CBSE Class 9 Hindi Chapter 4 Sawle Sapno Ki Yaad (साँवले सपनों की याद) Question Answers (Important) from Kshitij Book
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- Sawle Sapno Ki Yaad NCERT Solutions
- Sawle Sapno Ki Yaad Extract Based Questions
- Sawle Sapno Ki Yaad Multiple choice Questions
- Sawle Sapno Ki Yaad Extra Question Answers
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Sawle Sapno Ki Yaad Chapter 4 NCERT Solutions
1. किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?
उत्तर- सालिम अली के जीवन की दिशा को बदलने वाली घटना उनके बचपन से जुड़ी है, जब उनकी एयरगन से घायल होकर नीले कंठ की एक गोरैया गिर पड़ी। यह घटना उनके भीतर पक्षियों के प्रति गहरी जिज्ञासा और प्रेम जगाने का कारण बनी। इसके बाद, वह पक्षियों को समझने और उनकी देखभाल के लिए जुट गए। यही गोरैया उनकी खोज और शोध के नए-नए रास्तों की प्रेरणा बनती रही।
2. सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?
उत्तर- सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सामने केरल की ‘साइलेंट वैली’ को रेगिस्तानी हवा के झोंकों से बचाने का अनुरोध किया था। उन्होंने पर्यावरण के संभावित खतरों का ऐसा प्रभावशाली चित्र खींचा, जिसमें यह बताया गया होगा कि यदि साइलेंट वैली जैसे वन क्षेत्र नष्ट हो गए, तो इसका पर्यावरण, और पक्षियों पर कितना गंभीर प्रभाव पड़ेगा। उनकी बातों ने चौधरी चरण सिंह को इतना प्रभावित किया कि उनकी आँखें नम हो गईं।
3. लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?”
उत्तर- लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने यह कहा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है,” क्योंकि लॉरेंस का जीवन बहुत सादा और प्रकृति के करीब था। वह इतने सरल और खुले इंसान थे कि उनके बारे में गोरैया जैसी छोटी चीज़ भी समझ सकती थी, जिसे शब्दों में बताना मुश्किल था।
4. आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक ज़िंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
उत्तर- यह वाक्य इस बात को स्पष्ट करता है कि सालिम अली का जीवन पूरी तरह से प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ था, जैसे कि डी.एच. लॉरेंस का था।
“नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप” होने का मतलब है कि सालिम अली ने अपना जीवन प्रकृति की सरलता और उसकी गहराई को समझने और उसके साथ जीने में बिताया।
(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा!
उत्तर- इस वाक्य का आशय यह है कि जब कोई चीज़ अपने जीवन की अंतिम अवस्था में पहुँच जाती है, तो उसे वापस लाना असंभव हो जाता है, चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले।
(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
उत्तर- इस वाक्य का आशय यह है कि सालिम अली ने प्रकृति और पक्षियों के प्रति अपने प्रेम और त्याग को सीमित दायरे तक नहीं रखा। उन्होंने इसे इतना व्यापक (फैला हुआ) और गहरा बना दिया कि उनका योगदान किसी एक क्षेत्र, विषय, या स्थान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने प्रकृति और पर्यावरण को गहराई से समझा और उसे अपनाया।
“टापू बनने की बजाए अथाह सागर” का मतलब है कि उन्होंने अपने ज्ञान, कार्यों, और सोच को सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे पूरी दुनिया में फैलाया।
5. इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
1. लेखक की भाषा काव्यात्मक है, जैसे- साँवले सपनों का हुजूम मौत की खामोश वादी की तरफ अग्रसर है।
2. भाषा-शैली भावनात्मक है-
जब तक वो नहीं लौटते, क्या उन्हें गया हुआ मान लिया जाए!
मेरी आँखें नम हैं, सालिम अली, तुम लौटोगे ना!
