रामस्वरूप, प्रेमा, उमा, गोपाल प्रसाद और  शंकर का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Ram Swarup, Prema, Uma, Gopal Prasad and Shankar from CBSE Class 9 Hindi Kritika Book Chapter 3 रीढ़ की हड्डी

 

 

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रामस्वरूप का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Ram Swarup)

 

  1. साधारण व्यक्ति- रामस्वरूप एक साधारण मध्यमवर्गीय व्यक्ति हैं जो गृहस्थ जीवन को गंभीरता से निभाते हैं। वे अपने घर में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देते हैं, जैसे तख्त, चादर और दरियों की व्यवस्था।
  2. परिवार के मुखिया- वे घर के मुखिया हैं और नौकर व पत्नी को निर्देश देने में झिझकते नहीं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि सब कुछ उनकी योजना के अनुसार चले, खासकर जब कोई खास मेहमान आने वाला हो।
  3. थोड़े गुस्सैल, पर हँसमुख- रामस्वरूप का स्वभाव कभी-कभी गुस्सैल हो जाता है, खासकर जब कोई उनकी बात ठीक से न समझे। फिर भी वे हँसमुख हैं और बातों में हल्का-फुल्का मज़ाक भी करते रहते हैं।
  4. परंपराओं और सामाजिक मर्यादाओं के पक्षधर- वे परंपराओं का पालन करते हैं और चाहते हैं कि समाज में उनका मान-सम्मान बना रहे। बेटी की शादी में वे लड़के वालों की पसंद-नापसंद का पूरा ध्यान रखते हैं।
  5. बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित पिता- वे अपनी बेटी उमा को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि वह उनकी उम्मीदों पर पूरी नहीं उतरती। वे चाहते हैं कि उमा लड़के वालों को पसंद आ जाए, लेकिन उमा की सादगी और पढ़ाई को लेकर वे दुविधा में हैं।
  6. दिखावे में विश्वास रखने वाले- रामस्वरूप यह मानते हैं कि समाज में लड़की की सुंदरता, तैयार होना, और साज-सज्जा ज़रूरी है। वे पत्नी से कहते हैं कि उमा को अच्छे से तैयार किया जाए ताकि रिश्ता पक्का हो सके। 

रामस्वरूप  के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Ram Swarup)

  1. राम स्वरुप के चरित्र को उजागर कीजिये। 
  2. राम स्वरूप और उनकी  सम्बन्ध कैसा था ?

प्रेमा का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Prema)

 

  1. साधारण गृहिणी- प्रेमा एक सामान्य मध्यम-वर्गीय महिला हैं। वे घर की दिनचर्या और पारिवारिक जिम्मेदारियों को संभालती हैं। उन्हें साफ़-सफ़ाई, खाना बनाना और घर को सजाने-सँवारने में रुचि है।
  2. बातूनी और तर्कशील- प्रेमा बहुत अधिक बोलती हैं, जिसे रामस्वरूप व्यंग्य में ‘ग्रामोफोन’ कहते हैं। लेकिन उनकी बातें तर्क से भरी होती हैं, और वे हर बात में अपनी राय स्पष्ट रूप से रखती हैं।
  3. परिवार के प्रति जिम्मेदार- वे बेटी उमा की शादी को लेकर बहुत सजग हैं। हर छोटी-बड़ी बात पर उनकी नजर होती है—जैसे कमरे की सफ़ाई, चादर की तह, और बड़ों के स्वागत की तैयारी।
  4. परंपरावादी सोच की प्रतिनिधि- प्रेमा चाहती हैं कि उमा घर-परिवार की बात माने, समय पर उठे, रसोई में हाथ बँटाए और अपने माता-पिता की बात माने। उनकी सोच पारंपरिक है और वे मानती हैं कि बेटी को संस्कारों के अनुसार चलना चाहिए।
  5. भावुक लेकिन कठोर- बेटी से प्रेम के बावजूद प्रेमा कठोर भाषा में बात करती हैं। वे कभी-कभी नाराज़ हो जाती हैं और ताने देती हैं, लेकिन उसके पीछे उनकी चिंता और प्यार छुपा होता है।
  6. पति से नोंक-झोंक भरा रिश्ता- प्रेमा और रामस्वरूप के बीच तकरार होती रहती है, लेकिन वह प्यार और अपनापन से भरी होती है। वे एक-दूसरे को चिढ़ाते हैं, पर साथ मिलकर परिवार को सँभालते हैं।
  7. मान-सम्मान को लेकर सजग- प्रेमा चाहती हैं कि घर में आने वाले मेहमानों पर अच्छा प्रभाव पड़े। वे चाहती हैं कि घर साफ़-सुथरा हो और उमा अच्छे व्यवहार से सबका मन जीते।
  8. नारी की पारंपरिक छवि- प्रेमा भारतीय नारी की उस छवि को दर्शाती हैं, जो परिवार को जोड़कर रखने वाली, भावनाओं में बहने वाली, और परंपराओं को महत्व देने वाली होती है।

