद होता है।
इन सभी निर्देशों को और अच्छे से समझने के लिए सभी पहलुओं को थोड़ा विस्तार पूर्वक जानेंगे–
(1) कारक
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ संज्ञा या सर्वनाम का सम्बन्ध सूचित होता है, उस रूप को ‘कारक’ कहते हैं। अर्थात संज्ञा या सर्वनाम के आगे जब ‘ने’, ‘को’, ‘से’ आदि विभक्तियाँ लगती हैं, तब उनका रूप ही ‘कारक’ कहलाता है। मुख्य रूप से कारक छः प्रकार के होते हैं, किन्तु ‘सम्बन्ध’ और ‘सम्बोधन’ सहित ये आठ प्रकार के होते हैं। संस्कृत में इन्हें विभक्ति’ भी कहते हैं।
कारक के भेद –
- कर्ता कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
- संप्रदान कारक
- अपादान कारक
- संबंध कारक
- अधिकरण कारक
- संबोधन कारक
कारक के लक्षण, चिन्ह, और विभक्ति चिन्ह
कारक | लक्षण | चिन्ह | विभक्ति |
(i) कर्ता | क्रिया को पूरा करने वाला | ने | प्रथमा |
(ii) कर्म | क्रिया को प्रभावित करने | को | द्वितीया |
(iii) करण | क्रिया का साधन | से, के द्वारा | तृतीया |
(iv) सम्प्रदान | जिसके लिए काम हो | को, के लिए | चतुर्थी |
(v) अपादान | जहाँ पर अलगाव हो | से | पंचमी |
(vi) संबंध | जहाँ पर पदों में संबंध हो | का, की, के, रा, री, रे | षष्ठी |
(vii) अधिकरण | क्रिया का आधार होना | में, पर | सप्तमी |
(viii) सम्बोधन | किसी को पुकारना | हे, अरे!, हो! | सम्बोधन |
उदाहरण –
राम ने रावण को बाण से मारा।
इस वाक्य में प्रत्येक शब्द एक-दूसरे से बँधा है और प्रत्येक शब्द का सम्बन्ध किसी न किसी रूप में क्रिया के साथ है।
यहाँ ‘ने’ ‘को’ ‘से’ शब्दों ने वाक्य में आये अनेक शब्दों का सम्बन्ध क्रिया से जोड़ दिया है। यदि ये शब्द न हो तो शब्दों का क्रिया के साथ तथा आपस में कोई सम्बन्ध नहीं होगा। संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ सम्बन्ध स्थापित करने वाला रूप कारक होता है।
संस्कृत में अनुवाद करते हुए ध्यान देने योग्य बातें –
- जिस शब्द के आगे जो चिह्न लगा हो, उसके अनुसार विभक्ति का प्रयोग करते हैं। जैसे – राम ने रावण को बाण से मारा।
- इस वाक्य में राम के आगे ‘ने’ चिह्न है। अत: राम शब्द में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग किया जाएगा और ‘रामः’ लिखा जायेगा। रावण के आगे ‘को’ चिह्न है, यह द्वितीया विभक्ति का चिह्न है। इसलिए ‘रावण’ शब्द में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग करके ‘रावणम्’ लिखा जायेगा।
- बाण शब्द के बाद ‘के द्वारा’ चिह्न है, यह तृतीया का चिह्न लगा है। इसलिए तृतीया विभक्ति का प्रयोग करके ‘बाणेन’ लिखा जायेगा।
- इसी प्रकार अन्य विभक्तियों के प्रयोग के बारे में भी समझना चाहिए।
- विभक्तियों के प्रयोग की ही तरह जिस पुरुष तथा वचन का कर्ता होगा, उसी पुरुष तथा वचन की क्रिया भी प्रयोग की जाती है। जैसे – मैं पढ़ता हूँ। ‘अहम् पठामि’
- इस वाक्य में कर्ता, ‘अहम्’ उत्तम पुरुष तथा एकवचन है तो क्रिया भी उत्तम पुरुष, एकवचन की ही प्रयोग होगी। इसलिए यहाँ ‘पठामि’ का प्रयोग किया गया है।
(2) पुरुष, वचन तथा क्रिया –
पुरुष में तीन वचन होते हैं – एकवचन, द्विवचन तथा बहुवचन। वाक्य परिवर्तन में क्रियाओं के रूप भी इसी प्रकार इन तीनों पुरुषों तथा तीनों वचनों में चलते हैं। कहा जा सकता है कि जैसा कर्ता होगा, वैसी ही क्रिया भी होगी। जैसे –
कर्ता
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः (वह) | तौ (वे दोनों ) | ते (वे सब) |
मध्यम पुरुष | त्वम् (तुम) | युवाम् (तुम दोनों) | यूयम् (तुम सब) |