3. भाषा में गहरा संदेश और जीवन-दर्शन प्रस्तुत किया गया है, जैसे- जटिल प्राणियों के लिए सालिम अली हमेशा एक पहेली बने रहेंगे।
4. भाषा में सामाजिक सन्दर्भ है, जैसे- सालिम अली ने केरल की ‘साइलेंट वैली’ को बचाने का अनुरोध किया।
6. इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- लेखक ने सालिम अली को एक समर्पित और प्रकृति प्रेमी व्यक्ति के रूप में चित्रित किया है। वे पूरी तरह से पक्षियों और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए समर्पित थे। उनका जीवन सरल, सहज और प्रकृति से गहरा जुड़ा हुआ था।
‘7. साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर- “साँवले सपनों की याद” शीर्षक की सार्थकता इस बात में है कि यह जीवन और मृत्यु के बीच के अंतर को दर्शाता है। “साँवले सपने” प्रकृति, पक्षियों और सालिम अली के जीवन के गहरे संबंधों का प्रतीक हैं। यह शीर्षक उनकी यात्रा और उनकी यादों को संजोने की भावना को व्यक्त करता है। मौत के बाद भी उनका काम और समर्पण हमारे विचारों में जीवित रहता है। इस शीर्षक से उनके जीवन के अंतिम क्षणों की यादें जुड़ी हुईं हैं।
रचना और अभिव्यक्ति
8. प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं?
उत्तर- यह पाठ सालिम अली की प्रकृति और पर्यावरण के प्रति गहरी चिंता को बताता है। वे हमेशा पक्षियों और पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करते थे। हम भी अपने आसपास के पर्यावरण को बचाने के लिए छोटे-छोटे कदम उठा सकते हैं, जैसे वृक्षारोपण करना, जल और ऊर्जा का संरक्षण करना, और प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास करना। हमें कचरा फैलाने से बचना चाहिए और पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने में योगदान देना चाहिए। इन सरल उपायों से हम पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं।
पाठेतर सक्रियता
1. अपने घर या विद्यालय के नजदीक आपको अक्सर किसी पक्षी को देखने का मौका मिलता होगा। उस पक्षी का नाम, भोजन, खाने का तरीका, रहने की जगह और अन्य पक्षियों से संबंध आदि के आधार पर एक चित्रात्मक विवरण तैयार करें।
उत्तर-
पक्षी का नाम: कबूतर
भोजन: कबूतर मुख्य रूप से अनाज, बीज और फल खाते हैं। कभी-कभी ये छोटे कीड़े भी खा सकते हैं।
खाने का तरीका: कबूतर जमीन पर या इमारतों के आसपास अपना भोजन ढूंढते हैं। वे बीजों को चोंच से चुनते हैं और धीरे-धीरे खाते हैं।
रहने की जगह: कबूतर खुले स्थानों पर, जैसे इमारतों की छतों, पेड़ों की शाखाओं, और पुलों के नीचे रहते हैं। वे अपनी बस्तियाँ ऊँची जगहों पर बनाते हैं ताकि उन्हें शिकारियों से बचाव मिल सके।
अन्य पक्षियों से संबंध: कबूतर शांतिपूर्ण होते हैं और आमतौर पर एक समूह में रहते हैं। वे अन्य कबूतरों के साथ आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन अपने इलाके के बारे में बहुत सख्त होते हैं। कभी-कभी अन्य पक्षियों से लड़ते भी हैं, खासकर भोजन के लिए।
Class 9 Hindi Sawle Sapno Ki Yaad – Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)
निम्नलिखित गद्याँशों को ध्यान पूर्वक पढ़िए और उत्तर दीजिये-
1. सुनहरे परिंदों के खूबसूरत पंखों पर सवार सॉंवले सपनों का एक हुजूम मौत की खामोश वादी की तरफ़ अग्रसर है। कोई रोक–टोक सके, कहाँ संभव है।
इस हुजूम में आगे–आगे चल रहे हैं, सालिम अली। अपने कंधों पर, सैलानियों की तरह अपने अंतहीन सफ़र का बोझ उठाए। लेकिन यह सफ़र पिछले तमाम सफ़रों से भिन्न है। भीड़–भाड़ की ज़िंदगी और तनाव के माहौल से सालिम अली का यह आखिरी पलायन है। अब तो वो उस वन–पक्षी की तरह प्रकृति में विलीन हो रहे हैं, जो ज़िंदगी का आखिरी गीत गाने के बाद मौत की गोद में जा बसा हो। कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा!
