CBSE Class 10 Sanskrit Grammar – Chitra Varnanam explanation, solved questions, tips

CBSE Class 10 Sanskrit Grammar Chitra Varnanam – कक्षा 10 संस्कृत – (चित्र वर्णनम्)

CBSE Class 10 Sanskrit Grammar – Chitra Varnanam (चित्र वर्णनम्) – इस भाग में हम कक्षा दसवीं संस्कृत के चित्र वर्णन नामक विषय के बारे में जानेंगे। विद्यार्थियों को परीक्षा में यह विषय हल करना पहाड़ पर चढ़ने के समान कठिन लगता है, तो यहाँ हम आपको बताएँगे कि परीक्षा में आप इस विषय को आसानी से कैसे हल कर सकते हैं। कैसे आप चित्र देख के शुद्ध वाक्यों का निर्माण कर सकते हैं ।

 

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Video for Explanation and Summary of the Chitra Varnanam

 

CBSE Class 10 Sanskrit Grammar Chitra Varnanam – चित्र वर्णनम्

(वाक्यों के निर्माण में कारक /विभक्तियों का ज्ञान आपको बहुत अधिक सहायता करता है। तो हम कारकों को जानेंगे कि वे किस तरह वाक्य निर्माण में सहायक हैं )

1. कर्ता – ने (राम जाता है)
(रामः गच्छति।)

कर्ता में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है।

 

2. कर्म – को (to) (बालक विद्यालय को जाता है )
(बालकः विद्यालयगच्छति।)

कर्म में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है।

 

3. करण – से (by), द्वारा (वह हाथ से लिखता है )
(सः हस्तेन खादति।)

करण में तृतीया विभक्ति का प्रयोग होता है।

 

4. सम्प्रदान – के लिये ,को (for) (निर्धन को धन देना चाहिए )
(निर्धनाय धनं देयं।)

सम्प्रदान में चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग होता है।

 

5. अपादान – से (from) अलगाव (पेड़ों से पत्तियाँ गिरती है )
(वृक्षात् पत्राणि पतन्ति।)

अपादान में पंचमी विभक्ति का प्रयोग होता है।

 

6. सम्बन्ध – का, की, के (of), रा, री, रे, ना, नी, ने, (राम दशरथ के पुत्र थे )
( रामः दशरथस्य पुत्रः आसीत्। )

सम्बन्ध में षष्ठी विभक्ति का प्रयोग होता है।

 

7. अधिकरण – में, पे, पर (in/on) (उसकघर में माता नहीं है )
(यस्य गृहे माता नास्ति,)

अधिकरण में सप्तमी विभक्ति का प्रयोग होता है।

 

8. सम्बोधन – हे, अरे, (हे राजन !मैं निर्दोष हूँ )
(हे राजन् ! अहं निर्दोषः।)

सम्बोधन में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है।

अब हम चित्र को देखकर और मञ्जूषा में दिए गए शब्दों की सहायता से पांच वाक्य संस्कृत में बनाएंगे

आपको परीक्षा में इस तरह से प्रश्न पूछा जाता है –

 

अधः प्रदत्तं चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां साहाय्येन पञ्च वाक्यानि संस्कृतेन लिखत –

(2 x 5=10)

इसका अर्थ है – नीचे दिए गए चित्र को देखकर और मञ्जूषा में दिए गए शब्दों की सहायता से पांच वाक्य संस्कृत में लिखिए –

 

chitra varnanam

 

मञ्जूषा-
(चन्द्रः ,उदेति ,नारिकेलवृक्षाः ,नदी ,नदीतटे ,अनेके ,वृक्षाः ,आकाशे ,मेघाः ,खगा ,स्वनीडेषु ,प्रविष्टाः )

(सबसे पहले आपको मञ्जूषा में दिए गए शब्दों का अर्थ पता होना चाहिए )

मञ्जूषा में दिए गए शब्दों का अर्थ-(चन्द्रमा ,वृद्धि /उगना ,नारियल के वृक्ष ,नदी ,नदी का किनारा, बहुत /अनेक ,पेड़ ,आकाश में ,बादल ,पक्षी ,अपने निवास स्थान ,प्रवेश करना )

अब हम संस्कृत में वाक्य बनाएंगे

(1)मञ्जूषा में दिए गए शब्द –
चन्द्रः ,उदेति (चन्द्रमा ,वृद्धि /उगना)
हिंदी में वाक्य –
शाम के समय चन्द्रमा उग रहा है।
संस्कृत अनुवाद –
सायंकाले चन्द्रः उदेति।