उत्तम पुरुष | अहम् (मैं) | आवाम् (हम दो) | व्यम् (हम सब) |
क्रिया
(धातु) पठ् (पढ़ना)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | पठति | पठतः | पठन्ति |
मध्यम पुरुष | पठसि | पठथः | पठथ |
उत्तम पुरुष | पठामि | पठावः | पठामः |
उपर्युक्त कर्ता व क्रिया के अनुसार अनुवाद करते समय ऊपर बताये गये नियम के अनुसार कर्ता के अनुसार ही क्रिया का प्रयोग करना चाहिए।
(3) लिंग –
किसी भी वाक्य में कर्ता स्त्रीलिंग, पुल्लिंग तथा नपुंसकलिंग में से किसी भी लिंग का हो सकता है, परन्तु क्रिया पर इस लिंग-भेद का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। उदाहरण के लिए –
बालक पढ़ता है (पुल्लिंग)
बालकः पठति
बालिका पढ़ती है (स्त्रीलिंग)
बालिका पठति
उपरोक्त उदाहरण में ‘बालक’ शब्द पुल्लिंग का प्रथम पुरुष एकवचन का कर्ता है, इसलिए उसके साथ क्रिया भी प्रथम पुरुष एकवचन की प्रयोग होगी। इसी प्रकार ‘बालिका’ शब्द स्त्रीलिंग में प्रथम पुरुष, एकवचन का कर्ता है, इसलिए उसके साथ भी प्रथम पुरुष एकवचन की क्रिया का ही प्रयोग होता है। इसी प्रकार अन्य पुरुषों तथा वचनों में तथा नपुंसकलिंग में भी कर्ता के अनुसार ही क्रिया होगी।
(4) लकार –
लकार क्रिया की विभिन्न अवस्थाओं तथा कालों जैसे – भूत, भविष्य, वर्तमान आदि का बोध कराते हैं। लकार दस हैं, इनमें पाँच प्रमुख है – लट् लकार (वर्तमान काल), लङ् लकार (भूतकाल), लृट्लकार (भविष्यत् काल), लोट्लकार (आज्ञार्थक) तथा विधिलिङ् (प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में)
क्रिया
(धातु) पठ् (पढ़ना)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | पठति | पठतः | पठन्ति |
मध्यम पुरुष | पठसि | पठथः | पठथ |
उत्तम पुरुष | पठामि | पठावः | पठामः |
उपर्युक्त उदाहरण वर्तमान काल की क्रिया (पठ्) का रूप है, अन्य कालों लङ् लकार (भूतकाल), लृट्लकार (भविष्यत् काल), लोट्लकार (आज्ञार्थक) तथा विधिलिङ् (प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में) की क्रियाओं के भी प्रयोग वर्तमान काल की क्रियाओं के समान ही होता है।
जो कार्य वर्तमान में हो रहा है; जैसे-पढ़ता है, हंसता है, खेलता है, इत्यादि क्रियाओं में लट् लकार की क्रिया कर्ता के अनुसार लगाई जाती है। जैसे – पठति, हसति, क्रीडति इत्यादि।
जिन क्रियाओं के अन्त में था, थे, थी हो एवं कार्य हो जाने का ज्ञान हो, अर्थात भूतकाल को बताने वाली क्रिया में लङ् लकार का प्रयोग होता है। जैसे – अपठत्, अहसत्, अक्रीड़न् इत्यादि।
जिन क्रियाओं के अन्त में गा, गे, गी आता है, उसमें लृट् लकार का प्रयोग किया जाता है। कर्ता जिस पुरुष व वचन का होगा, क्रिया भी उसी पुरुष व व्चन की होगी। जैसे – पठिष्यति, हसिष्यति, क्रीडिष्यति इत्यादि।
जिन क्रियाओं में आज्ञा देने अथवा निमन्त्रण अर्थ होता है वहाँ लोट् लकार का प्रयोग किया जाता है। जैसे – पठतु, हसतु, क्रीडतु इत्यादि।
विधि, प्रेरणा अथवा चाहिए अर्थ बतलाने में क्रिया में विधिलिङ् लकार का प्रयोग होता है। जैसे – पठेत्, हसेत्, क्रीडेत् इत्यादि।
अनुवाद करने के लिए अव्ययों का ज्ञान भी आवश्यक है जैसे – यत्र, तत्र, कुत्र, च, सर्वदा आदि। साथ ही साथ उपसर्ग एवं प्रत्ययों का ज्ञान भी अनुवाद में सहायक सिद्ध होता है।
हम कुछ अभ्यास उदाहरणों की सहायता से हिन्दी व् अंग्रेजी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करेंगे। जिससे विद्यार्थियों को परीक्षा में वाक्यों को संस्कृत में अनुवाद करने में सहायता मिलेगी।
Solved Examples
अभ्यास 1 –
1 . गीता पुस्तक पढ़ती है।
Geeta reads the book.