मुझे नहीं लगता, कोई इस सोए हुए पक्षी को जगाना चाहेगा। वर्षों पूर्व, खुद सालिम अली ने कहा था कि लोग पक्षियों को आदमी की नज़र से देखना चाहते हैं। यह उनकी भूल है, ठीक उसी तरह, जैसे जंगलों और पहाड़ों, झरनों और आबशारों को वो प्रकृति की नज़र से नहीं, आदमी की नज़र से देखने को उत्सुक रहते हैं। भला कोई आदमी अपने कानों से पक्षियों की आवाज़ का मधूर संगीत सुनकर अपने भीतर रोमांच का सोता फूटता महसूस कर सकता है? एहसास की ऐसी ही एक ऊबड़–खाबड़ ज़मीन पर जन्मे मिथक का नाम है, सालिम अली।
1. इस पंक्ति में “साँवले सपनों का एक हुजूम मौत की खामोश वादी की तरफ अग्रसर है” से क्या अभिप्रेत है?
(क) पक्षियों का उड़ना
(ख) जीवन के अंतिम चरण की ओर बढ़ना
(ग) खुशी की ओर बढ़ना
(घ) प्रकृति का बदलाव
उत्तर: (ख) जीवन के अंतिम चरण की ओर बढ़ना
2. लेखक ने सालिम अली को किस तरह के पक्षी से जोड़ा है?
(क) एक उड़ते हुए पक्षी
(ख) एक शिकार करने वाले पक्षी
(ग) एक सोते हुए पक्षी
(घ) एक रंगीन पक्षी
उत्तर: (ग) एक सोते हुए पक्षी
3. सालिम अली की अंतिम यात्रा किस प्रकार से भिन्न थी?
उत्तर: यह यात्रा पिछले सभी सफरों से भिन्न थी, क्योंकि यह उनका अंतिम पलायन था, जिसमें वह प्रकृति में विलीन हो रहे थे।
4. सालिम अली ने पक्षियों को किस नजर से देखा था?
उत्तर: सालिम अली ने पक्षियों को आदमी की नजर से नहीं, बल्कि प्रकृति की नजर से देखा था।
5. सालिम अली के अनुसार लोग पक्षियों को किस नजर से देखते हैं?
उत्तर: सालिम अली ने कहा था कि लोग पक्षियों को आदमी की नजर से देखते हैं, जो गलत है, क्योंकि पक्षियों को प्रकृति की नजर से देखना चाहिए।
2. पता नहीं, इतिहास में कब कृष्ण ने वृंदावन में रासलीला रची थी और शोख गोपियों को अपनी शरारतों का निशाना बनाया था। कब माखन भरे भॉंड़े फोड़े थे और दूध–छाली से अपने मुँह भरे थे। कब वाटिका में, छोटे–छोटे किंतु घने पेड़ों की छॉंह में विश्राम किया था। कब दिल की धड़कनों को एकदम से तेज़ करने वाले अंदाज़ में बंसी बजाई थी। और, पता नहीं, कब वृंदावन की पूरी दुनिया संगीतमय हो गई थी। पता नहीं, यह सब कब हुआ था। लेकिन कोई आज भी वृंदावन जाए तो नदी का सॉंवला पानी उसे पूरे घटना–क्रम की याद दिला देगा। हर सुबह, सूरज निकलने से पहले, जब पतली गलियों से उत्साह भरी भीड़ नदी की ओर बढ़ती है, तो लगता है जैसे उस भीड़ को चीरकर अचानक कोई सामने आएगा और बंसी की आवाज़ पर सब किसी के कदम थम जाएँगे। हर शाम सूरज ढलने से पहले, जब वाटिका का माली सैलानियों को हिदायत देगा तो लगता है जैसे बस कुछ ही क्षणों में वो कहीं से आ टपकेगा और संगीत का जादू वाटिका के भरे–पूरे माहौल पर छा जाएगा। वृंदावन कभी कृष्ण की बॉंसुरी के जादू से खाली हुआ है क्या!
1. कृष्ण ने वृंदावन में रासलीला कब रची थी?
(क) कोई नहीं जानता
(ख) आदिकाल में
(ग) समकालीन समय में
(घ) किसी खास दिन
उत्तर: (क) कोई नहीं जानता
2. वृंदावन की वाटिका में क्या महसूस होता था?
(क) केवल शांति
(ख) संगीत का जादू
(ग) केवल भीड़
(घ) केवल माली की हिदायतें
उत्तर:(ख) संगीत का जादू
3. कृष्ण ने वृंदावन में रासलीला कब रची थी?
उत्तर: लेखक ने कहा है कि यह समय कोई नहीं जानता, लेकिन वृंदावन की नदी और वातावरण में उसकी यादें आज भी जीवित हैं।
4. वृंदावन की नदी और सुबह की भीड़ क्या दर्शाती है?