(2)मञ्जूषा में दिए गए शब्द –
(नदी)
हिंदी में वाक्य –
जंगल में ठंडी नदी बहती है।
संस्कृत अनुवाद –
वने शीतलम् नदी वहती।

(3)मञ्जूषा में दिए गए शब्द –
नारिकेलवृक्षाः ,नदीतटे ,अनेके ,वृक्षाः(नारियल के वृक्ष ,नदी का किनारा ,बहुत /अनेक ,पेड़ )
हिंदी में वाक्य –
नदी के किनारे बहुत सारे नारियल के वृक्ष हैं।
संस्कृत अनुवाद –
नदीतटे अनेकानि नरिकेलवृक्षाः सन्ति।

(4)मञ्जूषा में दिए गए शब्द –
आकाशे ,मेघाः(आकाश में ,बादल )
हिंदी में वाक्य –
आकाश में बादल हैं /छाए हुए हैं।
संस्कृत अनुवाद –
आकाशे मेघाः सन्ति /आच्छ्दन्ति।

(5)मञ्जूषा में दिए गए शब्द –
खगा ,स्वनीडेषु ,प्रविष्टाः(पक्षी ,अपने निवास स्थान ,प्रवेश करना )
हिंदी में वाक्य –
शाम के समय पक्षी अपने निवास स्थान में प्रवेश कर रहे हैं।
संस्कृत अनुवाद –
सांयकाले खगाः स्वनीडेषु प्रविष्टाः।

 

हम यहाँ एक और चित्र वर्णन का उदाहरण ले रहे हैं ताकि आपका थोड़ा और अभ्यास हो जाए –

 

chitra varnanam

मञ्जूषा –
(वाटिकायाम् ,पशवः ,परस्परं ,वृक्षः ,तडागस्य ,जलम् ,समीपे ,आगत्य ,पिबन्ति ,पक्षिणः ,अपि ,भल्लुकः , कुरङ्गः )

(सबसे पहले आपको मञ्जूषा में दिए गए शब्दों का अर्थ पता होना चाहिए )

मञ्जूषा में दिए गए शब्दों का अर्थ-(बगीचा ,पशु ,एक -दुसरे के साथ ,पेड़ ,तालाब ,पानी ,नजदीक, आना ,पीना ,पक्षी ,भी ,भालू ,हिरन )

अब हम संस्कृत में वाक्य बनाएंगे
(1)मञ्जूषा में दिए गए शब्द –
वाटिकायाम् (बगीचा)
हिंदी में वाक्य –
यह एक बागीचे का चित्र है।
संस्कृत अनुवाद –
इदम् वाटिकाया चित्रम् अस्ति।

(2)मञ्जूषा में दिए गए शब्द –
वाटिकायाम् ,पशवः ,परस्परं ,पक्षिणः, कुरङ्गः (बगीचा, पशु, एक -दुसरे के साथ, पक्षी, हिरन)
हिंदी में वाक्य –
बगीचे में पशु ,पक्षी ,हिरन एक -दूसरे के साथ प्यार से रहते हैं।
संस्कृत अनुवाद –
वाटिकायाम पशवः, पक्षिणः, कुरङ्गः, परस्पर स्नेहेन वसन्तिस्म।

(3)मञ्जूषा में दिए गए शब्द –
पक्षिणः, तडागस्य, समीपे ,आगत्य, जलम्, पिबन्ति (पक्षी, तालाब, नजदीक, आना, पानी, पीना)
हिंदी में वाक्य –
पक्षी तालाब के समीप आकर पानी पीते हैं।
संस्कृत अनुवाद –
पक्षिणः तडागस्य समीपे आगत्य जलम् पिबन्ति।

(4)मञ्जूषा में दिए गए शब्द –
अपि ,भल्लुकः (भी ,भालू)
हिंदी में वाक्य –
भालू भी वहाँ रहता है।
संस्कृत अनुवाद –
भल्लूकः अपि तत्र वसति।

(5)मञ्जूषा में दिए गए शब्द –
पक्षिणः (पक्षी)
हिंदी में वाक्य –
पक्षी आकाश में घूमते हैं।
संस्कृत अनुवाद –
पक्षिणः नभे /आकाशे विचरन्ति।