Ans. गीता पुस्तकं पठति।
2 . हम सब गेंद से खेलते हैं।
We all play with the ball.
वयम् कन्दुकेन क्रीडामः।
3 . मैंने महाभारत पढ़ी।
I read the Mahabharata.
अहम् महाभारतम् अपठम्।
4 . राम महान् राजा हुए।
Ram became a great king.
रामः महान् राजा अभवत्।
5 . सीता कल वाराणसी जायेगी।
Sita will go to Varanasi tomorrow.
सीता श्वः वाराणसीं गमिष्यति।
6 . रमा पुस्तक पढ़े।
Rama read the book.
रमा पुस्तकं पठतु।
7 . तुम्हें अपना काम स्वयं करना चाहिए।
You should do your work yourself.
भवता स्वकार्यं स्वयं कर्तव्यम्।
8 . तुम्हें वहाँ जाना चाहिए।
You should go there.
त्वं तत्र गच्छेः।
9 . वे दोनों लिखते हैं।
They both write.
तौ लिखतः।
10 . वे दोनों हँसती हैं।
They both laugh.
ते हसतः।
अभ्यासः 2 –
1 . पिता पुत्र को पत्र लिखता है।
The father writes a letter to the son.
पिता पुत्राय पत्रं लिखति।
2 . राम और श्याम खेलते हैं।
Ram and Shyam play.
रामः श्यामः च क्रीडतः।
3 . तुम क्या देख रहे हो?
What are you looking at?
त्वं किं पश्यसि?
4 . हम कहाँ जा रहे हैं?
Where are we going?
वयं कुत्र गच्छामः?
5 . हम सब प्रातः दौड़ते हैं।
We all go for a run in the morning.
वयं सर्वे प्रातःकाले धावामः।
6 . तुम दोनों पाठ याद क्यों नहीं करते हो?
Why don’t you both memorize the lessons?
किमर्थं भवन्तौ/तौ पाठं न स्मरतः?
7 . मैं दूध पीता हूँ।
I drink milk.
अहं दुग्धं पिबामि।
8 . हमने बाग़ में मयूर को देखा था।
We had seen a peacock in the garden.
वयं उद्याने एकं मयूरं दृष्टवन्तः।
9 . हम सब खेल के लिए मैदान को जाते हैं।
We all go to the ground to play.
वयं सर्वे क्रीडितुं क्षेत्रं गच्छामः।
10 . वे दोनों क्यों हँसती हैं?
Why are they both laughing?
किमर्थं तौ हसतः?
अभ्यास 3 –
1 . मुनि प्रात: व्यायाम करते हैं।
The sage exercises in the morning.
मुनिः प्रातःकाले व्यायामं करोति।
2 . राम दूसरी कक्षा में पढ़ता है।
Ram studies in class second.
रामः द्वितीयश्रेण्यां पठति।
3 . रमेश सिनेमा देखता है।
Ramesh watches a movie.
रमेशः चलचित्रं पश्यति।
4 . मेरे विद्यालय में पच्चास अध्यापक हैं।
There are fifty teachers in my school.
मम विद्यालये पञ्चाशत् शिक्षकाः सन्ति।
5 . श्याम गाँव को गया।
Shyam went to the village.