उत्तर: यह कृष्ण की रासलीला और बंसी की धुन की याद दिलाती है, जैसे वे अचानक प्रकट होकर सबको मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
5. वृंदावन में संगीत का जादू कब महसूस होता था?
उत्तर: यह संगीत तब महसूस होता था जब सूरज ढलने के पहले वाटिका में सैलानी आते थे और कृष्ण के संगीत की ध्वनि वातावरण में गूंज उठती थी।
3. मिथकों की दुनिया में इस सवाल का जवाब तलाश करने से पहले एक नज़र कमज़ोर काया वाले उस व्यक्ति पर डाली जाए जिसे हम सालिम अली के नाम से जानते हैं। उम्र को शती तक पहुँचने में थोड़े ही दिन तो बच रहे थे। संभव है, लंबी यात्राओं की थकान ने उनके शरीर को कमज़ोर कर दिया हो, और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी उनकी मौत का कारण बनी हो। लेकिन अंतिम समय तक मौत उनकी आँखों से वह रोशनी छीनने में सफल नहीं हुई जो पक्षियों की तलाश और उनकी हिफ़ाज़त के प्रति समर्पित थी। सालिम अली की आँखों पर चढ़ी दूरबीन उनकी मौत के बाद ही तो उतरी थी।
उन जैसा ‘बर्ड वाचर’ शायद ही कोई हुआ हो। लेकिन एकांत क्षणों में सालिम अली बिना दूरबीन भी देखे गए हैं। दूर क्षितिज तक फैली ज़मीन और झुके आसमान को छूने वाली उनकी नज़रों में कुछ–कुछ वैसा ही जादू था, जो प्रकृति को अपने घेरे में बॉंध लेता है। सालिम अली उन लोगों में थे जो प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाए प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल होते हैं। उनके लिए प्रकृति में हर तरफ़ एक हँसती–खेलती रहस्य भरी दुनिया पसरी थी। यह दुनिया उन्होंने बड़ी मेहनत से अपने लिए गढ़ी थी। इसके गढ़ने में उनकी जीवन–साथी तहमीना ने काफ़ी मदद पहुँचाई थी। तहमीना स्कूल के दिनों में उनकी सहपाठी रही थीं।
1. सालिम अली के लिए उनकी आँखों पर चढ़ी दूरबीन का क्या महत्व था?
(क) वह केवल एक उपकरण थी
(ख) वह केवल शौक के लिए थी
(ग) वह हमेशा उनकी आँखों में रहती थी
(घ) वह उनकी मृत्यु के बाद ही उतरी
उत्तर: (घ) वह उनकी मृत्यु के बाद ही उतरी
2. सालिम अली के दृष्टिकोण के अनुसार, प्रकृति के प्रति उनका दृष्टिकोण क्या था?
(क) वह प्रकृति को कठिन समझते थे
(ख) वह प्रकृति को अपने प्रभाव में लाना चाहते थे
(ग) वह प्रकृति से डरते थे
(घ) वह प्रकृति में कोई रहस्य नहीं पाते थे
उत्तर: (ख) वह प्रकृति को अपने प्रभाव में लाना चाहते थे
3. सालिम अली को ‘बर्ड वाचर’ क्यों कहा गया?
(क) क्योंकि वह पक्षियों का अध्ययन करते थे
(ख) क्योंकि वह पक्षियों के शिकार करते थे
(ग) क्योंकि वह केवल पक्षियों को पालते थे
(घ) क्योंकि वह पक्षियों की देखभाल नहीं करते थे
उत्तर: (क) क्योंकि वह पक्षियों का अध्ययन करते थे
4. सालिम अली के लिए प्रकृति को किस तरह से देखना महत्वपूर्ण था?
उत्तर: सालिम अली के लिए, प्रकृति को अपने प्रभाव में लाना अधिक महत्वपूर्ण था, न कि केवल उसके प्रभाव में आना।
5. सालिम अली की जीवन-साथी तहमीना का उनके काम में क्या योगदान था?