प्रेमा के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of  Prema)

  1. प्रेमा के कोनसे गुण उसे एक उत्तीर्ण भारतीय महिला बनाते हैं ?
  2. प्रेमा अपने परिवार के लिए क्या सोचती हैं ?

उमा का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Uma)

 

  1. शिक्षित और आत्मनिर्भर युवती- उमा एक शिक्षित, समझदार और आत्मनिर्भर युवती है। वह केवल औपचारिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक शिक्षा से भी संपन्न है। वह सोचती है, तर्क करती है और अपने निर्णय खुद लेने की क्षमता रखती है। आज की आधुनिक नारी का प्रतिनिधित्व करती है।
  2. परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन की पक्षधर- उमा न तो पूरी तरह परंपराओं को नकारती है और न ही आधुनिकता की अंधी अनुयायी है। वह समाज की रूढ़ियों पर सवाल उठाती है, लेकिन उसका दृष्टिकोण विद्रोही नहीं, विवेकपूर्ण है। वह चाहती है कि शादी जैसे महत्वपूर्ण रिश्ते में समानता, समझदारी और पारदर्शिता हो, सिर्फ सामाजिक रस्में न निभाई जाएँ।
  3. साहसी और स्पष्टवादी- उमा में साहस है कि वह अपने विचारों को खुले तौर पर सामने रखती है। वह समाज और परिवार की रूढ़ मानसिकता से डरती नहीं। वह शंकर से भी स्पष्ट कहती है कि वह कोई समझौता नहीं करेगी, उसे एक जीवन साथी चाहिए जो उसकी भावनाओं को समझे।
  4. नारी स्वतंत्रता की समर्थक- उमा का चरित्र नारी मुक्ति की भावना से ओतप्रोत है। वह नारी को केवल एक पत्नी, बहू या बेटी के रूप में सीमित नहीं देखती, बल्कि उसे एक स्वतंत्र सोचने-विचारने वाली इंसान मानती है। वह परंपरा के नाम पर स्त्री के साथ होने वाले अन्याय को स्वीकार नहीं करती।
  5. भावुक लेकिन विवेकशील- उमा भावनाओं से भरी हुई है, लेकिन वह केवल भावना से नहीं, बुद्धि से भी निर्णय लेती है। जब गोपाल प्रसाद उसकी बातों का विरोध करते हैं, तब वह क्रोधित होती है लेकिन संयम नहीं खोती। वह अपने निर्णयों पर दृढ़ रहती है, चाहे सामने कोई भी हो।
  6. सामाजिक बदलाव की प्रतीक- उमा का चरित्र उस नयी स्त्री का प्रतीक है जो केवल घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहना चाहती। वह समाज में अपनी जगह बनाना चाहती है – समान अधिकारों के साथ। वह इस नाटक में सामाजिक बदलाव की चुप लेकिन प्रभावशाली आवाज बनकर उभरती है।

उमा के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Uma)

  1. उमा एक आत्मनिर्भर स्त्री कैसे है ?
  2. उमा के चरित्र के बारे में लिखिए 

गोपाल प्रसाद का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Gopal Prasad)

 