श्यामः ग्रामम् अगच्छत्।
6 . लड़की ने खाना खाया।
The girl ate the food.
बालिका भोजनम् अभक्षयत्।
7 . मीरा ने अपनी माता जी को पत्र लिखा।
Meera wrote a letter to her mother.
मीरा स्वमातुः कृते पत्रं अलिखत्।
8 . गाँधी जी ने सदा सत्य बोला।
Gandhiji always spoke the truth.
गाँधीजी सदा सत्यम् अवदत्।
9 . हमें कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
We should never lie.
अस्माभिः कदापि असत्यं न वक्तव्यम्।
10 . वन में सिंह रहता था।
A lion lived in the forest.
वने सिंहः निवसति स्म।
अभ्यास 4 –
1 . राम श्याम को पत्र लिखेगा।
Ram will write a letter to Shyam.
रामः श्यामस्य कृते पत्रं लेखिष्यति।
2 . आज सीता खाना पकायेगी।
Sita will cook food today.
अद्य सीता भोजनं पचयिष्यति।
3 . वे दोनों कहाँ पढ़ेंगे?
Where will both of them study?
तौ कुत्र अध्ययनं करिष्यतः?
4 . पुत्र पिता के साथ जाएगा।
The son will go with the father.
पुत्रः पित्राः सह गमिष्यति।
5 . हम सब साथ चलेंगे।
We will all go together.
वयं सर्वे मिलित्वा गमिष्यामः।
6 . तुम दोनों पाठ पढ़ो।
Both of you read the text.
युवां पाठं पठतम्।
7 . सदा कर्तव्य का पालन करो।
Always follow your duty.
सर्वदा कर्तव्यस्य पालनं कुरु।
8 . गुरुजनों की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
We must obey the orders of our teachers.
आचार्यानाम् आज्ञां पालयेत् ।
9 . सदा सज्जनों की संगति करो।
Always keep company with gentlemen.
सर्वदा सज्जनानां सह सङ्गतिं कुरु।
10 . उन दोनों को ठहरना चाहिए।
They both are a must read.
तौ तिष्ठेताम्।
अभ्यास 5 –
1 . हमें वहाँ जाना चाहिए।
We should go there.
अस्माभिः तत्र गन्तव्यम्।
2 . राधा को खाना पकाना चाहिए।
Radha should cook food.
राधा भोजनं पचयेत्।
3 . पुत्री पर क्रोध नहीं करना चाहिए।
One should not get angry at one’s daughter.
कन्यायाः उपरि क्रोधं न कुर्याः।
4 . हमें विद्यालय हमेशा जाना चाहिए।
We should always go to school.
वयं सर्वदा विद्यालयं गन्तव्यम्।
5 . सभी को स्वच्छ जल पीना चाहिए।
Everyone should drink clean water.
सर्वे शुद्धं जलं पिबन्तु।
6 . हम सभी को सदैव सत्य बोलना चाहिए।
We all should always speak the truth.
वयं सर्वे सर्वदा सत्यं वक्तव्याः।
7 . हम सभी को देश की रक्षा करनी चाहिए।
We all should protect the country.
अस्माभिः सर्वैः देशस्य रक्षणं करणीयम्।
8 . किसी को भी बेवज़ह नहीं हँसना चाहिए।
No one should laugh without any reason.
न कश्चित् अनावश्यकं हसयेत्।
9 . गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए।
Teachers should be respected.
शिक्षकाणां सम्मानः करणीयः।
10 . हमें धार्मिक पुस्तकें पढ़नी चाहिए।
We should read religious books.
अस्माभिः धार्मिकपुस्तकानि पठितव्यानि।
Practice Questions
नीचे दिए गए वाक्यों को संस्कृत में अनुवाद करें
अभ्यास 1 –
1 . याचकों को दान करना पुण्य का काम है।
Giving donations to beggars is a virtuous act.
2 . हमें प्रतिदिन मंदिर जाना चाहिए।
We should go to the temple every day.
3 . वे सब संस्कृत पढ़ते हैं।
They all study Sanskrit.
4 . माता-पिता अपनी संतान से निश्छल प्रेम करते हैं।
Parents love their children unconditionally.
5 . वे कल शिमला जायेंगे।
He will go to Shimla tomorrow.
6 . मैं आज विद्यालय नहीं जाऊँगा।
I will not go to school today.