उत्तर: तहमीना ने सालिम अली को प्रकृति और पक्षियों के अध्ययन में सहायता दी और उनका जीवन-साथी बनने से पहले वे स्कूल में सहपाठी थे।
4. सालिम अली ने अपनी आत्मकथा का नाम रखा था ‘फॉल ऑफ ए स्पैरो’ (Fall of a Sparrow)। मुझे याद आ गया, डी एच लॉरेंस की मौत के बाद लोगों ने उनकी पत्नी फ्रीडा लॉरेंस से अनुरोध किया कि वह अपने पति के बारे में कुछ लिखे। फ्रीडा चाहती तो ढेर सारी बातें लॉरेंस के बारे में लिख सकती थी। लेकिन उसने कहा – मेरे लिए लॉरेंस के बारे में कुछ लिखना असंभव–सा है। मुझे महसूस होता है, मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है मुझसे भी ज़्यादा जानती है। वो सचमुच इतना खुला–खुला और सादा–दिल आदमी था। मुमकिन है, लॉरेंस मेरी रगों में, मेरी हड्डियों में समाया हो। लेकिन मेरे लिए कितना कठिन है, उसके बारे में अपने अनुभवों को शब्दों का जामा पहनाना। मुझे यकीन है, मेरी छत पर बैठी गोरैया उसके बारे में, और हम दोनों ही के बारे में, मुझसे ज़्यादा जानकारी रखती है।
1. फ्रीडा लॉरेंस को क्यों लगता था कि गोरैया उनके पति के बारे में अधिक जानती है?
उत्तर: फ्रीडा को लगता था कि गोरैया उनके पति के बारे में अधिक जानती है क्योंकि लॉरेंस इतने सादा और खुले दिल वाले व्यक्ति थे।
2. फ्रीडा लॉरेंस ने अपने अनुभवों को शब्दों में क्यों नहीं उतारा?
उत्तर: फ्रीडा के लिए अपने अनुभवों को शब्दों में व्यक्त करना कठिन था, और वह इसे गोरैया के द्वारा आसानी से समझने की बात मानती थीं।
3. फ्रीडा लॉरेंस ने लॉरेंस के बारे में कैसे महसूस किया?
उत्तर: फ्रीडा ने महसूस किया कि लॉरेंस उनके रगों में समाया हुआ था, और उनके बारे में लिखना उसके लिए असंभव जैसा था।
4. फ्रीडा लॉरेंस ने अपने पति डी. एच. लॉरेंस के बारे में क्यों नहीं लिखा?
(क) क्योंकि वह उनके बारे में कुछ नहीं जानती थीं
(ख) क्योंकि वह बहुत व्यस्त थीं
(ग) क्योंकि वह उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर पा रही थीं
(घ) क्योंकि वह उनकी किताबें पसंद नहीं करती थीं
उत्तर: (ग) क्योंकि वह उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर पा रही थीं
5. सालिम अली द्वारा लिखित आत्मकथा का नाम __________ है:
(क) इन द कंपनी ऑफ़ बर्ड्स
(ख) विंग्स ऑफ़ द वाइल्ड
(ग) सांग्स ऑफ़ द स्काई
(घ) फॉल ऑफ ए स्पैरो
उत्तर- (घ) फॉल ऑफ ए स्पैरो
Class 9 Hindi A Kshitij Lesson 4 Sawle Sapno Ki Yaad Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. ‘सालिम अली’ के बारे में किस शब्द का उपयोग किया गया है?
(क) महान पक्षी विशेषज्ञ
(ख) बर्ड वॉचर
(ग) प्रकृति प्रेमी
(घ) इन सभी के रूप में
उत्तर: (घ) इन सभी के रूप में
2. ‘सालिम अली’ की आत्मकथा का नाम क्या था?
(क) फ्लाइट ऑफ अ स्पैरो
(ख) फॉल ऑफ ए स्पैरो
(ग) नेचर इन द वाइल्ड
(घ) बर्ड्स इन द विंड
उत्तर: (ख) फॉल ऑफ ए स्पैरो
3. सालिम अली ने अपनी आँखों पर क्या पहना था?
(क) चश्मा
(ख) दूरबीन
(ग) नेचर गॉगल्स
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ख) दूरबीन
4. ‘वृंदावन’ में कृष्ण के बारे में किस प्रकार के विचार व्यक्त किए गए हैं?
(क) कृष्ण के रासलीला
(ख) कृष्ण के माखन चोरी
(ग) कृष्ण की बंसी का जादू
(घ) इन सभी के बारे में
उत्तर: (घ) इन सभी के बारे में
5. सालिम अली के बारे में कहा गया था कि वह जटिल प्राणियों के लिए हमेशा एक …… बने रहेंगे।
(क) शिक्षक
(ख) अभिनेता
(ग) राजनेता
(घ) पहेली
उत्तर: (घ) पहेली
6. सालिम अली की मृत्यु का कारण क्या था?