  1. एक परंपरावादी और अनुभवशील पिता- गोपाल प्रसाद एक परंपरागत भारतीय पिता के रूप में सामने आते हैं जो अपने बेटे शंकर के विवाह के लिए एक उपयुक्त, सुशील और संस्कारी बहू की तलाश में हैं। वे समाज की परंपराओं और रीति-रिवाजों में गहरी आस्था रखते हैं।
  2. सामाजिक प्रतिष्ठा के प्रति सजग- गोपाल प्रसाद समाज में अपनी इज़्ज़त और परिवार की प्रतिष्ठा बनाए रखने को बहुत महत्व देते हैं। उन्हें डर है कि अगर होने वाली बहु उनकी बात नहीं मानेगी, तो लोग क्या कहेंगे। इसीलिए वे उमा के आत्मनिर्णय और स्वतंत्र सोच का विरोध करते हैं।
  3. महिलाओं की भूमिका को पारंपरिक दृष्टि से देखने वाले- वे मानते हैं कि एक लड़की को शादी के मामलों में अधिक बोलने या निर्णय लेने का अधिकार नहीं होना चाहिए। जब उमा कॉलेज की बात करती है, तो वे चौंक जाते हैं क्योंकि वह चाहते कि लड़कियों को ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होना चाहिए। 
  4. गुस्सैल स्वभाव- गोपाल प्रसाद का स्वभाव गर्म और ग़ुस्सैल है। जब उमा कहती है कि मैंने बी.ए. पास किया है। कोई पाप नहीं किया, कोई चोरी नहीं की, और न आपके पुत्र की तरह ताक-झाँक कर कायरता दिखाई है। तब गोपाल प्रसाद को बहुत गुस्सा आता है। 
  5. पुरानी सोच के प्रतिनिधि- गोपाल प्रसाद पुरानी सोच वाले व्यक्ति हैं। वे लड़कियों का ज्यादा पढ़ा-लिखा होना सही नहीं मानते। उनका मानना है, अगर औरतें भी वही करने लगीं, अंग्रेज़ी अखबार पढ़ने लगीं और ‘पालिटिक्स’ वगैरह पर बहस करने लगीं तब तो हो चुकी गृहस्थी।

गोपाल प्रसाद  के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Gopal Prasad)

  1. गोपाल प्रसाद के स्वाभाव से उसके चरित्र के बारे में क्या पता चलता है ?
  2. गोपाल का अपने परिवार के साथ सम्बन्ध कैसा है ?

 

शंकर का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Shankar)

 

  1. उम्र और शारीरिक विशेषताएँ- शंकर एक युवक है, जो अभी पढ़ाई कर रहा है। उसकी शारीरिक बनावट ऐसी है कि उसकी कमर झुकी हुई दिखाई देती है, जिससे उसकी उम्र से अधिक कमजोरी का आभास होता है। आवाज़ पतली है, जिससे उसके आत्मविश्वास की कमी और संकोची स्वभाव का संकेत मिलता है।
  2. व्यवहार और हाव-भाव- शंकर के व्यवहार में एक तरह की मासूमियत और संकोच झलकता है। वह अधिक बोलता नहीं है और जब भी बोलता है, तो उसमें खीस निपोरने (बिना बात के मुस्कराने) जैसी आदत नजर आती है। यह स्वभाव उसे थोड़ा बचकाना और अनगढ़ साबित करता है।
  3. शिक्षा और बुद्धि- शंकर मेडिकल कॉलेज में पढ़ता है और बी.एस.सी. के बाद आगे की पढ़ाई कर रहा है, लेकिन जब रामस्वरूप उससे पढ़ाई की अवधि पूछते हैं, तो वह स्पष्ट उत्तर नहीं देता और कहता है:
    “हँ-हँ-हँ!…जी, एकाध साल का ‘मार्जिन’ रखता हूँ…”
    यह बात उसके अस्पष्ट सोच, ढुलमुल रवैये और गंभीरता की कमी को दर्शाती है।
  4. पारिवारिक पृष्ठभूमि- शंकर एक पारंपरिक और रूढ़िवादी सोच वाले बाबू गोपाल प्रसाद का पुत्र है। उसके पिता उसकी ओर से ज्यादा बोलते हैं और बातचीत में हावी रहते हैं, जिससे शंकर के व्यक्तित्व का दबा हुआ पक्ष उभर कर आता है।
  5. दृष्टिकोण और रुचियाँ- शंकर का दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट नहीं है। वह बातचीत में शामिल तो है लेकिन कहीं से भी निपुणता का परिचय नहीं देता। न ही उसमें कोई खास उत्साह, स्वतंत्र राय या आत्मविश्वास दिखता है।

शंकर  के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Shankar)

  1. शंकर के चरित्र की कमियों के बारे में बताइये।  
  2. शंकर की शारीरिक विशेषताओं के बारे में लिखिए।