7 . कल तुम क्या काम करोगे?
What work will you do tomorrow?
8 . उसे अब अपने घर जाना चाहिए।
He should go home now.
9 . ईश्वर सबका कल्याण करें।
May God bless everyone.
10 . आप हमारी चिन्ता न करें।
You don’t worry about us.
अभ्यास 2 –
1 . हमें प्रात:काल उठना चाहिए।
We should get up early in the morning.
2 . सैनिक देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं।
Soldiers remain ready to protect the country.
3 . उठो,जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत।
Get up, wake up and don’t stop until you achieve your goal.
4 . झूठ के पाँव नहीं होते।
Lies have no legs.
5 . कक्षा में अपना पाठ ध्यान से पढ़ो।
Read your lesson carefully in class.
6 . समय का सदुपयोग करना सीखो।
Learn to utilize time wisely.
7 . दीन-दुखियों की सेवा करने से पुण्य प्राप्त होता है।
One gains virtue by serving the poor and the destitute.
8 . राम ने रावण को बाण से मारा।
Ram killed Ravana with an arrow.
9 . क्या तुम आज विद्यालय नहीं गये?
Did you not go to school today?
10 . श्री राम को चौदह वर्ष का वनवास हुआ।
Sri Ram was exiled for fourteen years.
अभ्यास 3 –
1 . पेड़ से पत्ते गिरते हैं।
The leaves fall from the tree.
2 . राजा हरिश्चन्द्र ने कभी झूठ नहीं बोला।
King Harishchandra never told a lie.
3 . राजा दशरथ के चार पुत्र हुए।
King Dasharatha had four sons.
4 . राम का राज्य त्रेतायुग में था।
Ram’s kingdom was in Treta Yuga.
5 . श्रीकृष्ण ने द्वापरयुग में जन्म लिया।
Shri Krishna was born in Dwaparyuga.
6 . श्रीकृष्ण की माता देवकी व् यशोदा हैं।
The mothers of Shri Krishna are Devaki and Yashoda.
7 . भारत के वीर सैनिकों ने हमेशा अपने देश की रक्षा की।
The brave soldiers of India always protected their country.
8 . मेरे भाई ने आज विद्यालय की सभा में भाषण दिया।
My brother gave a speech in the school assembly today.
9 . मेरे पिता मुझसे मिलने आ रहे हैं।
My father is coming to meet me.
10 . राम श्याम के साथ खेलता है।
Ram plays with Shyam.
अभ्यास 4 –
1 . मेरे घर में नौ सदस्य हैं।
There are nine members in my family.
2 . बालक घर जाकर खाना खाएगा।
The boy will go home and eat.
3 . हमें सड़क में नहीं दौड़ना चाहिए।
We should not run in the road.
4 . राजा ब्राह्मण को गाय दान करता है।
The king donates a cow to the Brahmin.
5 . बालक को नित्य दूध पीना चाहिए।
The child should drink milk daily.
6 . कल हम सब घूमने जाएंगे।
We will all go for a walk tomorrow.
7 . बंदर वृक्ष पर रहता है।
The monkey lives on the tree.
8 . तू किताब पढ़।
You read the book.
9 . प्राचीन काल में शिष्य गुरु के पास अध्ययन के लिए जाता था।
In ancient times, the disciple used to go to the Guru for studies.
10 . हमारा व्यवसाय कृषि है।
Our business is agriculture.
अभ्यास 5 –
1 . रमन अपनी कक्षा का श्रेष्ठतम छात्र है।
Raman is the best student of his class.
2 . तुम खाना खाओ।
You eat food.
3 . सभी ग्रह सूरज के चारों ओर घूमते हैं।
All planets revolve around the sun.
4 . हम तीन बहनें और एक भाई हैं।
We are three sisters and one brother.
5 . गङ्गा का उद्गम हिमालय से होता है।
Ganga originates from the Himalayas.
6 . कालिदास सभी कवियों में सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं।
Kalidas is considered the best among all poets.
7 . गुरु शिष्य को उपदेश देता है।
The Guru gives advice to the disciple.
8 . विद्या विनम्रता प्रदान करती है।
Education imparts humility.
9 . श्रीकृष्ण अर्जुन को धर्मयुद्ध का उपदेश देते हैं।
Shri Krishna preaches Dharmayuddha to Arjuna.