(क) कैंसर
(ख) दुर्घटना
(ग) हृदय रोग
(घ) प्राकृतिक कारण
उत्तर: (क) कैंसर
7. सालिम अली का किससे गहरा संबंध था?
(क) पहाड़ों से
(ख) जंगलों से
(ग) पक्षियों से
(घ) समुद्र से
उत्तर: (ग) पक्षियों से
8. सालिम अली की जीवन साथी कौन थीं?
(क) मंजू
(ख) तहमीना
(ग) शारदा
(घ) वहीदा
उत्तर: (ख) तहमीना
9. सालिम अली की पहचान किस क्षेत्र से जुड़ी हुई थी?
(क) साहित्य
(ख) पर्यावरण और पक्षी अध्ययन
(ग) गणित
(घ) संगीत
उत्तर: (ख) पर्यावरण और पक्षी अध्ययन
10. लेखक ने यह क्यों कहा था कि ‘सालिम अली’ एक मिथक बन गए हैं?
(क) उनकी प्रसिद्धि इतनी बढ़ी कि वे एक मिथक बन गए
(ख) वे सिर्फ एक पक्षी विशेषज्ञ नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन गए
(ग) वे साधारण थे, लेकिन समाज में बदलाव लाए
(घ) इन सभी कारणों से
उत्तर: (घ) इन सभी कारणों से
11. सालिम अली के बारे में फ्रीडा लॉरेंस ने क्या कहा था?
(क) वह एक महान लेखक थे
(ख) वह एक खुले दिल वाले व्यक्ति थे
(ग) वह दुनिया के सबसे बड़े पक्षी विशेषज्ञ थे
(घ) वह खतरनाक व्यक्ति थे
उत्तर: (ख) वह एक खुले दिल वाले व्यक्ति थे
12. सालिम अली ने अपनी किस इच्छा को पूरा किया?
(क) उन्होंने पक्षियों के बारे में किताब लिखी
(ख) उन्होंने बंसी बजाई
(ग) उन्होंने पर्यावरण और पक्षियों के बारे में जागरूकता फैलाई
(घ) उन्होंने राजनीति में भाग लिया
उत्तर: (ग) उन्होंने पर्यावरण और पक्षियों के बारे में जागरूकता फैलाई
13. सालिम अली को विशेष रूप से किससे सहायता मिली थी?
(क) उनके बच्चों से
(ख) उनकी जीवन-साथी तहमीना से
(ग) उनके दोस्तों से
(घ) उनके प्रशिक्षकों से
उत्तर: (ख) उनकी जीवन-साथी तहमीना से
14. सालिम अली का दृष्टिकोण प्रकृति को लेकर किस तरह का था?
(क) प्रकृति से डरते थे
(ख) प्रकृति से बोर हो चुके थे
(ग) प्रकृति को अपने प्रभाव में लाना चाहते थे
(घ) प्रकृति से शांति महसूस करते थे
उत्तर: (ग) प्रकृति को अपने प्रभाव में लाना चाहते थे
15. सालिम अली ने किस प्रधानमंत्री से मिलकर ‘साइलेंट वैली’ को बचाने का अनुरोध किया था?
(क) नेहरू
(ख) इंदिरा गांधी
(ग) चौधरी चरण सिंह
(घ) मनमोहन सिंह
उत्तर: (ग) चौधरी चरण सिंह
16. सालिम अली का कौन सा सिद्धांत था?
(क) प्रकृति को अपनी नज़र से देखो
(ख) पक्षियों को मनुष्य की नज़र से देखो
(ग) सभी को समान समझो
(घ) सभी को गुस्से से देखो
उत्तर: (क) प्रकृति को अपनी नज़र से देखो
17. सालिम अली की एयरगन से घायल होकर गिरने वाला पक्षी _________ था
(क) कोयल
(ख) मोर
(ग) कबूतर
(घ) गोरैया
उत्तर: (घ) गोरैया
18. सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए क्या बनकर उभरे थे?
(क) वादी
(ख) सागर
(ग) नदी
(घ) झरना
उत्तर- (ख) सागर
19. ‘यायावरी’ से क्या तात्पर्य है?