10 . हिमालय पर्वत श्रृंखला सबसे विशाल है।
The Himalaya mountain range is the largest.
उत्तरमाला (Answer)
अभ्यास 1 –
1 . याचकानां दानं गुणकर्म भवति।
2 . प्रतिदिनं वयं मन्दिरं गन्तव्यम्।
3 . ते सर्वे संस्कृतं पठन्ति।
4 . मातापितरः स्वसन्ततिं निःशर्तं प्रेम कुर्वन्ति।
5 . सः श्वः शिमला गमिष्यति।
6 . अहम् अद्य विद्यालयं न गमिष्यामि।
7 . श्वः भवान् किं कार्यं करिष्यसि ?
8 . सः इदानीं स्वगृहं गन्तव्यः।
9 . ईश्वरः सर्वेषां कृते आशीर्वादं ददातु।
10 . अस्माकं चिन्ता मा कुरु।
अभ्यास 2 –
1 . अस्माभिः प्रातःकाले उत्थातव्यम्।
2 . सैनिकाः देशस्य रक्षणार्थं सज्जाः सन्ति।
3 . उत्तिष्ठ, जाग्रत, यावत् भवन्तः स्वलक्ष्यं न प्राप्नुवन्ति तावत् मा स्थगयन्तु।
4 . असत्यस्य पादौ नास्ति।
5 . कक्षायां स्वपाठं सम्यक् पठन्तु।
6 . कालस्य सदुपयोगं कर्तुं शिक्षन्तु।
7 . दरिद्राणां निपीडितानां च सेवां कृत्वा गुणं लभते।
8 . रामः बाणेन रावणं हत्वा |
9 . अद्य त्वं विद्यालयं न गतवान् वा?
10 . श्रीरामः चतुर्दशवर्षपर्यन्तं निर्वासितः अभवत्।
अभ्यास 3 –
1 . वृक्षेभ्यः पत्राणि पतन्ति।
2 . राजा हरिशचन्द्रः कदापि मृषा न अवदत्।
3 . राजा दशरथस्य चत्वारः पुत्राः आसन्।
4 . रामस्य राज्यं त्रेतायुगे आसीत्।
5 . श्रीकृष्णस्य जन्म द्वापरियुगे अभवत्।
6 . श्रीकृष्णस्य माता देवकी यशोदा च।
7 . भारतस्य वीरसैनिकाः सर्वदा स्वदेशस्य रक्षणं कुर्वन्ति स्म ।
8 . अद्य मम भ्राता विद्यालयसभायां भाषणं दत्तवान्।
9 . मम पिता मां मिलितुं आगच्छन्ति।
10 . रामः श्यामेन सह क्रीडति।
अभ्यास 4 –
1 . मम गृहे नव सदस्याः सन्ति।
2 . बालकः गृहं गत्वा भोजनं खादिष्यति।
3 . अस्माभिः मार्गे न धावितव्यम्।
4 . नृपत: विप्राय धेनुः दानं करोति।
5 . बालः नित्यं दुग्धं पिबेत् ।
6 . श्वः वयं सर्वे भ्रमणार्थं गमिष्यामः।
7 . वानरः वृक्षे निवसति।
8 . त्वं पुस्तकं पठ।
9 . प्राचीनकाले शिष्यः अध्ययनार्थं गुरुं गच्छति स्म ।
10 . अस्माकं व्यापारः कृषिः एव अस्ति।
अभ्यास 5 –
1 . रमणः स्वकक्षायाः सर्वोत्तमः छात्रः अस्ति।
2 . त्वं भोजनं खादय।
3 . सर्वे ग्रहाः सूर्यं परितः परिभ्रमन्ति ।
4 . वयं त्रीणि भगिन्यः एकः भ्राता च।
5 . गङ्गायाः उत्पत्तिः हिमालयात् भवति ।
6 . कालिदासः सर्वेषु कविषु श्रेष्ठः इति मन्यते।
7 . गुरुः शिष्याय उपदेशं ददाति।
8 . विद्या ददाति विनयम्।
9 . श्री कृष्णः अर्जुनं प्रति धार्मिकयुद्धस्य प्रचारं करोति।
10 . हिमालयस्य पर्वतशृङ्खला अस्याः बृहत्तमः अस्ति।