(क) घुमक्कड़ी
(ख) शिक्षक
(ग) पाठक
(घ) युद्ध करने वाला
उत्तर- (क) घुमक्कड़ी
20. ‘पलायन’ का अर्थ है:
(क) अध्ययन करना
(ख) अन्य जगह चले जाना
(ग) पक्षी को पालना
(घ) पढ़ना
उत्तर- (ख) अन्य जगह चले जाना
Sawle Sapno Ki Yaad Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)
प्रश्न 1: सालिम अली का सफ़र पिछले तमाम सफ़रों से कैसे भिन्न था?
उत्तर: सालिम अली का यह सफ़र भीड़-भाड़ और तनाव से पलायन का प्रतीक था। यह उनके जीवन का आखिरी सफ़र था, जो उन्हें प्रकृति में विलीन कर रहा था, ठीक वैसे जैसे कोई वन-पक्षी अपनी ज़िंदगी का आखिरी गीत गाने के बाद मृत्यु को गले लगाता है।
प्रश्न 2: सालिम अली ने साइलेंट वैली को बचाने के लिए क्या प्रयास किया?
उत्तर: सालिम अली ने केरल की ‘साइलेंट वैली’ को रेगिस्तानी हवा से बचाने के लिए प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से अनुरोध किया। उनकी चिंता ने चौधरी साहब की आँखें नम कर दी थीं।
प्रश्न 3: सालिम अली की आत्मकथा का नाम क्या था, और इसका क्या महत्व है?
उत्तर: सालिम अली की आत्मकथा का नाम ‘फॉल ऑफ ए स्पैरो’ था। यह नाम उनके बचपन की उस घटना से प्रेरित है, जब उनकी एयरगन से घायल एक गोरैया ने उन्हें पक्षियों के प्रति समर्पण के नए रास्तों पर चलने के लिए प्रेरित किया।
प्रश्न 4: डी.एच. लॉरेंस की पत्नी ने उनके बारे में क्या कहा?
उत्तर: डी.एच. लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने कहा कि उनके पति इतने खुले और सरल व्यक्ति थे कि उनकी छत पर बैठी गोरैया उनके बारे में ज़्यादा जानती है।
प्रश्न 5: सालिम अली की जीवन-संगिनी तहमीना ने उनके जीवन में क्या भूमिका निभाई?
उत्तर: तहमीना ने सालिम अली की प्रकृति के प्रति रुचि और उनके सपनों को पूरा करने में मदद की। वह उनके स्कूल की सहपाठी थीं और उनके जीवन की सहायक रहीं।
प्रश्न 6: सालिम अली के प्रकृति के प्रति समर्पण को कैसे व्यक्त किया गया है?
उत्तर: सालिम अली की दूरबीन उनकी मृत्यु के बाद ही उनकी आँखों से हटी। यह उनके पक्षियों की तलाश और उनकी सुरक्षा के प्रति गहरे समर्पण को दर्शाता है।
प्रश्न 7: कृष्ण की बाँसुरी से वृंदावन का क्या संबंध है?
उत्तर: कृष्ण की बाँसुरी की मधुर ध्वनि वृंदावन को संगीतमय बना देती थी। आज भी वृंदावन का वातावरण और नदी का पानी उस इतिहास की याद दिलाते हैं।
प्रश्न 8: सालिम अली की यायावरी का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: उनकी यायावरी ने लोगों को पक्षियों और प्रकृति के महत्व को समझने और उनकी रक्षा के लिए प्रेरित किया।
प्रश्न 9: सालिम अली को “टापू” बनने की बजाए “अथाह सागर” क्यों कहा गया है?
उत्तर: सालिम अली को “टापू” बनने की बजाए “अथाह सागर” इसलिए कहा गया है क्योंकि उन्होंने प्रकृति और पक्षियों के अध्ययन को गहराई से समझा है, जिससे उनका व्यक्तित्व सीमित न रहकर विशाल हो गया।
प्रश्न 10: सालिम अली के शरीर की कमजोरी और बीमारी के बावजूद उनकी कौन-सी चीज़ अप्रभावित रही?
उत्तर: सालिम अली के शरीर की कमजोरी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बावजूद उनकी आँखों की वह रोशनी अप्रभावित रही, जो पक्षियों की खोज और उनकी हिफाज़त के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती थी। यह समर्पण उनकी मृत्यु तक बना रहा।